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महासती चन्दनबाला
यह कहकर रानी मृगावती चन्दनबाला को अपने साथ अपने राजमहल
आई |
जैसा कि आगे लिखा जावेगा इस घटना के कुछ ही मास बाद भगवान् महावीर स्वामी को केवल ज्ञान हो गया । चन्दनबाला यह समाचार सुनते ही उनके समीप पहुँची । उसने जाते ही उनसे दीक्षा ले ली । भगवान् महावीर स्वामी की स्त्री-शिष्याओ मे सबसे प्रथम उसने ही दीक्षा ली थी । अतएव बाद मे उनके आर्यासव की प्रधान आचार्या महासती चन्दनबाला ही हुई । उनके शासन में ३६००० जैन साध्विया थी, जिनको 'आर्यिकाए' कहा जाता था । अन्त मे महासती चन्दनबाला ने वह परम उत्तम पद प्राप्त किया, जहा जाना सभी योगी और मुनि अपना अहोभाग्य मानते है ।