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क्या कहाँ है ?
सिद्धान्ताचार्य पं० कैलाश चन्द्र शास्त्री डा० दरबारीलाल कोठिया न्यायाचार्य डा० ज्योति प्रसाद जैन कविवर पं० बनारसीदास पं० सुखलाल जो मुनि नथमल पद्म विभूषण डा० दौलतसिंह कोठारी
१ भगवान महावीर का दर्शन और धर्म २ जैन न्याय : संक्षिप्त विवेचन ३ गृहस्थ जीवन का जैन आदर्श ४ श्रावक के इक्कीस गुण ५ भगवान महावीर की मांगलिक विरासत ६ असाम्प्रदायिकता का मूलमंत्र अनेकान्त ७ महावीर और अहिंसा--आज के परिप्रेक्ष्य में ... ८ वर्तमान युग में महावीर के उपदेशों की
सार्थकता
राष्ट्रीय एकता के विकास में जैनधर्म का योग १० महावीर का धर्म-जनधर्म ११ जैन दर्शन की व्यापकता १२ अच्छा हिन्दू बनने के लिए अच्छा जैनी
बनना आवश्यक है १३ भगवान महावीर की अहिंसा १४ महावीर का नैतिकता बोध १५ जैनधर्म, महावीर और नारी १६ सर्वोदयी जैनधर्म और जातिवाद १७ बदलते सामाजिक मूल्यों में महावीर
की भूमिका १८ क्या महावीर का युग कभी लौटेगा १६ भारतीय वास्तुकला के विकास में जैनधर्म .
का योगदान
डा० प्रभाकर माचवे डा० (श्रीमती) कुसुमलता जैन श्री रिषभदास रांका डा० गोकुलचन्द्र जैन
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श्री परिपूर्णानन्द वर्मा आर्यिकारत्न ज्ञानमती माताजी डा० कमलचन्द्र सोगानी सुश्री सुशीला कुमारी वैद, एम.ए. पं० परमेष्ठी दास जैन न्या० ती०
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डा० उम्मेदमल मुनौत डा० देवेन्द्रकुमार शास्त्री
प्रो० कृष्णदत्त बाजपेयी
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