Book Title: Bhagavana  Mahavira Smruti Granth
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Mahavir Nirvan Samiti Lakhnou

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Page 495
________________ ३२ ) (ix) महावीर जयन्ती के अवसर पर गांधी भवन में डा० श्रीमाली की अध्यक्षता में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। सुप्रसिद्ध तत्व चिन्तक श्री रोहित मेहता ने विश्व चिंतन के सन्दर्भ में महावीर के सिद्धांतों की व्याख्या की और वर्तमान युग की समस्याओं के सन्दर्भ में उनके महत्व एवं उपयोगिता का अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से प्रतिपादन किया। (४) २४ अप्रैल १९७५ को एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई, २५ अप्रैल को काशी विद्यापीठ में. २६ अप्रैल को संस्कृत विश्वविद्यालय में तथा २७ अप्रैल को हिन्दू विश्वविद्याल में महावीर जयन्ती के उपलक्ष में विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया। (xi) २९ अप्रैल को नवोदित रचनाकारों की संस्था 'रचना' के तत्वावधान में राम भवन में श्री कृष्ण दत्त भद्र की अध्यक्षता में 'भगवान महावीर और विश्व को उनकी देन' विषय पर एक परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अनेक युवा लेखक, बिचारक, पत्रकार एवं कवियों ने भाग लिया। विचार गोष्ठी अपने अन्तिम चरण में कवि दरबार के रूप में परिवर्तित हो गई और लगभग दो दर्जन कवियों ने भ० महावीर को अपनी कविताओं के सुमन अर्पित किये। रामपुर "बाबू आनन्द कुमार जैन संस्थान ने निर्वाण वर्ष में साहित्य प्रकाशन जैसे कई उपयोगी कार्य किये हैं। सीतापुर एक महावीर मन्दिर के एवं कीर्तिस्तम्भ के निर्माण की तथा एक पार्क का 'महावीर पार्क' नामकरण की योजना चल रही है। निर्माण वर्ष में निर्वाणोत्सव, महावीर जयन्ती की सार्वजनिक सभा, धर्मचक्र स्वागत आदि आयोजन हुए। रायबरेली . श्री महावीर स्मृति केन्द्र की स्थापना हुई है । भवन के लिए उपयुक्त स्थान प्राप्ति का प्रयत्न हो रहा है। निर्वाण वर्ष समापन समारोह सोत्साह हुआ। हरदोई जैन संख्या नगण्य है, तथापि महावीर जयन्ति पर शोभायात्रा एवं सार्वजनिक सभा के सफल आयोजन हुए। लखनऊ निर्वाण वर्ष के राज्य समिति द्वारा निर्धारित विभिन्न कार्यक्रम सोत्साह सम्पन्न हए, उनके अतिरिक्त धर्मचक्र का स्वागत, सार्वजनिक सभा, २५०० भूखों को भोजन वितरण, साहित्य प्रकाशन एवं वितरण, साहित्य एवं कला प्रदर्शनी, विविध धर्मोत्सव हुए और एक होम्योपैथिक चिकित्सालय की तथा सादतगंज में एक धर्मार्थ आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना हुई। नगर में पहले से भी कई जैन शिक्षा एवं अन्य धार्मिक संस्थाएं कार्यरत हैं। २५००वां महावीर निर्वाण भगवान महोत्सव परस्परोपग्रहो जीवानाम् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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