Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 461
________________ ४१६ भारतीय संस्कृतिक विकासमें जैन वाङ्मयका अवदान काक-स्वप्नमें काक, गिद्ध, उल्लू और कुकुर जिसे चारों ओरसे घेरकर त्रास उत्पन्न करें तो मृत्यु और अन्यका त्रास उत्पन्न करते हुए देखे तो अन्यकी मृत्यु होती है। कुमारी-कुमारी कन्याको देखनेसे अर्थ लाभ एवं सन्तानकी प्राप्ति होती है । वराहमिहिरके मतसे कुमारी कन्याके साथ आलिङ्गन करना देखनेसे कष्ट एवं धन क्षय होता है । कूप-गन्दे जल या पंक वाले कूप (कूआ) के अन्दर गिरना या डूबना देखनेसे स्वस्थ व्यक्ति रोगी और रोगीको मृत्यु होती है। तालाब या नदीमें प्रवेश करना देखनेसे रोगीको मरण तुल्य कष्ट होता है। मोर'--नाईके द्वारा स्वयं अपना या दूसरेका क्षौर (हजामत) करना देखनेसे कष्टके साथ-साथ धन और पुत्रका नाश होता है। गणपति दैवज्ञके मतसे माता-पिताकी मृत्यु; मार्कण्डेयके मतसे भार्या मरणके साथ-साथ माता-पिताकी मृत्यु और बृहस्पतिके मतसे पुत्र-मरण होता है। खेल२-अत्यन्त आनन्दके साथ खेल खेलते देखना दुःस्वप्न है। इसका फल बृहस्पतिके मतसे-रोना, शोक करना एवं पश्चात्ताप करना; ब्रह्मवैवर्त पुराणके मतसे-धन नाश, ज्येष्ठ पुत्र या कन्याका मरण और भार्याको कष्ट होता है, नारदके मतसे सन्तान नाश और पाराशरके मतसे-धन क्षयके साथ-साथ अपकोत्ति होती है। गमन-दक्षिण दिशाकी ओर गमन करना देखनेसे धन नाशके साथ कष्ट; पश्चिम दिशाकी ओर गमन करना देखनेसे अपमान; उत्तरको ओर गमन करना देखनेसे स्वास्थ्य लाभ और पूर्व दिशाकी ओर गमन करना देखनेसे धन प्राप्ति होती है। गत-उच्च स्थानसे अन्धकारमय गर्तमें गिर जाना देखनेसे रोगीकी मृत्यु और स्वस्थ पुरुष रुग्ण होता है । यदि स्वप्न में गर्तमें (गड्ढे) गिर जाय और उठने का प्रयत्न करनेपर भी बाहर न आ सके तो उसको १० दिनके भीतर मृत्यु होती है। - गाड़ो-गाय या बैलोंके द्वारा खींचे जाने वाली गाड़ीपर बैठे हुए चलना देखनेसे पृथ्वीके नीचेसे चिर संचित धनकी प्राप्ति होती है। वराहमिहिरके मतसे-पीताम्बर धारण किये स्त्रीको एक ही स्थानपर कई दिन तक देखनेसे उस स्थानपर धन मिलता है । बृहस्पतिके मतसे-स्वप्नमें दाहिने हाथमें साँपको काटता हुआ देखनेसे १०००००) रुपयेकी प्राप्ति अतिशीघ्र होती है। ___ गाना-स्वयंको गाना गाता हुआ देखनेसे कष्ट होता है । भद्रबाहु स्वामीके मतसे स्वयं या दूसरेको मधुर गाना गाते हुए देखनेसे मुकद्दमा विजय, व्यापारमें लाभ और यश प्राप्ति; बृहस्पतिके मतसे अर्थ लाभके साथ भयानक रोग; नारदके मतसे-सन्तान कष्ट और अर्थ लाभ एवं मार्कण्डेयके मतसे अपार कष्ट होता है । १. विशेष जाननेके लिये देखें--मुहूर्तगणपतिका २४वा प्रकरण । २. ब्रह्मवैवर्त पुराण के गणेशखण्डका ३३वां और ३४वाँ अध्याय ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478