Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 460
________________ ज्योतिष एवं गणित ४१५ अग्नि-जैनाचार्य चन्द्रसेन मुनिके मतसे धूम युक्त अग्नि देखनेसे उत्तमकान्ति, वराहमिहिर और मार्कण्डेयके मतसे प्रज्वलित अग्नि देखनेसे कार्य सिद्धि; दैवज्ञ गणपतिके मतसे अग्नि भक्षण करना देखनेसे भूमि लाभके साथ स्त्री रत्नकी प्राप्ति और बृहस्पतिके मतसे जाज्वल्यमान अग्नि देखनेसे कल्याण होता है । ____ अग्निवग्ध-जो मनुष्य आसन, शय्या, यान और वाहन पर स्वयं स्थित होकर अपने शरीरको अग्निदग्ध होते देखे (मतान्तरसे अन्यको जलता हुआ देखे और तत्क्षण जाग उठे, तो उसे धन-धान्यकी प्राप्ति होती है । अग्निमें जलकर मृत्यु देखनेसे रोगी पुरुषको मृत्यु और स्वस्थ पुरुष बीमार होता है । गृह अथवा दूसरी वस्तुको जलते हुए देखना शुभ है । वराहमिहिरके मतसे अग्नि लाभ भी शुभ है । अन्न-अन्न देखनेसे अर्थ लाभ और सन्तानकी प्राप्ति होती है। आचार्य चन्द्रसेनके मतसे श्वेत अन्न देखनेसे इष्ट मित्रोंकी प्राप्ति; लाल अन्न देखनेसे रोग; पीला अनाज देखनेसे हर्ष और कृष्ण अनाज देखनेसे मृत्यु होती है। अलङ्कार-अलंकार देखना शुभ है, पर पहनना कष्टप्रद होता है । अस्त्र-अस्त्र देखना शुभ फलप्रद; अस्त्र द्वारा शरीरमें साधारण चोट लगना तथा अस्त्र लेकर दूसरेका सामना करना विजयप्रद होता है । अनुलेपन-श्वेत रंगकी वस्तुओंका अनुलेपन शुभ फल देनेवाला होता है। वराहमिहिरके मतसे लाल रंगके गन्ध, चन्दन और पुष्पमाला आदिके द्वारा अपनेको शोभायमान देखे तो शीघ्र मृत्यु होती है। अन्धकार--अन्धकारमय स्थानोंमें वन, भूमि, गुफा और सुरंग आदि स्थानोंमें प्रवेश करते हुए देखना रोगसूचक है। आकाश--भद्रबाहु स्वामीके मतसे निर्मल आकाश देखना शुभ फलप्रद; लाल वर्णकी आभा वाला आकाश देखना कष्ट प्रद और नील वर्णका आकाश देखना मनोरथ सिद्ध करने वाला होता है । ____ आरोहण - वृष, गाय, हाथी, मन्दिर, वृक्ष, प्रासाद और पर्वतके ऊपर स्वयं आरोहण करते हुए देखना या दूसरेको आरोहित (चढ़ता हुआ) देखना अर्थ लाभ सूचक है । कपास-कपास देखने से स्वस्थ व्यक्ति रुग्ण होता है और रोगीकी मृत्यु होती है । दूसरेको देते हुए कपास देखना शुभ फलप्रद है । कबन्ध--नाचते हुए छिन्न कबन्ध देखनेसे आधि, व्याधि और धन नाश होता है। वराहमिहिरके मतसे मृत्यु होती है । कलश-कलश देखनेसे धन, आरोग्य और पुत्रकी प्राप्ति होती है। कलशी देखनेसे गृहमें कन्या उत्पन्न होती है । कलह-कलह एवं लड़ाई-झगड़े देखनेसे स्वस्थ व्यक्ति रुग्ण होता है और रोगीकी मृत्यु होती है।

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