________________
८८
]
आंदोलन में नजरबन्द रहे । स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद एम०एल०सी० और तदनन्तर वर्षों तक लोक सभा के सदस्य
लाला उग्रसेन--सन् १९१९ से कांग्रेस में कार्य किया है । गांधी जी के अनन्य भक्त रहे । आप के कुल परिवार में खादी का ही प्रयोग होता रहा । सन् ३० व ३२ में जेल यात्रा की और सन् ४१ व ४२ में नजर बन्द रहे।
ला. बनवारीलाल चरथावल--खादी के प्रयोग, सच्चाई व ईमानदारी के लिए अति प्रसिद्ध रहे। सन् १९३० में जेल यात्रा की।
ला. चुन्नीलाल चरथावल--आप लाला बनवारी लाल के सुपुत्र हैं । सन् ४१ व ४२ में जेलयात्रा की।
ला० उलफत राय--आप ने सदा शुद्ध खादी का प्रयोग किया। सन् ३० व ३२ व ४२ में जेल यात्राएँ की।
बा० दीपचन्द वकील--सन् ४२ में जेल यात्री रहे। बा० मारतचन्द--सन् ४२ के आंदोलन में कालेज छोड़ा व जेल यात्रा की। बा० अकलंक प्रसाद बी. ए.-सन् ४२ में जेल यात्रा की। बा. मामचन्द-ने सन् ४२ में जेल यात्रा की। लाला सुखवीर सिंह घी वाले ने सन् ४२ में जेल यात्रा की। बा० आनन्द प्रकाश--आप क्रांतिकारी दल के सदस्य थे, सन् १९४२ में जेल यात्रा की। ला. गेन्दनलाल--राष्ट्रीय विचार के व्यक्ति रहे और सदैव शुद्ध खादी का प्रयोग किया है। बा० प्रेमचन्द--ने सन् ४२ में कालेज छोड़ा और जेल यात्रा की।
देहरादून जिला
श्री नरेन्द्र कुमार जैन बी. ए.--जिला सहारनपुर के देवबन्द कस्बे के निवासी हैं । सार्वजनिक कार्यों में आप की प्रारम्भ से ही रुचि रही। सन् ४२ के आंदोलन में सहपाठियों के साथ स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े और हिरासत में ले लिये गये, जेल में भी रहे ।
रामपुर जिला
रामपुर के प्रसिद्ध कवि एवं गैद्य श्री कल्याणकुमार 'शशि' (जन्म १९०७ ई०) १९२४ से ही पक्के कांग्रेसी रहे और १९३० में ६ माह के लिए जेल यात्रा की, तथा कुछ काल तक सत्याग्रह आश्रम मुरादाबाद के अध्यक्ष भी रहे ।
मुरादाबाद जिला
मुंशी गेन्दनलाल, सम्मल-एक वकील के मुहरिर थे, व मुरादाबाद की जैन सेवा समिति के कैप्टन थे। वह देश के दीवाने थे। सन् २१ में राष्ट्रीय आंदोलन में कूद पड़े। सन् ३१ में जेल गये, जेल में बीमार हो गये, ६ मास के बाद बाहर आये तो चारपाई की शरण ली और भयंकर रोग यन्त्रणा से पीड़ित होकर केवल ४१ वर्ष की अवस्था में ही चल बसे ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org