Book Title: Bhagavana  Mahavira Smruti Granth
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Mahavir Nirvan Samiti Lakhnou

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Page 510
________________ अण्णाणं परमं दुक्खं (अज्ञान परम दुःख है) -महावीर आपको तथा आपके परिवार को एक शताब्दी से शीतकाल में गर्मी तथा प्रसन्नता प्रदान करते आ रहे ऊनी वस्त्रों के दो महान प्रतिष्ठान लालइमली और धारीवाल की ओर से भगवान महावीर के २५००वें निर्वाण महोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं! आप अपनी ऊनी वस्टेंड, पोलिस्टर, वूल फेबरिक्स, रग्स, ब्लॅकिट, निटिंगयार्न, निटवियर की सभी आवश्यकता हेतु सम्पर्क करें: दि ब्रिटिश इण्डिया कारपोरेशन लिमिटेड कानपुर की शाखा दि कानपुर वूलन मिल्स कानपुर और दि न्यू ईस्टर्न वूलन मिल्स धारीवाल 'भगवान महावीर का २५००वां निर्वाण महोत्सव अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकान्त से विश्व का मार्गदर्शन करे !' मेसर्स नरेशचन्द पारसमल ८१/६८, कोपरगंज, कानपुर एवम् मेसर्स गौतम दाल मिल ८१/१८, कोपरगंज, कानपुर (उच्च कोटि की दालों के निर्माता एवं विक्रेता) दूरभाष : मिल व दुकान ६०११५ आवास ६१००५ 平公祭装系系必解必解释裝系公斤裝系系姿公公示后必縣縣委縣 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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