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२. हिन्दुस्तान अलूमिनियम कारपोरेशन लि०, रेनूकूट
१००० ३. दी ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन लि., कानपुर ४. सूचना निदेशालय, उ० प्र० ५. मार्डन टेक्सटाइल्स, कानपुर ६. स्टार पेपर मिल्स लि., सहारनपुर ७. मेसर्स नरेशचन्द पारसमल, कोपरगंज, कानपुर ८. मेसर्स पन्नालाल बनारसीदास, नयागंज कानपुर ९. मेसर्स चेतन एण्ड कं० तथा संजय एण्ड कं०, बिरहाना रोड, कानपुर १०. जैन सेवा समिति, सीतापुर ११. दी० किशन फ्लोर मिल्स, रेलवेरोड, मेरठ
३०० १२. मद्यनिषेध एवं समाजोत्थान विभाग, उ०प्र०
१०००
कुल रु० ६१०० ११-राज्य समिति की तीसरी बैठक दि० २५ जुलाई १९७५ को विधान भवन लखनऊ में माननीय श्री हेमवती नन्दन बहुगुणा, मुख्य मन्त्री, उत्तर प्रदेश, की अध्यक्षता में सम्पन्न हई। इस बैठक में इस पर क्षोभ प्रकट किया गया कि राज्य सरकारने राज्य समिति के विविध कार्यक्रर्मों के लिए केवल ६,५०००० रु. देने का आश्वासन दिया है जिसमें से भी अभी तक ३,२५००० रु. प्राप्त हुए हैं जबकि अन्य प्रदेश सरकारों ने कहीं अधिक धनराशि के अनुदान अपनी प्रदेश समितियों को स्वीकृत किये हैं । देवरिया जिले में पावानगर, जिसे बहुत से विद्वान भगवान महावीर की निर्वाण स्थली मानते हैं, के टीलों की खुदाई कराये जाने का भी आग्रह किया गया। शासन की
का आश्वासन दिया गया कि शेष रु. ३,२५००० की धनराशि भी अनुदान के रूप में समिति को यथाशीघ्र स्वीकृत कर दी जायगी तथा पावानगर की खुदाई के लिए भारत सरकार के पुरातत्व विभाग से आग्रह किया जायगा। १२. महावीर जन कल्याण निधि की स्थापना
बैठक में एक यह सुझाव भी आया कि भगवान महावीर की पावन स्मृति में समाज सेवा का कार्य करने के लिए एक भगवान महावीर ट्रस्ट या निधि की स्थापना इस २५०० निर्वाण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष में यदि कर दी जाये तो यह एक बहुमूल्य उपलब्धि होगी। माननीय मुख्य मन्त्री जी ने इस सुझाव का स्वागत करते हुए यह आश्वासन दिया कि यदि जैन समाज द्वारा रामकृष्ण मिशन जैसी कोई सार्वजनिक संस्था बनाई जाती है तो उसके द्वारा समाज सेवा के कार्यों में राज्य सरकार भी आर्थिक सहयोग दे सकती है। माननीय श्री जगदीश शरण अग्रवाल स्वा० शासन मन्त्री ने प्रस्तावित विधि की योजना के लिए अपना व्यक्तिगत सहयोग देने का आश्वासन दिया । प्रस्तावित निधि की स्थापना के सुझाव का बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने हार्दिक स्वागत किया तथा सचिव महोदय से अनुरोध किया कि वे इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रारम्भिक कार्यवाही करा दें।
प्रस्तावित निधि की रूपरेखा तथा सम्भावनाओं पर विचार करने के लिए समिति के सचिव श्री शशि भूषण शरण ने दि० २५ सितम्बर, १९७५ को अपने सचिवालय कक्ष में राज्य समिति के स्थानीय सदस्यों से एक बैठक में विचार विमर्श किया। बैठक में उपस्थिन सभी सदस्य इस विषय में एकमत थे कि प्रदेश में एक भगवान महावीर जन कल्याण निधि की स्थापना की महती आवश्यकता है, जिसके माध्यम से निर्धन छात्रों को शिक्षा की सुविधा, असहाय महिलाओं के भरण-पोषण, बेरोजगारों के लिए जीविकोपार्जन व्यवस्था, चिकित्सा सहायता प्रसार
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