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डा० डी० इ० लेन व डा० एम० एस० रोज ने विकल्प के रूप में "लेक्टी -ओबुलो-वेजीटेरियन" आहार प्रस्तुत करने के लिए काफी श्रम किया है । यह पूर्णतः 'वेगन' आहार है । अमेरिकन मेडीकल जनरल व धर्म सम्बन्धी पत्रिकाओं में वैज्ञानिक शोधकर्ताओं की इस सन्दर्भ की खोजों का विवरण प्रकाशित किया जाता है । अतः डाक्टर लेन का शिशु आहार व बालकों के लिए दुग्धाहार जो सोयाबीन के आटे से व अन्य अन्न से प्राप्त किया जाता है औषधि व्यवसाय में बहुत प्रचारित है ।
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इसी प्रकार एक विशिष्ट प्रयोग का हवाला 'रीडर्स डाइजेस्ट' में दिया गया है, जिसके अन्तर्गत कृत्रिम मांस बनाये जाने की व्यवस्था है । कई स्वास्थ्यप्रद आहार के निर्माता 'नट रोस्ट' आदि बनाते हैं जिसे मांस की ही तरह परोसा जा सकता है । शाकाहार की पाक - विधियों का साहित्य बड़ी तादाद में बिकता है ।
यह दर्शाता है कि अमेरिका के लोग सब्जियों के सलाद, फलाहार आदि की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं और मांस का उपयोग कम होता जा रहा है । शाकाहार इतना विस्तार पा चुका है कि मांस विक्रेता अपने उत्पादनों के लिए अधिक विज्ञापन व प्रलोभन देने को बाध्य हो रहे हैं।
यूँ तो अमेरिका में एक शाकाहारी संघ शुरू में लगभग १५ वर्ष तक न्यूयार्क में कार्य करता रहा, किन्तु व्यवस्थित रूप से आयरलैंड की श्रीमती मार्गरेट कजिन ने श्री मेनवेक के सहयोग से १९३२ में शाकाहारी संघ की विधिवत स्थापना की। श्री जुल्स एच० ब्लजेस, हेनरी राफ्यू, मेटा परीरा आदि अमेरिका में शाकाहार प्रचार हेतु सक्रिय हैं। रेवरेंड विलियम मैटकाम इस आन्दोलन के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं ।
तब का बोया बीज अब पल्लवित पुष्पित होकर देश भर में अपनी सुरभि फैला रहा है । अमेरिका के लोग अब स्वास्थ्य सन्दर्भ में काफी जागरूक हो चुके हैं ।
- डेनियल पी. आफर्मन
कनाडा
टोरेण्टो वेजिटेरियन असोसियेशन १९४५ में गठित हुआ । यह गठन प्रो० आर्थर एफ० स्टीवेन्सन के आवास पर एकत्रित शाकाहारियों के मध्य सम्पन्न हुआ । केफेटोरिया व रेस्त्राओंों में आयोजित होने वाली इसकी बैठकों में शाकाहार के समर्थक विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं । १९४९ में कनाडियन वेजिटेरियन यूनियन की स्थापना हुई
कनाडियन व अमेरिकन शाकाहारी समर्थकों में पारस्परिक मेलजोल है । इनके बीच विस्तृत पत्राचार होता है। कनाडियन नियमित रूप से अमेरिकन नेचरल हाइजिन सोसाइटी के सम्मेलनों में भाग लेते हैं । प्रख्यात आहार - शास्त्रज्ञों के सारगर्भित प्रवचनों से कनाडावासी लाभान्वित होते हैं ।
पत्र-पत्रिकाओं में शाकाहार के प्रति लोगों की रुझान उनके लिखे पत्नों से झलकती है। जिन क्षेत्रों में व्यवस्थित शाकाहारी संघ नहीं हैं वहां व्यापक प्रचार किया जाता है व पूँछ-परख करने वालों को साहित्य आदि भेजा जाता है । स्वास्थ्यप्रद वस्तुओं के स्टोर्स हैं ।
कनाडियन वेजिटेरियन यूनियन के सदस्य विश्व भर में अपने मित्रों, परिचितों के साथ मिलकर शाकाहार के विस्तार में संलग्न हैं । वे इसे निर्दयता, युद्ध व अन्याय को रोकने तथा बन्धुत्व व शान्ति की प्रतिस्थापना के लिए आवश्यक कदम मानते हैं ।
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- इवा एम. बड
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