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जवानी का तूफान !
मगध सम्राट बिम्बसार श्रेणिक के दो तेजस्वी पुत्र हुए थे-नन्दा रानी का अभयकुमार, और चेलना रानी का कोणिक । अभयकुमार श्रेणिक का मन्त्री था। विकट-से-विकट समस्या को भी अभय अपनी बुद्धि से सहज ही सुलझा देता था। अभयकुमार विनीत, विनम्र और शिष्ट था। वह राजा को अत्यन्त प्रिय था। कोई भी राज्य का काम अभय की अनुमति के बिना नहीं हो पाता था। अभय बुद्धिमान था, भक्तिवान था, और व्यवहार में मधुर तथा चतुर भो । प्रजाजन भी अभय को प्रेम भरी दृष्टि से देखते थे। __ कोणिक अपने जीवन के प्रारम्भ से हो उद्धत, अविनीत और अहंकारी था। जब वह चेलना के गर्भ में था, तो चेलना को अपने पति श्रेणिक के कलेजे का मांस खाने का दोहला हुआ था। इस अशुभ पुत्र को जन्मते ही चेलना ने उसे कुरड़ी पर फिकवा दिया था। अपने गर्भ को नष्ट करने के लिए भी चेलना रानी ने प्रयत्न किया था। किन्तु श्रेणिक के पितृ-हृदय ने सदा कोणिक को प्यार किया और रक्षा भी। कोणिक की रक्षा के लिए श्रेणिक ने चेलना को विशेष प्रेरणा भी दी थी। वह कोणिक को अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित देखना चाहता था। गुलाबी बचपन से निकल कर कोणिक ने अपने महकते यौवन में प्रवेश किया। आठ राज-कन्याओं के साथ उसका परिणय हो
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