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युवराज की खोज
यह पता लग जावे कि आपका वास्तविक उत्तराधिकारी कौन पुत्र होगा तो आप उसी पुत्र को राजद्रोह का आरोप लगा कर देश निर्वासित कर दे और उसके चले जाने के बाद राज्य चिलाती को देकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी करे। आपका उत्तरदायित्व पूर्ण होने पर यदि चिलाती योग्य हुआ तब तो वह मगध सम्राट बना रहेगा अन्यथा उसके हाथ से राज्य चले जाने का दोष आपके सिर न आवेगा।
राजा-किन्तु यह कैसे पता लगे कि राज्य का उत्तराधिकारी वास्तव में कौन बनेगा?
कल्पक-वह तो मै पता लगा चुका हूँ। अभी-अभी नगर मे एक उत्तम निमित्तज्ञानी आए थे। मैने उनसे पूछा था कि राजा के पाच सौ एक पुत्रों मे से राज्य का उत्तराधिकारी कौन होगा?
राजा-तो उन्होने क्या उत्तर दिया ?
कल्पक-उन्होने तीन परीक्षाएं बतलाकर यह कहा कि जो राजकुमार इन सभी परीक्षाओ मे उत्तीर्ण होगा वही भावी मगध-नरेश होगा।
राजा-वह तीन परीक्षाएँ कौन २ सी है ?
कल्पक-सब राजकुमारो को एक साथ भोजनशाला मे बिठला कर उनको खीर का भोजन परोस दिया जावे । बाद में एक शिकारी कुत्ते को उनके ऊपर छोड दिया जावे । जो राजकुमार थाली बिना छोडे पेट भर भोजन करके उठे वह आपके राज्य का उत्तराधिकारी होगा। इसके पश्चात् प्रत्येक राजकुमार को मिट्टी का एक-एक कोरा घडा देकर उनसे उसको ओस से भर कर लाने को कहा जावे । जो राजकुमार उस घडे को ओस से भर कर उठवाकर लावेगा वह राज्य का अधिकारी होगा । तत्पश्चात् राजमहल मे आग लगवा दी जावे । जो राजकुमार छत्र, चँवर, सिंहासन आदि राज्य-चिन्हो को आग मे से बचाकर ले आवेगा वह राज्य का अधिकारी होगा ।
राजा-यह बात ठीक है। मैं कल से इन तीनो परीक्षाओ का प्रबन्ध करूंगा।