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उज्झित कुमार
सुरा, सुन्दरी और मांस में संसक्त रहने वाला जीव कभी सुखी और समृद्ध नहीं होता। भोग के कर्दम में फंसा मनुष्य अपना कितना पतन कर सकता है ?
हस्तिनापुर एक सुन्दर नगर था, वहाँ पर सुनन्द राजा था। नगर में एक दर्शनीय गोशाला थो, जिसमें गाय, बैल, भंस और पाड़ों के पालन का अच्छा प्रबन्ध था।
नगर में एक भीम कटग्राही नाम वाला कर भाव का लुटेरा भी रहता था, उसकी पत्नी का नाम उत्पला था। जब वह गर्भवती हुई, तो उसके मन में दोहद आया____ "मैं गाय और बैलों को ग्रीवा, उदर और हृदय का मांस भक्षण करूं।" भीम रात्रि के अन्धकार में गोशाला में पहुँचा और मांस ले आया। पापात्मा की माता का दोहद भी पीडक होता है। पुत्र का जन्म हुआ, और उसका नाम गोत्रास रखा। गोत्रास कर, कठोर और निर्दय था। भीम कटग्राही के मरने पर वह सेनापति बना, परन्तु प्रजा को पीडित करता हो रहा। मर कर वह नरक में गया।
वहाँ से गोत्रास का जीव वाणिज्य ग्राम नगर में रहने वाले विजय मित्र सार्थवाह की पत्नो सुभद्रा के पुत्र रूप में जन्मा ।
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