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तेईस
२२-२५ अनशन की सराहना । २६,२७ त्रयोदशी के दिन का व्यतिकर । २८,२९ आचार्य भिक्षु द्वारा चार बातों का कथन । ३०-३७ मुनि वेणीरामजी तथा मुनि कुशलोजी का आगमन और गुरु
स्तवना। ३८ तीन साध्वियों का आगमन । ३९ अन्तिम समय में अवधिज्ञान की संभावना । ४० तीन बातों की यथार्थ परिणति । चौथी बात अस्पष्ट ।
४१ ध्यानस्थ अवस्था। ४२,४३ दर्जी का आगमन और उसका कथन ।
४४ ध्यानस्थ अवस्था में स्वर्गगमन । ४५-५१ अन्त्येष्टि का संक्षिप्त वर्णन तथा समाधि-मरण की
विशिष्टता।