Book Title: Bhagavana  Mahavira Smruti Granth
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Mahavir Nirvan Samiti Lakhnou

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Page 423
________________ १०० ] आधार पर जैन धर्म का इस प्रदेश में हिन्दू, मुसलमान, सिख और ईसाई धर्म के अनन्तर पांचवां स्थान है । महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और मैसूर (वर्तमान कर्णाटक) राज्यों के बाद सर्वाधिक जैन मतावलम्बी उत्तर प्रदेश राज्य में निवास करते हैं और उनकी संख्या भारतीय गणतन्त्र में जैनों की कुल संख्या (२६,०४,६४६) का ४.७९ प्रतिशत है। आगे रजिस्ट्रार जनरल आफ इण्डिया, नई दिल्ली, द्वारा "सेंसस आफ इण्डिया, १९७१-रिलीजन, पेपर नं. २ ऑफ १९७२" में प्रकाशित ओकड़ों के आधार पर उत्तर प्रदेश के समस्त मंडलों और जिलों में तथा उनके नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जैन स्त्री-पुरुषों की संख्या सूची दी जा रही है। इस तालिका को देखने से विदित होगा कि प्रदेश के कुल जैनों में ६५,६२३पुरुष तथा ५९,१०५ महिलाएं हैं। इनमें से ४६,१६१ पुरुष तथा ४०,९३५ नारियां नगरों में और १९,४६२ पुरुष एवं १८,१७० महिलाएं ग्रामों में निवास करती हैं। इस प्रकार इस प्रदेश में जैनों की संख्या का अधिकांश नगरों में निवास करता है। देहरादून जिले की, जो कि अभी हाल ही में मेरठ मण्डल से निकालकर गढ़वाल मण्डल में सम्मिलित कर दिया गया है, जैन जनता को छोड़ भी देखें तो भी मेरठ मण्डल के अवशेष चार जिलों में रहने वाले जैनियों की संख्या (४९,४४५) अन्य सब मण्डलों से अधिक है। इस दृष्टि से दूसरे स्थान पर आगरा मण्डल है जहाँ संख्या ३५,३१५ है और तीसरे स्थान पर १६,८७० की संख्या लिए हुए झांसी मण्डल है। दस हजार से अधिक जैन जनसंख्या वाले जिले केवल चार हैं जिनमें प्रथम स्थान मेरठ (२७,६६५), द्वितीय आगरा (२१,२५५), तृतीय झांसी (नवसृजित जिला ललितपुर सहित) (१६,००५) तथा चतुर्थ मुजफ्फरनगर (१२,१५१) जिले का है। जैन जनगणना की दृष्टि से भारतीय गणतन्त्र के समस्त जिलों में भी इन जिलों की स्थिति क्रमशः २१वें, ३३वें, ४९वें तथा ५७वें स्थान पर है । दस हजार से कम किन्तु एक हजार से अधिक जैन जनसंख्या वाले जिले १३ हैं। इनके नाम संख्या के आधार पर क्रमशः निम्नवत हैं : क्र० सं० नाम जिला जैन जन संख्या सहारनपुर मैनपुरी एटा * » कानपुर अलीगढ़ देहरादून इटावा बाराबंकी मुरादाबाद लखनऊ बिजनौर मथुरा बुलंदशहर ८,४३० ५,५९३ ४,१८४ ३,६३७ ३,०४१ ३,०२३ २,८९६ १,७८३ १,७०१ १,५६९ १,२७६ १,२४२ १,१९९ . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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