________________
पुरुष की शक्ति : ६३ राजा ने रानी को सान्त्वना देते हुए कहा : "मैं इसकी जांच करूँगा और उस व्यक्ति को राज्य-कोष से योग्य सहायता भी दूंगा। राजा के आदेश से बड़ी छान-बीन के बाद उस व्यक्ति को राज-सभा में उपस्थित किया गया। ___व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए कहा : “मैं इसी राजगृही नगरी का वासी हूँ। नाम मेरा मम्मण सेठ है। मेरे पास एक बैल तो है, दूसरे बैल की प्राप्ति के लिए इधर-उधर से मेहनत करके धन एकत्रित कर रहा हूँ।" ___ राजा ने सोचा : "बड़ा गरीब है, यह व्यक्ति । मेरी गो. शाला में बहुत-से-बैल हैं। राज्य सम्पत्ति में प्रजा-जनों का पूरापूरा अधिकार है।"
गोशाला के अध्यक्ष को राजा ने आदेश दिया : "इसकी मनपसन्द का एक बैल इसे दे दो।" मम्मण सेठ गोशाला में गया, पर एक भी बैल मन को नहीं भाया।
राजा ने पूछा : "क्यों क्या बात है ?"
मम्मण बोला : “महाराज, मुझे तो मेरी जोड़ी का बैल चाहिए।"
"तुम्हारा बैल कैसा है ?" राजा ने पूछा।
मम्मण ने विनय युक्त शब्दों में कहा : "मेरे घर पर पधारें, महाराज ! क्योंकि वह मेरा बैल यहाँ नहीं आ सकता।
मम्मण सेठ के साथ राजा श्रेणिक उसके घर पहुँचे। बड़ी हवेली थी, पर खसता हालत में। हवेली में प्रवेश करने के बाद मम्मण महाराज को तलघर में ले गया, जहाँ वर्षों से शायद झाडू भी नहीं दी गई थी। जैसे-तैसे राजा वहाँ पहुँचा।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
____www.jainelibrary.org