Book Title: Piyush Ghat
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 194
________________ भूले-भटके राही : १८५ अभय ने घण्डप्रद्योत की समान आकृति और आवाज वाला व्यक्ति ढूढ लिया था। रथ में बैठकर बह आदमी और अभय बाजार में से निकलते, अभय उसके जूते मारता, वह चिल्लाता, लोग छुड़ाने को आते, तो दोनों हंस पड़ते । लोग इसे आए दिन की मजाक समझते । ____एक रोज अभय ने वास्तव में चण्डप्रद्योत को अपने आदमियों से पकड़वा कर, रथ में डालकर जूते मारता हुआ, उज्जयिनी के . बाजार से होकर राजगृह ले आया । वहाँ श्रेणिक से क्षमा माँगने पर उसे छोड़ दिया गया। चण्डप्रद्योत ने फिर कभी अभय को नहीं छेड़ा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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