Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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ज्योतिष एवं गणित
२८७ सूर्यकी प्रधानता न कर चन्द्रमाको ही प्राधान्य दिया गया है। पर ग्रीक ज्योतिषमें यह बात नहीं।
(३) ग्रहोंकी वीथियोंका निरूपण केवल उक्त प्राचीन ग्रन्थोंमें ही मिलता है ग्रोक ज्योतिष में नहीं । नाड़ी वृत्त, खमंडल, आदिका उपयोग ग्रीक ज्योतिषमें अवश्य किया गया है पर यह प्रणाली प्रहवीथियोंसे बिलकुल भिन्न है। हाँ, ग्रह वीथियोंका विकसित रूप प्रचलित भचक्रको माना जा सकता है ।
इस प्रकार ई० स० से कई शताब्दी पूर्व जैन आचार्योंको एक मौलिक ज्योतिष विचार धारा धी जो कि ग्रीक ज्योतिषसे सर्वथा भिन्न है।