Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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४२२ भारतीय संस्कृति के विकासमें जैन वाङ्मयका अवदान अपनेको अस्वस्थ देखनेसे कुटुम्बियोंके साथ मेल-मिलाप बढ़ता है एवं एक मासके बाद स्वप्नद्रष्टाको कुछ शारीरिक कष्ट भी होता है तथा अन्यको अस्वस्थ देखनेसे द्रष्टा शीघ्र रोमी होता है । डाक्टर सी० जे० ह्विटवेके मतानुसार अपनेको अस्वस्थ देखने से सुख शान्ति और दूसरेको अस्वस्थ देखनेसे विपत्ति होती है। शुकरातके सिद्धान्तानुसार अपने और दूसरेको अस्वस्थ देखना रोगसूचक है । विवलोनियन और पृथग गोरियनके सिद्धान्तानुसार अपनेको अस्वस्थ देखना नोरोग सूचक और दूसरेको अस्वस्थ देखना पुत्र, मित्रादिके रोगको प्रकट करने वाला होता है।
आवाज-स्वप्नमें किसी विचित्र आवाजके स्वयं सुननेसे अशुभ-सन्देश सुननेको मिलता है, यदि स्वप्नकी आवाज सुनकर निद्रा भंग हो जाती है तो सारे कार्यो में परिवर्तन होने की संभावना होती है। अन्य किसोकी आवाज सुनते हुए देखनेसे पुत्र और स्त्रीको कष्ट होता है तथा अपने अति निकट कुटुम्बियोंकी आवाज सुनते हुए देखनेसे किसी आत्मीय की मृत्यु प्रकट होती है । डा० जी० एच० मिलरके मतसे आवाज सुनना भ्रम का द्योतक है।
ऊपर-यदि स्वप्नमें कोई चीज अपने ऊपर लटकती हुई दिखलाई पड़े और उसके गिरने का सन्देह हो तो शत्रुओंके द्वारा धोखा होता है । ऊपर गिर जानेसे धन नाश होता है, पदि ऊपर न गिरकर पासमें गिरती है तो धन-हानिके साथ स्त्री, पुत्र एवं अन्य कुटुम्बियों को कष्ट होता है । जी० एच० मिलरके मतसे किसी भी वस्तुका ऊपर गिरना धन नाश कारक है । डा० सी० जे० ह्विटवेके मतसे किसी वस्तुके ऊपर गिरनेसे तथा गिरकर चोट लगनेसे मृत्यु तुल्य कष्ट होता है।
कटार-स्वप्नमें कटारके देखनेसे कष्ट और कटार चलाते हुए देखनेसे धन हानि तथा निकट कुटुम्बीके दर्शन, मांस भोजन एवं पलोसे प्रेम होता है। किसी-किसीके मतसे अपनेमें स्वयं कटार भौंकते हुए देखनेसे किसीके रोगी होनेके समाचार सुनाई पड़ते हैं।
कनेर-स्वप्नमें कनेरके फूले वृक्षका दर्शन करनेसे मान प्रतिष्ठा मिलती है । कनेरके वृक्षसे फूल और पत्तोंको गिरना देखने से किसी निकट आत्मीयकी मृत्यु होती है। कनेरका फल भक्षण करना रोग सूचक है तथा एक सप्ताहके भीतर अत्यन्त अशान्ति देने वाला होता है । कनेरके वृक्षके नीचे बैठकर पुस्तक पढ़ता हुआ अपनेको देखनेसे दो वर्षके बाद साहित्यिक क्षेत्रमें यश की प्राप्ति होती है एवं नये-नये प्रयोगोंका आविष्कर्ता होता है।
किला-किलेकी रक्षाके लिये लड़ाई करते हुए देखनेसे मानहानि एवं चिन्ताएं; किलेमें भ्रमण करनेसे शारीरिक कष्ट; किलेके दरवाजे पर पहरा लगानेसे प्रेमिकासे मिलन एवं मित्रोंको प्राप्ति और किलेके देखने मात्रसे परदेशी बन्धुसे मिलन होता है तथा सुन्दर स्वादिष्ट मांस भक्षणको मिलता है।
केला-स्वप्नमें केलाका दर्शन शुभ फलदायक होता है और केलेका भक्षण अनिष्ट फल देने वाला होता है । किसीके हाथसे जबरदस्ती केला लेकर खानेसे मृत्यु और केलेके पत्तों पर रखकर भोजन करनेसे कष्ट एवं केलेके थम्भे लगानेसे धरमें माङ्गलिक कार्य होते हैं।
केश-किसी सुन्दरीके केशपाशका स्वप्नमें चुम्बन करनेसे प्रेमिका मिलन और केशके दर्शनसे मुकदमेमें पराजय एवं दैनिक कार्योंमें असफलता मिलती है ।
पल-स्वप्नमें किसी खल (दुष्ट) के दर्शन करमेसे मित्रोंसे अनबन और लड़ाई करनेसे मित्रोंसे प्रेम होता है । खलके साथ मित्रता करनेसे माना भय और चिन्ताएँ होती है । सलके