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कोशल-राजकुमारी से सम्बन्ध
बढ गई है। राजा चेटक की तृतीय पुत्री वसुप्रभा का विवाह दशार्ण (दशासन, देश के हेरकच्छपुर ( कर्मठपुर ) के स्वामी सूर्यवंशी राजा दशरथ के साथ तथा चतुर्थ कन्या प्रभावती का विवाह कच्छ देश के रोरुकार के स्वामी महातुर के साथ किया गया है। उनकी पाचवी कन्या धारिणी को गाधार देश के महापुर के राजा महीपाल के पुत्र मात्यकि ने राजा चेटक मे मागा था, जिसे उन्होने अस्वीकार करके उसका विवाह चम्पापुर के राजा दधिवाहन के साथ किया । उसकी शेष दो कन्याए ज्येष्ठा तया चलना अभी कुमारी है। इनमें सबसे छोटी चेलना के रूप की प्रशसा अधिक मुनी जाती है। मैने चेलना के माय आपका विवाह करने का अप्रत्यक्ष प्रस्ताव किया था, किन्तु चेटक किसी अजैन को अपनी कन्या नहीं देना चाहता।"
"तब तो यह कहना चाहिये कि राजा चेटक का मित्रबल अपनी कन्याओ के विवाह के कारण बहुत अधिक बढ़ गया है।" ___"मैं आपको यही बतलाना चाहता था, सम्राट | मगध को आज यदि भय है तो केवल तीन राज्यो से।"
"किस-किस से?
"हमारा सबसे बडा तथा प्रबल शत्रु वंशाली का गणतत्र है, जो हमारे ठीक उत्तर मे तपाईक दम पडौस मे है। हमारा दूसरा विरोधी अवन्ति का राजाचण्डप्रद्योत है। वह अत्यत प्रतापी है, किन्तु उससे हमारी मित्रता है । अतएव उसकी ओर से हमको अधिक भय नही है। फिर वह मगध से पर्याप्त दूरी पर भी है । अतएव उससे हमारा युद्ध हो भी जाय तो हम को अधिक भय करने की आवश्यकता नहीं है । इसलिये हमारा सबसे बड़ा शत्रु केवल कोशल का राजा प्रसेनजित् ही रह जाता है । उसके साथ हमारा कई वर्ष से शीत-युद्ध चल रहा है। अब जान पडता है कि हमारे साथ दीर्घकाल से चलने वाले शीत-युद्ध को वह भी समाप्त करना चाहता है । यदि उसकी यह भावना न होती तो वह अपनी बहिन क्षेमा के विवाह का प्रस्ताव लेकर अपने राजपुरोहित को हमारे यहां कभी न भेजता । उसको दरबार मे देखते ही आपकी त्योरियाँ चढी देख कर मै समझ गया कि आप इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने वाले है, अतएव मैने आपको उत्तर का