Book Title: Bhagavana  Mahavira Smruti Granth
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Mahavir Nirvan Samiti Lakhnou

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Page 467
________________ ४ ] इसके अलावा साहित्यक क्षेत्र में मुख्य प्रसंगों पर प्रकाश डाला जा सकता है। राज्य सरकार इन समारोहों के आयोजनों में यथा संभव सहायता करेगी किन्तु इस समारोह की सफलता के लिए जनता का सहयोग प्राप्त करना अधिक महत्वपूर्ण है । 1 ५ – उक्त बैठक में लिए गए निर्णायों के प्रकाश में सदस्यों से अनेक सुझाव प्राप्त हुए। प्राप्त सुझावों तथा प्रस्तावों पर विस्तार पूर्वक विचार करने और उनकी निश्चित रूप रेखा तय करने के लिए समिति के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मी रमण आचार्य की अध्यक्षता में निम्नलिखित २१ सदस्यों का एक कार्यकारी दल सितम्बर १९७३ में गठित कर दिया गया (१) श्री चन्द्रभान गुप्त, सदस्य, विधान सभा, लखनऊ (२) जे० मेहता, पायनियर, लखनऊ "" (३) श्रीचन्द्र सुराणा सरस, आगरा (४) परिपूर्णानन्द वर्मा, कानपुर 17 (५) डा० ज्योति प्रसाद जैन, लखनऊ (६) श्री शुभकरण जैन, कानपुर (७) खुशाल चन्द्र गोरावाला, काशी विद्यापीठ, वाराणसी (5) सुकुमार चन्द जैन, मेरठ (९) अभिनन्दन प्रसाद टड़या एडवोकेट, झांसी 13 "7 " " (१०) कल्याण कुमार शशि, रामपुर (११), सुनहरी लाल जैन, आगरा (१२) छिदामी लाल जैन, फिरोजाबाद (१३) जवाहर लाल लोढ़ा, आगरा (१४) मंगल किरन जैन, सहारनपुर 29 (१५) डा० महेन्द्र सागर प्रचंडिया, अलीगढ़ (१६) श्री राय देवेन्द्र प्रसाद एडवोकेट, गोरखपुर Jain Education International 37 19 22 (१७) कमल नयन सरावगी, डायरेक्टर, बलराम पुर शुगर मिल्स, बलरामपुर 17 (१८) प्रो० पो० सी० जैन, इलाहाबाद विश्वद्यिालय, इलहाबाद ( १९ ) श्री श्रीप्रकाश जैन, मथुरा (२०) सचिव राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन (२१) श्री अजित प्रसाद जैन, संयोजक ६. कार्यकारी दल ने अपनी दि० १६-१७ अक्टूबर, १९७३ की बैठक में सदस्यों से प्राप्त विभिन्न प्रस्तावों को अन्तिम रूप देकर समिति का एक सुव्यवस्थित कार्यक्रम तैयार किया जिसका अनुमोदन दि० २ अप्रैल १९७४ को माननीय हेमवती नन्दन बहुगुणा, मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में हुई समिति की दूसरी बैठक में कर दिया गया । राज्य समिति द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम एवं संस्तुतियां निम्न प्रकार है : (क) कार्यक्षेत्र - पूरे उत्तर प्रदेश में भगवान महावीर के २५०० वें निर्वाण महोत्सव को जनता के सभी वर्गों के सहयोग से प्रभावशाली रूप में मनाना । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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