________________
१६४ : पीयूष घट
थे । प्रभु के चरणों में आकर गौतम ने उज्झित कुमार के विषय में पूछा___ भगवान् ने उसका पूर्व भव और अनन्तर भावी भवों का वर्णन किया-"अनन्त संसार का परिभ्रमण करता-करता वह महाविदेह से सिद्ध होगा।" ___ जीव अपने कर्म से ही पतन के गर्त में गिरता है, और अपने कर्म से हो उत्थान के पथ पर लगता है। अपना विकास और अपना विनाश, मनुष्य के अपने हाथों में है।
---विपाक श्र० १, अ० २.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org