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विटामिन और खनिज लवण युक्त भोजन
हरे पत्ते वाले साग - उदाहरणतः पालक, मेथी, बथुआ, चौलाई, हरा धनिया, पोदीना, मूली के पत्ते,
सहजन ।
मौसम के फल - अमरूद, टमाटर, गाजर, आवला, नीबू, आम, संतरा, खरबूजा, खीरा ।
दूध और दूध से बने पदार्थ- दही, मट्ठा, पनीर, खोया इत्यादि ।
अन्य साग - लौकी, तुरई, भिन्डी, करेला, कट्टु, टिन्डा, बैंगन ।
शाकाहारी भोजन से शरीर की सारी आवश्यकताएँ पूर्ण हो जाती हैं । पशु जगत से प्राप्त भोजन की तरफ दौड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
संक्षिप्त में शाकाहारी भोजनों की विशेषता की जानकारी आवश्यक है ।
गेहूं
पंजाब और पच्छिम उत्तर प्रदेश में गेहूं अधिक खाया अंश है और ७१ % कार्बोज । कुछ मात्रा में खनिज लवण जैसे प्रदान करता है ।
जाता है। गेहूं में करीब ११% प्रोटीन का चूना और लोहा भी होता है। गेहूं मुख्यतः ऊर्जा
चावल
चावल संसार के बहुत से भागो में खाया जाता है। भोजन है। चावल से अधिक मात्रा में कार्बोज प्राप्त होता है, भी पाया जाता है । यह अच्छी किस्म का प्रोटीन होता है। चावल में विटामिन बी (थाइमीन) भी होता है जो
भारतवर्ष में भी कुछ प्रान्तों में चावल ही मुख्य जो कि करीब ७८% होता है और ७०% प्रोटीन
ज्यादा दफे न धोएँ, क्योंकि बी पानी में
कि उसकी ऊपरी परत में पाया जाता है। जब चावल बनाएँ तो उसको घ. लनशील है और धोने से निकल जाता है। जब चावल बनाए तो उसका मांड न फेंकें, बल्कि उसे चावल में ही सुखा ले। अगर उसे निकालें तो अलग से इस्तेमाल करलें । विटामिन बी, शरीर के स्नायु संस्थान के लिए आवश्यक है। चावल अगर हाथ का कुटा इस्तेमाल किया जाए तो बी अधिक मात्रा में प्राप्त होता है। पौष्टिक दृष्टिकोण से सेहला चावल भी अच्छा है । चावल मुख्यतः ऊर्जा प्रदान करता है ।
दालें
शाकाहारी भोजन में दालों का बड़ा महत्व है क्योंकि इनसे अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्राप्त होता है।
२० से ३०% तक प्रोटीन दालों से मिलता है। दालों को गरीब आदमी के लिए मांस की उपाधि दी गई है
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क्योंकि दालों का मूल्य मांस से कम है और दालें प्रोटीन की कमी पूरी करती हैं। इसके अतिरिक्त खनिज लवण, चूना और लोहा भी दालों से प्राप्त होता है।
दालों में प्रमुख स्थान सोयाबीन का है जिसमें प्रोटीन का अंश ४३०/० है, वसा १६५० /° खनिज लवण
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४.६ / सोयाबीन को भाड़ में भुनवाने के बाद उसको पिसवाकर आटा बनवा लें और बेसन या गेहूं के आटे में आवश्यकता और स्वाद के अनुसार मिलाकर रोटी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा पकौड़ी, छोले, कढ़ी, दोराई इत्यादि भी बना सकते हैं ।
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