________________
श्रेणिक बिम्बसार उसे समाप्त कर उसके स्थान पर गणतन्त्र शासनप्रणाली स्थापित कर दी जावे। वैशाली के लिच्छावी गण का गणपति राजा चेटक हमारा प्रबल विरोधी है। वह भगवान् पार्श्वनाथ का अनुयायी जैन होने के कारण अपने आचार-व्यवहार मे इतना कट्टर है कि अजैन ससार से कोई सपर्क रखना नही चाहता । मगध पर उसकी सदा से क्रूर दृष्टि है। मुझे अपने चरो द्वारा इस बात के समाचार मिलते रहते है कि लिच्छावी युबको में मगध पर आक्रमण करने का उत्साह है । वैशाली तथा मगध के शीत युद्ध को समाप्त करने के लिए मैने कई बार अप्रत्यक्ष रूप से यह यत्न किया कि हम दोनो राष्ट्र आपस मे विवाह-बधन मे बध जावे, किन्तु चेटक अपनी कोई कन्या अजैन को नहीं देना चाहता।"
"क्या राजा चेटक के कई कन्याए है ?" "अजी क्या पूछना | उसके पूरी सात कन्याए है ।" "क्या सभी अविवाहित है?" "नही, उनमे से पाच का विवाह हो चुका है, और शेष दो कुमारी है।" "उनके विवाह कहाँ-कहाँ हुए है ?"
"राजा चेटक की सबसे बड़ी पुत्री का नाम त्रिशला देवी है । उसको प्रियकारिणी तथा मनोहरा भी कहते है । उसका विवाह वैशाली के उपनगर कुण्डग्राम, कुण्डपुर अथवा कुण्डलपुर के निवासी राजा सिद्धार्थ के साथ हुवा है। राजा सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियो के गण के गणपति है।"
"क्या राजा सिद्धार्थ के साथ विवाह करने से राजा चेटक की राजनीतिक शक्ति मे वृद्धि हुई ?" ____ "नहीं, क्योकि राजा सिद्धार्थ के केवल एक पुत्र वर्द्धमान महावीर हुआ, जों राज-काज में चित्त न लगाकर जैन साधु हो गया। कहा जाता है केवल ज्ञान प्राप्त होने पर वह जैनियो का बतिम तीर्थङ्कर होगा।"
"राजा चेटक की अन्य पुत्रियो के विवाह कहा हुए ?"
"उनकी द्वितीय पुत्री मृगात्ती का विवाह वत्सदेश के राजा शतानीक के साथ कौशाम्बी में हुआ है । शतानीक को सार अथवा महारत्ननाथ भी कहा जाता है। इस विवाह से राजा चेटक की राजनीतिक शक्ति वास्तव मे बहुत १५६