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ख -५
[ २३ १. प्रोटीन-शारीरिक विकास, फुर्तीलापन, उत्साह और शक्ति पैदा करता है । शरीर की क्षति पूर्ति करता है। यह दालों, आनाजों, चना, मटर, दूध, दही, छाँछ, सप्रेटा दूध, फल, मेवों आदि में काफी पाया जाता है।
२. फैट (चिव नाई)-शरीर में गर्मी और शक्ति पैदा करता है । यह दूध, दही, घी, मक्खन, तेल, बादाम, अखरोट, काजू, मूंगफली आदि में पाया जाता है ।
३. खनिज लवण-भोजन शक्ति को अच्छा रखते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाते हैं । रोगों से शरीर की रक्षा करते हैं । यह ताजी साग-सब्जी, फल, गेहूँ, चावल, दूध आदि में पाये जाते हैं ।
४. कार्बोहाइड्रेटस-शरीर में शक्ति और गर्मी प्रदान करते हैं। यह चावल, गेहं, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना, खजूर, मीठे फल, केला आदि में विशेष पाये जाते हैं ।
५. पानी (नमी)-शरीर की सफाई करके गन्दे पदार्थों (पसीना, मल मूवादि) को शरीर से बाहर निकालता है। भोजन को पचने में और खून के दौरे में मदद देता है। शरीर के तापक्रम को समान रखता है।
६. कैलशियम हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। शरीर का रंग निखारता है। बाल घने और मजबूत करता है । यह हरी सब्जियों, दूध, दही, छाछ आदि में पाया जाता है।
७. लोहा-इसकी कमी से खून की लाली कम हो जाती है । इसके अभाव में खून प्रत्येक तन्तु तक आक्सीजन नहीं पहुंचा सकता है। इसी कारण खून की कमी की बीमारी हो जाती है । यह हरी सब्जियों, अनाज, रोटी, सेम, मटर, हरी फलियों और सूखे मेवों में पाया जाता है।
८. विटामिन-शरीर को स्वस्थ और रोगों से मुक्त रखते हैं । ये चावल, गेहूं, दूध, दूध से बने पदार्थ, मक्खन, फल, ताजी पत्तियों वाली व बिना पत्तों वाली सब्जियों, नींबू, टमाटर, सेम, दाल आदि में पाये जाते हैं ।
९. कैलोरी-यह शरीर में शक्ति व गरमी मापने का पैमाना है । जैसे इंजन में कोयले के जलने से गरमी व शक्ति पैदा होती है और इंजन चलता है, उसी प्रकार भोजन करने से शरीर में गरमी और शक्ति पैदा होती है, उसी के माप को कैलोरी कहते हैं । एक ग्राम प्रोटीन में लगभग ४ कैलोरी, १ ग्राम वसा (चिकनाई) में ९ कैलोरी और १ ग्राम कार्बोहाड्रेट्स में ४ कैलोरी पाई जाती हैं।
अंडे-अंडा खाना कितना हानिकर है यह बताने के पहिले एक बात पर विचार कर लीजिये कि आजकल कुछ लोग अंडों को निर्जीव बतलाकर उसे शाकाहार के अन्तर्गत बताकर खाने लगे हैं और दूसरों को खाने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि अंडे में न मांस होता है, न हड्डी; केवल पानी होता है। उनसे मैं नम्रतापूर्वक निवेदन करना चाहता हूं कि आप शान्ति से और गहरी दृष्टि से विचार करें कि जिस प्रकार गर्भाधान के आरम्भ में तरल पदार्थ के सिवाय मांस या हड्डी कुछ नहीं होता और फिर क्रमश: बच्चा बनता रहता है। उसी प्रकार अंडे के आरम्भ में भी उसमें तरल पदार्थ ही रहता है और यथाविधि रहने पर बच्चा उत्पन्न होता है । आप अंडा खाकर भ्रूण हत्या के दोषी बनते हैं।
इसके आगे यह देखें कि अंडे खाने से आपके शरीर को लाभ होता है या हानि ? डाक्टरों के मतानुसार अंडे की जरदी अंडे का बड़ा खतरनाक भाग है। एक अंडे की जरदी में कोलेस्ट्रोल नामक भयानक विष एक चिकना एलकोहल होता है, जो जिगर में पहुँचकर जमा होता है और हृदय से रक्त ले जाने वाली नाड़ियों में रुकावट पैदा करता है । इससे दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, गुरदे की बीमारी, पित्त की थैली में पथरी और जोड़ों में दर्द हो जाता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वर्तमान में ज्यों-ज्यों अण्डे खाने का प्रचार बढ़ता जाता है
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