Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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ज्योतिष एवं गणित गाय-दुहने वालेके साथ गायको देखनेसे कीत्ति और पुण्य लाभ हाता है। गणपति दैवज्ञके मतसे-जल पीती गाय देखनेसे लक्ष्मीके तुल्य गुण वाली कन्याका जन्म और वराहमिहिरके मतसे-स्वप्नमें गायका दर्शनमात्र ही सन्तानोत्पादक है ।
गिरना-स्वप्नमें लड़खड़ाते हुए गिरना देखनेसे दुःख, चिन्ता एवं मृत्यु होती है।
गृह-गृहमें प्रवेश करना, ऊपर चढ़ना एवं किसीसे प्राप्त करना देखनेसे भूमि लाभ और धन-धान्यकी प्राप्ति एवं गृहका गिरना देखनेसे मृत्यु होती है ।
पास-कच्चा घास, शस्य (धान) और कच्चे गेहूँ एवं चनेके पौधे देखनेसे भार्याको गर्भ रहता है, परन्तु इनके काटने खानेसे गर्भपात होता है ।
घृत-घृत देखने से मन्दाग्नि; अन्यसे लेना देखनेसे यश प्राप्ति; घृत पान करना देखनेसे प्रमेह और शरीरमें लगाना देखनेसे मानसिक चिन्ताओंके साथ शारीरिक कष्ट होता है।
घोटक–घोड़ा देखनेसे अर्थ लाभ, घोड़ेपर चढ़ना देखनेसे कुटुम्बवृद्धि और घोड़ी का प्रसव करना देखनेसे सन्तान लाभ होता है ।
चक्षु-स्वप्नमें अकस्मात् चक्षु द्वयका नष्ट होना देखनेसे मृत्यु और एक आँखका फूट जाना देखनेसे कुटुम्बमें किसीकी मृत्यु होती है ।
चावर'-स्वप्नमें शरीरकी चादर, चोगा या कमीज आदिको श्वेत और लाल रंगकी देखनेसे सन्तान हानि होती है।
चिता-अपनेको चितापर आरूढ़ देखनेसे बीमारकी मृत्यु और स्वस्थ व्यक्ति बीमार होता है।
बल-स्वप्न में निर्मल जल देखनेसे कल्याण, जल द्वारा अभिषेक देखनेसे भूमिकी प्राप्ति; जलमें डूबकर बिलग होना देखनेसे मृत्यु; जलको तैरकर पार करना देखनेसे सुख और जल पीना देखनेसे कष्ट होता है ।
जूता-स्वप्नमें जूता देखने से विदेश यात्रा, जूता प्राप्त कर उपभोग करना देखनेसे ज्वर एवं जूतासे मार-पीट करना देखनेसे ६ महीने में मृत्यु होती है।
तिल-तैल-तिल, तैल और खलीकी प्राप्ति होना देखने से कष्ट, पीना और भक्षण करना देखनेसे मृत्यु और मालिश करना देखनेसे मृत्यु तुल्य कष्ट होता है ।
बषि-स्वप्नमें दधि देखनेसे प्रीति, भक्षण करना देखनेसे यश प्राप्ति, भातके साथ भक्षण करना देखनेसे सन्तान लाभ और दूसरोंको देना लेना देखनेसे अर्थ लाभ होता है ।
त-दांत कमजोर हो गये हैं और गिरनेके लिये तैयार हैं या गिर रहे हैं, ऐसा देखनेसे धनका नाश और शारीरिक कष्ट होता है। वराहमिहिरके मतसे स्वप्नमें नख, दांत और केशोंका गिरना देखना मृत्यु सूचक है ।
१. विशेष जाननेके लिये देखो-मत्स्यपुराणका २४२ वा अध्याय ।
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