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पाठ
६.] भगवान पार्श्वनाथ ।
पाठकगण, जिस व्यक्ति के विषयमें हम प्रारम्ममें कितने ही प्रश्न कर आए हैं, उसका सम्बन्ध गणधर भगवान द्वारा बतलाई गई उक्त घटनासे है। भगवान महावीरस्वामीके समयके अभयकुमारका जीव ही अपने पहले के तीसरे भवमें ब्राह्मणपुत्र था। उसीका उल्लेख हम ऊपर कर याए है। अमयकुमारका यह तीसरा मव भगवान पाश्चनाथके जन्मकालसे पहले हुआ समझना चाहियेः क्योंकि ब्राह्मणभवसे वह स्वर्ग गया था और स्वर्गसे आकर अभयकुमार हुआ था । इस प्रकार अभयकुमारके उपरोक्त पूर्वभव वर्णनमें हमें भग
अनुवादने । मूल भोक परिन्छेहरे प्रारभमें दिये हुओंगे छोडकर इस प्रकार हैं