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युवराजपद की तृतीय परीक्षा
कार्य किया है। मै इस कर्तव्यपरायणता के लिये तुमका बधाई देता हूँ। तुमको अपने इस सत्कर्म का यदि शीष नही तो कुछ बिलम्ब से अवश्य ही उत्तम फल मिलेगा।"
राजकुमार कल्पक के इन गूढ शब्दो पर देर तक विचार करते हुए अपने आवास की ओर चले गए। ___ अग्नि के बुझ जाने पर राजा ने महल का फिर सस्कार करवाया। आग के कारण काली पडी हुई दीवारो पर रग कराया गया। अधजली वस्तुओं को फेक कर उनके स्थान पर नवीन वस्तुएँ बनवा कर रख दी गईं। जो वस्तुएँ पूर्णतया जल गई थी उनके स्थान पर भी नई वस्तुएँ मगवा कर रखी गईं।
आग बुझाने में राजसेवको, दासो तथा दासियो की जो हानि हुई थी उसकी भी राज्य-कोष से पूर्ति कर दी गई। इस बात का पूर्णतया ध्यान रखा गया कि प्रत्येक वस्तु पहिले के स्थान पर ही रखी जावे। इस प्रकार अग्निध्वस्त उस राजमहल को पहिले की अपेक्षा भी अधिक सजा दिया गया।