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Bengal Asiatic Society's Plate of Trilochanapala.-The Year 1084.
सुद्धिश्री प्यार समीपादानामादाय मा राजा विवाद खाओतिक पा कुपागरुक हुडालमा
जूडी मेरिलोक पलट
महापापकथा या बा
याक निकल ग
जगत बराम गादत्त पालशाक असहायल या विदिश सीमात लय तालसमद अऊला लक्ष्यामा कख बाद लखाका ए घশধ । দদচাড় সऊ पितर वर हबशंका या हिललिविनिजता के लोक खिला हो गाजत हम्दीमलित किया माया पुण्यद बंद पाक कला मावलीसविलियन कु पथिटे पर पिता फँसायोगी नातिनाला तापतेव सस्ता पति स तहलका नाकाकुलाः काला पतयेो ना वा श्रीरामाला का दिन लगाएँ कचरा सा गाव के के हो । सुलाराज किसका कफि स क राराराई किरात सारासारबादा (गार क सहति ॥ सियःवतिया मिराका रूमति के कवि कालगति नामक जुलपति साहनी
प्रदेस तिरा
कामवाणाः इनिया करता तिला कि दल्योः एक दे
J. F. FLEET, BO. C.S..
SCALE 38
W. GRIGGS, PHOTO-LITH.