Page #1
--------------------------------------------------------------------------
________________ | श्री पद्म-वर्धमान संस्कृत धातु-शब्द रूपावली संयोजन मुनि राज पद्यासागर मुनि कल्याण पद्यासागर
Page #2
--------------------------------------------------------------------------
________________ सागर वंदना प पू चारित्र चूडामणी आ. देव श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न शिल्प शास्त्र मर्मज्ञ प.पू आ. देव श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टधर जिनशासन रक्षा -समाज उत्कर्ष जिनका मूल मंत्र है एसे राष्ट्रसंत, श्रुत-समुद्धारक प.पू. आ देव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. के सयंम जीवन का अर्धशताब्धी वर्ष चल रहा है!पूज्य आचार्यश्री का जन्म अजीमगंज (प.बंगाल) मे हुआ किंतु उनकी दिक्षा-भूमि साणंद (अहमदाबाद)रही! दिक्षा लेने के बाद ही गुरूभगवंतो के आशीर्वाद से वे ज्ञान-ध्यान-सेवा मे इस प्रकार आगे बढे जिस प्रकार सूर्य की रोशनी को प्राप्त कर पद्म का फूल खिलता है, उसी प्रकार से आगे बढकर गुरूदेव ने भारतभर के सिवाय नेपाल तक परिभ्रमण करके एवं विदेशोंमें भी जिनशासन के अनुरागी बनाने के लिए श्रावको द्वारा जिनमंदिरोंका निर्माण कराके जिनशासन के अनेकानेक महान कार्य किए और कर रहे हैं!पूज्य आचार्य श्री की ज्ञान रक्षा के प्रति उत्कृष्ट भावना का प्रत्यक्ष उदाहरण स्वरूप “श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा' हैं! उन्होनें इस कार्य के द्वारा जिनशासन को एक अमूल्य भेंट दी हैं, जिसमें प्राचिन्तम् ग्रंथ एवं मूर्तियों को सुरक्षित रख कर आनेवाली पीढियों को प्रेरणा एवं धर्म के उपर श्रद्धा बढानेवाली बनेगी! एसे सागर के रत्न समान पूज्य श्री के इस पावन प्रसंग पर हम श्री पद्म-वर्धमान संस्कृत धातु-शब्द-रूपावली को उनके पावन चरणों में सादर समर्पित कर उनके दीर्घ सयंम पर्याय के लिए प्रभु से प्रार्थना करते है एवं पूज्य श्री के आशीर्वाद को प्राप्त कर हम भी हमारी आत्मा का कल्याण करें यही अभीलाषा, मुनि राजपद्मसागर मुनि कल्याणपद्मसागर
Page #3
--------------------------------------------------------------------------
________________ po SecoSpero ser co59000059CCOM श्री आदिनाथाय नमः॥ श्रीअभिनदनस्वामीने नमः॥ श्री अजाहरा पार्श्वनाथाय नमः॥ SPOGSETOGGEORGEORGEOCOPEDGE श्रीपा-वर्धमान संस्कृतधातु-शब्दरूपावली श्री हैम संस्कृत प्रवेशिका प्रथमानुसारी (चार काल के कर्तरि, कर्मणि रूप, शब्दो के रूप, अर्थ सहित कृदन्त एवं कृदन्त के वाक्य) (भाग-१) संयोजक मुनि राजपद्मसागर मुनि कल्याणपत्नसागर तथा श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जैन ज्ञानशाला के प्राध्यापक श्री नरेन्द्रभाई कोरडीया अध्यापक श्री पंकजभाई एस. झालमोरा PRGOOOODSpeGO59QOGSPODSOCTOD5G -: प्रकाशक : आचार्य पद्मसागरसूरि चेरिटेबल ट्रस्ट DOGODOGGCDPDGAODOO T
Page #4
--------------------------------------------------------------------------
________________ Acharya Padmasagarsuri 25-10-2.. (मुनिराजश्रीरामसाजा. या समिती neur) / सागरजी म. OSNEGener) "5-11- संस्नायु २५ली" / 015E8 संभोग 24. ,जान (Here (638 से मापा 22 करना 5955 कार/ वि .] इससे संसलाम Fornii // 2 // 24 // 5. दो अभिराज इस र लिया। 434672 Babu Amichand Pannalal Adishwar Jain Temple 41, Ridge Road, Walkeshwar, MUMBAI - 400 006. Phone: 022-2369 2727
Page #5
--------------------------------------------------------------------------
________________ મુનિ ૨૧જ શ્રી રાજદ્ધસાગ૨ જી મ. ત મુનિરાજ % કુઅ, પદ્ધ સાગર મ. ને જ પલઈમાન રૂંઋતુ દવા ૨૧બ્દ હું પ1 વલી નું સંકલન 3 છે આ ફાર્ય ખૂબ અનુમોદનીય છે. આ પુસ્તક સંતના ઋભ્યાસુઓ ને ખૂબ જ ઉપ ગૂ છે ભવિષ્યમાં 59 *વું કલન કરે એ જ મારો કે લ શુભ ગ્રામના ધક્કાળ શ૮
Page #6
--------------------------------------------------------------------------
________________ क प.पू. पंन्यास प्रवर श्री विनयसागरजी म.सा. प.प. गणिवर्य श्री विवेकसागरजी म.सा. संकलन एवं संयोजन जिपसागर ल्याणपासागर
Page #7
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: प्रकाशक : संपर्क स्थान - प्राप्ति स्थान आचार्य पद्मसागरसूरि चेरिटेबल ट्रस्ट C/o. अनिल भाई जे. शाह A/5, झवेरी पार्क जैन फ्लैटस् Opp. स्थानकवासी वाडी, नारणपुरा रेल्वे क्रोसींग, अहमदाबाद - 380013 8 (079)- 27558639 प्रथम आवृति नकल - 1000 विक्रम संवत - 2061 वीर संवत - 2531 इस्वीसन् - 2004 मुल्य : 40 रू. यह पुस्तक ज्ञान खाते में से प्रकाशित हुई है। अत: गृहस्थ इसकी रकम भरकर मालिकी करें। -: मुद्रक :श्री विश्वकर्मा ऑफसेट पुलिस थाना के पीछे, खेड़ावास, तखतगढ़ जिला-पाली (राज.) *802933 - 220264
Page #8
--------------------------------------------------------------------------
________________ योगनिष्ठ श्रीमद् बुद्धि-किर्ति-कैलास-कल्याण पद्मसागर सूरीश्वरेभ्यो नमः SEAN Weath -: शुभ आशीर्वाद :प.पू. राष्ट्रसंत श्रुत समुद्धारक आचार्य देव श्री पद्मसागर सूरीश्वरजी म.सा. एवं प.पू. प्रशान्तमूर्ति, पद्मगौरव आचार्य भगवंत श्री वर्धमान सागर सूरीश्वरजी म.सा. --: शुभ प्रेरणा एव मार्गदर्शन : प.पू. पंन्यास प्रवर श्री विनय सागरजी म.सा. एवं प.पू. गणिवर्य श्री विवेक सागरजी म.सा.
Page #9
--------------------------------------------------------------------------
________________ Reso UOnliलकोगुलयाशालीगी श्री तखतगढ़ जैन संघ तखतगढ़ जिला-पाली (राजस्थान) 306912 Meani PADMAHARSANSAR LICHT TO CHRTENEMONT 1. जयाबेन बावचन्दभाई दोशी (मलाड़-मुम्बई) 2. मन्जुलाबेन हसमुखराय शाह. (बोरीवली-मुम्बई) 3. अमृतलाल लल्लूभाई वोरा (डोम्बीवली-मुम्बई) 4. निरन्जनाबेन महेन्द्रकुमार खाखरीया (बोरीवली-मुम्बई) 5. हंसाबेन चन्द्रकान्तभाई शाह. (बोरीवली-मुम्बई) Valuranshri25/2hrPASSMEn
Page #10
--------------------------------------------------------------------------
________________ CEOS +प्रस्तावना + दि. : 13-11-2004 शनिवार (तखतगढ) प्राणधारियों में मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी हैं! ऊसमें अनन्त शक्तियाँ विद्यमान हैं!अभिव्यक्ति उसकी स्वयंभू शक्ति हैं! जब बाह्य विश्वको वह सूनता-समझता और शिखता हैं तब दूसरों तक पहुंचानेकी उसमें तीव्र उत्कण्ठा उत्पन्न होती हैं! यही उत्कण्ठा वस्तुतः उसकी अभिव्यक्तिका मूल हेतु बनती हैं!अभिव्यक्तिका आदिम रूप मौखिक रहा हैं और जब लिपि विज्ञान व्यवहार में आया तब उसे लिपि बद्ध किया जाने लगा! अभिव्यक्तिकी इस प्रक्रियामें 'कहना' और 'सूनना' नामक दो प्रधान क्रियाएँ मुख्य भूमिका का निर्वाह करती हैं! मुनि श्री राजपद्मसागरजी म. एवं मुनि श्री कल्याणपद्मसागरजी म.ने श्री पद्म-वर्धमान संस्कृत धातु-शब्द रूपावली नामक पुस्तक का संकलन किया हैं!विद्या अर्जनके साथ संस्कृत शिखनेवाले विद्यार्थीओंके लिए उपयोगी एवं प्रशंसनीय कार्य किया हैं! अन्न दानं महादानं,विद्यादानं अतः परम्! अन्नेन क्षणिका तृप्तिः,विद्या यावच्च जीवनम्!! अर्थः अन्न दान सबसे बड़ा दान हैं!उससे भी बढकर विद्यादान हैं! अन्नसे क्षणिक तृप्ति मिलती हैं!विद्या जीवन पर्यंत तृप्ति देती रहती हैं! AAMRINAMARPORAur - PART पं. विनयसागर नूतन वर्ष दिन
Page #11
--------------------------------------------------------------------------
________________ -GOATI अनुक्रमणीका क्र.सं. विवरण पेज संख्या 1. धातुओं का क्रम 1-6 2. धातुओं के रूप 7-112 शब्दों के रूप 113-146 प्रसंगोपात विभक्तियाँ 147-149 अर्थ सहित कृदन्त 150-176 कृदन्त के वाक्य 177-185 7. विभक्ति के वाक्य 186-188
Page #12
--------------------------------------------------------------------------
________________ M धातुओं का क्रम
Page #13
--------------------------------------------------------------------------
________________ धातुओं का क्रम - गण ग ण क्रम. धातु | अर्थ / / पद | पाठ नं. पहेलो 刑听听阿阿阿丽玛丽珊丽丽丽阿 नमवं, नमस्कार करवो पहेलो पठन करवू, भणq पहेलो पडवू, पडी जर्बु पहेलो रक्षण करवू, राख, संभाळवू पहेलो बोलवू पहेलो वस, रहे पहेलो भणवू, कहे पहेलो खावू पहेलो बळवु, बाळवु अटन कर, रखडवू पहेलो अर्चा करवी, पूजा करवी पहेलो चालवू पहेलो चर, फरवं, आचरकुं पहेलो जीववं, आजीवीका चलाववी / पहेलो तजवं, त्याग करवू, छोडी देवू पहेलो खर, पडवू, झर, टपक, पहेलो क्रिडा करवी, रम पहेलो जप, जाप करवो पहेलो जमवं, खाएं पहेलो निंदा करवी पहेलो वरस, पहेलो शोक करवो पहेलो जय पामवो पहेलो तर पहेलो धावू, दोडवू पहेलो थ, होवू पहेलो सरकवू, खस, जq पहेलो स्मरण करवू, याद कर, संभारवू | पहेलो क्षय पामवो, क्षीण थq पहेलो कोप करवो, कोप चोथो क्रोध करवं, गुस्से थy चोथो खुश थर्बु, संतोष पाम चोथो नाश पाम, नष्ट थर्बु चोथो परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी त्रीजो परस्मैपदी चोथो परस्मैपदी चोथो परस्मैपदी चोथो परस्मैपदी चोथो परस्मैपदी पांचमो परस्मैपदी पांचमो परस्मैपदी पांचमो परस्मैपदी सातमो परस्मैपदी सातमो परस्मैपदी परस्मैपदी सातमो परस्मैपदी | सातमो परस्मैपदी सातमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी आठमो परस्मैपदी परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो सातमो नवमो
Page #14
--------------------------------------------------------------------------
________________ पाठ नं. चोथो NANGal चोथो चोथो चोथो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी नवमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी दसमो परस्मैपदी अगीयारमो परस्मैपदी अगीयारमो। परस्मैपदी अगीयारमो परस्मैपदी अगीयारमो परस्मैपदी अगीयारमो परस्मैपदी अगीयारमो परस्मैपदी | 12 छटो नृत्य करवू, नाचवू पोष, पोषण कर | मोह पामवो, मुझावं लोटवू, आळोटq लोभ करवो, ललचा क्षोभ पामवो, गभरावू खळबळवू मळवू, भेटवू लखवू सर्जन करवं, सरजवं, रच स्पर्श करवं, अडकवू फुटवू, खिल स्फर, फरक, कंपवू चिंतवq, विचार, चिंता करवी दंड करवो, दंड पीडवू, दुख देवू पूजवू, पूजा करवी वर्ण वर्णन करवू, रंगवू, वर्णव सान्त्वन करवू, खुशकरवू, शान्त पाडवू चोर, चोरी कर | घोषणा करवी, गोखवू, अवाज करवो, जाहेर करवू तोलवं, जोखवू भूषा करवी, शोभा करवी, शणगारदुं ताडन करवं, मारवू पूरूं करवू, पार पाम पालन करवं, पाळ, रक्षण करवु भक्षण करवं, खावु कहेवं, कथा करवी | गणवं, गणत्री करवी रचवू, रचना करवी स्पृहा करवी, झंकवं, चाह, | तृष्णा राखवी गमन कर, जवू देखq, जोवू 66. | स्था (तिष्ठ) | स्थिर रहे, उभा रहेवू E TUTTTTTIIIIII1111: :: दसमो दसमो दसमो दसमो दसमो सान्त्व् | दसमो दसमो दसमो दसमो | 12 दसमो दसमो दसमो दसमो दसमो दसमो दसमो दसमो परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी दसमो ल . परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी पहेलो | परस्मैपदी प .
Page #15
--------------------------------------------------------------------------
________________ कम धातु अर्थ गण पद पाठ नं.| चोथो | अस् रम दा (यच्छ) | दान कर, आप पहेलो परस्मैपदी पा (पिब) | पीयूँ पहेलो परस्मैपदी मद् (माद) | मत थर्बु, मस्त थर्बु, भुलवू, चुकवू चोथो परस्मैपदी श्रम् (श्राम) |श्रम पामवो, खेद पामवो, थाकी जवं चोथो परस्मैपदी शम् (शाम) शांत थर्बु परस्मैपदी इष् (इच्छ) इच्छ छठा परस्मैपदी | प्रच्छ (पृच्छ) | पूछq, प्रश्न करवो छठा परस्मैपदी होवू बीजो परस्मैपदी वंदन करवू पहेलो आत्मनेपदी वधq पहेलो आत्मनेपदी 15 77. पच् पकाववू, रांधवू पहेलो उभयपदी हरण करवं, लइ लेवू पहेलो उभयपदी उडवू पहेलो | आत्मनेपदी बोलवू पहेलो | आत्मनेपदी पहेलो आत्मनेपदी | मेळव, पाम, प्राप्त करवू | पहेलो आत्मनेपदी वर्तवं, होवू पहेलो आत्मनेपदी शोभवं, दीप पहेलो आत्मनेपदी सेवq, सेवा करवी पहेलो आत्मनेपदी 86. | स्वाद् | स्वाद लेवो, खावं, चाखवू पहेलो आत्मनेपदी लइ जवू, दोर, पहेलो उभयपदी | याचवू, माग पहेलो उभयपदी |89. | राज् | दीपवं, शोभq पहेलो उभयपदी 90. | वह वहन करवू, वहेवू पहेलो उभयपदी 91. | मुच् (मुञ्च) | मूकवू, छोडवें। छठा उभयपदी (सिञ्च) | सीचंq, छांटवू, सींचन करवू / छठा उभयपदी | 93. | जन् (जा) |जन्म, जन्म थवो, उत्पन्न थq | चोथो आत्मनेपदी युध् युद्ध कर, चोथो आत्मनेपदी अर्थ | प्रार्थना करवी दसमो आत्मनेपदी | अनुभव करवो, जाणवू पहेलो परस्मैपदी 97. | अनु+रूध् |इच्छवं, मानवं, ताबे थq चोथो आत्मनेपदी | 29 | आ+गम्(गच्छ) आवq पहेलो परस्मैपदी 99. | ईक्ष पहेलो आत्मनेपदी 100./ निर+ईक्ष | निरीक्षण करवू, बारीकीथी जोवू | पहेलो आत्मनेपदी 101. परा+जि पराजय पामवो, हारी जवू पहेलो आत्मनेपदी Phes to FEEEEEEEEEEEEE जोवू 31
Page #16
--------------------------------------------------------------------------
________________ 103. 106. पहेलो 116. 102. परि+ह - परिहार करवो,-त्याग करवो . | पहेलो | उभयपदी प्र+भू उत्पन्न थg, समर्थ थq पहेलो | परस्मैपदी 104.| प्र+जन् (जा) | उत्पन्न थर्बु, थ, जन्मकुं चोथो | आत्मनेपदी 105. प्र+दा (यच्छ) आपq पहेलो | परस्मैपदी प्र+स्था (तिष्ठ प्रयाण करवू, जवू पहेलो आत्मनेपदी 107. वि+रम् | विरमवू, अटकवू पहेलो | परस्मैपदी 108.| वि+ह - | विहार करवो, जवू | उभयपदी वि+जि | विजय पामवो, जित, पहेलो | आत्मनेपदी सिध् | सिद्ध थर्बु चोथो | परस्मैपदी 111. प्र+काश् | प्रकाशकुं पहेलो आत्मनेपदी 112. दिश् / दान देवू, बताव छठ्ठो उभयपदी 113./ उप+दिश् | उपदेश आपवो छठो उभयपदी 114.| आ+दिश् आदेश करवो, हुकम करवो छल्लो उभयपदी 115. अभि+भू अभिभव करवो,हराव,तिरस्कार करवो | पहेलो परस्मैपदी ऋध् वधq चोथो परस्मैपदी 117.| सम्+ऋध | समृद्ध थर्बु, आबाद थq, वधq चोथो परस्मैपदी 118. नि+पत् पडवू, नीचे पडवू पहेलो | परस्मैपदी रूह | चड पहेलो परस्मैपदी आ+रूह चडवू पहेलो | परस्मैपदी / 121.| आ+नी लाव पहेलो उभयपदी 122.| उद्+डी | उडवू पहेलो आत्मनेपदी 123. मुद् हर्ष पामवो, खुश थर्बु पहेलो | आत्मनेपदी 124.| वि+रच | रचना करवी, बनाव, | परस्मैपदी | 32 125.| अभि+क्रुध् क्रोध करवो चोथो | परस्मैपदी 126. कम्प | कंपवं, ध्रुजवु पहेलो आत्मनेपदी नि+वस् | वसवू, रहे पहेलो | परस्मैपदी 128. परि+त्यज् छोडवू, त्यज पहेलो | परस्मैपदी 129. वप् पहेलो | उभयपदी वि+श्रम् विसामों लेवो चोथो परस्मैपदी गर्जना करवी, गाजवू पहेला परस्मैपदी गर्जना करवी, गाजवू दसमो | परस्मैपदी 133. द्युत् दीपq | आत्मनेपदी वि+द्युत् चमकवू, झबकवू पहेलो आत्मनेपदी 135. द्रुह् द्रोह करवो चोथो परस्मैपदी द्रोह करवो चोथो परस्मैपदी 119. 120. वाव गर्जु 132./ गर्न पहेलो अभि+द्रुह्
Page #17
--------------------------------------------------------------------------
________________ फम धातु गणा पाठ न पहेलो 137.| रूच् | रूचवु, गमवं, दीप आत्मनेपदी 138. श्रि | आश्नय लेवो, सेवा करवी पहेलो उभयपदी / | आ+श्रि आशरे जवू, शरणे जर्बु पहेलो उभयपदी परि+ईक्ष | परीक्षा लेवी पहेलो आत्मनेपदी यत् यत्न करवो पहेलो आत्मनेपदी प्र+यत् प्रयत्न करवो, मेहनत करवो पहेलो आत्मनेपदी 143. क्षण धोवू दसमो परस्मैपदी 144. शुष सूकावू चोथो परस्मैपदी 145. तृप् खुश थर्बु, तृप्त थर्बु चोथो परस्मैपदी 146.| ध्यै (ध्याय) ध्यान कर पहेलो परस्मैपदी प्र+सृ प्रसर, फेलाव पहेलो परस्मैपदी | अप+ईक्ष | अपेक्षा राखवी, इच्छा राखवी पहेलो आत्मनेपदी उप+विश् बेस छठा परस्मैपदी उद+गम् उगवं, उंचे जq पहेलो परस्मैपदी 151. कस् |खिलवू पहेलो परस्मैपदी 152. वि+कस विकस, खिलवू पहेलो परस्मैपदी गै (गाय) गावं पहेलो परस्मैपदी | भींजवू, झर पहेलो परस्मैपदी 155. रट् रडवू, रटवू पहेलो परस्मैपदी 156.| वि+सम्+वद | विपरीत,निष्फल थ, विपरीत बोलवू पहेलो | परस्मैपदी 157. आ+चर् | आचर, करवू पहेलो परस्मैपदी उद्+ह उद्धार करवो,काढवू लेवू,उद्धारवू पहेलो उभयपदी तपq पहेलो परस्मैपदी आत्मनेपदी 161.| मूल | रोपवू, वावq दसमो परस्मैपदी उद्+मूल उखेडवू दसमो परस्मैपदी | वर्ज, छोडवू दसमो परस्मैपदी 164.| परि+वर्ज | वर्जदूं दसमो परस्मैपदी | शीखवू पहेलो आत्मनेपदी सम+ईक्ष सारी रीते जो पहेलो आत्मनेपदी | 41 | आप दसमो परस्मैपदी | 42 | भरवू, पोष पहेलो उभयपदी 169.| मृग | शोध दसमो आत्मनेपदी 170.| क्षम् (क्षाम) क्षमा करवी, माफ करवी चोथो | परस्मैपदी 171.| वाञ्छ | वांछवू, इच्छ पहेलो परस्मैपदी -5 मान चोथो 163. वर्ज 233
Page #18
--------------------------------------------------------------------------
________________ प्रामाधात MU पाठन a दीप चोथो श्लाघ् | 45 फरवू पहेलो | 172. हे(ह्वय) बोलाव 173.| आ+हे (हृय) | बोलाव 174. रूष् रोष करवो, गुस्सो करवो 175. लुप् लोपाइ जq, मुंझाइ जq 176. विद विद्यमान होवं, होवू दीपवृं, सळगq | प्र+वृत् | प्रवर्तवू | वखाणवू 180. उद+वि+ईक्ष परि+वृत् 182.| फल् फळवू | युज योग्य हो, | लड्घ | लांघवं, लंघर्बु, ओळंगवं 185.| वि+सृज् | विसर्जन करवु, आपवु 186. अनु+सृ | अनुसर | उद्+सृज् त्याग करवो 188. मान् | मानवं, पुजवू | लोक जोवू लोक् 191. सद् (सीद) |सीदातुं दुःखी थर्बु 192. | प्र+सद् (सीद) खुश थवं प्रसन्न थर्बु हस् हस, 194. उद्+स्था उभा थq 2 2 2 2 2 के के के के के # # a पहेलो पहेलो उभयपदी पहेलो उभयपदी चोथो परस्मैपदी 144 चोथो परस्मैपदी आत्मनेपदी | 44 आत्मनेपदी | 45 आत्मनेपदी | 45 | आत्मनेपदी पहेलो आत्मनेपदी आत्मनेपदी परस्मैपदी चोथो आत्मनेपदी | 48 पहेलो | आत्मनेपदी छठो परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी 51 दसमो परस्मैपदी पहेलो आत्मनेपदी दसमो परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी परस्मैपदी पहेलो परस्मैपदी पहेलो | परस्मैपदी पहेलो छठो जो, पहेलो 193.
Page #19
--------------------------------------------------------------------------
________________ धातुओं
Page #20
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 1 व. नमामि नमसि नमति नमावः नमथः नमतः नमामः नमथ नमन्ति नम्यसे नम्यते नम्यावहे नम्येथे नम्येते नम्यामहे नम्यध्वे नम्यन्ते ह्य. अनमम् अनमः अनमत् अनमाव अनमतम् अनमताम् अनमाम अनमत अनमन | अनम्ये अनम्यावहि अनम्यामहि ! अनम्यथाः अनम्येथाम् अनम्यध्वम् अनम्यत अनम्येताम् अनम्यन्त वि. नमेयम _ नमः नमेत् नमेव नमेतम् नमेताम नमेम नमेत नमेयुः नम्येय नम्येवहि नम्येमहि नम्येथाः नम्येयाथाम् नम्यध्वम् नम्येत नम्येयाताम् नम्येरन् आ. नमानि नम नमतु नमाव नमतम नमताम् नमाम नमत नमन्तु नम्यै i नम्यस्व नम्यताम् नम्यावहै नम्यामहै नम्येथाम नम्यध्वम नम्येताम् नम्यन्ताम् धातु. 2 व. पठामि पठसि पठति 111 III III. in III II III In III III III II III IIT TII पठावः पठथः पठतः पठामः पठथ पठन्ति पठ्ये पठ्यावहे पठ्यामहे पन्यसे पठ्येथे पठ्यध्वे पठ्यते पठ्येते पठ्यन्ते ह्य. अपठम् अपठः अपठत् अपठाव अपठतम् अपठताम् अपठाम अपठत अपठन् अपठ्ये अपठ्यावहि अपठ्यामहि अपठ्यथाः अपठ्येथाम् अपठ्यध्वम् अपठ्यत अपठ्येताम् अपठ्यन्त पठेम वि. पठेयम् पठे: पठेत् पठेव पठेतम् पठेताम् पठेत पठेयुः पठ्येय पठ्येवहि पश्येमहि पठ्येथाः पठ्येयाथाम् पठ्यध्वम् .. पठ्येत पठ्येयाताम् पठ्येरन् आ. पठानि पठ पठाव पठतम् पठताम् पठाम पठत पठन्तु पठ्यै पठ्यावहै पठ्यामहै पठ्यस्व पठ्येथाम् पठ्यध्वम् पठ्यताम् पठ्येताम् पठ्यन्ताम् पठतु
Page #21
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 3 व. पतामि पतसि पतति पताव: पतथः पततः पतामः पतथ पतन्ति / पत्ये पत्यसे पत्यते पत्यावहे पत्यामहे पत्येथे / पत्यध्वे पत्येते पत्यन्ते ह्य. अपतम् अपतः अपतत् अपताव अपततम् अपतताम् अपताम अपतत अपतन् अपत्ये अपत्यावहि अपत्यामहि अपत्यथाः अपत्येथाम् अपत्यध्वम् अपत्यत अपत्येताम् अपत्यन्त वि. पतेयम पतेः पतेत् पतेव पतेतम् पतेताम् पतेम पतेत पतेयुः पत्येय पत्येवहि पत्येमहि पत्येथाः पत्येयाथाम् पत्येध्वम् पत्येत पत्येयाताम् पत्येरन् पताव पताम आ. पतानि पत . पततु पततम पतताम् ___EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE पत्यै पत्यावहै पत्यामहै पत्यस्व पत्येथाम् पत्यध्वम् पत्यताम् पत्येताम् पत्यन्ताम् पतत पतन्तु -. -.. -.. -.. -.. -... 14-.. -.. -.. -.. -. - धातु. 4 19 IIT ill w In III II III III III III in III II TIL व. रक्षामि रक्षसि रक्षति रक्षावः रक्षथः रक्षतः रक्षामः रक्षथ रक्षन्ति रक्ष्ये रक्ष्यसे रक्ष्यते रक्ष्यावहे रक्ष्येथे रक्ष्येते रक्ष्यामहे रक्ष्यध्वे रक्ष्यन्ते घ. अरक्षम् अरक्षः अरक्षत् अरक्षाव अरक्षतम् अरक्षताम् अरक्षाम अरक्षत अरक्षन् अरक्ष्ये अरक्ष्यावहि अरक्ष्यामहि अरक्ष्यथाः अरक्ष्येथाम् अरक्ष्यध्वम् अरक्ष्यत अरक्ष्येताम् अरक्ष्यन्त वि. रक्षेयम् रक्षेव रक्षेतम् रक्षेताम् रक्षेम रक्षेत रक्ष्येय रक्ष्येवहि रक्ष्येमहि रक्ष्येथाः रक्ष्येयाथाम् रक्ष्येध्वम् रक्ष्येत रक्ष्येयाताम् रक्ष्येरन् रक्षेत् रक्षेयुः आ. रक्षाणि रक्षाव रक्षतम् रक्षताम् रक्षाम रक्षत रक्षन्तु रक्ष्यै रक्ष्यावहै रक्ष्यामहै रक्ष्यस्व रक्ष्येथाम् रक्ष्यध्वम् रक्ष्यताम् रक्ष्येताम् / रक्ष्यन्ताम् रक्षतु !
Page #22
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि ___कर्तरि धातु. 5 व. वदामि वदावः वदसि वदथः वदति वदतः वदामः वदथ वदन्ति उद्ये उद्यसे उद्यते उद्यावहे उद्येथे उद्येते उद्यामहे उद्यध्वे उद्यन्ते ह्य. अवदम् अवदः अवदत् अवदाव अवदतम् अवदताम् अवदाम अवदत अवदन् औद्ये औद्यथाः औद्यत औद्यावहि औद्येथाम् औद्येताम् औद्यामहि औद्यध्वम् औद्यन्त वि. वदेयम् वदेः वदेत् वदेव वदेतम् वदेम वदेत वदेयुः उद्येय उद्येथाः उद्येत उद्येवहि उद्येमहि उद्येयाथाम् उद्यध्वम् उद्येयाताम् उद्येरन् वदेताम् आ. वदानि वद वदाव वदतम् वदताम् वदाम उद्यै वदत उद्यस्व वदन्तु / उद्यताम् उद्यावहै उद्येथाम् उद्येताम् उद्यामहै उद्यध्वम् उद्यन्ताम् वदतु धातु. 6 व. वसामि वससि वसति EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE वसावः वसथः वसतः वसामः वसथ वसन्ति उष्ये उष्यसे उष्यते उष्यावहे उष्यामहे उष्येथे उष्यध्वे उष्येते उष्यन्ते ह्य. अवसम् अवसः अवसत् अवसाव अवसतम् अवसताम् अवसाम अवसत अवसन् औष्ये / औष्यथाः औष्यत औष्यावहि औष्यामहि औष्येथाम औष्यध्वम औष्येताम् औष्यन्त वि. वसेयम वसेः वसेव वसेतम् वसेताम् वसेम वसेत वसेयुः उष्येय उष्येथाः उष्येत उष्येवहि उष्येमहि उष्येयाथाम् उष्येध्वम् . उष्येयाताम् उष्येरन् वसेत् वसाम आ. वसानि वस वसतु वसाव वसतम् वसताम् वसत उष्यै उष्यस्व उष्यताम् उष्यावहै उष्यामहै उष्येथाम् उष्यध्वम् उष्येताम् उष्यन्ताम् वसन्तु
Page #23
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 7 व. भणामि भणसि भणति भणावः भणथः भणतः भणामः भणथ भणन्ति भण्ये भण्यसे भण्यते भण्यावहे भण्यामहे भण्येथे भण्यध्वे भण्येते भण्यन्ते ह्य. अभणम् अभणः अभणत् अभणाव अभणतम् अभणताम् अभणाम अभणत अभणन् अभण्ये अभण्यावहि अभण्यामहि अभण्यथाः अभण्येथाम् अभण्यध्वम् अभण्यत अभण्येताम् अभण्यन्त वि. भणेयम् भणे: भणेत् भणेव भणेतम् भणेताम् भणेम भणेत भणेयुः भण्येय भण्येथाः भण्येत भण्येवहि भण्येमहि भण्येयाथाम् भण्येध्वम् भण्येयाताम् भण्येरन् आ. भणानि भण भणतु भणाव भणतम् भणताम् भणाम भणत भणन्तु भण्यै भण्यस्व भण्यताम् भण्यावहै भण्यामहै / भण्येथाम् भण्यध्वम् भण्येताम् भण्यन्ताम् ... -.. -.. -.. -.. - . -.. -. -.. - . - .. -.. -.. -.. -.. -.. -. -.. - -. -. -.- -.. -.. 111 Ill ill it In In III III ITT IN HII III ITI ill धातु. 8 व. खादामि खादसि खादति खादावः खादामः ! खाद्य खादथ खादन्ति खाद्यते खादथः खादतः खाद्यसे खाद्यावहे खाद्यामहे खाद्येथे खाद्यध्वे खाद्यते खाद्यन्ते ह्य. अखादम् अखादः अखादत् अखादाव अखादाम अखादतम् अखादत अखादताम् अखादन् अखाद्ये अखाद्यावहि अखाद्यामहि अखाद्यथाः अखाद्येथाम् अखाद्यध्वम् अखाद्यत अखाद्येताम् अखाद्यन्त वि. खादेयम् खादेः खादेत् खादेः खादेव . खादेतम् खादेताम् खादेम खादेत खादेयुः खाद्येय खाद्येवहि खाद्येमहि खाद्येथाः खाद्येयाथाम् खाद्यध्वम् खाद्येत खाद्येयाताम् खाद्येरन खाद्यै आ. खादानि खाद खादतु खादाव खादतम् खादताम् खादाम खादत खाद्यस्व खादन्तु ! खाद्यताम् खाद्यावहै खाद्यामहै खाद्येथाम खाद्यध्वम खाद्येताम् खाद्यन्ताम् [100
Page #24
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 6 व. दहामि दहसि दहावः दहथः दहतः दहामः दहथ दहन्ति दह्ये दह्यसे दह्यते दह्यावहे दह्येथे दह्येते दह्यामहे दह्यध्वे दह्यन्ते दहति ह्य. अदहम् अदहः अदहत् अदहाव अदहतम् अदहताम् अदहाम अदहत अदहन् अदह्ये अदह्यावहि अदह्यामहि अदह्यथाः अदह्येथाम् अदह्यध्वम् अदह्यत अदह्येताम् अदह्यन्त वि. दहेयम् दहे. ' दहेव दहेतम् दहेताम् दहेम दहेत दहेयुः दह्येय दह्येथाः दह्येत दह्येवहि दह्येमहि दह्येयाथाम दोध्वम दोयाताम् दोरन् दहेत् आ. दहानि दह दहतु दहाव दहतम् दहताम् दहाम दहत दहन्तु दह्यस्व दह्यताम् दह्यावहै दह्यामहै दह्येथाम् दह्यध्वम् दह्येताम् दह्यन्ताम् -..-..-..-..-.. धातु. 10 व. अटामि अटसि अटति 11 III II ve In III III III अटावः अटथः अटतः अटामः अटथ अटन्ति अट्ये अट्यसे अट्यते अट्यावहे अट्यामहे अट्येथे अट्यध्वे अट्येते अट्यन्ते आटाम ह्य. आटम् आट: आटत् आटाव आटतम् आटताम् आटत आट्ये आट्यावहि आट्यामहि आट्यथाः आट्येथाम् आट्यध्वम् आट्यत आट्येताम् आट्यन्त आटन् वि. अटेयम् - अटे: अटेत् अटेव अटेतम् अटेताम् अटेम अटेत अटेयुः अट्येय अट्येवहि अट्येमहि अट्येथाः अट्येयाथाम् अट्यध्वम् अट्येत अट्येयाताम् अट्येरन् आ. अटानि अट . अटाव अटतम् अटताम् अटाम अटत अटन्तु अट्यै अट्यावहै अट्यामहै अट्यस्व अट्येथाम् अट्यध्वम् अट्यताम् अट्येताम् अट्यन्ताम् अटतु
Page #25
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 11 व. अर्चामि -अर्चसि अर्चति अर्चाव: अर्चथः अर्चतः अर्चामः अर्चथ अर्चन्ति अर्घ्य अय॑से अर्च्यते अर्ध्यावहे . अर्ध्यामहे अयेथे अर्यध्वे अर्येते अर्च्यन्ते आर्चाम ह्य. आर्चम् / आर्चः आर्चत् आर्चाव आर्चतम् आर्चताम् आर्ये आर्ध्यावहि आया॑महि आर्यथाः आयेथाम् आर्यध्वम् आर्च्यत आर्येताम् आर्च्यन्त आर्चन् अर्चेव वि. अर्चेयम् - अर्चेः अर्चेत् अर्चेतम् अर्चम अर्चेत अर्चेयुः अर्येय अर्येवहि अर्येमहि अयेथाः अर्येयाथाम् अर्घ्यध्वम् अर्येत अर्येयाताम् अर्येरन् अर्चेताम् आ. अर्चानि अचे अर्चतु अर्चाव अर्चतम् अर्चताम् अर्चाम अर्चत अर्चन्तु अन्य अर्ध्यावहै अर्ध्यामहै अय॑स्व अर्येथाम् अर्घ्यध्वम् अर्च्यताम् अर्येताम् अय॑न्ताम् धातु. 12 व. चलामि चलसि HEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE चलावः चलथः चलतः चलामः चलथ चलन्ति चल्ये चल्यसे चल्यते चल्यावहे चल्यामहे चल्येथे चल्यध्वे चल्येते चल्यन्ते चलति ह्य. अचलम् अचलः अचलत् अचलाव अचलाम अचलतम् अचलत अचलताम् अचलन् अचल्ये अचल्यावहि अचल्यामहि अचल्यथाः अचल्येथाम् अचल्यध्वम् अचल्यत अचल्येताम् अचल्यन्त चलेव वि. चलेयम् चलेः चलेत् चलेतम चलेताम् चलेम चलेत चलेयुः चल्येय चल्येथाः चल्येत चल्येवहि चल्येमहि चल्येयाथाम् चल्येध्वम् चल्येयाताम् चल्येरन् आ. चलानि ... चल चलतु चलाव चलतम् चलताम् चलाम चल्यै चल्यावहै चल्यामहै चलत चल्यस्व चल्येथाम् चल्यध्वम् चलन्तु ! चल्यताम् चल्येताम् चल्यन्ताम् 1121
Page #26
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 13 व. चरामि चरसि चरति चरावः चरथः चरतः चरामः चरथ चरन्ति चर्ये चर्यसे चर्यावहे चर्येथे चर्येते चर्यामहे चर्यध्वे चर्यन्ते चर्यते ह्य. अचरम् अचरः अचरत् अचराव अचरतम् अचरताम् अचराम अचरत अचरन् अचर्ये अचर्यथाः अचर्यत अचर्यावहि अचर्यामहि अचर्येथाम् अचर्यध्वम् अचर्येताम् अचर्यन्त . वि. चरेयम् चरेम चरेः चरेव चरेतम् चरेताम् चरेत चर्येय चर्येथाः चर्येत चर्येवहि चर्येमहि चर्येयाथाम् चर्येध्वम् चर्येयाताम् चर्येरन् चरेत् चरेयुः आ. चराणि चर चरतु चराव चरतम् चरताम् चराम चरत चरन्तु चर्यै चर्यस्व चर्यताम् चर्यावहै चर्येथाम् चर्येताम् चर्यामहै चर्यध्वम् चर्यन्ताम् धातु. 14 व. जीवामि जीवसि जीवति जीवावः जीवथः जीवतः जीवामः जीवथ जीवन्ति ! जीव्ये जीव्यसे जीव्यते जीव्यावहे जीव्यामहे जीव्येथे जीव्यध्वे जीव्येते जीव्यन्ते ह्य. अजीवम् अजीवः अजीवत् अजीवाव अजीवाम ! अजीवतम् अजीवत / अजीवताम् अजीवन् / अजीव्यये अजीव्यावहि अजीव्यामहि अजीव्यथाः अजीव्येथाम् अजीव्यध्वम् अजीव्यत अजीव्येताम् अजीव्यन्त वि. जीवेयम् जीवेः जीवेत् जीवेव जीवेतम् जीवेताम् जीवेम जीवेत जीवेयुः जीव्येय जीव्येवहि जीव्येमहि जीव्येथाः जीव्येयाथाम् जीव्येध्वम् जीव्येत जीव्येयाताम् जीव्येरन् / आ. जीवानि जीव जीवतु जीवाव जीवाम जीवतम् जीवत जीवताम् जीवन्तु / जीव्यै जीव्यावहै जीव्यामहै जीव्यस्व जीव्येथाम् जीव्यध्वम् जीव्यताम् जीव्येताम् जीव्यन्ताम् | 130
Page #27
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 15 व. त्यजामि त्यजावः त्यजथः त्यजतः त्यजामः त्यज्ये त्यज्यावहे त्यज्यामहे त्यजथ त्यज्यसे त्यज्येथे त्यज्यध्वे त्यजन्ति / त्यज्यते त्यज्येते त्यज्यन्ते त्यजति ह्य. अत्यजम् अत्यजः अत्यजत् अत्यजाव अत्यजाम अत्यजतम् अत्यजत अत्यजताम् अत्यजन् अत्यज्ये अत्यज्यावहि अत्यज्यामहि अत्यज्यथाः अत्यज्येथाम अत्यज्यध्वम अत्यज्यत अत्यज्येताम् अत्यज्यन्त वि. त्यजेयम् 'त्यजेव त्यजेम त्यजेः त्यजेतम् त्यजेत त्यजेत् त्यजेताम् त्यजेयुः त्यज्येय त्यज्येवहि त्यज्येमहि त्यज्येथाः त्यज्येयाथाम् त्यज्येध्वम् त्यज्येत त्यज्येयाताम् त्यज्येरन् त्यजाव आ. त्यजानि त्यज त्यजाम त्यजतम् त्यजत त्यजताम् त्यजन्तु त्यज्यै त्यज्यावहै त्यज्यामहै त्यज्यस्व त्यज्येथाम् त्यज्यध्वम् त्यज्यताम् त्यज्येताम् त्यज्यन्ताम् क्षरामः धातु. 16 प, क्षरामि क्षरसि क्षरति क्षर्ये क्षरावः क्षरथः क्षरतः क्षरथ क्षर्यसे क्षर्यते क्षर्यावहे क्षर्येथे क्षर्येते क्षर्यामहे क्षर्यध्वे क्षर्यन्ते क्षरन्ति प्रा. अक्षरम् अक्षरः अक्षरत् अक्षराव अक्षरतम् अक्षरताम् अक्षराम अक्षरत अक्षरन् अक्षर्ये अक्षर्यावहि अक्षर्यामहि अक्षर्यथाः अक्षर्येथाम् अक्षर्यध्वम् अक्षर्यत अक्षर्येताम् अक्षर्यन्त क्षरेयम् क्षरेम क्षर्येय क्षरेव क्षरेतम् क्षरेताम् क्षरेत क्षरेयुः क्षर्येथाः क्षर्येत क्षर्येवहि क्षर्येमहि क्षर्येयाथाम् क्षर्यध्वम् क्षर्येयाताम् क्षर्येरन् क्षराव क्षरतम् क्षरताम् क्षराम क्षय क्षरत क्षर्यस्व क्षरन्तु ! क्षर्यताम् क्षर्यावहै क्षर्येथाम् क्षर्येताम् क्षर्यामहै क्षर्यध्वम् क्षर्यन्ताम्
Page #28
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 17 व. क्रीडामि क्रीडसि क्रीडति क्रीडावः क्रीडामः ! क्रीड्ये क्रीड्यावहे क्रीड्यामहे क्रीडथः क्रीडथ क्रीड्यसे क्रीडयेथे क्रीड्यध्वे क्रीडतः क्रीडन्ति ! क्रीड्यते क्रीड्येते क्रीड्यन्ते ह्य. अक्रीडम् अक्रीड: अक्रीडत् अक्रीडाव अक्रीडाम अक्रीड्ये अक्रीड्यावहि अक्रीड्यामहि अक्रीडतम अक्रीडत ! अक्रीड्यथाः अक्रीड्येथाम् अक्रीड्यध्वम् अक्रीडताम् अक्रीडन् अक्रीड्यत अक्रीड्येताम् अक्रीड्यन्त वि. क्रीडेयम् क्रीडेः क्रीडेत् क्रीडेव क्रीडेम क्रीड्येय क्रीड्येवहि क्रीड्येमहि क्रीडेतम क्रीडेत क्रीड्येथाः क्रीड्येयाथाम् क्रीड्यध्वम् क्रीडेताम् क्रीडेयुः क्रीड्येत क्रीड्येयाताम् क्रीडयेरन् आ. क्रीडानि क्रीड क्रीडतु क्रीडाव क्रीडाम ! क्रीड्यै क्रीड्यावहै क्रीड्यामहै क्रीडतम् क्रीडत क्रीड्यस्व क्रीड्येथाम् क्रीड्यध्वम् क्रीडताम् क्रीडन्तु / क्रीड्यताम् क्रीड्येताम् क्रीड्यन्ताम् धातु. 18 व. जपामि जपसि जपति जपावः जपथः जपतः जपामः जपथ जपन्ति जप्यसे जप्यावहे जप्येथे जप्येते जप्यामहे जप्यध्वे जप्यन्ते ह्य. अजपम् अजपः अजपत् अजपाव अजपाम अजपतम् अजपत अजपताम् अजपन् अजप्ये अजप्यावहि अजप्यामहि अजप्यथाः अजप्येथाम् अजप्यध्वम् अजप्यत अजप्येताम् अजप्यन्त वि. जपेयम् जपेः जपेत् जपेव जपेतम् जपेताम् जपेम जपेत जपेयुः जप्येय ! जप्येथाः जप्येत जप्येवहि जप्येमहि जप्येयाथाम जप्येध्वम जप्येयाताम जप्येरन . आ. जपानि जप जपतु जपाव जपतम् जपताम जपाम जपत जप्यावहै ___ जप्यामहै जप्येथाम जप्यध्वम जप्येताम् जप्यन्ताम् जप्यस्व जप्यताम् जपन्तु
Page #29
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 16 व. जेमामि जेमसि जेमति जेमाव: जेमथः जेमतः जेमामः ! जिम्ये जिम्यावहे जिम्यामहे जेमथ जिम्यसे जिम्येथे जिम्यध्वे जेमन्ति / जिम्यते जिम्येते जिम्यन्ते ह्य. अजेमम् अजेमः अजेमत् अजेमाव अजेमाम अजेमतम् अजेमत अजेमताम् अजेमन् | अजिम्ये अजिम्यावहि अजिम्यामहि अजिम्यथाः अजिम्येथाम् अजिम्यध्वम् अजिम्यत अजिम्येताम् अजिम्यन्त वि. जेमेयम् जेम: जेमेव जेमेतम जेमेताम् जेमेम जेमेत जेमेयुः जिम्येय जिम्येवहि जिम्येमहि जिम्येथाः जिम्येयाथाम् जिम्येध्वम् जिम्येत जिम्येयाताम् जिम्येरन् जेमेत् आ. जेमानि जेम जेमाव जेमतम् जेमताम् जेमाम जेमत जेमन्तु जिम्यै जिम्यावहै जिम्यामहै जिम्यस्व जिम्येथाम् जिम्यध्वम् जिम्यताम् जिम्येताम् जिम्यन्ताम् जेमतु III III 11 NII III III 111 III निन्दामः धातु. 20 व. निन्दामि निन्दावः निन्द्ये निन्द्यावहे निन्द्यामहे निन्दसि निन्दथः निन्दथ / निन्द्यसे निन्द्येथे निन्द्यध्वे निन्दति निन्दतः निन्दन्ति ! निन्द्यते निन्द्येते निन्द्यन्ते ह्य. अनिन्दम् अनिन्दः अनिन्दत् अनिन्दाव अनिन्दाम अनिन्द्ये अनिन्द्यावहि अनिन्द्यामहि अनिन्दतम् अनिन्दत / अनिन्द्यथाः अनिन्द्येथाम् अनिन्द्यध्वम् अनिन्दताम् अनिन्दन् / अनिन्द्यत अनिन्द्येताम् अनिन्द्यन्त वि. निन्देयम् निन्देः निन्देत् निन्देव निन्देम निन्द्येय निन्द्येवहि निन्द्येमहि निन्देतम निन्देत ! निन्द्येथाः निन्द्येयाथाम् निन्द्यध्वम् निन्देताम् निन्देयुः / निन्द्येत निन्द्येयाताम् निन्द्येरन् आ. निन्दानि निन्दाव निन्दाम / निन्द्यै निन्द्यावहै निन्द्यामहै निन्द निन्दतम् निन्दत निन्द्यस्व निन्द्येथाम् निन्द्यध्वम् निन्दतु निन्दताम् निन्दन्तु / निन्द्यताम् निन्द्येताम् निन्द्यन्ताम्
Page #30
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 21 व. वर्षामि वर्षसि वर्षति वर्षावः वर्षथः वर्षतः वर्षामः वर्षथ वर्षन्ति वृष्ये वृष्यसे वृष्यते वृष्यावहे वृष्येथे वृष्येते वृष्यामहे वृष्यध्वे वृष्यन्ते ह्य. अवर्षम् अवर्षः अवर्षत् अवर्षाव अवर्षतम् अवर्षताम् अवर्षाम अवर्षत अवर्षन् अवृष्ये अवृष्यावहि अवृष्यामहि अवृष्यथाः अवृष्येथाम् अवृष्यध्वम् अवृष्यत अवृष्येताम् अवृष्यन्त वि. वर्षेयम् वर्षेः वर्षेत् वर्षेव वर्षेतम् वर्षताम् वर्षेम वर्षेत वर्षेयुः वृष्येय वृष्येवहि वृष्येमहि वृष्येथाः वृष्येयाथाम् वृष्येध्वम् वृष्येत वृष्येयाताम् वृष्येरन् वृष्य वृष्यावहै वृष्यस्व वृष्येथाम् वृष्यताम् वृष्येताम् वृष्यामहै वृष्यध्वम् वृष्यन्ताम् -.. -. - . . - . . - . . - . . - . . . आ. वर्षाणि वर्षाव वर्षाम वर्ष वर्षतम् वर्षत वर्षतु वर्षताम् वर्षन्तु धातु. 22 व. शोचामि शोचावः शोचामः शोचसि शोचथः शोचथ शोचति शोचतः शोचन्ति *** TTT ### ### WE WII WIE DIE ELL TIL ELL ELL ELL TIL ELL ELL Luz III LL LLL LLL WII II LIL LLL WII LLL LLL LLL WIE BIL TIL शुच्ये शुच्यसे शुच्यते शुच्यावहे शुच्येथे शुच्येते शुच्यामहे शुच्यध्वे शुच्यन्ते ह्य. अशोचम् अशोचाव अशोचाम अशोचः अशोचतम अशोचत अशोचत् अशोचताम् अशोचन् अशुच्ये अशुच्यावहि अशुच्यामहि अशुच्यथाः अशुच्येथाम् अशुच्यध्वम् अशुच्यत अशुच्येताम् अशुच्यन्त वि. शोचेयम् शोचेव शोचेम शोचेः शोचेतम् शोचेत शोचेत् शोचेताम् शोचेयुः शुच्येय शुच्येवहि शुच्येमहि शुच्येथाः शुच्येयाथाम् शुच्येध्वम् शुच्येत शुच्येयाताम् शुच्येरन् आ. शोचानि शोचाव शोचाम शोच शोचतम् शोचत शोचतु शोचताम् शोचन्तु / शुच्यै शुच्यावहै शुच्यामहै शुच्यस्व शुच्येथाम् शुच्यध्वम् शुच्यताम् शुच्येताम् शुच्यन्ताम्
Page #31
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 23 व. जयामि जयसि जयति जयावः जयथः जयतः जयामः जयथ जयन्ति ! जीये जीयसे जीयते जीयावहे जीयेथे जीयेते जीयामहे जीयध्वे जीयन्ते ह्य. अजयम् अजयः अजयत् अजयाव अजयाम अजयतम् अजयत अजयताम् अजयन् अजीये . अजीयावहि अजीयामहि अजीयथाः अजीयेथाम अजीयध्वम् अजीयत अजीयेताम् अजीयन्त वे. जयेयम जयः जयेत् जयेव जयेतम् जयेताम् जयेम जयेत जयेयुः जीयेय जीयेवहि जीयेमहि जीयेथाः जीयेयाथाम जीयेध्वम् जीयेत जीयेयाताम् जीयेरन् आ. जयानि जय - जयतु जयाव जयतम् जयताम् जयाम जयत जयन्तु जीयै जीयावहै जीयामहै जीयस्व जीयेथाम जीयध्वम जीयताम् जीयेताम् जीयन्ताम् - धातु. 24 व. तरामि तरसि तरति FREEEEEEEEEEEEEEEEEEE तरावः तरथः तरतः तरामः तरथ तरन्ति तीर्ये तीर्यावहे / तीर्यसे , तीर्येथे तीर्यते तीर्येते तीर्यामहे तीर्यध्वे तीर्यन्ते 6. अतरम् अतरः अतरत् अतराव अतरतम् अतरताम् अतराम अतरत अतरन् अतीर्ये अतीर्यावहि अतीर्यामहि अतीर्यथाः अतीर्येथाम् अतीर्यध्वम् अतीर्यत अतीर्येताम् अतीर्यन्त वि. तरेयम् तरे: तरेव तरेतम् तरेताम् तरेम तरेत तरेयुः तीर्येय तीर्येवहि तीर्येमहि तीर्येथाः तीर्येयाथाम् तीर्येध्वम् तीर्येत तीर्येयाताम् तीर्येरन् तरेत् 1 . है है है बा. तराणि तर तरतु तराव तरतम् तरताम् तराम तरत तरन्तु तीय तीर्यावहै तीर्यामहै तीर्यस्व तीर्येथाम तीर्यध्वम ! तीर्यताम् तीर्येताम् तीर्यन्ताम [181
Page #32
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 25 व. धावामि धावसि धावति धावावः धावथः धावत: धावामः धावथ धावन्ति धाव्ये धाव्यावहे धाव्यामहे धाव्यसे धाव्येथे धाव्यध्वे | धाव्यते धाव्येते धाव्यन्ते ह्य. अधावम् अधावः अधावत् अधावाव अधावाम अधावतम् अधावत अधावताम् अधावन् अधाव्ये अधाव्यावहि अधाव्यामहि ! अधाव्यथाः अधाव्येथाम अधाव्यध्वम् अधाव्यत अधाव्येताम् अधाव्यन्त वि. धावेयम् धावेः धावेत् धावेव धावेतम् धावेताम् धावेम धावेत धावेयुः धाव्येय धाव्येवहि धाव्येमहि धाव्येथाः धाव्येयाथाम् धाव्यध्वम् धाव्येत धाव्येयाताम् धाव्येरन् आ. धावानि धाव धावतु धावाव धावतम् धावताम् धावाम धावत धावन्तु धाव्य धाव्यावहै धाव्यामहै धाव्यस्व धाव्येथाम् धाव्यध्वम् धाव्यताम् धाव्येताम् धाव्यन्ताम् LIFERENT til ill itt tll In III II 1 FLEEEEEEEEEEEEEEEEE IL THE HEREIL 112 WIE II 1 -.. -.. -.. - . - . -.. -.. -.. - . - . - . - . - . - -. -.- -.. - . - . -.. -.. -.. -.. -.. - . -.. 111 111 111 111 111 11 11 111 -.. -.. -.. - .- . -. धातु. 26 व. भवामि भवसि भवति भवावः भवथः भवतः भवामः भवथ भवन्ति भूये / भूयसे भूयते भूयावहे भूयेथे भूयेते भूयामहे भूयध्वे भूयन्ते ह्य. अभवम् अभवः अभवत् अभवाव अभवाम अभवतम् अभवत अभवताम् / अभवन् अभूये अभूयावहि अभूयामहि अभूयथाः अभूयेथाम् अभूयध्वम् अभूयत अभूयेताम् अभूयन्त वि. भवेयम् भवः ___भवेत् भवेव भवेतम् भवेताम् भवेम भवेत भवेयुः भूयेय भूयेथाः भूयेत भूयेवहि भूयेमहि भूयेयाथाम भूयेध्वम् भूयेयाताम् भूयेरन् आ. भवानि भव भवतु भवाव भवतम् भवताम् भवाम भवत भवन्तु भूयै भूयस्व भूयताम् भूयावहै भूयेथाम् भूयेताम् भूयामहै भूयध्वम् भूयन्ताम्
Page #33
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 27 व. सरामि सरसि सरति सरावः सस्थः सरतः सरामः सरथ सरन्ति सियावहे स्रियामहे प्रियसे लियेथे स्रियध्वे सियते म्रियेते म्रियन्ते 'ह्य. असरम् असरः - असरत् असराव असरतम् असरताम् असराम असरत असरन् अम्रिये अम्रियावहि अम्रियामहि अम्रियथाः अस्रियेथाम अम्रियध्वम अम्रियत अम्रियेताम् अस्रियन्त वि. सरेयम् सरेः सरेत् सरेव सरतम सरेताम् सरेम / सरेत सरेयुः सियेय प्रियेवहि स्रियेमहि सियेथाः सियेयाथाम् प्रियेध्वम् स्रियेत म्रियेयाताम् सियेरन् आ. सराणि सर सरत सराव सरतम् सरताम सराम सरत सरन्त DIE MITT I II II III DET UIT *** DE 11 VIT TIE DE ___EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE In III ill 110 111 HI HII HI Ini III III III 1911 III III III सियै म्रियावहै स्रियामहै स्रियस्व स्रियेथाम स्रियध्वम स्रियताम स्रियेताम म्रियन्ताम धातु. 28 व. स्मरामि स्मरावः स्मरसि स्मरथः स्मरति स्मरतः स्मरामः स्मरथ स्मरन्ति स्मर्ये / स्मर्यसे स्मर्यते स्मर्यावहे स्मर्यामहे स्मर्येथे स्मर्यध्वे स्मर्येते स्मर्यन्ते ह. अस्मरम् अस्मरः अस्मरत् अस्मराव अस्मराम अस्मरतम् अस्मरत अस्मरताम् अस्मरन् अस्मर्ये अस्मर्यावहि अस्मर्यामहि अस्मर्यथाः अस्मर्येथाम् अस्मर्यध्वम् अस्मर्यत अस्मर्येताम् अस्मर्यन्त वि. स्मरेयम ____ स्मरेः - स्मरेत् स्मरेव स्मरेतम् स्मरेताम् स्मरेम स्मरेत स्मरेयुः स्मर्येय स्मर्येवहि स्मर्येमहि स्मर्येथाः स्मर्येयाथाम् स्मर्येध्वम् स्मर्येत स्मर्येयाताम् स्मर्येरन् आ. स्मरानि स्मर स्मराव स्मराम स्मरतम् स्मरत स्मरताम् स्मरन्तु स्मर्यै स्मर्यावहै स्मर्यामहै स्मर्यस्व स्मर्येथाम् स्मर्यध्वम् स्मर्यताम् स्मर्येताम् स्मर्यन्ताम् स्मरतु 1201
Page #34
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 26 व. क्षयामि क्षयसि क्षयति क्षयावः क्षयथः क्षयतः क्षयामः क्षयथ क्षयन्ति क्षयन्ति क्षीये क्षीयसे क्षीयते क्षीयावहे क्षीयेथे क्षीयेते क्षीयामहे क्षीयध्वे क्षीयन्ते ह्य. अक्षयम् अक्षयः अक्षयत् अक्षयाव अक्षयतम् अक्षयताम् अक्षयाम अक्षयत अक्षयन् अक्षीये अक्षीयावहि अक्षीयामहि अक्षीयथाः अक्षीयेथाम् अक्षीयध्वम् अक्षीयत अक्षीयेताम् अक्षीयन्त वि. क्षयेयम् क्षयः क्षयेत् क्षयेव क्षयेतम् क्षयेताम् क्षयेम क्षयेत क्षयेयुः क्षीयेय क्षीयेवहि क्षीयेमहि क्षीयेथाः क्षीयेयाथाम् क्षीयेध्वम् क्षीयेत क्षीयेयाताम क्षीयेरन आ. क्षयाणि क्षय क्षयतु क्षयाव क्षयतम् क्षयताम् क्षयाम क्षयत क्षयन्तु क्षीयै क्षीयावहै क्षीयामहै क्षीयस्व क्षीयेथाम् क्षीयध्वम् क्षीयताम् क्षीयेताम् क्षीयन्ताम् -.. - - . धातु. 30 व. कृप्यामि कृप्यावः कुप्यसि कुप्यथः कुप्यति कुप्यतः I l Iu ili all in l l tue III ETT ETT LLL HII EEL LLL ON III DE DIT LLL WE ELE LLE til WTI I TILLE TIL LLL LLL BEL FIL ELL ELL Luz HIT ELI BEL कृप्याम: कृप्यथ कुप्यन्ति कुप्ये कुप्यसे कुप्यते कुप्यावहे कुप्येथे कुप्येते कुप्यामहे कुप्यध्वे कुप्यन्ते ह्य. अकुप्यम् अकुप्याव अकुप्याम अकुप्यः अकुप्यतम् अकुप्यत अकुप्यत् अकुप्यताम् अकुप्यन् अकुप्ये अकुप्यावहि अकुप्यामहि अकुप्यथाः अकुप्येथाम् अकुप्यध्वम् अकुप्यत अकुप्येताम् अकुप्यन्त वि. कुप्येयम् कुप्येः कुप्येत् कुप्येव कुप्येम कुप्येतम् कुप्येत कुप्येताम् कुप्येयुः कुप्येय कुप्येवहि कुप्येमहि कुप्येथाः कुप्येयाथाम् कुप्यध्वम् कुप्येत कुप्येयाताम् कुप्येरन् आ. कुप्यानि कुप्य कुप्यतु कुप्याव कुप्याम कुप्यतम् कुप्यत कुप्यताम् कुप्यन्तु कुप्यै कुप्यावहै कुप्यामहै कुप्यस्व कुप्येथाम् कुप्यध्वम् कुप्यताम् कुप्येताम् कुप्यन्ताम् [21]
Page #35
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 31 व. क्रुध्यामि क्रुध्यावः क्रुध्यामः क्रुध्यावहे क्रुध्यामहे ऋध्यसि ध्यथः क्रूध्यर्थ / क्रुध्यसे क्रुध्येथे क्रुध्यध्वे क्रुध्यति क्रुध्यतः क्रुध्यन्ति / क्रुध्यते क्रुध्येते क्रुध्यन्ते ह्य. अक्रुध्यम् अक्रुध्याव अक्रुध्याम / अक्रुध्ये अक्रुध्यावहि अक्रुध्यामहि अक्रुध्यः अक्रुध्यतम् अक्रुध्यत अक्रुध्यथाः अक्रुध्येथाम् अक्रुध्यध्वम् अक्रुध्यत् अक्रुध्यताम् अक्रुध्यन् / अक्रुध्यत अक्रुध्येताम् अक्रुध्यन्त वि. ऋध्येयम् क्रुध्येव ऋध्येम क्रुध्येः क्रुध्येतम् क्रुध्येत क्रुध्येत् क्रुध्येताम् क्रुध्येयु: क्रुध्येय क्रुध्येवहि क्रुध्येमहि क्रुध्येथाः क्रुध्येयाथाम् क्रुध्येध्वम् क्रुध्येत क्रुध्येयाताम् क्रुध्येरन् आ. क्रध्यानि ध्यावध्याम क्रुध्य क्रुध्यतम् क्रुध्यत क्रुध्यतु क्रुध्यताम् क्रुध्यन्तु क्रुध्यै क्रुध्यावहै क्रुध्यामहै क्रुध्यस्व क्रुध्येथाम् क्रुध्यध्वम् क्रुध्यताम् क्रुध्येताम् क्रुध्यन्ताम् In III ill $ ALL III III II LLL HII EEL LIL DI HII LLE LLE LLE III ELE LLE IL THI BIL ELL ELL ELL ELL ELL tu HII III III ILE ILE ILE TIL LLL HIT ELI LIL तुष्ये धातु. 32 व. तृष्यामि तुष्यसि तुष्यति तुष्याव: तुष्यथः तुष्यतः तुष्याम: तुष्यथ तुष्यन्ति तुष्यावहे तुष्येथे तुष्येते तुष्यामहे तुष्यध्वे तुष्यन्ते | तुष्यते ह्य. अतुष्यम् अतुष्यः अतुष्यत् अतुष्याव अतुष्याम अतुष्ये अतुष्यावहि अतुष्यामहि अतुष्यतम् अतुष्यत अतुष्यथाः अतुष्येथाम् अतुष्यध्वम् अतुष्यताम् अतुष्यन् / अतुष्यत अतुष्येताम् अतुष्यन्त वि. तुष्येयम् तुष्येः तुष्येत् तुष्येव तुष्येतम् तुष्येताम् तुष्येम तुष्येत तुष्येयुः तुष्येय तुष्येवहि तुष्येमहि तुष्येथाः तुष्येयाथाम् तुष्येध्वम् तुष्येयाताम् तुष्येरन् आ. तुष्याणि तुष्य तुष्यतु तुष्याव तुष्यतम् तुष्यताम् तुष्याम तुष्यत तुष्यन्तु तुष्यावहै / तुष्यस्व तुष्येथाम् तुष्यताम् तुष्येताम् तुष्यामहै तुष्यध्वम् तुष्यन्ताम्
Page #36
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 33 व. नश्यामि नश्यावः नश्यथः नश्यति नश्यतः नश्यामः नश्यथ / नश्यसे नश्यन्ति / नश्यते नश्यावहे नश्येथे नश्येते नश्यामहे नश्यध्वे नश्यन्ते ह्य. अनश्यम् अनश्याव अनश्याम अनश्यः अनश्यतम् अनश्यत अनश्यत् अनश्यताम् अनश्यन् अनश्ये अनश्यावहि अनश्यामहि अनश्यथाः अनश्येथाम् अनश्यध्वम् अनश्यत अनश्येताम् अनश्यन्त वि. नश्येयम् नश्येः नश्येत् नश्येव नश्येम नश्येतम् नश्येत नश्येताम् नश्येयुः नश्येय नश्येवहि नश्येमहि नश्येथाः नश्येयाथाम् नश्यध्वम् नश्येत नश्येयाताम् नश्येरन् आ. नश्यानि नश्य नश्यतु नश्याव नश्याम नश्यै नश्यावहै नश्यामहै नश्यतम् नश्यतनश्यस्व नश्येथाम् नश्यध्वम् नश्यताम् नश्यन्तु नश्यताम् नश्येताम् नश्यन्ताम् धातु. 34 व. नृत्यामि नृत्यसि नृत्यति नृत्यावः नृत्यामः नृत्यथः नृत्यथ नृत्यतः नृत्यन्ति नृत्यसे नृत्यावहे नृत्येथे नृत्येते नृत्यामहे नृत्यध्वे नृत्यन्ते ह्य. अनृत्यम् अनृत्यः अनृत्यत् अनृत्याव अनृत्याम अनृत्यतम् अनृत्यत अनृत्यताम् अनृत्यन् अनृत्ये अनृत्यावहि अनृत्यामहि ! अनृत्यथाः अनृत्येथाम् अनृत्यध्वम् अनृत्यत अनृत्येताम् अनृत्यन्त वि. नृत्येयम् नत्यः नृत्येत् नृत्येव नृत्येतम नृत्येताम् नृत्येम नृत्येत नृत्येयुः नृत्येय नृत्येवहि नृत्येमहि नृत्येथाः नृत्येयाथाम् नृत्येध्वम् नृत्येत नृत्येयाताम् नृत्येरन् / आ. नृत्यानि नृत्य नृत्यतु नृत्याव नृत्यतम् नृत्यताम् नृत्याम। नृत्यै नृत्यावहै नृत्यत नृत्यस्व नृत्येथाम् नृत्यन्तु नृत्यताम् नृत्येताम् नृत्यामहै नृत्यध्वम् नृत्यन्ताम् 12311
Page #37
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि पुष्ये धातु. 35 व. पुष्यामि पुष्यसि पुष्यति पुष्यावः पुष्यथः पुष्यतः पुष्यामः पुष्यथ पुष्यन्ति पुष्यसे पुष्यावहे पुष्येथे पुष्येते पुष्यामहे पुष्यध्वे पुष्यन्ते पुष्यते ह्य. अपुष्यम् अपुष्यः अपुष्यत् अपुष्याव अपुष्याम अपुष्यतम् अपुष्यत अपुष्यताम् अपुष्यन् अपुष्ये अपुष्यावहि अपुष्यामहि अपुष्यथाः अपुष्येथाम् अपुष्यध्वम् अपुष्यत अपुष्येताम् अपुष्यन्त पुष्येम वि. पुष्येयम् पुष्यः पुष्येत् पुष्येव पुष्येतम् पुष्येताम् पुष्येत पुष्येय पुष्येवहि पुष्येमहि पुष्येथाः पुष्येयाथाम् पुष्येध्वम् पुष्येत पुष्येयाताम् पुष्येरन् पुष्येयुः आ. पुष्याणि पुष्य पुष्यतु पुष्याव पुष्यतम् पुष्यताम् पुष्यत पुष्याम पुष्यै पुष्यावहै पुष्यस्व पुष्येथाम् पुष्यन्तु। पुष्यताम् पुष्येताम् पुष्यामहै पुष्यध्वम् पुष्यन्ताम् I ELL BEI ELL LLE MAA MII ANI DIE ___EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE ELL ELL ELL ELL LLL WII ELL ELL In: III XII III En HII LLL LLL AAA WII WIE TIL I II II. - - - -.. -.. - . -.. -.. - -. - . - . - . - . - . - . - . -.. -.. -. -.. धातु. 36 व. मुह्यामि मुह्यावः मुह्यसि मुह्यथः मुह्यतः मुह्ये मुह्यामः मुह्यथ मुह्यन्ति मुह्यसे मुह्यावहे मुह्येथे मुह्येते मुह्यामहे मुह्यध्वे मुह्यन्ते मुह्यति मुह्यते ह्य. अमुह्यम् अमुह्यः अमुह्यत् अमुह्याव अमुह्यतम् अमुह्यताम् अमुह्याम अमुह्यत अमुह्यन् अमुह्ये अमुह्यावहि अमुह्यामहि अमुह्यथाः अमुह्येथाम् अमुह्यध्वम् अमुह्यत अमुह्येताम् अमुह्यन्त वि. मुह्येयम् मुह्येः मुह्येत् मुह्येव मुह्येतम् मुह्येताम् मुह्येम मुह्येत मुह्येयुः मुह्येय मुह्येवहि मुह्येमहि मुह्येथाः मुह्येयाथाम् मुह्येध्वम् मुह्येत मुह्येयाताम् मुह्येरन् आ. मुह्यानि मुह्याव मुह्यतम् मुह्यताम् मुह्याम मुह्यत मुह्यन्तु / मुझे __ मुह्यावहै मुह्यामहै मुह्यस्व मुह्येथाम् मुह्यध्वम् मुह्यताम् मुह्येताम् मुह्यन्ताम् मुह्यतु
Page #38
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 37 व. लुट्यामि लुट्यावः लुट्याम: लुट्यसि लुट्यथः लुट्यथ लुट्यति लुट्यतः लुट्यावहे लुट्यामहे लुट्यसे लुट्येथे लुट्यध्वे लुट्यते लुट्येते लुट्यन्ते लुट्यन्ति ह्य. अलुट्यम् अलुट्याव अलुट्याम अलुट्ये . अलुट्यावहि अलुट्यामहि अलुट्यः अलुट्यतम् अलुट्यत अलुट्यथाः अलुट्येथाम् अलुट्यध्वम् अलुट्यत् अलुट्यताम् अलुट्यन् / अलुट्यत अलुट्येताम् अलुट्यन्त वि. लुट्येयम् लुट्येव लुट्येम लुट्येः लुट्येतम् लुट्येत लुट्येत् लुट्येताम् लुट्येयुः लुट्येय लुट्येवहि लुट्येमहि लुट्येथाः लुट्येयाथाम् लुट्यध्वम् लुट्येत लुट्येयाताम् लुट्येरन् आ. लुट्यानि लुट्याव लुट्याम लुट्यै लुट्यावहै लुट्यामहै लुट्य लुट्यतम् लुट्यत लुट्यस्व लुट्येथाम् लुट्यध्वम् लुट्यतु लुट्यताम् लुट्यन्तु / लुट्यताम् लुट्येताम् लुट्यन्ताम् EIL B EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEL EHEEEEEEEEEEEEEEEEEEE ELL ELL ELL TIL EIE EIL Luz HII III ILE ILE III II II ILE HII ILE ILE DEL HII ILL TIL धातु. 38 व. लुभ्यामि लुभ्यावः लुभ्यसि लुभ्यथः लुभ्यति लुभ्यतः लुभ्याम: लुभ्यावहे लुभ्येथे लुभ्यामहे लुभ्यध्वे लुभ्यथ लुभ्यसे लुभ्यन्ति लुभ्यन्ते ह्य. अलुभ्यम् अलुभ्याव अलुभ्याम अलुभ्यः अलुभ्यतम् अलुभ्यत अलुभ्यत् अलुभ्यताम् अलुभ्यन् अलुभ्ये अलुभ्यावहि अलुभ्यामहि अलुभ्यथाः अलुभ्येथाम् अलुभ्यध्वम् अलुभ्यत अलुभ्येताम् अलुभ्यन्त वि. लुभ्येयम् लुभ्येः लुभ्येत् लुभ्येव लुभ्येतम् लुभ्येताम् लुभ्येम लुभ्येत / लुभ्येयुः लुभ्येय लुभ्येवहि लुभ्येमहि लुभ्येथाः लुभ्येयाथाम् लुभ्येध्वम् लुभ्येत लुभ्येयाताम् लुभ्येरन् आ. लुभ्यानि लुभ्य लुभ्यतु लुभ्याव लुभ्यतम् लुभ्यताम् लुभ्याम लुभ्यत लुभ्यन्तु लुभ्यै लुभ्यावहै लुभ्यामहै लुभ्यस्व लुभ्येथाम् लुभ्यध्वम् लुभ्यताम् लुभ्येताम् लुभ्यन्ताम्
Page #39
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 36 व. क्षुभ्यामि क्षुभ्यावः क्षुभ्यसि क्षुभ्यथः क्षुभ्यति क्षुभ्यतः क्षुभ्यामः क्षुभ्यथ क्षुभ्यन्ति क्षुभ्यावहे क्षुभ्येथे क्षुभ्येते क्षुभ्यामहे क्षुभ्यध्वे क्षुभ्यन्ते क्षुभ्यते ह्य. अक्षुभ्यम् अक्षुभ्यः अक्षुभ्यत् अक्षुभ्याव अक्षुभ्याम अक्षुभ्यतम् अक्षुभ्यत अक्षुभ्यताम् अक्षुभ्यन् अक्षुभ्ये अक्षुभ्यावहि अक्षुभ्यामहि अक्षुभ्यथाः अक्षुभ्येथाम् अक्षुभ्यध्वम् अक्षुभ्यत अक्षुभ्येताम् अक्षुभ्यन्त वि. क्षुभ्येयम् क्षुभ्यः क्षुभ्येत् क्षुभ्येव क्षुभ्येतम् क्षुभ्येताम् क्षुभ्येम क्षुभ्येत क्षुभ्येयु: क्षुभ्येय क्षुभ्येवहि क्षुभ्येमहि क्षुभ्येथाः क्षुभ्येयाथाम् क्षुभ्येध्वम् क्षुभ्येत क्षुभ्येयाताम् क्षुभ्येरन् आ. क्षुभ्याणि क्षुभ्याव क्षुभ्य क्षुभ्यतम् क्षुभ्यतु क्षुभ्यताम् क्षुभ्याम क्षुभ्यत क्षुभ्यन्तु क्षुभ्यावहै क्षुभ्यामहै क्षुभ्यस्व क्षुभ्येथाम् क्षुभ्यध्वम् क्षुभ्यताम् क्षुभ्येताम् क्षुभ्यन्ताम् धातु. 40 6 मिलामि मिलावः मिलामः मिलसि मिलथः मिलथ मिलति मिलतः मिलन्ति मिल्ये मिल्यावहे मिल्यामहे मिल्यसे मिल्येथे मिल्यध्वे मिल्यते मिल्येते मिल्यन्ते ह्य. अमिलम् अमिलः अमिलत् अमिलाव अमिलाम अमिलतम् अमिलत अमिलताम् अमिलन् अमिल्ये अमिल्यावहि अमिल्यामहि अमिल्यथाः अमिल्येथाम् अमिल्यध्वम् अमिल्यत अमिल्येताम् अमिल्यन्त वि. मिलेयम् मिलेव मिलेम मिले.. मिलेतम् मिलेत मिलेत् मिलेताम् मिलेयुः मिल्येय मिल्येवहि मिल्येमहि मिल्येथाः मिल्येयाथाम् मिल्यध्वम् मिल्येत मिल्येयाताम् मिल्येरन् आ. मिलानि मिलाव मिलाम मिल्यै मिल्यावहै मिल्यामहै मिल मिलतम् मिलत मिल्यस्व मिल्येथाम् मिल्यध्वम् मिलतु मिलताम् मिलन्तु / मिल्यताम् मिल्येताम् मिल्यन्ताम् [26]]
Page #40
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 41 व. लिखामि लिखावः लिखामः लिखसि लिखथः लिखथ लिखति लिखतः लिखन्ति लिख्ये लिख्यावहे लिख्यामहे लिख्यसे लिख्येथे लिख्यध्वे लिख्यते लिख्येते लिख्यन्ते ह्य. अलिखम् अलिखः अलिखत् अलिखाव अलिखाम अलिख्ये अलिख्यावहि अलिख्यामहि अलिखतम अलिखत ! अलिख्यथाः अलिख्येथाम् अलिख्यध्वम् अलिखताम् अलिखन् अलिख्यत अलिख्येताम् अलिख्यन्त वि. लिखेयम् लिखेव लिखेम लिखेः लिखेतम् लिखेत लिखेत् लिखेताम् लिखेयुः लिख्येय लिख्येवहि लिख्येमहि लिख्येथाः लिख्येयाथाम् लिख्यध्वम् लिख्येत लिख्येयाताम् लिख्येरन् आ. लिखानि लिखाव लिखाम लिख्यै लिख्यावहै लिख्यामहै लिख लिखतम् लिखत लिख्यस्व लिख्येथाम् लिख्यध्वम् लिखतु लिखताम् लिखन्तु लिख्यताम् लिख्येताम् लिख्यन्ताम् -.. -.. -.. -.. धातु. 42 व. सृजामि सृजसि सृजति all tl ili all DI TU QI ME DE ILE BLE DE IL TIL BIL ELI सृजावः सृजथः सृजतः सृजामः सृजथ सृजन्ति सृज्ये सृज्यसे सृज्यते सृज्यावहे सृज्यामहे सृज्येथे सृज्यध्वे सृज्येते सृज्यन्ते ह्य. असृजम् असृजः असृजत् असृजाव असृजाम असृजतम् असृजत असृजताम् असृजन् | असृज्ये असृज्यावहि असृज्यामहि असृज्यथाः असृज्येथाम् असृज्यध्वम् असृज्यत असृज्येताम् असृज्यन्त _ वि. सृजेयम् सृजेः सृजेत् सृजेव सृजेतम् सृजेताम् सृजेम सृजेत सृजेयुः सृज्येय सृज्येवहि सृज्येमहि सृज्येथाः सृज्येयाथाम् सृज्येध्वम् . सृज्येत सृज्येयाताम् सृज्येरन् T 111 111 1 आ. सृजानि सृज सृजतु सृजाव सृजतम् सृजताम् सृजाम सृजत सृजन्तु सृज्य सृज्यावहै सृज्यामहै | सृज्यस्व सृज्येथाम् सृज्यध्वम् सृज्यताम् सृज्येताम् सृज्यन्ताम् 127
Page #41
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि .. कर्तरि धातु. 43 .. व. स्पृशामि स्पृशावः स्पृशामः स्पृशसि स्पृशथः स्पृशथ स्पृशति स्पृशतः स्पृशन्ति स्पृश्ये स्पृश्यावहे स्पृश्यामहे स्पृश्यसे स्पृश्येथे स्पृश्यध्वे स्पृश्यते स्पृश्येते. स्पृश्यन्ते ह्य. अस्पृशम् अस्पृशाव अस्पृशाम अस्पृशः अस्पृशतम् अस्पृशत अस्पृशत् अस्पृशताम् अस्पृशन् वि. स्पृशेयम् स्पृशेव स्पृशेम स्पृशेः स्पृशेतम् स्पृशेत स्पृशेत् स्पृशेताम् स्पृशेयुः अस्पृश्ये अस्पृश्यावहि अस्पृश्यामहि अस्पृश्यथाः अस्पृश्येथाम् अस्पृश्यध्वम् अस्पृश्यत अस्पृश्येताम् अस्पृश्यन्त स्पृश्येय स्पृश्येवहि स्पृश्येमहि स्पृश्येथाः स्पृश्येयाथाम् स्पृश्येध्वम् स्पृश्येत स्पृश्येयाताम् स्पृश्येरन् स्पृश्यै स्पृश्यावहै स्पृश्यामहै स्पृश्यस्व स्पृश्येथाम् स्पृश्यध्वम् स्पृश्यताम् स्पृश्येताम् स्पृश्यन्ताम् आ. स्पृशानि स्पृशाव स्पृशाम स्पृश स्पृशतम् स्पृशत स्पृशतु स्पृशताम् स्पृशन्तु धातु. 44 व. स्फुटामि स्फुटावः स्फटामः स्फुटसि स्फुटथः स्फुटथ / स्फुटति स्फुटतः स्फुटन्ति स्फुट्ये स्फुट्यावहे स्फुट्यामहे स्फुट्यसे स्फुट्येथे स्फुट्यध्वे स्फुट्यते स्फुट्येते स्फुट्यन्ते ह्य. अस्फुटम् अस्फुटाव अस्फुटाम अस्फुट: अस्फुटतम् अस्फुटत अस्फुटत् अस्फुटताम् अस्फुटन् अस्फुट्ये अस्फट्यावहिअस्फट्यामहि अस्फुट्यथाः अस्फुट्येथाम् अस्फुट्यध्वम् अस्फुट्यत अस्फुट्येताम् अस्फुट्यन्त वि. स्फुटेयम् स्फुटेव स्फुटेम स्फुटेः स्फुटेतम् स्फुटेत स्फुटेत् स्फुटेताम् स्फुटेयुः स्फुट्येय स्फुट्येवहि स्फुट्येमहि स्फुट्येथाः स्फुट्येयाथाम्स्फुट्यध्वम् स्फुट्येत स्फुट्येयाताम् स्फुटयेरन् आ. स्फुटानि स्फुटाव स्फुटाम स्फुट्यै स्फुट्यावहै स्फुट्यामहै स्फुट स्फुटतम् स्फुटत स्फुट्यस्व स्फुट्येथाम् स्फुट्यध्वम् स्फुटतु स्फुटताम् स्फुटन्तु स्फुट्यताम् स्फुट्येताम् स्फुट्यन्ताम् [28]
Page #42
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 45 व. स्फुरामि स्फुरावः स्फुरामः / स्फुर्ये स्फुर्यावहे स्फुर्यामहे स्फरसि स्फूरथः स्फूरथ स्फुर्यसे स्फुर्येथे स्फुर्यध्वे स्फुरति स्फुरतः स्फुरन्ति स्फुर्यते स्फुर्येते स्फुर्यन्ते ह्य. अस्फुरम् अस्फुराव अस्फुराम अस्फुरः अस्फुरतम् अस्फुरत अस्फुरत् अस्फुरताम् अस्फुरन् अस्फुर्ये अस्फुर्यावहि अस्फुर्यामहि अस्फुर्यथाः अस्फुर्येथाम् अस्फुर्यध्वम् अस्फुर्यत अस्फुर्येताम् अस्फुर्यन्त वि. स्फुरेयम् स्फुरेः स्फुरेत् स्फुरेव स्फुरेम स्फुरेतम् स्फुरेत / स्फुरेताम् स्फुरेयुः स्फुर्येय स्फुर्येवहि स्फुर्यमहि स्फुर्येथाः स्फुर्येयाथाम् स्फुर्यध्वम् स्फुर्येत स्फुर्येयाताम् स्फुर्येरन् आ. स्फुराणि स्फुराव स्फुराम स्फुर्यै स्फुर्यावहै स्फुर्यामहै स्फुरतम् स्फुरत / स्फुर्यस्व स्फुर्येथाम् स्फुर्यध्वम् स्फुरतु स्फुरताम् स्फुरन्तुस्फुर्यताम् स्फुर्यताम् स्फुर्यन्ताम् -.. -.. -.. -.. III III II III 111 111 112 114 धातु. 46 व. चिन्तयामि चिन्तयावः चिन्तयामः / चिन्त्ये चिन्त्यावहे चिन्त्यामहे चिन्तयसि चिन्तयथः चिन्तयथ / चिन्त्यसे चिन्त्येथे चिन्त्यध्वे चिन्तयति चिन्तयतः चिन्तयन्ति ! चिन्त्यते चिन्त्येते चिन्त्यन्ते ह्य. अचिन्तयम् अचिन्तयाव अचिन्तयाम अचिन्त्ये अचिन्त्यावहि अचिन्त्यामहि अचिन्तयः अचिन्तयतम् अचिन्तयत अचिन्त्यथाः अचिन्त्येथाम् अचिन्त्यध्वम् अचिन्तयत् अचिन्तयताम् अचिन्तयन् अचिन्त्यत अचिन्त्येताम् अचिन्त्यन्त वि. चिन्तयेयम् चिन्तयेव चिन्तयेम / चिन्त्येय चिन्त्येवहि चिन्त्येमहि चिन्तयेः चिन्तयेतम् चिन्तयेत चिन्त्येथाः चिन्त्येयाथाम् चिन्त्येध्वम् चिन्तयेत् चिन्तयेताम् चिन्तयेयुः / चिन्त्येत चिन्त्येयाताम् चिन्त्येरन् / आ. चिन्तयानि चिन्तयाव चिन्तयाम चिन्त्यै चिन्त्यावहै चिन्त्यामहै चिन्तय चिन्तयतम चिन्तयत चिन्त्यस्व चिन्त्येथाम चिन्त्यध्वम चिन्तयतु चिन्तयताम् चिन्तयन्तु / चिन्त्यताम् चिन्त्येताम् चिन्त्यन्ताम् [29]
Page #43
--------------------------------------------------------------------------
________________ त कर्मणि धातु. 47 दण्डयामः / दण्ड्ये दण्ड्यावहे दण्ड्यामहे दण्डयसि दण्डयथः दण्डयथ / दण्ड्यसे दण्ड्येथे दण्ड्यध्वे दण्डयति दण्डयतः दण्डयन्ति / दण्ड्यते दण्ड्येते दण्ड्यन्ते दण्डयावः ह्य. अदण्डयम् अदण्डयाव अदण्डयाम अदण्ड्ये अदण्ड्यावहि अदण्ड्यामहि अदण्डयः अदण्डयतम् अदण्डयत अदण्ड्यथाः अदण्ड्येथाम् अदण्ड्यध्वम् अदण्डयत् अदण्डयताम् अदण्डयन् / अदण्ड्यत अदण्ड्येताम् अदण्ड्यन्त # In III II वि. दण्डयेयम् दण्डयेव दण्डयेम | दण्ड्येय दण्ड्येवहि दण्ड्येमहि दण्डयेः दण्डयेतम् दण्डयेत / दण्ड्येथाः दण्ड्येयाथाम् दण्ड्यध्वम् दण्डयेत् दण्डयेताम् दण्डयेयुः दण्ड्येत दण्ड्येयाताम् दण्ड्येरन् आ. दण्डयानि दण्डयाव दण्डयाम दण्डय दण्डयतम् दण्डयत दण्डयतु दण्डयताम् दण्डयन्तु दण्ड्यै . दण्ड्यावहै दण्ड्यामहै दण्ड्यस्व दण्ड्येथाम् दण्ड्यध्वम् दण्ड्यताम् दण्ड्येताम् दण्ड्यन्ताम् धातु. 48 व. पीडयामि पीडयावः पीडयामः पीड्ये पीड्यावहे पीड्यामहे पीडयसि पीडयथः पीडयथ / पीड्यसे पीडयेथे पीड्यध्वे पीडयति पीडयतः पीडयन्ति ! पीड्यते पीड्येते पीड्यन्ते घ. अपीडयम् अपीडयाव अपीडयाम / अपीड्ये अपीड्यावहि अपीड्यामहि अपीडयः अपीडयतम अपीडयत / अपीड्यथाः अपीड्येथाम अपीड्यध्वम अपीडयत् अपीडयताम् अपीडयन् / अपीड्यत अपीड्येताम् अपीड्यन्त II वि. पीडयेयम् पीडयेव पीडयेम पीडयेः पीडयेतम् पीडयेत पीडयेत् पीडयेताम् पीडयेयुः पीड्येय पीड्येवहि पीड्येमहि ! पीड्येथाः पीड्येयाथाम पीड्येध्वम पीड्येत पीड्येयाताम् पीड्येरन् आ. पीडयानि पीडयाव पीडयाम पीडय पीडयतम पीडयत पीडयतु पीडयताम् पीडयन्तु पीड्यै पीड्यावहै पीड्यामहै पीड्यस्व पीड्येथाम पीड्यध्वम पीड्यताम् पीड्येताम् पीड्यन्ताम् 1301
Page #44
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 46 व. पूजयामि पूजयावः पूजयसि पूजयथः पूजयति पूजयतः पूज्यावहे पूज्यामहे पूजयथ पूजयन्ति पूज्येते पूज्यन्ते ह्य. अपूजयम् अपूजयाव अपूजयाम / अपूज्ये अपूज्यावहि अपूज्यामहि ___ अपूजयः अपूजयतम् अपूजयत | अपूज्यथाः अपूज्येथाम् अपूज्यध्वम् अपूजयत् अपूजयताम् अपूजयन् | अपूज्यत अपूज्येताम् अपूज्यन्त पूज्येय वि. पूजयेयम् पूजयेः पूजयेत् पूजयेव पूजयेम पूजयेतम् पूजयेत पूजयेताम् पूजयेयुः पूज्येवहि पूज्येमहि पूज्येयाथाम् पूज्येध्वम् पूज्येयाताम् पूज्येरन् पूज्येत आ. पूजयानि पूजयाव पूजयाम पूजय पूजयतम् पूजयत पूजयतु पूजयताम् पूजयन्तु पूज्यै पूज्यावहै पूज्यामहै पूज्यस्व पूज्येथाम् पूज्यध्वम् पूज्यताम् पूज्येताम् पूज्यन्ताम् धातु. 50 व. वर्णयामि वर्णयावः वर्णयामः वर्णयसि वर्णयथः वर्णयथ वर्णयति वर्णयतः वर्णयन्ति वर्ण्य वर्ष्यावहे वामहे वर्ण्यसे वयेथे वर्ण्यध्वे वर्ण्यते वयेते वर्ण्यन्ते ह्य. अवर्णयम् अवर्णयाव अवर्णयाम अवर्णयः अवर्णयतम् अवर्णयत अवर्णयत् अवर्णयताम् अवर्णयन् अवये अवर्ध्यावहि अवामहि अवर्ण्यथाः अवयेथाम् अवर्ण्यध्वम् अवर्ण्यत अवयेताम् अवर्ण्यन्त वि. वर्णयेयम् वर्णयः वर्णयेत् वर्णयेव वर्णयेम वर्णयेतम् वर्णयेत वर्णयेताम् वर्णयेयुः वर्येय वयेवहि वर्ण्यमहि वयेथाः वयेयाथाम वर्ण्यध्वम वर्येत वयेयाताम् वयेरन् आ. वर्णयानि वर्णयाव वर्णयाम वय वर्ष्यावहै वामहै वर्णय वर्णयतम वर्णयतवर्ण्यस्व वयेथाम वर्ण्यध्वम वर्णयतु वर्णयताम् वर्णयन्तु वर्ण्यताम् वयेताम् वर्ण्यन्ताम्
Page #45
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 51 व. सान्त्वयामि सान्त्वयावः सान्त्वयाम: ! सान्त्व्ये सान्त्व्यावहे सान्त्व्यामहे सान्त्वयसि सान्त्वयथः / सान्वयथ / सान्त्व्यसे सान्त्व्येथे सान्त्व्यध्वे सान्त्वयति सान्त्वयतः सान्त्वयन्ति सान्त्व्यते सान्त्व्येते सान्त्व्यन्ते ह्य. असान्त्वयम् असान्त्वयाव असान्त्वयाम असान्त्व्ये असान्त्व्यावहि असान्त्व्यामहि असान्त्वयः असान्त्वयतम् असान्त्वयत असान्त्व्यथाः असान्त्व्येथाम् असान्त्व्यध्वम् असान्त्वयत् असान्त्वयताम् असान्त्वयन् असान्त्व्यत असान्त्व्येताम् असान्त्व्यन्त वि. सान्त्वयेयम् सान्त्वयेव सान्त्वयेम ! सान्त्व्येय सान्त्व्येवहि सान्त्व्येमहि सान्त्वयः सान्त्वयेतम् सान्त्वयेत / सान्त्व्येथाः सान्त्व्येयाथाम् सान्त्व्येध्वम् सान्त्वयेत् सान्त्वयेताम् सान्त्वयेयुः / सान्त्व्येत सान्त्व्येयाताम् सान्त्व्येरन आ. सान्त्वयानि सान्त्वयाव सान्त्वयाम सान्त्व्यै सान्त्व्यावहै सान्त्व्यामहै सान्त्वय सान्त्वयतम् सान्त्वयत सान्त्व्यस्व सान्त्व्येथाम् सान्त्व्यध्वम् सान्त्वयतु सान्त्वयताम् सान्त्वयन्तु / सान्त्व्यताम् सान्त्व्येताम् सान्त्व्यन्ताम् धातु. 52 इ. चोरयामि चोरयसि चोरयति चोरयावः चोरयथः चोरयतः चोरयामः चोर्ये चोरयथ / / चोर्यसे चोरयन्ति / चोर्यते चोर्यावहे चोर्येथे चोर्येते चोर्यामहे चोर्यध्वे चोर्यन्ते वा. अचोरयम् अचोरयाव अचोरयाम ! अचोर्ये अचोर्यावहि अचोर्यामहि अचोरयः अचोरयतम अचोरयत / अचोर्यथाः अचोर्येथाम अचोर्यध्वम अचोरयत् अचोरयताम् अचोरयन् / अचोर्यत अचोर्येताम् अचोर्यन्त 111 112 111 114 वि. चोरयेयम् चोरयेः चोरयेत् चोरयेव चोरयेम / चोर्येय चोरयेतम् चोरयेत / चोर्येथाः चोरयेताम् चोरयेयुः चोर्येत चोर्येवहि चोर्येमहि चोर्येयाथाम् चोर्येध्वम् चोर्येयाताम् चोर्येरन् बा. चोरयानि चोरयाव चोरयाम चोय चोर्यावहै चोर्यामहै चोरय चोरयतम् चोरयत चोर्यस्व चोर्येथाम् चोर्यध्वम् चोरयतु चोरयताम् चोरयन्तु / चोर्यताम् चोर्येताम् चोर्यन्ताम् [3211
Page #46
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 53 व. घोषयामि घोषयावः घोषयामः / घोष्ये घोष्यावहे घोषयसि घोषयथः घोषयथ घोष्यसे घोष्येथे घोषयति घोषयतः घोषयन्ति / घोष्यते घोष्येते घोष्यामहे घोष्यध्वे घोष्यन्ते ह्य. अघोषयम् अघोषयाव अघोषयाम / अघोष्ये अघोष्यावहि अघोष्यामहि अघोषयः अघोषयतम् अघोषयत ! अघोष्यथाः अघोष्येथाम् अघोष्यध्वम् अघोषयत् अघोषयताम् अघोषयन् / अघोष्यत अघोष्येताम् अघोष्यन्त WI III W वि. घोषयेयम् घोषयेव घोषयेम . घोषयेः घोषयेतम् घोषयेत घोषयेत् घोषयेताम् घोषयेयुः घोष्येय घोष्येवहि घोष्येमहि घोष्येथाः घोष्येयाथाम् घोष्येध्वम् घोष्येत घोष्येयाताम् घोष्येरन् आ. घोषयानि घोषयाव घोषयाम घोष्यावहै घोष्यामहै . घोषय घोषयतम् घोषयत घोष्यस्व घोष्येथाम् घोष्यध्वम् घोषयतु घोषयताम् घोषयन्तु ! घोष्यताम् घोष्येताम् घोष्यन्ताम् धातु. 54 व. तोलयामि तोलयावः तोलयाम: / तोल्ये तोल्यावहे तोल्यामहे तोलयसि तोलयथः तोलयथ / तोल्यसे तोल्येथे तोल्यध्वे तोलयति तोलयतः तोलयन्ति / तोल्यते तोल्येते तोल्यन्ते ह्य. अतोलयम् अतोलयाव अतोलयाम ! अतोल्ये अतोल्यावहि अतोल्यामहि अतोलयः अतोलयतम अतोलयत / अतोल्यथाः अतोल्येथाम अतोल्यध्वम् अतोलयत् अतोलयताम् अतोलयन् / अतोल्यत अतोल्येताम् अतोल्यन्त वि. तोलयेयम् तोलयेव तोलयेम | तोल्येय तोल्येवहि तोल्येमहि तोलयेः तोलयेतम् तोलयेत ! तोल्येथाः तोल्येयाथाम् तोल्यध्वम् तोलयेत् तोलयेताम् तोलयेयुः / तोल्येत तोल्येयाताम् तोल्येरन् / UIT VI UT DE आ. तोलयानि तोलयाव तोलयाम | तोल्यै तोल्यावहै तोल्यामहै तोलय तोलयतम् तोलयत तोल्यस्व तोल्येथाम् तोल्यध्वम् तोलयतु तोलयताम् तोलयन्तु / तोल्यताम् तोल्येताम् तोल्यन्ताम् [33]
Page #47
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 55 व. भूषयामि भूषयसि भूषयति भूषयावः भूषयथः भूषयतः भूषयामः भूषयथ भूषयन्ति भूष्यसे भूष्यते भूष्यावहे भूष्येथे भूष्येते भूष्यामहे भूष्यध्वे भूष्यन्ते ह्य. अभूषयम् __ अभूषयः अभूषयत् अभूषयाव अभूषयाम अभूषयतम् अभूषयत अभूषयताम् अभूषयन् अभूष्ये अभूष्यावहि अभूष्यामहि अभूष्यथाः अभूष्येथाम् अभूष्यध्वम् अभूष्यत अभूष्येताम् अभूष्यन्त भूष्येय वि. भूषयेयम् भूषयेः भूषयेत् भूषयेव भूषयेतम् भूषयेताम् भूषयेम भूषयेत भूषयेयुः भूष्येवहि भूष्येमहि भूष्येयाथाम् भूष्यध्वम् भूष्येयाताम् भूष्येरन् भूष्येत आ. भूषयानि भूषय भूषयतु भूषयाव भूषयाम भूषयतम् भूषयत भूषयताम् भूषयन्तु भूष्य भूष्यावहै | भूष्यस्व भूष्येथाम् भूष्यताम् भूष्येताम् भूष्यामहै भूष्यध्वम् भूष्यन्ताम् -.. - . - . - . - . - .. -.. - . - -.. -.. -.. -.. -.. -.. धातु. 56 च. ताडयामि. ताडयावः ताडयामः / ताड्ये ताड्यावहे ताड्यामहे ताडयसि ताडयथः / ताडयथ ताड्यसे ताड्येथे ताड्यध्वे ताडयति ताडयतः ताडयन्ति / ताड्यते ताड्येते ताड्यन्ते . अताडयम् अताडयाव अताडयाम ! अताड्ये अताड्यावहि अताड्यामहि अताडयः अताडयतम् अताडयत / अताड्यथाः अताड्येथाम् अताड्यध्वम अताडयत् अताडयताम् अताडयन् / अताड्यत अताड्येताम् अताड्यन्त म. ताडयेयम् ताडयेव ताडयेम ताडये: ताडयतम् ताडयेत ताडयेत् ताडयेताम् ताडयेयुः ताड्येय ताड्येवहि ताड्येमहि ताड्येथाः ताड्येयाथाम् ताड्यध्वम् ताड्येत ताड्येयाताम् ताड्येरन् ताडयानि ताडयाव ताडयाम ताड्यै ताड्यावहै ताड्यामहै ताडय ताडयतम् ताडयत में ताड्यस्व ताड्येथाम् ताड्यध्वम् ताडयतु ताडयताम् ताडयन्तु ! ताड्यताम् ताड्येताम् ताड्यन्ताम्
Page #48
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 57 व. पारयामि पारयावः / / पारयामः पारयसि पारयथः पारयथ पारयति पारयतः पारयन्ति पार्यसे पार्यावहे पार्येथे पार्येते पार्यामहे पार्यध्वे पार्यन्ते ह्य. अपारयम् अपारयः अपारयत् अपारयाव अपारयाम / अपार्ये अपार्यावहि अपार्यामहि अपारयतम् अपारयत अपार्यथाः अपार्येथाम् अपार्यध्वम् अपारयताम् अपारयन् अपार्यत अपार्येताम् अपार्यन्त वि. पारयेयम् पारयेः पारयेत् पारयेव पारयेम पारयेतम्. पारयेत पारयेताम् पारयेयुः पार्येय पार्येवहि . पार्येमहि में पार्येथाः पार्येयाथाम पार्यध्वम पार्येयाताम् पार्येरन् आ. पारयाणि पारयाव . पारयाम पायें पार्यावहै पारय पारयतम पारयत पार्यस्व पार्येथाम् .. पारयतु पारयताम् पारयन्तु / पार्यताम् पार्येताम् पार्यामहै पार्यध्वम् पार्यन्ताम् .. धातु. 58 व. पालयामि पालयावः पालयसि पालयथः पालयति पालयतः पालयामः पाल्ये पाल्यावहे पाल्यामहे पालयथ पाल्यसे पाल्येथे पाल्यध्वे पालयन्ति ! पाल्यते पाल्येते पाल्यन्ते ह्य. अपालयम् अपालयाव अपालयाम ! अपाल्ये अपाल्यावहि अपाल्यामहि अपालयः अपालयतम् अपालयत / अपाल्यथाः अपाल्येथाम् अपाल्यध्वम् अपालयत् अपालयताम् अपालयन् अपाल्यत अपाल्येताम् अपाल्यन्त वि. पालयेयम पालयेव पालयेम पालयेः पालयेतम् पालयेत पालयेत् पालयेताम् पालयेयुः पाल्येय पाल्येवहि पाल्येमहि पाल्येथाः पाल्येयाथाम् पाल्यध्वम् पाल्येत पाल्येयाताम् पाल्येरन् / आ. पालयानि पालयाव पालयाम पाल्यै पाल्यावहै पाल्यामहै पालय पालयतम् पालयत पाल्यस्व पाल्येथाम् पाल्यध्वम् पालयतु पालयताम् पालयन्तु ! पाल्यताम् पाल्येताम् पाल्यन्ताम् 1351
Page #49
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 56 व. भक्षयामि भक्षयावः भक्षयामः भक्ष्ये भक्षयथः भक्षयथ भक्ष्यसे भक्षयति भक्षयतः भक्षयन्ति / भक्ष्यते भक्ष्यावहे भक्ष्येथे भक्ष्येते भक्ष्यामहे भक्ष्यध्वे भक्ष्यन्ते ह्य. अभक्षयम् अभक्षयाव अभक्षयाम / अभक्ष्ये अभक्ष्यावहि अभक्ष्यामहि अभक्षयः अभक्षयतम् अभक्षयत अभक्ष्यथाः अभक्ष्येथाम् अभक्ष्यध्वम् अभक्षयत् अभक्षयताम् अभक्षयन् अभक्ष्यत अभक्ष्येताम् अभक्ष्यन्त वि. भक्षयेयम __ भक्षयेः भक्षयेत् भक्षयेव भक्षयेतम् भक्षयेताम् भक्षयेम भक्षयेत भक्षयेयुः भक्ष्येय भक्ष्येवहि भक्ष्येमहि | भक्ष्येथाः भक्ष्येयाथाम् भक्ष्यध्वम् भक्ष्येत भक्ष्येयाताम् भक्ष्येरन् आ. भक्षयाणि भक्षयाव / भक्षयाम भक्षय भक्षयतम् भक्षयत भक्षयतु भक्षयताम् भक्षयन्तु _भक्ष्यावहै भक्ष्यामहै भक्ष्यस्व भक्ष्येथाम् भक्ष्यध्वम् भक्ष्यताम् भक्ष्येताम् भक्ष्यन्ताम् - - - धातु. 60 व. कथयामि कथयावः कथयामः कथ्ये कथ्यावहे कथ्यामहे कथयसि कथयथः कथयथ / कथ्यसे कथ्येथे कथ्यध्वे कथयति कथयतः कथयन्ति ! कथ्यते कथ्येते कथ्यन्ते 111 II l 1 In ll I In III III II II III III III WIT ह्य. अकथयम् अकथयाव / अकथयाम ___ अकथ्यावहि अकथ्यामहि अकथयः अकथयतम् अकथयत अकथ्यथाः अकथ्येथाम् अकथ्यध्वम् अकथयत् अकथयताम् अकथयन् / अकथ्यत अकथ्येताम् अकथ्यन्त वि. कथयेयम् कथयेव कथयेम कथयेः कथयेतम् कथयेत कथयेत् कथयेताम् कथयेयुः कथ्येय कथ्येवहि कथ्येमहि कथ्येथाः कथ्येयाथाम् कथ्येध्वम् कथ्येत कथ्येयाताम् कथ्येरन् आ.व कथय कथयतु कथयाव कथयाम कथयतम् कथयत कथयताम् कथयन्तु कथ्यै कथ्यावहै कथ्यामहै कथ्यस्व कथ्येथाम् कथ्यध्वम् कथ्यताम् कथ्येताम् कथ्यन्ताम् 1361
Page #50
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 61 व. गणयामि गणयावः गणयामः ! गण्ये गणयसि गणयथः गणयथ गण्यसे गणयति गणयतः गणयन्ति | गण्यते गण्यावहे गण्येथे गण्येते गण्यामहे गण्यध्वे गण्यन्ते ह्य. अगणयम् अगणयाव अगणयाम | अगण्ये अगण्यावहि अगण्यामहि अगणयः अगणयतम् अगणयत ! अगण्यथाः अगण्येथाम् अगण्यध्वम् अगणयत् अगणयताम् अगणयन् अगण्यत अगण्येताम् अगण्यन्त वि. गणयेयम् गणयेव गणयेम गणयः गणयेतम् गणयेत गणयेत् गणयेताम् गणयेयुः गण्येय गण्येवहि गण्येमहि गण्येथाः गण्येयाथाम गण्येध्वम् गण्येत गण्येयाताम् गण्येरन् आ. गणयानि गणयाव गणयाम गणय गणयतम् गणयत गणयतु गणयताम् गणयन्तु गण्यै गण्यावहै गण्यामहै गण्यस्व गण्येथाम् गण्यध्वम् गण्यताम् गण्येताम् गण्यन्ताम् - . - . - . - . - . -.. धातु. 62 व. रचयामि रचयावः रचयसि रचयथः रचयति रचयतः रचयामः रचयथ / रच्यसे रचयन्ति रच्यावहे रच्येथे रच्येते रच्यामहे रच्यध्वे रच्यन्ते ह्य. अरचयम अरचयः अरचयत् अरचयाव अरचयाम ! अरच्ये अरच्ये अरच्यावहि अरच्यामहि अरचयतम् अरचयत अरच्यथाः अरच्येथाम् अरच्यध्वम् अरचयताम् अरचयन् अरच्यत अरच्येताम् अरच्यन्त वि. रचयेयम् रचयेः रचयेत् रचयेव.. रचयेम रचयेतम् रचयेत रचयेताम् रचयेयुः रच्येय रच्येवहि रच्येमहि रच्येथाः रच्येयाथाम् रच्येध्वम् | रच्येत रच्येयाताम् रच्येरन् / आ. रचयानि रचय रचयतु रचयाव रचयतम् रचयताम् रचयाम रचयत रचयन्तु रच्यै रच्यावहै रच्यामहै रच्यस्व रच्येथाम् रच्यध्वम् रच्यताम् रच्येताम् रच्यन्ताम् [37]
Page #51
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि धातु. 63 व. स्पृहयामि स्पृहयावः स्पृहयामः / स्पृह्ये स्पृह्यावहे स्पृह्यामहे स्पृहयसि स्पृहयथः स्पृहयथ / स्पृह्यसे स्पृह्येथे स्पृह्यध्वे स्पृहयति स्पृहयतः स्पृहयन्ति | स्पृह्यते स्पृह्येते स्पृह्यन्ते ह्य. अस्पृहयम् अस्पृहयाव अस्पृहयाम अस्पृह्ये अस्पृह्यावहि अस्पृह्यामहि अस्पृहयः अस्पृहयतम् अस्पृहयत ! अस्पृह्यथाः अस्पृह्येथाम् अस्पृह्यध्वम् अस्पृहयत् अस्पृहयताम् अस्पृहयन् / अस्पृह्यत अस्पृह्येताम् अस्पृह्यन्त वि. स्पृहयेयम् स्पृहयेव स्पृहयेम स्पृह्येय स्पृह्येवहि स्पृह्येमहि - स्पृहयेः स्पृहयेतम् स्पृहयेत / स्पृह्येथाः स्पृह्येयाथाम् स्पृह्यध्वम् स्पृहयेत् स्पृहयेताम् स्पृहयेयुः / स्पृह्येत स्पृह्येयाताम् स्पृह्येरन् आ. स्पृहयाणि स्पृहयाव स्पृहयाम स्पृझै स्पृह्यावहै स्पृह्यामहै स्पृहय स्पृहयतम् स्पृहयत / स्पृह्यस्व स्पृह्येथाम् स्पृह्यध्वम् स्पृहयतु स्पृहयताम् स्पृहयन्तु / स्पृह्यताम् स्पृह्येताम् स्पृह्यन्ताम् WE HIT WE DIE MI III धातु. 64 व. गच्छामि गच्छावः गच्छामः गच्छसि गच्छथः गच्छथ गच्छति गच्छतः गच्छन्ति गम्ये | गम्यसे / गम्यते गम्यावहे गम्येथे गम्येते गम्यामहे गम्यध्वे गम्यन्ते ह्य. अगच्छम् अगच्छाव अगच्छाम / अगम्ये अगम्यावहि अगम्यामहि अगच्छ: अगच्छतम् अगच्छत / अगम्यथाः अगम्येथाम् अगम्यध्वम् अगच्छत् अगच्छताम् अगच्छन् अगम्यत अगम्येताम् अगम्यन्त वि. गच्छेयम् गच्छेः गच्छेत् गच्छेव गच्छेम गच्छेतम् गच्छेत गच्छेताम् गच्छेयुः गम्येय गम्येवहि गम्येमहि गम्येथाः गम्येयाथाम् गम्येध्वम् गम्येत गम्येयाताम् गम्येरन् आ. गच्छानि गच्छाव गच्छाम गच्छ गच्छतम् गच्छत गच्छतु गच्छताम् गच्छन्तु गम्यै गम्यावहै गम्यामहै गम्यस्व गम्येथाम् गम्यध्वम् गम्यताम् गम्येताम् गम्यन्ताम् 13811
Page #52
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 65 व. पश्यामि पश्यावः पश्यथः पश्यति पश्यतः पश्यामः पश्यथ पश्यन्ति ! दृश्ये द्दश्यसे द्दश्यते द्दश्यावहे द्दश्येथे द्दश्यते द्दश्यामहे दृश्यध्वे दृश्यन्ते ह्य. अपश्यम् अपश्याव अपश्याम अपश्यः अपश्यतम् अपश्यत अपश्यत् अपश्यताम् अपश्यन् अद्दश्ये अद्दश्यावहि अद्दश्यामहि अद्दश्यथाः अद्दश्येथाम् अद्दश्यध्वम् अद्दश्यत अद्दश्येताम् अद्दश्यन्त वि. पश्येयम् पश्येव पश्येम पश्येः पश्येतम् पश्येत पश्येत् पश्येताम् पश्येयुः दृश्येय द्दश्येवहि द्दश्येमहि द्दश्येथाः दृश्येयाथाम् दृश्येध्वम् द्दश्येत द्दश्येयाताम् द्दश्येरन् आ. पश्यानि पश्य पश्यतु पश्याव पश्याम पश्यतम् पश्यत पश्यताम् पश्यन्तु द्दश्यै द्दश्यावहै द्दश्यामहै द्दश्यस्व द्दश्येथाम् द्दश्यध्वम् द्दश्यताम् द्दश्येताम् दृश्यन्ताम् धातु.६६ व. तिष्ठामि तिष्ठावः तिष्ठामः तिष्ठसि तिष्ठथः तिष्ठथ तिष्ठति तिष्ठतः तिष्ठन्ति स्थीये स्थीयावहे स्थीयामहे स्थीयसे स्थीयेथे स्थीयध्वे स्थीयते स्थीयेते स्थीयन्ते ह्य. अतिष्ठम् अतिष्ठाव अतिष्ठाम अतिष्ठ: अतिष्ठतम् अतिष्ठत अतिष्ठत् अतिष्ठताम् अतिष्ठन् अस्थीये अस्थीयावहि अस्थीयामहि अस्थीयथाः अस्थीयेथाम् अस्थीयध्वम् अस्थीयत अस्थीयेताम् अस्थीयन्त वि. तिष्ठेयम् तिष्ठेव तिष्ठेम तिष्ठे: तिष्ठेतम् तिष्ठेत तिष्ठेत् तिष्ठेताम् तिष्ठेयुः 111 स्थीयेय स्थीयेवहि स्थीयेमहि स्थीयेथाः स्थीयेयाथाम् स्थीयेध्वम् स्थीयेत स्थीयेयाताम् स्थीयेरन् / आ. तिष्ठानि तिष्ठाव तिष्ठाम / स्थीयै स्थीयावहै स्थीयामहै तिष्ठ तिष्ठतम तिष्ठत स्थीयस्व स्थीयेथाम स्थीयध्वम तिष्ठतु तिष्ठताम् तिष्ठन्तु स्थीयताम् स्थीयेताम् स्थीयन्ताम्
Page #53
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 67 / व. यच्छामि यच्छावः यच्छामः यच्छसि यच्छथः यच्छथ यच्छति यच्छतः यच्छन्ति दीये दीयसे दीयते दीयावहे दीयेथे दीयेते दीयामहे दीयध्वे दीयन्ते ह्य. अयच्छम् अयच्छाव अयच्छाम अयच्छ: अयच्छतम् अयच्छत अयच्छत् अयच्छताम् अयच्छन् अदीये अदीयावहि अदीयामहि अदीयथाः अदीयेथाम् अदीयध्वम् अदीयत अदीयेताम् अदीयन्त वि. यच्छेयम् यच्छेव यच्छेम यच्छेः यच्छेतम् यच्छेत यच्छेत् यच्छेताम् यच्छेयुः / दीयेय दीयेथाः दीयेत दीयेवहि दीयेमहि दीयेयाथाम् दीयेध्वम् दीयेयाताम् दीयेरन् आ. यच्छानि यच्छ यच्छतु यच्छाव यच्छाम यच्छतम् यच्छत यच्छताम् यच्छन्तु f in III II III FREEEEEEEEEEEEEEEEEE II III दीयै दीयावहै दीयामहै दीयस्व दीयेथाम् दीयध्वम् दीयताम् दीयेताम् दीयन्ताम् - -.. धातु. 68 व. पिबामि पिबावः पिबसि पिबथः पिबति पिबतः पिबामः पिबथ पिबन्ति | पीये पीयसे पीयते पीयावहे पीयेथे पीयेते पीयामहे पीयध्वे पीयन्ते य. अपिबम् अपिबः अपिबत् अपिबाव अपिबाम अपिबतम् अपिबत अपिबताम् अपिबन् अपीये अपीयावहि अपीयामहि / अपीयथाः अपीयेथाम अपीयध्वम अपीयत अपीयेताम् अपीयन्त वि. पिबेयम् पिबेः पिबेत् पिबेव पिबेम पिबेतम् पिबेत पिबेताम् पिबेयुः पीयेय पीयेवहि पीयेमहि ! पीयेथाः पीयेयाथाम् पीयेध्वम् पीयेत पीयेयाताम् पीयेरन् आ. पिबानि पिब पिबाव पिबतम् पिबताम् पिबाम पिबत पिबन्तु / पीयै पीयावहै / पीयस्व पीयेथाम पीयताम् पीयेताम् पीयामहै पीयध्वम पीयन्ताम् पिबतु 401
Page #54
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 66 ! मद्ये व. माद्यामि माद्यावः माद्यसि माद्यथ: माद्यति माद्यतः माद्यामः माद्यथ माद्यन्ति मद्यसे मद्यावहे मद्येथे मद्येते मद्यामहे मद्यध्वे मद्यन्ते मद्यते ह्य. अमाद्यम् अमाद्यः अमाद्यत् अमाद्याव अमाद्याम अमाद्यतम् अमाद्यत अमाद्यताम् अमाद्यन् अमद्ये अमद्यावहि अमद्यामहि अमद्यथाः अमद्येथाम् अमद्यध्वम् अमद्यत अमद्येताम् अमद्यन्त वि. माद्येयम् माद्येव माद्यम माघः माद्यतम माद्येत मायेत् माद्येताम् माद्येयुः मद्येय मद्येवहि मद्येमहि मद्येथाः मद्येयाथाम् मद्यध्वम् मद्येत मद्येयाताम् मधेरन् आ. माद्यानि माद्य माद्यतु माद्याव / माद्याम माद्यतम् माद्यत माद्यताम् . माद्यन्तु मद्यै मद्यस्व मद्यताम् मद्यावहै मद्येथाम् मद्येताम् मद्यामहै मद्यध्वम् मद्यन्ताम् .. - . -.. -.. - - . - . - . - . - . - . -. . - - - धातु. 70 व. श्राम्यामि श्राम्यावः श्राम्यामः / श्रम्ये श्राम्यसि श्राम्यथः श्राम्यथ / श्रम्यसे श्राम्यति श्राम्यतः श्राम्यन्ति श्रम्यते to III VII VIII III III III श्रम्यावहे श्रम्येथे श्रम्येते श्रम्यामहे श्रम्यध्वे श्रम्यन्ते ह्य. अश्राम्यम् अश्राम्याव अश्राम्याम ! अश्रम्ये अश्रम्यावहि अश्रम्यामहि अश्राम्यः अश्राम्यतम् अश्राम्यत ! अश्रम्यथाः अश्रम्येथाम् अश्रम्यध्वम् अश्राम्यत् अश्राम्यताम् अश्राम्यन् अनम्यत अश्रम्येताम् अश्रम्यन्त वि. श्राम्येयम् श्राम्येव श्राम्येम श्राम्येः श्राम्येतम् श्राम्येत श्राम्येत् श्राम्येताम् श्राम्येयुः श्रम्येय श्रम्येवहि श्रम्येमहि श्रम्येथाः श्रम्येयाथाम् श्रम्येध्वम् श्रम्येत श्रम्येयाताम् श्रम्येरन् आ. श्राम्याणि श्राम्याव श्राम्याम श्राम्य श्राम्यतम् श्राम्यत श्राम्यतु श्राम्यताम् श्राम्यन्तु श्रम्यै श्रम्यावहै श्रम्यामहै श्रम्यस्व श्रम्येथाम् श्रम्यध्वम् | श्रम्यताम् श्रम्येताम् श्रम्यन्ताम्
Page #55
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 71 . शाम्यामि शाम्यावः . शाम्यामः ! शम्ये शाम्यसि शाम्यथः शाम्यथ | शम्यसे शाम्यति शाम्यतः शाम्यन्ति शम्यते शम्यावहे शम्यामहे शम्यध्वे शम्यन्ते शम्येते . अशाम्यम् अशाम्याव अशाम्याम अशाम्यः अशाम्यतम् अशाम्यत अशाम्यत् अशाम्यताम् अशाम्यन् अशम्ये अशम्यावहि अशम्यामहि अशम्यथाः अशम्येथाम् अशम्यध्वम् अशम्यत अशम्येताम् अशम्यन्त वि. शाम्येयम् शाम्येव शाम्येम शाम्येः शाम्येतम् / शाम्येत शाम्येत् शाम्येताम् शाम्येयुः शम्येय शम्येवहि शम्येमहि शम्येथाः शम्येयाथाम् शम्येध्वम् / शम्येत शम्येयाताम् शम्येरन् आ. शाम्यानि शाम्याव शाम्याम शम्यै शम्यावहै __शाम्य शाम्यतम् / शाम्यत i शम्यस्व शम्येथाम् शाम्यतु शाम्यताम् शाम्यन्तु / शम्यताम् शम्येताम् शम्यामहै शम्यध्वम् शम्यन्ताम् इष्यामहे धातु. 72 व. इच्छामि इच्छावः इच्छसि इच्छथः इच्छति इच्छतः इच्छामः इष्ये इच्छथ / इष्यसे इच्छन्ति / इष्यते इष्यावहे इष्येथे इष्येते इष्यध्वे इष्यन्ते ह्य. ऐच्छम् ऐच्छ: ऐच्छत् ऐच्छाव ऐच्छाम / ऐष्ये ऐष्यावहि ऐष्यामहि ऐच्छतम् ऐच्छत ऐष्यथाः ऐष्येथाम् ऐष्यध्वम् ऐच्छताम् ऐच्छन् ऐष्यत ऐष्येताम् ऐष्यन्त वि. इच्छेयम् इच्छेव इच्छेम इच्छे: इच्छेतम् इच्छेत इच्छेत् इच्छेताम् इच्छेयुः इष्येय इष्येवहि इष्येमहि इष्येथाः इष्येयाथाम् इष्येध्वम् इष्येत इष्येयाताम् इष्येरन् आ. इच्छानि इच्छ इच्छतु इच्छाव इच्छतम् इच्छताम् इच्छाम इच्छत इच्छन्तु / इष्यै / इष्यस्व इष्यताम् इष्यावहै इष्येथाम् / इष्येताम् इष्यामहै इष्यध्वम्
Page #56
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 73 व. पृच्छामि पृच्छावः पृच्छामः पृच्छसि पृच्छथः पृच्छथ पृच्छति पृच्छतः पृच्छन्ति पृच्छये पृच्छयावहे पृच्छ्यामहे पृच्छयसे पृच्छयेथे पृच्छयध्वे पृच्छयते पृच्छयेते पृच्छयन्ते ह्य. अपृच्छम् अपृच्छ: अपृच्छत् अपृच्छाव अपृच्छाम अपृच्छतम् अपृच्छत अपृच्छताम् अपृच्छन् अपृच्छये अपृच्छयावहि अपृच्छयामहि अपृच्छ्यथाः अपृच्छयेथाम् अपृच्छयध्वम् | अपृच्छयत अपृच्छयेताम् अपृच्छयन्त वि. पृच्छेयम् पृच्छेः पृच्छेत् पृच्छेव पच्छेम पृच्छेतम् पृच्छेत पृच्छेताम् पृच्छेयुः पृच्छयेय पृच्छयेवहि पृच्छ्येमहि पृच्छयेथाः पृच्छयेयाथाम् पृच्छयेध्वम् पृच्छ्येत पृच्छ्येयाताम् पृच्छयेरन् आ. पृच्छानि पृच्छ पृच्छतु पृच्छाव पृच्छाम पृच्छतम् पृच्छत पृच्छताम् पृच्छन्तु पृच्छयै पृच्छ्यावहै पृच्छयामहै पृच्छ्यस्व पृच्छयेथाम् पृच्छयध्वम् पृच्छयताम् पृच्छयेताम् पृच्छयन्ताम् धातु. 74 व. अस्मि स्वः असि स्थः अस्ति भूयावहे भूयामहे भूयध्वे स्थ सन्ति भूयेते भूयन्ते ह्य. आसम् आसीः आसीत् आस्व आस्तम् आस्ताम् आस्म आस्त आसन् अभूये अभूयावहि अभूयामहि अभूयथाः अभूयेथाम् अभूयध्वम् अभूयत अभूयेताम् अभूयन्त वि. स्याम् स्याः स्यात् स्याव स्यातम् स्याताम् स्याम स्यात स्युः / भूक्य भूयेथाः / भूयेत भूयेवहि भूयेमहि भूयेयाथाम् भूयेध्वम् भूयेयाताम् भूयेरन् असाम आ. असानि एधि अस्तु असाव स्तम् स्ताम् स्त भूयावहै भूयस्व भूयेथाम् भूयताम् भूयेताम् भूयामहै भूयध्वम् भूयन्ताम् सन्तु
Page #57
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 75 व. वन्दे वन्दावहे वन्दसे वन्देथे वन्दते वन्देते वन्दामहे वन्ये वन्दध्वे वन्द्यसे वन्दन्ते / वन्द्यते वन्द्यावहे वन्द्येथे वन्द्येते वन्द्यामहे वन्द्यध्वे वन्द्यन्ते ह्य. अवन्दे अवन्दावहि अवन्दामहि अवन्द्ये अवन्द्यावहि अवन्द्यामहि अवन्दथाः अवन्देथाम् अवन्दध्वम् ! अवन्द्यथाः अवन्द्येथाम् अवन्द्यध्वम् अवन्दत अवन्देताम् अवन्दन्त / अवन्धत अवन्येताम् अवन्द्यन्त वि. वन्देय वन्देवहि वन्देमहि वन्द्येय वन्द्येवहि वन्द्येमहि वन्देथाः वन्देयाथाम् वन्देध्वम् वन्द्येथाः वन्द्येयाथाम वन्द्यध्वम् वन्देत वन्देयाताम् वन्देरन् / वन्द्येत वन्द्येयाताम् वन्द्येरन् आ. वन्दै वन्दावहै वन्दस्व वन्देथाम् ल्दताम् वन्देताम् ___ EEEEEEEEEEEEEEEEETE _EEEEEEEEEEEEEEEEEE ALL 111 III IT WILL HII II II DIE TI ITE IT In III III III वन्दामहै / वन्द्यै वन्द्यावहै वन्दध्वम् वन्द्यस्व वन्येथाम् वन्दन्ताम् / वन्द्यताम् वन्द्येताम् वन्द्यामहै वन्द्यध्वम् वन्द्यन्ताम् धातु. 76 व. वर्धे वर्धावहे वर्धसे वर्धेथे वर्धते वर्धते वर्धामहेः वर्धध्वे वर्धन्ते वृध्ये वृध्यसे वृध्यते वृध्यावहे वृध्येथे वृध्येते वृध्यामहे वृध्यध्वे वृध्यन्ते ह्य. अवर्धे अवर्धावहि अवर्धामहि / अवृध्ये अवृध्यावहि अवृध्यामहि अवर्धथाः अवर्धथाम् अवर्धध्वम् / अवृध्यथाः अवृध्येथाम् अवृध्यध्वम् __ अवर्धत अवर्धेताम् अवर्धन्त / अवृध्यत अवृध्येताम् अवृध्यन्त वि. वर्धेय वर्धथाः वर्धत वर्धेवहि वर्धेमहि वृध्येवहि वृध्येमहि वर्धयाथाम् वर्धध्वम् ! वृध्येथाः वृध्येयाथाम् वृध्येध्वम् वर्धेयाताम् वर्धरन् / वृध्येत वृध्येयाताम् वृध्येरन् आ. वर्धे !! वर्धस्व वर्धताम् वर्धावहै वर्धथाम वर्धेताम् वर्धामहै / वृध्यै वृध्यावहै. वृध्यामहै वर्धध्वम् वृध्यस्व वृध्येथाम् वृध्यध्वम् वर्धन्ताम् / वृध्यताम् वृध्येताम् वृध्यन्ताम्
Page #58
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि धातु. 77 व. पचामि पचसि पचति पचावः पचथः पचतः पचामः पचथ पचन्ति पचे पचसे पचते पचावहे पचेथे पचेते पचामहे पचध्वे पचन्ते ह्य. अपचम् अपचः अपचत् अपचाव अपचाम अपचतम् . अपचत अपचताम् अपचन अपचे अपचावहि अपचामहि अपचथाः अपचेथाम अपचध्वम् अपचत अपचेताम् अपचन्त वि. पचेयम पचेः पचेत् पचेव पचेतम पचेताम् पचेम पचेत पचेयुः पचेय पचेवहि पचेमहि पचेथाः पचेयाथाम् पचेध्वम् पचेत पचेयाताम् पचेरन् आ. पचानि पच पचतु पचाव पचतम पचताम् पचाम पचत पचन्तु पचै पचस्व पचताम् पचावहै पचेथाम् पचेताम् पचामहै पचध्वम् पचन्ताम् धातु. 78 व. हरामि हरसि हरति हरावः हरथः हरतः हरामः हस्थ हरन्ति हरे / हरसे | हरते हरावहे हरेथे हरेते हरामहे हरध्वे हरन्ते ह्य. अहरम् अहरः अहरत् अहराव अहरतम् अहरताम् अहराम अहरत अहरन् अहरे अहरथाः अहरत अहरावहि अहरेथाम् अहरेताम् अहरामहि अहरध्वम् अहरन्त वि. हरेयम् हरेः __ हरेत् हरेव हरेतम हरेताम् हरेम हरेत हरेयुः हरेय हरेथाः हरेत हरेवहि हरेयाथाम् हरेयाताम् हरेमहि हरेध्वम् हरेरन् आ. हराणि हर हरतु हराव हरतम हरताम् हराम हरत हरन्तु हरै हरस्व हरताम् हरावहै हरेथाम् हरेताम् हरामहै हरध्वम् हरन्ताम् [45]
Page #59
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि व. पच्ये पच्यसे पच्यते पच्यावहे पच्येथे पच्येते पच्यामहे पच्यध्वे पच्यन्ते ह्य. अपच्ये अपच्यावहि अपच्यामहि अपच्यथाः अपच्येथाम् अपच्यध्वम् अपच्यत अपच्येताम् अपच्यन्त वि. पच्येय पच्येवहि पच्येमहि पच्येथाः पच्येयाथाम पच्यध्वम पच्येत पच्येयाताम् पच्येरन आ. पच्यै पच्यावहै पच्यामहै पच्यस्व पच्येथाम् पच्यध्वम् पच्यताम् पच्येताम् पच्यन्ताम् -.. व. हिये हियसे हियते ह्रियावहे हियेथे हियेते ह्रियामहे हियध्वे हियन्ते डा. अहिये अहियावहि अहियामहि अहियथाः अहियेथाम् अहियध्वम् अहियत अहियेताम् अह्रियन्त ह्रियेवहि ह्रियेमहि / हियेथाः हियेयाथाम् हियेध्वम् ह्रियेत हियेयाताम् ह्रियेरन् मा. हियै हियावहै हियामहै ह्रियस्व हियेथाम् ह्रियध्वम् हियताम् हियेताम् ह्रियन्ताम् 1461
Page #60
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 76 व. डये डयसे डयते डयावहे डयेथे डयेते डयामहे ! डीये डयध्वे डयन्ते डीयते डीयावहे डीयेथे डीयेते डीयामहे डीयध्वे डीयन्ते ह्य. अडये अडयावहि अडयामहि अडयथाः अडयेथाम् अडयध्वम् / अडयत . अडयेताम् अडयन्त अडीये अडीयावहि अडीयामहि अडीयथाः अडीयेथाम् अडीयध्वम् अडीयत अडीयेताम् अडीयन्त वि. डयेय डयेथाः डयेत डयेवहि डयेमहि डयेयाथाम डयध्वम डयेयाताम डयेरन डीयेय डीयेवहि डीयेमहि डीयेथाः डीयेयाथाम् डीयेध्वम् डीयेत डीयेयाताम् डीयेरन् आ. डयै डयस्व डयताम् डयावहै डयेथाम् डयेताम् डयामहै डयध्वम् डयन्ताम् वह है है 111 110 111 111 Indji II ait, 111 111 112 111 fit it ti til है डीयावहै डीयामहै डीयस्व डीयेथाम् डीयध्वम् डीयताम् डीयेताम् डीयन्ताम् - . -.. -.. -.. -..-.. -.. -.. - . -..-.. -.. - . - . -... धातु. 80 व. भाषे भाषसे भाषते भाषावहे भाषेथे भाषेते भाषामहे: भाषध्वे भाषन्ते भाष्यावहे भाष्यामहे भाष्यसे भाष्येथे भाष्यध्वे ! भाष्यते भाष्येते भाष्यन्ते ह्य. अभाषे अभाषावहि अभाषामहि / अभाष्ये अभाष्यावहि अभाष्यामहि ___ अभाषथाः अभाषेथाम् अभाषध्वम् / अभाष्यथाः अभाष्येथाम् अभाष्यध्वम् अभाषत अभाषेताम् अभाषन्त अभाष्यत अभाष्येताम् अभाष्यन्त वि. भाषेय भाषेवहि भाषेमहि भाषेथाः भाषेयाथाम् भाषेध्वम् भाषेत भाषेयाताम् भाषेरन् भाष्येय भाष्येवहि भाष्येमहि भाष्येथाः भाष्येयाथाम् भाष्येध्वम् भाष्येत भाष्येयाताम् भाष्येरन् आ. भाषै भाषस्व भाषताम् भाषावहै भाषेथाम् भाषेताम् भाषामहै भाष्यावहै भाष्यामहै भाषध्वम् भाष्यस्व भाष्येथाम् भाष्यध्वम् भाषन्ताम् / भाष्यताम् भाष्येताम् भाष्यन्ताम्
Page #61
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि रम्यावहे धातु. 81 / रमे रमसे रमते रमावहे रमेथे रमेते रमामहे / रमध्ये रमन्ते रम्यामहे रम्यध्वे रम्यन्ते - रम्येते र अरमे अरमथाः अरमत अरमावहि अरमेथाम् अरमेताम् अरमामहि अरमध्वम् अरमन्त अरम्ये अरम्यावहि अरम्यामहि अरम्यथाः अरम्येथाम् अरम्यध्वम् अरम्यत अरम्येताम् अरम्यन्त वि. रमेय - रमेथाः - रमेत रमेवहि रमेमहि रमेयाथाम् रमेध्वम् रमेयाताम् रमेरन् रम्येय रम्येवहि रम्येमहि रम्येथाः रम्येयाथाम रम्येध्वम रम्येत रम्येयाताम् रम्येरन् आ. रमै रमस्व रमताम् रमावहै रमेथाम् रमेताम् रमामहै रमध्वम् रमन्ताम् रम्यै रम्यावहै रम्यस्व रम्येथाम् रम्यताम् रम्येताम् रम्यामहै रम्यध्वम् रम्यन्ताम् . - . -.. - . - . -.. धतु. 82 व. लभे लभसे लभते लभावहे लभेथे लभेते लभामहे लभध्वे लभन्ते लभ्ये लभ्यसे लभ्यते लभ्यावहे लभ्येथे लभ्येते लभ्यामहे लभ्यध्वे लभ्यन्ते ह्य. अलभे अलभावहि अलभामहि ! अलभ्ये अलभ्यावहि अलभ्यामहि अलभथाः अलभेथाम् अलभध्वम् / अलभ्यथाः अलभ्येथाम् अलभ्यध्वम् अलभत अलभेताम् अलभन्त | अलभ्यत अलभ्येताम् अलभ्यन्त वि. लभेय लभेथाः लभेत लभेवहि लभमहि लभेयाथाम लभेध्वम लभेयाताम् लभेरन् लभ्येय लभ्येवहि लभ्येमहि लभ्येथाः लभ्येयाथाम् लभ्येध्वम् लभ्येत लभ्येयाताम् लभ्येरन् आ. लभ लभस्व लभताम् लभावहै लभेथाम् लभेताम् लभामहै लभध्वम् लभन्ताम् ! लभ्यावहै लभ्यामहै लभ्यस्व लभ्येथाम् लभ्यध्वम् लभ्यताम् लभ्येताम् लभ्यन्ताम् [48]
Page #62
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि धातु. 83 व. वर्ते वर्तावहे वर्तसे वर्तेथे वर्तते वर्तेते वर्तामहे वर्तध्वे वर्तन्ते ! वृत्ये वृत्यसे वृत्यावहे वृत्येथे वृत्येते वृत्यामहे वृत्यध्वे वृत्यन्ते ह्य. अवर्ते अवर्तावहि अवर्तामहि / अवृत्ये अवृत्यावहि अवृत्यामहि अवर्तथाः अवर्तेथाम् अवर्तध्वम् / अवृत्यथाः अवृत्येथाम् अवृत्यध्वम् अवर्तत अवर्तेताम् अवर्तन्त / अवृत्यत अवृत्येताम् अवृत्यन्त वि. वर्तेय वर्तेथाः वर्तेत वर्तेवहि वर्तेमहि / वृत्येय वत्येवहि वत्येमहि वर्तेयाथाम् वर्तेध्वम् वृत्येथाः वृत्येयाथाम् वृत्यध्वम् वर्तेयाताम् वर्तेरन् वृत्येत वृत्येयाताम् वृत्येरन् आ. वर्ते वर्तस्व वर्तताम् वर्तावहै वर्तामहै वृत्यावहै वर्तेथाम् / वर्तध्वम् वृत्यस्व वृत्येथाम् वर्तेताम् वर्तन्ताम् / वृत्यताम् वृत्येताम् वृत्यामहै वृत्यध्वम् वृत्यन्ताम् 1 ts in all Luz III ali mu $92 IN WIE WIE III III III III ___EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE. ILE WII LLL LLL ELE III LLL ZIL In III all in LLE. WIE ALL BLE धातु. 84 व. शोभे शोभसे शोभते शोभावहे शोभेथे शोभेते शोभामहे / शुभ्ये शोभध्वे शुभ्यसे शोभन्ते शुभ्यते शुभ्यावहे शुभ्येथे शुभ्येते शुभ्यामहे शुभ्यध्वे शुभ्यन्ते ह्य. अशोभे अशोभावहि अशोभामहि अशुभ्ये अशुभ्यावहि अशुभ्यामहि __ अशोभथाः अशोभेथाम् अशोभध्वम् / अशुभ्यथाः अशुभ्येथाम् अशुभ्यध्वम् अशोभत अशोभेताम् अशोभन्त / अशुभ्यत अशुभ्येताम् अशुभ्यन्त वि. शोभेय शोभेवहि शोभेमहि शुभ्येय शुभ्येवहि शुभ्येमहि _शोभेथाः शोभेयाथाम् शोभेध्वम् शुभ्येथाः शुभ्येयाथाम् शुभ्यध्वम् शोभेत शोभेयाताम् शोभेरन् / शुभ्येत शुभ्येयाताम् शुभ्येरन् आ. शोभै शोभावहै शोभस्व शोभेथाम् शोभताम् शोभेताम् शोभामहै / शुभ्यै शुभ्यावहै शोभध्वम् / शुभ्यस्व शुभ्येथाम् शोभन्ताम् / शुभ्यताम् शुभ्येताम् शुभ्यामहै शुभ्यध्वम् शुभ्यन्ताम्
Page #63
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 85 व. सेवे सेवसे सेवते सेवावहे सेवेथे सेवेते सेवामहे सेवध्वे सेवन्ते ! सेव्ये सेव्ये सेव्यसे सेव्यते सेव्यावहे सेव्येथे सेव्येते सेव्यामहे सेव्यध्वे सेव्यन्ते ह्य. असेवे असेवावहि असेवामहि असेव्ये असेव्यावहि असेव्यामहि असेवथाः असेवेथाम् असेवध्वम् असेव्यथाः असेव्येथाम् असेव्यध्वम् असेवत असेवेताम् असेवन्त / असेव्यत असेव्येताम् असेव्यन्त वि. सेवेय सेवेथाः सेवेत सेवेवहि सेवेमहि सेव्येय सेव्येवहि सेव्येमहि सेवेयाथाम् सेवेध्वम् / सेव्येथाः सेव्येयाथाम् सेव्यध्वम् सेवेयाताम् सेवेरन् सेव्येत सेव्येयाताम् सेव्येरन् आ. सेवै ___ सेवस्व सेवताम् सेवावहै सेवेथाम् सेवेताम् सेवामहै सेव्यै सेव्यावहै सेव्यामहै सेवध्वम् सेव्यस्व. सेव्येथाम् सेव्यध्वम् सेवन्ताम् / सेव्यताम् सेव्येताम् सेव्यन्ताम् 1 In III all up in HIT BHI NET In III III III III III III III धतु. 86 व. स्वादे स्वादावहे स्वादामहे / स्वाद्ये स्वाद्यावहे स्वाद्यामहे स्वादसे स्वादेथे स्वादध्वे / स्वाद्यसे स्वाद्येथे स्वाद्यध्वे स्वादते स्वादेते स्वादन्ते में स्वाद्यते स्वाद्येते स्वाद्यन्ते . अस्वादे अस्वादावहि अस्वादामहि अस्वाद्ये. अस्वाद्यावहि अस्वाद्यामहि अस्वादथाः अस्वादेथाम् अस्वादध्वम् अस्वाद्यथाः अस्वाद्येथाम् अस्वाद्यध्वम् अस्वादत अस्वादेताम् अस्वादन्त / अस्वाद्यत अस्वाद्येताम् अस्वाद्यन्त वि. स्वादेय स्वादेवहि स्वादेमहि स्वाद्येय स्वाद्येवहि स्वाद्येमहि / स्वादेथाः स्वादेयाथाम् स्वादेध्वम् / स्वाद्येथाः स्वाद्येयाथाम् स्वाद्यध्वम् स्वादेत स्वादेयाताम् स्वादेरन् / स्वाद्येत स्वाद्येयाताम् स्वाद्येरन् बा. स्वादै स्वादावहै स्वादामहै / स्वाद्यै स्वाद्यावहै स्वाद्यामहै स्वादस्व स्वादेथाम् स्वादध्वम् / स्वाद्यस्व स्वाद्येथाम् स्वाद्यध्वम् स्वादताम् स्वादेताम् स्वादन्ताम् ! स्वाद्यताम् स्वाद्येताम् स्वाद्यन्ताम् 1501
Page #64
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि नये धातु. 87 व. नयामि नयावः नयसि नयथ: नयति नयतः नयामः नयथ नयन्ति नयसे नयते नयावहे नयात नयेथे नयेते नयामहे नयध्वे नयन्ते ह्य. अनयम् अनयः अनयत् अनयाव अनयतम् अनयताम् अनयाम अनयत अनयन् / अनये अनयथाः अनयत अनयावहि अनयामहि अनयेथाम् अनयध्वम् अनयेताम् अनयन्त वि. नयेयम् नयेः नयेत् नयेव नयेतम नयेताम् नयेम नयेत नयेयुः नयेय नयेथाः नयेत नयेवहि नयेमहि नयेयाथाम् नयेध्वम् नयेयाताम् नयेरन् आ नयाम आ. नयानि नय नयतु नयाव नयाव नयतम नयताम् नयाम नयत नयन्तु नयै नयस्व नयताम् नयावहै नयेथाम् नयेताम् नयामहै नयध्वम् नयन्ताम् धातु. 88 व. याचामि याचावः याचसि याचथः याचति याचतः याचामः याचथ याचन्ति याचे याचसे याचते याचावहे याचेथे याचेते याचामहे याचध्वे याचन्ते ह्य. अयाचम् अयाच: अयाचत् अयाचाव अयाचाम अयाचतम अयाचत अयाचताम् अयाचन् अयाचे अयाचावहि अयाचामहि अयाचथाः अयाचेथाम अयाचध्वम अयाचत अयाचेताम् अयाचन्त वि. याचेयम् याचेः याचेत् याचेव याचेम याचेतम् याचेत याचेताम् याचेयुः याचेय योचेवहि याचेमहि याचेथाः याचेयाथाम् याचध्वम् याचेत याचेयाताम् याचेरन् आ. याचानि याचाव याच याचतम् याचतु याचताम् याचाम याचै याचावहै याचामहै याचत याचस्व याचेथाम् याचध्वम् याचन्तु ! याचताम् याचेताम् याचन्ताम्
Page #65
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि व. नये नीयसे नीयते नीयावहे नीयेथे नीयेते नीयामहे नीयध्वे नीयन्ते कर्तरि धातु. 86 राजामि राजावः राजसि राजथ: राजति राजतः राजामः राजथ राजन्ति ह्य. अनीये अनीयावहि अनीयामहि अनीयथाः अनीयेथाम् अनीयध्वम् अनीयत अनीयेताम् अनीयन्त अराजम अराजः अराजत् अराजाव अराजाम अराजतम् अराजत अराजताम् अराजन् वि. नीयेय नीयेवहि नीयेमहि नीयेथाः नीयेयाथाम् नीयध्वम् नीयेत नीयेयाताम् नीयेरन् राजेयम् राजेः राजेत् राजेव राजेतम् राजेताम् राजेम राजेत राजेयुः आ. नीयै नीयावहै नीयामहै नीयस्व नीयेथाम् नीयध्वम् नीयताम् नीयेताम् नीयन्ताम् राजानि राज राजतु राजाव राजतम् राजताम् राजाम राजत राजन्तु धातु. 60 वहामि वहसि PLEFFEEEEEEEEEEEEEEEE व. याच्ये याच्यावहे याच्यामहे याच्यसे याच्येथे याच्यध्वे याच्यते याच्येते याच्यन्ते वहावः वहथः वहामः वहथ वहन्ति वहति वहतः ह्य. अयाच्ये अयाच्यावहि अयाच्यामहि अयाच्यथाः अयाच्येथाम् अयाच्यध्वम् / अयाच्यत अयाच्येताम् अयाच्यन्त अवहम् अवहः अवहत् अवहाव अवहतम् अवहताम् अवहाम अवहत अवहन् वि. याच्येय याच्येवहि याच्येमहि वहेयम् / याच्येथाः याच्येयाथाम् याच्येध्वम् वहे: याच्येत याच्येयाताम् याच्येरन् / वहेत वहेव : वहेतम् वहेताम वहेम वहेत वहेयः आ. याच्यै याच्यावहै याच्यामहै वहानि याच्यस्व याच्येथाम् याच्यध्वम् याच्यताम् याच्येताम् याच्यन्ताम् / वहत। वहाव वहतम् वहताम् वहाम वहत वह वहन्तु [521
Page #66
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि व. राजे राजसे राजते राजावहे राजेथे राज़ेते राजामहे: राज्ये राज्यावहे राजध्वे राज्यसे राज्येथे राजन्ते / राज्यते राज्येते राज्यामहे राज्यध्वे राज्यन्ते ह्य. अराजे अराजावहि अराजामहि अराज्ये अराज्यावहि अराज्यामहि अराजथाः अराजेथाम् अराजध्वम् ! अराज्यथाः अराज्येथाम् अराज्यध्वम् अराजत अराजेताम् अराजन्त / अराज्यत अराज्येताम् अराज्यन्त वि. राजेय राजेवहि राजेमहि / राज्येय राज्येवहि राज्येमहि - राजेथाः राजेयाथाम् राजेध्वम् / राज्येथाः राज्येयाथाम् राज्येध्वम् राजेत राजेयाताम् राजेरन् ! राज्येत राज्येयाताम् राज्येरन् आ. राजै राजावहै राजामहै राज्य राज्यावहै राजस्व राजेथाम् राजध्वम् / राज्यस्व राज्येथाम् राजताम् राजेताम् राजन्ताम् / राज्यताम् राज्येताम् राज्यामहै राज्यध्वम् राज्यन्ताम् व. वहे वहसे वहते वहावहे वहेथे वहेते वहामहे वहध्वे वहन्ते / उह्ये उह्यसे उह्यते उह्यावहे उह्येथे उह्येते उह्यामहे उह्यध्वे उह्यन्ते ह्य. अवहे अवहावहि अवहामहि औह्ये अवहथाः अवहेथाम अवहध्वम | औह्यथाः अवहत अवहेताम् अवहन्त औरत औह्यावहि औह्येथाम औह्येताम् औह्यामहि औह्यध्वम औह्यन्त वि. वहेय वहेथाः वहेत वहेवहि वहेयाथाम् वहेयाताम् वहेमहि वहेध्वम् वहेरन् उह्येय उद्देवहि उह्येमहि उह्येथाः उह्येयाथाम् उह्यध्वम् / उह्येत उह्येयाताम् उह्येरन् वहावहै आ. वहै वहस्व वहताम् वहेथाम् वहेताम् वहामहै वहध्वम् वहन्ताम् उदै उह्यावहै उह्यस्व उह्येथाम् / उह्यताम् उह्येताम् उह्यामहै उह्यध्वम् उह्यन्ताम् [53
Page #67
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि धातु. 61 मुञ्चे व. मुञ्चामि मुञ्चावः मुञ्चामः ___मुञ्चसि मुञ्चथः मुञ्चथ मुञ्चति मुञ्चतः मुञ्चसे मुञ्चावहे मुञ्चामहे मुञ्चेथे मुञ्चध्वे मुञ्चेते मुञ्चन्ते मुञ्चन्ति मुञ्चते ह्य. अमुञ्चम् अमुञ्चाव अमुञ्चाम अमुञ्चः अमुञ्चतम् अमुञ्चत अमुञ्चत् अमुञ्चताम् अमुञ्चन् अमुञ्चे अमुञ्चावहि अमुञ्चामहि अमुञ्चथाः अमुञ्चेथाम् अमुञ्चध्वम् अमुञ्चत अमुञ्चेताम् अमुञ्चन्त वि. मुञ्चेयम् ___ मुञ्चेः मुञ्चेत् मुञ्चेव मुञ्चेम मुञ्चेतम् मुञ्चेत मुञ्चेताम् मुञ्चेयुः मुञ्चेय मुञ्चेथाः मुञ्चेत मुञ्चेवहि मुञ्चेमहि मुञ्चेयाथाम् मुञ्चेध्वम् मुञ्चेयाताम् मुञ्चेरन् आ. मुञ्चानि मुञ्चाव मुञ्चाम मुञ्चै मुञ्चावहै मुञ्चामहै मुञ्च मुञ्चतम् मुञ्चत मुञ्चस्व मुञ्चेथाम् मुञ्चध्वम् मुञ्चतु मुञ्चताम् मुञ्चन्तु मुञ्चताम् मुञ्चेताम् मुञ्चन्ताम् धातु. 62 व. सिञ्चामि सिञ्चावः सिञ्चामः / सिञ्चे सिञ्चावहे सिञ्चामहे सिञ्चसि सिञ्चथः सिञ्चथ सिञ्चसे सिञ्चेथे सिञ्चध्वे सिञ्चति सिञ्चतः सिञ्चन्ति ! सिञ्चते सिञ्चेते सिञ्चन्ते ह्य. असिञ्चम् असिञ्चाव असिञ्चाम असिञ्चे असिञ्चावहि असिञ्चामहि असिञ्चः असिञ्चतम असिञ्चत / असिञ्चथाः असिञ्चेथाम असिञ्चध्वम असिञ्चत् असिञ्चताम् असिञ्चन् / असिञ्चत असिञ्चेताम् असिञ्चन्त वि. सिञ्चयम् सिञ्चेव सिञ्चेम सिञ्चेय सिञ्चेवहि सिञ्चेमहि सिञ्चेः सिञ्चेतम् सिञ्चेत ! सिञ्चेथाः सिञ्चेयाथाम् सिञ्चेध्वम् सिञ्चेत् सिञ्चेताम् सिञ्चेयुः सिञ्चेत सिञ्चेयाताम् सिञ्चेरन् आ. सिञ्चानि सिञ्चाव सिञ्चाम ! सिञ्चै सिञ्चावहै सिञ्चामहै सिञ्च सिञ्चतम् सिञ्चत सिञ्चस्व सिञ्चेथाम् सिञ्चध्वम् सिञ्चतु सिञ्चताम् सिञ्चन्तु सिञ्चताम् सिञ्चेताम् सिञ्चन्ताम् 154]
Page #68
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि व. मुच्ये मुच्यावहे मुच्येथे मुच्येते मुच्यसे धातु. 63 जाये जायसे जायते मुच्यामहे मुच्यध्वे मुच्यन्ते जायावहे जायेथे जायेते जायामहे जायध्वे जायन्ते ह्य. अमुच्ये अमुच्यावहि अमुच्यामहि अमुच्यथाः अमुच्येथाम् अमुच्यध्वम् / अमुच्यत अमुच्येताम् अमुच्यन्त अजाये अजायावहि अजायामहि अजायथाः अजायेथाम् अजायध्वम् अजायत अजायेताम् अजायन्त वि. मुच्येय मुच्येवहि मुच्येमहि मुच्येथाः मुच्येयाथाम् मुच्येध्वम् मुच्येत मुच्येयाताम् मुच्येरन् जायेय जायेवहि जायेमहि जायेथाः जायेयाथाम् जायेध्वम् जायेत जायेयाताम् जायेरन् आ. मुच्यै मुच्यावहै मुच्यामहै मुच्यस्व मुच्येथाम् मुच्यध्वम् मुच्यताम् मुच्येताम् मुच्यन्ताम् जायै जायावहै जायामहै जायस्व जायेथाम् जायध्वम् जायताम् जायेताम् जायन्ताम् व. सिच्ये सिच्यावहे सिच्यामहे सिच्यसे सिच्येथे सिच्यध्वे सिच्यते सिच्येते सिच्यन्ते ह्य. असिच्ये असिच्यावहि असिच्यामहि असिच्यथाः असिच्येथाम् असिच्यध्वम्। असिच्यत असिच्येताम् असिच्यन्त वि. सिच्येय सिच्येवहि सिच्येमहि सिच्येथाः सिच्येयाथाम् सिच्येध्वम् सिच्येत सिच्येयाताम् सिच्येरन् आ. सिच्यै सिच्यावहै सिच्यामहै सिच्यस्व सिच्येथाम् सिच्यध्वम् सित्त्यताम् सिच्येताम् सिच्यन्ताम् 1557
Page #69
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि व. जाये जायसे जायते जायावहे जायेथे जायेते जायामहे ! जन्ये जायध्वे जन्यसे जायन्ते जन्यते जन्यावहे जन्येथे जन्येते जन्यामहे जन्यध्वे जन्यन्ते ह्य. अजाये अजायावहि अजायामहि अजन्ये अजन्यावहि अजन्यामहि अजायथाः अजायेथाम् अजायध्वम् ! अजन्यथाः अजन्येथाम् अजन्यध्वम् अजायत अजायेताम् अजायन्त / अजन्यत अजन्येताम् अजन्यन्त वि. जायेय जायेवहि जायेमहि जायेथाः जायेयाथाम् जायेध्वम् जायेत जायेयाताम् जायेरन् जन्येय जन्येवहि जन्येमहि जन्येथाः जन्येयाथाम् जन्यध्वम् जन्येत जन्येयाताम् जन्येरन् आ. जायै जायावहै जायामहै जायस्व जायेथाम् जायध्वम् जायताम् जायेताम् जायन्ताम् जन्यै जन्यावहै जन्यामहै जन्यस्व जन्येथाम् जन्यध्वम् जन्यताम् जन्येताम् जन्यन्ताम् धातु. 64 व. युध्ये युध्यसे युध्यते युध्यावहे युध्येथे युध्येते युध्यामहे युध्यध्वे युध्यन्ते युध्यावहे युध्येथे युध्येते युध्यामहे युध्यध्वे युध्यन्ते ह्य. अयुध्ये अयुध्यावहि अयुध्यामहि अयुध्ये अयुध्यावहि अयुध्यामहि अयुध्यथाः अयुध्येथाम् अयुध्यध्वम् / अयुध्यथाः अयुध्येथाम् अयुध्यध्वम् अयुध्यत अयुध्येताम् अयुध्यन्त / अयुध्यत अयुध्येताम् अयुध्यन्त वि. युध्येय युध्येवहि युध्येमहि युध्येय युध्येवहि युध्येमहि युध्येथाः युध्येयाथाम् युध्येध्वम् युध्येथाः युध्येयाथाम् युध्यध्वम् युध्येत युध्येयाताम् युध्येरन् / युध्येयाताम् युध्येरन् आ. युध्यै युध्यावहै युध्यामहै युध्यावहै युध्यामहै युध्यस्व युध्येथाम् युध्यध्वम् / युध्यस्व युध्येथाम् युध्यध्वम् युध्यताम् युध्येताम् युध्यन्ताम् ! युध्यताम् युध्येताम् युध्यन्ताम् 56
Page #70
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 65 व. अर्थये अर्थयावहे अर्थयामहे | अh अर्थ्यावहे अर्ध्यामहे अर्थयसे अर्थयेथे अर्थयध्वे / अर्थ्यसे अhथे अर्थ्यध्वे अर्थयते अर्थयेते अर्थयन्ते / अर्थ्यते . अर्थोते अर्थ्यन्ते ह्य. आर्थये आर्थयावहि आर्थयामहि आर्थ्य आर्थ्यावहि आर्थ्यामहि आर्थयथाः आर्थयेथाम आर्थयध्वम ! आर्थ्यथाः आर्येथाम आर्थ्यध्वम आर्थयत आर्थयेताम् आर्थयन्त / आर्थ्यत आर्युताम् आर्थ्यन्त वि. अर्थयेय अर्थयेवहि अर्थयेमहि / अर्सेय अhवहि अhमहि अर्थयेथाः अर्थयेयाथाम अर्थयध्वम ! अर्थ्यथाः अर्थ्येयाथाम अर्थ्यध्वम अर्थयेत अर्थयेयाताम् अर्थयेरन् / अhत अर्थ्ययाताम् अर्युरन् आ. अर्थयै अर्थयावहै अर्थयामहै / अर्से अर्थ्यावहै अर्थ्यामहै अर्थयस्व अर्थयेथाम् अर्थयध्वम् / अर्थ्यस्व अhथाम् अर्थ्यध्वम् अर्थयताम् अर्थयताम् अर्थयन्ताम् / अर्थ्यताम् अर्थ्यताम् अर्थ्यन्ताम् धातु. 66 व. अनुभवामि अनुभवावः अनुभवामः / अनुभूये अनुभूयावहे ___ अनुभवसि अनुभवथः अनुभवथ / अनुभूयसे अनुभूयेथे अनुभवति अनुभवतः अनुभवन्ति ! अनुभूयते अनुभूयेते अनुभूयामहे अनुभूयध्वे अनुभूयन्ते ह्य. अन्वभवम् अन्वभवाव अन्वभवाम ! अन्वभूये अन्वभूयावहि अन्वभूयामहि अन्वभवः अन्वभवतम् अन्वभवत अन्वभूयथाः अन्वभूयेथाम् अन्वभूयध्वम् अन्वभवत् अन्वभवताम् अन्वभवन् / अन्वभूयत अन्वभूयेताम् अन्वभूयन्त वि. अनुभवेयम् अनुभवेव अनुभवेम अनुभूयेय अनुभूयेवहि अनुभूयेमहि अनुभवेः अनुभवेतम् अनुभवेत / अनुभूयेथाः अनुभूयेयाथाम् अनुभूयेध्वम् अनुभवेत् अनुभवेताम् अनुभवेयुः / अनुभूयेत अनुभूयेयाताम् अनुभूयेरन् / आ. अनुभवानि अनुभवाव अनुभवाम / अनुभूयै अनुभूयावहै अनुभूयामहै अनुभव अनुभवतम् अनुभवत / अनुभूयस्व अनुभूयेथाम् अनुभूयध्वम् अनुभवतु अनुभवताम् अनुभवन्तु / अनुभूयताम् अनुभूयेताम् अनुभूयन्ताम [57]
Page #71
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 67 व. अनुरूध्ये अनुरूध्यावहे अनुरूध्यामहे अनुरूध्ये अनुरूध्यावहे अनुरूध्यामहे अनुरूध्यसे अनुरूध्येथे अनुरुध्यध्वे अनरूध्यसे अनरूध्येथे अनरूध्यध्वे अनुरूध्यते अनुरूध्येते अनुरुध्यन्ते अनुरुध्यते अनुरूध्येते अनुरूध्यन्ते ह्य. अन्वरूध्ये अन्वरूध्यावहि अन्वरूध्यामहि अन्वरूध्ये अन्वरूध्यावहिअन्वरूध्यामहि अन्वरूध्यथाः अन्वरूध्येथाम् अन्वरूध्यध्वम् अन्वरूध्यथाः अन्वरूध्येथाम् अन्वरूध्यध्वम् अन्वरूध्यत अन्वरूध्येताम् अन्वरूध्यन्त अन्वरूध्यत अन्वरूध्येताम् अन्वरूध्यन्त वि. अनुरूध्येय अनुरूध्येवहि अनुरूध्येमहि अनुरूध्येय अनुरूध्येवहि अनुरूध्येमहि अनुरूध्येथाः अनुरूध्येयाथाम् अनुरूध्येध्वम् अनुरूध्येथाः अनुरूध्येयाथाम् अनुरूध्येध्वम् अनुरूध्येत अनुरूध्येयाताम् अनुरूध्येरन् अनुरूध्येत अनुरूध्येयाताम् अनुरूध्येरन् आ. अनुरूध्यै अनुरूध्यावहै अनुरुध्यामहै अनुरूध्यै अनुरूध्यावहै अनुरूध्यामहै अनुरूध्यस्व अनुरूध्येथाम् अनुरुध्यध्वम् अनुरुध्यस्व अनुरूध्येथाम् अनुरुध्यध्वम् अनुरूध्यताम् अनुरूध्येताम् अनुरुध्यन्ताम् अनुरूध्यताम् अनुरूध्येताम् अनुरुध्यन्ताम् Iu III III III III III III IT धातु. 68 व. आगच्छामि आगच्छावः आगच्छामः आगम्ये आगम्यावहे आगम्यामहे आगच्छसि आगच्छथः आगच्छथ आगम्यसे आगम्येथे आगम्यध्वे आगच्छति आगच्छतः आगच्छन्ति आगम्यते आगम्येते आगम्यन्ते HII ell ili ill ill all fit ill ह्य. आगच्छम् आगच्छाव आगच्छाम आगम्ये आगम्यावहि आगम्यामहि आगच्छः आगच्छतम् आगच्छत ! आगम्यथाः आगम्येथाम् आगम्यध्वम् आगच्छत् आगच्छताम् आगच्छन् आगम्यत आगम्येताम आगम्यन्त वि. आगच्छेयम् आगच्छेव आगच्छेम आगम्येय आगम्येवहि आगम्येमहि आगच्छेः आगच्छेतम् आगच्छेत | आगम्येथाः आगम्येयाथाम् आगम्येध्वम् .. आगच्छेत् आगच्छेताम् आगच्छेयुः | आगम्येत आगम्येयाताम् आगम्येरन् आ. आगच्छानि आगच्छाव आगच्छाम | आगम्यै आगम्यावहै आगम्यामहै आगच्छ आगच्छतम् आगच्छत / आगम्यस्व आगम्येथाम् आगम्यध्वम् आगच्छतु आगच्छताम् आगच्छन्तु आगम्यताम् आगम्येताम् आगम्यन्ताम् 58]
Page #72
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 66 व. ईक्षे ईक्षावहे ईक्षसे ईक्षेथे ईक्षते ईक्षेते ईक्षामहे ईक्षध्वे ईक्षन्ते ईक्ष्ये ईक्ष्यसे / ईक्ष्यते ईक्ष्यावहे ईक्ष्येथे ईक्ष्येते ईक्ष्यामहे ईक्ष्यध्वे ईक्ष्यन्ते ह्य. ऐक्षे ऐक्षथाः ऐक्षत ऐक्षावहि ऐक्षेथाम् ऐक्षेताम् ऐक्षामहि / ऐक्ष्ये ऐक्ष्यावहि ऐक्ष्यामहि ऐक्षध्वम् ऐक्षध्वम् ! ऐक्ष्यथाः ऐक्ष्येथाम् ऐक्ष्यध्वम् ऐक्षन्त / ऐक्ष्यत- ऐक्ष्येताम् ऐक्ष्यन्त In III III 1 III III 111 111 वि. ईक्षेय ईक्षेवहि ईक्षेमहि / ईक्ष्येय ईक्ष्येवहि ईक्ष्येमहि . ईक्षेथाः ईक्षेयाथाम् ईक्षेध्वम् . ईक्ष्येथाः ईक्ष्येयाथाम् ईक्ष्यध्वम् ईक्षेत ईक्षेयाताम् ईक्षेरन् / ईक्ष्येत ईक्ष्येयाताम् ईक्ष्येरन् आ. ई! ईक्षस्व ईक्षताम् ईक्षावहै ईक्षेथाम ईक्षेताम् ईक्षामहै। ईक्ष्यै . ईक्ष्यावहै ईक्षध्वम् / ईक्ष्यस्व ईक्ष्येथाम् ईक्षन्ताम् / ईक्ष्यताम् ईक्ष्येताम् ईक्ष्यामहै ईक्ष्यध्वम् ईक्ष्यन्ताम् धातु. 100 व. निरीक्षे निरीक्षावहे निरीक्षामहे / निरीक्ष्ये निरीक्ष्यावहे निरीक्ष्यामहे निरीक्षसे निरीक्षेथे निरीक्षध्वे / निरीक्ष्यसे निरीक्ष्येथे निरीक्ष्यध्वे निरीक्षते निरीक्षेते निरीक्षन्ते ! निरीक्ष्यते निरीक्ष्येते निरीक्ष्यन्ते ह्य. निरीक्षे निरक्षावहि निरक्षामहि निरक्ष्ये निरीक्ष्यावहि निरीक्ष्यामहि निरैक्षथाः निरक्षेथाम् निरीक्षध्वम् / निरेक्ष्यथाः निरेक्ष्येथाम् निरेक्ष्यध्वम् निरैक्षत निरीक्षेताम् निरैक्षन्त / निरेक्ष्यत निरीक्ष्येताम् निरीक्ष्यन्त III HII II वि. निरीक्षेय निरीक्षेवहि निरीक्षेमहि निरीक्ष्येय निरीक्ष्येवहि निरीक्ष्येमहि निरीक्षेथाः निरीक्षेयाथाम् निरीक्षेध्वम् निरीक्ष्येथाः निरीक्ष्येयाथाम् निरीक्ष्यध्वम् निरीक्षेत निरीक्षेयाताम् निरीक्षेरन् / निरीक्ष्येत निरीक्ष्येयाताम् निरीक्ष्येरन् 111 IN NI NI आ. निरीक्षे निरीक्षावहै निरीक्षामहै / निरीक्ष्य निरीक्ष्यावहै निरीक्ष्यामहै निरीक्षस्व निरीक्षेथाम् निरीक्षध्वम् / निरीक्ष्यस्व निरीक्ष्येथाम् निरीक्ष्यध्वम् निरीक्षताम् निरीक्षेताम् निरीक्षन्ताम् निरीक्ष्यताम् निरीक्ष्येताम् निरीक्ष्यन्ताम् 159
Page #73
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 101 व. पराजये पराजयावहे पराजयामहे पराजीये पराजीयावहे पराजीयामहे पराजयसे पराजयेथे पराजयध्वे / पराजीयसे पराजीयेथे पराजीयध्वे पराजयते पराजयेते पराजयन्ते / पराजीयते पराजीयेते पराजीयन्ते ह्य, पराजये पराजयावहि पराजयामहि पराजीये पराजीयावहि पराजीयामहि पराजयथाः पराजयेथाम् पराजयध्वम्! पराजीयथाः पराजीयेथाम् पराजीयध्वम् पराजयत पराजयेताम् पराजयन्त / पराजीयत पराजीयेताम पराजीयन्त वि. पराजयेय पराजयेवहि पराजयेमहि पराजीयेय पराजीयेवहि पराजीयेमहि पराजयेथाः पराजयेयाथाम् पराजयध्वम् पराजीयेथाः पराजीयेयाथाम् पराजीयेध्वम् पराजयेत पराजयेयाताम् पराजयेरन् / पराजीयेत पराजीयेयाताम् पराजीयेरन् आ. पराजयै पराजयावहै पराजयामहै! पराजीयै पराजीयावहै पराजीयामहै पराजयस्व पराजयेथाम् पराजयध्वम् पराजीयस्व पराजीयेथाम् पराजीयध्वम् पराजयताम् पराजयेताम् पराजयन्ताम् पराजीयताम् पराजीयेताम् पराजीयन्ताम् धातु. 103 व. प्रभवामि प्रभवावः प्रभवसि प्रभवथः . प्रभवति प्रभवतः प्रभवामः प्रभवथ प्रभवन्ति प्रभूये प्रभूयसे प्रभूयते प्रभूयावहे प्रभूयेथे प्रभूयेते प्रभूयामहे प्रभूयध्वे प्रभूयन्ते ह्य. प्राभवम् प्राभवः प्राभवत् प्राभवाव प्राभवाम प्राभवतम् प्राभवत प्राभवताम् प्राभवन् प्राभूये प्राभूयावहि प्राभूयामहि प्राभूयथाः प्राभूयेथाम् प्राभूयध्वम् प्राभूयत प्राभूयेताम् प्राभूयन्त वि. प्रभवेयम् प्रभवेः प्रभवेत् प्रभवेव प्रभवेतम् प्रभवेताम् प्रभवेम प्रभवेत प्रभवेयुः प्रभूयेय प्रभूयेवहि प्रभूयेमहि ! प्रभूयेथाः प्रभूयेयाथाम् प्रभूयेध्वम् प्रभूयेत प्रभूयेयाताम् प्रभूयेरन् आ. प्रभव प्रभवतु प्रभवाव प्रभवतम् प्रभवताम् प्रभवाम प्रभवत प्रभवन्तु / प्रभूयै प्रभूयावहै प्रभूयामहै प्रभूयस्व प्रभूयेथाम् प्रभूयध्वम् प्रभूयताम् प्रभूयेताम् प्रभूयन्ताम् 1601
Page #74
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि धातु. 102 व. परिहरामि परिहरावः परिहरसि परिहरथः परिहरति परिहरतः परिहरामः ! परिहरे परिहरथ / परिहरसे परिहरन्ति परिहरते परिहरावहे परिहरेथे परिहरेते परिहरामहे परिहरध्वे परिहरन्ते ह्य. पर्यहरम् पर्यहरः पर्यहरत् पर्यहराव पर्यहराम पर्यहरतम् पर्यहरत पर्यहरताम् पर्यहरन् पर्यहरे पर्यहरावहि पर्यहरामहि पर्यहरथाः पर्यहरेथाम् पर्यहरध्वम् पर्यहरत पर्यहरेताम् पर्यहरन्त वि. परिहरेयम् परिहरेव परिहरेम परिहरेः परिहरेतम् परिहरेत परिहरेत् परिहरेताम् परिहरेयुः परिहरेय परिहरेवहि परिहरेमहि परिहरेथाः परिहरेयाथाम् परिहरेध्वम् परिहरेत परिहरेयाताम् परिहरेरन् आ. परिहराणि परिहराव परिहराम परिहरै परिहरावहै परिहरामहै परिहर परिहरतम् परिहरत परिहरस्व परिहरेथाम् परिहरध्वम् परिहरतु परिहरताम् परिहरन्तु / परिहरताम् परिहरेताम् परिहरन्ताम् धातु. 104 कर्तरि कर्मणि व. प्रजाये प्रजायावहे प्रजायामहे / प्रजाये प्रजायावहे प्रजायामहे प्रजायसे प्रजायेथे प्रजायध्वे / प्रजायसे प्रजायेथे प्रजायध्वे प्रजायते प्रजायेते प्रजायन्ते ! प्रजायते प्रजायेते प्रजायन्ते DE TUI ह्य. प्राजाये प्राजायावहि प्राजायामहि प्राजाये प्राजायावहि प्राजायामहि प्राजायथाः प्राजायेथाम् प्राजायध्वम् प्राजायथाः प्राजायेथाम् प्राजायध्वम् प्राजायत प्राजायेताम् प्राजायन्त / प्राजायत प्राजायेताम प्राजायन्त 111 III III MI III III III Jull || 11L - वि. प्रजायेय प्रजायेवहि प्रजायेमहि / प्रजायेय प्रजायेवहि प्रजायेमहि प्रजायेथाः प्रजायेयाथाम प्रजायेध्वम् ! प्रजायेथाः प्रजायेयाथाम् प्रजायेध्वम् प्रजायेत प्रजायेयाताम् प्रजायेरन् / प्रजायेत प्रजायेयाताम् प्रजायेरन् आ. प्रजायै प्रजायावहै प्रजायामहै / प्रजायै प्रजायावहै प्रजायामहै प्रजायस्व प्रजायेथाम प्रजायध्वम् / प्रजायस्व प्रजायेथाम् प्रजायध्वम् प्रजायताम् प्रजायेताम् प्रजायन्ताम् प्रजायताम् प्रजायेताम् प्रजायन्ताम् [611
Page #75
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि व. परिहिये परिहियावहे परिहियसे परिहियेथे परिहियते परिहियेते परिहियामहे परिहियध्वे / परिहियन्ते ह्य. पर्यहिये पर्यहियावहि पर्यह्रियामहिम पर्यहियथाः पर्यहियेथाम् पर्यहियध्वम् पर्यह्रियत पर्यहियेताम् पर्यह्रियन्त / वि. परिहियेय परिहियेवहि परिहियेमहि परिहियेथाः परिहियेयाथाम् परिहियेध्वम् / रिहियेत परिहियेयाताम् परिहियेरन् / आ. परिहियै परिहियावहै परिहियामहै! परिह्रियस्व परिहियेथाम् परिहियध्वम् परिहियताम् परिहियेताम् परिहियन्ताम् / व. प्रजन्ये प्रजन्यावहे प्रजन्यामहे प्रजन्यसे प्रजन्येथे प्रजन्यध्वे प्रजन्यते प्रजन्येते प्रजन्यन्ते ह्य. प्राजन्ये . प्राजन्यावहि प्राजन्यामहि प्राजन्यथाः प्राजन्येथाम प्राजन्यध्वम प्राजन्यत प्राजन्येताम् प्राजन्यन्त / वि. प्रजन्येय प्रजन्येवहि प्रजन्येमहि प्रजन्येथाः प्रजन्येयाथाम प्रजन्यध्वम ! प्रजन्येत प्रजन्येयाताम् प्रजन्येरन् आ. प्रजन्यै प्रजन्यावहै प्रजन्यामहै प्रजन्यस्व प्रजन्येथाम् प्रजन्यध्वम् / प्रजन्यताम् प्रजन्येताम् प्रजन्यन्ताम् ! 162
Page #76
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि धातु. 105 व. प्रयच्छामि प्रयच्छावः प्रयच्छामः ! प्रदीये प्रदीयावहे प्रयच्छसि प्रयच्छथः प्रयच्छथ प्रदीयसे प्रदीयेथे प्रयच्छति प्रयच्छतः प्रयच्छन्ति प्रदीयते प्रदीयेते प्रदीयामहे प्रदीयध्वे प्रदीयन्ते ह्य. प्रायच्छम् प्रायच्छाव प्रायच्छाम प्रादीये प्रादीयावहि प्रादीयामहि प्रायच्छ: प्रायच्छतम् प्रायच्छत ! प्रादीयथाः प्रादीयेथाम् प्रादीयध्वम् प्रायच्छत् प्रायच्छताम् प्रायच्छन् प्रादीयत प्रादीयेताम् प्रादीयन्त वि. प्रयच्छेयम् प्रयच्छेव प्रयच्छेम / प्रदीयेय प्रदीयेवहि प्रदीयेमहि प्रयच्छेः प्रयच्छेतम् प्रयच्छेत / प्रदीयेथाः प्रदीयेयाथाम् प्रदीयेध्वम् प्रयच्छेत् प्रयच्छेताम् प्रयच्छेयुः / प्रदीयेत प्रदीयेयाताम् प्रदीयेरन् आ. प्रयच्छानि प्रयच्छाव प्रयच्छाम प्रदीयै प्रदीयावहै प्रदीयामहै प्रयच्छ प्रयच्छतम् प्रयच्छत / प्रदीयस्व प्रदीयेथाम् प्रदीयध्वम् प्रयच्छतु प्रयच्छताम् प्रयच्छन्तु / प्रदीयताम् प्रदीयेताम् प्रदीयन्ताम् धातु. 106 व. प्रतिष्ठे प्रतिष्ठावहे प्रतिष्ठामहे / प्रस्थीये प्रस्थीयावहे प्रस्थीयामहे प्रतिष्ठसे प्रतिष्ठेथे प्रतिष्ठध्वे / प्रस्थीयसे प्रस्थीयेथे प्रस्थीयध्वे प्रतिष्ठते प्रतिष्ठेते प्रतिष्ठन्ते / प्रस्थीयते प्रस्थीयेते प्रस्थीयन्ते ह्य. प्रातिष्ठे प्रातिष्ठावहि प्रातिष्ठामहि प्रास्थीये प्रास्थीयावहि प्रास्थीयामहि प्रातिष्ठथाः प्रातिष्ठेथाम् प्रातिष्ठध्वम् प्रास्थीयथाः प्रास्थीयेथाम् प्रास्थीयध्वम् प्रातिष्ठत प्रातिष्ठेताम प्रातिष्ठन्त प्रास्थीयत प्रास्थीयेताम प्रास्थीयन्त वि. प्रतिष्ठेय प्रतिष्ठेवहि प्रतिष्ठेमहि / प्रस्थीयेय प्रस्थीयेवहि प्रस्थीयेमहि प्रतिष्ठेथाः प्रतिष्ठेयाथाम प्रतिष्ठेध्वम् ! प्रस्थीयेथाः प्रस्थीयेयाथाम प्रस्थीयेध्वम प्रतिष्ठेत प्रतिष्ठेयाताम् प्रतिष्ठेरन् / प्रस्थीयेत प्रस्थीयेयाताम् प्रस्थीयेर III III M आ. प्रतिष्ठै प्रतिष्ठावहै प्रतिष्ठामहै / प्रस्थीयै प्रस्थीयावहै प्रस्थीयामहै प्रतिष्ठस्व प्रतिष्ठेथाम् प्रतिष्ठध्वम् / प्रस्थीयस्व प्रस्थीयेथाम् प्रस्थीयध्वम् प्रतिष्ठताम् प्रतिष्ठेताम् प्रतिष्ठन्ताम् प्रस्थीयताम् प्रस्थीयेताम् प्रस्थीयन्तार [63]
Page #77
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 107 व. विरमामि विरमावः विरमामः विरम्ये विरम्यावहे विरम्यामहे विरमसि विरमथः विरमथ विरम्यसे विरम्येथे विरम्यध्वे विरमति विरमतः / विरमन्ति ! विरम्यते विरम्येते विरम्यन्ते ह्य. व्यरमम् व्यरमः व्यरमत् व्यरमाव व्यरमाम व्यरमतम् व्यरमत व्यरमताम् व्यरमन् व्यरम्ये व्यरम्यावहि व्यरम्यामहि व्यरम्यथाः व्यरम्येथाम् व्यरम्यध्वम् व्यरम्यत व्यरम्येताम् व्यरम्यन्त वि. विरमेयम् विरमेव विरमेम विरमेः विरमेतम् विरमेत विरमेत् विरमेताम् विरमेयुः 11 il ili ll विरम्येय विरम्येवहि विरम्येमहि विरम्येथाः विरम्येयाथाम् विरम्यध्वम् विरम्येत विरम्येयाताम् विरम्येरन् आ. विरमाणि विरमाव विरमाम विरम विरमतम् विरमत विरमतु विरमताम् विरमन्तु विरम्यै विरम्यावहै विरम्यामहै विरम्यस्व विरम्येथाम् विरम्यध्वम् विरम्यताम् विरम्येताम् विरम्यन्ताम् कर्तरि विहरे विहरावहे विहरामहे विहरसे विहरेथे विहरध्वे विहरते विहरेते विहरन्ते HILFII IN BIISIN TIL III III धातु. 108 कर्तरि व. विहरामि विहरावः विहरामः . विहरसि विहरथः / विहरथ विहरति विहरतः विहरन्ति In III III III III III III III ह्य. व्यहरम् व्यहरः व्यहरत् व्यहराव व्यहराम व्यहरतम् व्यहरत व्यहरताम् व्यहरन् ll l dll व्यहरे व्यहरावहि व्यहरामहि व्यहरथाः व्यहरेथाम् व्यहरध्वम् व्यहरत व्यहरेताम् व्यहरन्त वि. विहरेयम् विहरेः विहरेत् विहरेव विहरेम विहरेतम् विहरेत विहरेताम् विहरेयुः विहरेय विहरेवहि विहरेमहि .विहरेथाः विहरेयाथाम् विहरेध्वम् विहरेत विहरेयाताम् विहरेरन् ला. विहराणि विहराव विहराम विहर विहरतम् विहरत विहरतु विहरताम् विहरन्तु विहरै विहरावहै विहरामहै विहरस्व विहरेथाम् विहरध्वम् विहरताम् विहरेताम् विहरन्ताम् 164]
Page #78
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि व. विजये विजयावहे विजयामहे ! विजीये विजीयावहे विजीयामहे विजयसे विजयेथे विजयध्वे / विजीयसे विजीयेथे विजीयध्वे विजयते विजयेते विजयन्ते / विजीयते विजीयेते विजीयन्ते ह्य. व्यजये व्यजयावहि व्यजयामहि व्यजीये व्यजीयावहि व्यजीयामहि व्यजयथाः व्यजयेथाम् व्यजयध्वम् व्यजीयथाः व्यजीयेथाम् व्यजीयध्वम् व्यजयत व्यजयेताम् व्यजयन्त / व्यजीयत व्यजीयेताम् व्यजीयन्त EMAIT वि. विजयेय विजयेवहि विजयेमहि / विजीयेय विजीयेवहि विजीयेमहि विजयेथाः विजयेयाथाम् विजयध्वम् / विजीयेथाः विजीयेयाथाम् विजीयेध्वम् विजयेत विजयेयाताम् विजयेरन / विजीयेत विजीयेयाताम् विजीयेरन् आ. विजयै विजयावहै विजयामहै / विजीयै विजीयावहै विजीयामहै विजयस्व विजयेथाम् विजयध्वम् / विजीयस्व विजीयेथाम् विजीयध्वम् विजयताम् विजयेताम् विजयन्ताम् विजीयताम् विजीयेताम् विजीयन्ताम् कर्मणि व. विहिये विह्रियावहे विह्रियामहे विह्रियसे विहियेथे विह्रियध्वे विह्रियते विहियेते विह्रियन्ते ह्य. व्यहिये व्यहियावहि व्यहियामहि व्यहियथाः व्यहियेथाम् व्यहियध्वम् / व्यहियत व्यहियेताम् व्यह्रियन्त वि. विहियेय विहियेवहि विह्रियेमहि विहियेथाः विहियेयाथाम् विहियेध्वम् विह्रियेत विहियेयाताम् विह्रियेरन् आ. विहियै विह्रियावहै विह्रियामहै विह्रियस्व विहियेथाम् विह्रियध्वम् / विह्रियताम् विहियेताम् विह्रियन्ताम् 651
Page #79
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 110 व. सिध्यामि सिध्यावः सिध्यामः / सिध्ये सिध्यावहे सिध्यामहे सिध्यसि सिध्यथः सिध्यथ सिध्यसे सिध्येथे सिध्यध्ये सिध्यति सिध्यतः सिध्यन्ति ! सिध्यते सिध्येते सिध्यन्ते ह्य. असिध्यम् असिध्याव असिध्याम / असिध्ये असिध्यावहि असिध्यामहि असिध्यः असिध्यतम् असिध्यत ! असिध्यथाः असिंध्येथाम् असिध्यध्वम् असिध्यत् असिध्यताम् असिध्यन् / असिध्यत असिध्येताम् असिध्यन्त वि. सिध्येयम् सिध्येव सिध्येम सिध्येय सिध्येवहि सिध्येमहि सिध्येः सिध्येतम् सिध्येत | सिध्येथाः सिध्येयाथाम् सिध्येध्वम् सिध्येत् सिध्येताम् सिध्येयुः | सिध्येत सिध्येयाताम सिध्येरन आ. सिध्यानि सिध्याव सिध्याम सिध्यसिध्यतम सिध्यत सिध्यतु सिध्यताम् सिध्यन्तु सिध्यै सिध्यावहै सिध्यामहै सिध्यस्व सिध्येथाम सिध्यध्वम ! सिध्यताम् सिध्येताम् सिध्यन्ताम् i un lll 11 In III ili in DI II H DI III III III III ili ali ili all ili ili 111 li ili IN III III III III III III III III -.. - . - . - . -.. -.. -.. धातु. 111 उ. प्रकाशे प्रकाशावहे प्रकाशामहे / प्रकाश्ये प्रकाश्यावहे प्रकाश्यामहे प्रकाशसे प्रकाशेथे प्रकाशध्वे / प्रकाश्यसे प्रकाश्येथे प्रकाश्यध्वे - प्रकाशते प्रकाशेते प्रकाशन्ते प्रकाश्यते प्रकाश्येते प्रकाश्यन्ते डा. प्राकाशे. प्राकाशावहि प्राकाशामहि प्राकाश्ये प्राकाश्यावहि प्राकाश्यामहि प्राकाशथाः प्राकाशेथाम् प्राकाशध्वम् प्राकाश्यथाः प्राकाश्येथाम् प्राकाश्यध्वम् प्राकाशत प्राकाशेताम् प्राकाशन्त / प्राकाश्यत प्राकाश्येताम् प्राकाश्यन्त वे. प्रकाशेय प्रकाशेवहि प्रकाशेमहि / प्रकाश्येय प्रकाश्येवहि प्रकाश्येमहि प्रकाशेथाः प्रकाशेयाथाम् प्रकाशेध्वम् / प्रकाश्येथाः प्रकाश्येयाथाम् प्रकाश्येध्वम् प्रकाशेत प्रकाशेयाताम् प्रकाशेरन् / प्रकाश्येत प्रकाश्येयाताम् प्रकाश्येरन् आ. प्रकाशै प्रकाशावहै प्रकाशामहै / प्रकाश्यै प्रकाश्यावहै प्रकाश्यामहै प्रकाशस्व प्रकाशेथाम् प्रकाशध्वम् / प्रकाश्यस्व प्रकाश्येथाम् प्रकाश्यध्वम् प्रकाशताम् प्रकाशेताम् प्रकाशन्ताम् प्रकाश्यताम् प्रकाश्येताम् प्रकाश्यन्ताम् [661
Page #80
--------------------------------------------------------------------------
________________ ___E कर्तरि कर्तरि धातु. 112 व. दिशामि दिशावः दिशामः दिशसि दिशथः दिशथ दिशति दिशतः दिशन्ति दिशे दिशावहे दिशामहे दिशसे दिशेथे दिशध्वे दिशते दिशेते दिशन्ते ह्य. अदिशम् अदिशाव अदिशाम अदिशः अदिशतम् अदिशत अदिशत् अदिशताम् अदिशन् अदिशे अदिशावहि अदिशामहि अदिशथाः अदिशेथाम् अदिशध्वम् अदिशत अदिशेताम् अदिशन्त दिशेय वि. दिशेयम् दिशेव दिशेम दिशेः दिशेतम् . दिशेत दिशेत् दिशेताम् दिशेयुः दिशेवहि दिशेमहि दिशेयाथाम् दिशेध्वम् दिशेयाताम् दिशेरन् दिशेत आ. दिशानि दिशाव दिशाम दिश दिशतम् दिशत दिशतु दिशताम् दिशन्तु दिशै दिशावहै दिशामहै दिशस्व दिशेथाम् दिशध्वम् दिशताम् दिशेताम् दिशन्ताम् धातु. 113 व. उपदिशामि उपदिशावः उपदिशामः उपदिशे उपदिशावहे उपदिशामहे उपदिशसि उपदिशथः उपदिशथ उपदिशसे उपदिशेथे उपदिशध्वे उपदिशति उपदिशतः उपदिशन्ति उपदिशते उपदिशेते उपदिशन्ते ह्य. उपादिशम् उपादिशाव उपादिशाम उपादिशे उपादिशावहि उपादिशामहि उपादिशः उपादिशतम् उपादिशत | उपादिशथाः उपादिशेथाम् उपादिशध्वम् उपादिशत् उपादिशताम् उपादिशन् / उपादिशत उपादिशेताम् उपादिशन्त वि. उपदिशेयम् उपदिशेव उपदिशेम / उपदिशेय उपदिशेवहि उपदिशेमहि ___ उपदिशेः उपदिशेतम् उपदिशेत उपदिशेथाः उपदिशेयाथाम् उपदिशेध्वम् उपदिशेत् उपदिशेताम् उपदिशेयुः / उपदिशेत उपदिशेयाताम् उपदिशेरन् आ. उपदिशानि उपदिशाव उपदिशाम / उपदिशै उपदिशावहै उपदिशामहै उपदिश उपदिशतम् उपदिशत / उपदिशस्व उपदिशेथाम् उपदिशध्वम् उपदिशतु उपदिशताम् उपदिशन्तु उपदिशताम् उपदिशेताम् उपदिशन्ताम् | 67]
Page #81
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 114 व. दिश्ये दिश्यावहे दिश्यामहे / आदिशामि आदिशावः आदिशामः दिश्यसे दिश्येथे दिश्यध्वे . आदिशसि आदिशथः आदिशथ दिश्यते दिश्येते दिश्यन्ते / आदिशति आदिशतः आदिशन्ति ह्य. अदिश्ये अदिश्यावहि अदिश्यामहिम अदिश्यथाः अदिश्येथाम अदिश्यध्वम! अदिश्यत अदिश्येताम् अदिश्यन्त / आदिशम् आदिशाव आदिशाम ,. आदिशः आदिशतम् आदिशत आदिशत् आदिशताम् आदिशन् वि. दिश्येय दिश्येवहि दिश्येमहि दिश्येथाः दिश्येयाथाम् दिश्येध्वम् दिश्येत दिश्येयाताम् दिश्येरन् आदिशेयम् आदिशेव आदिशेम आदिशेः आदिशेतम् आदिशेत आदिशेत् आदिशेताम् आदिशेयुः आ. दिश्यै दिश्यावहै दिश्यामहै दिश्यस्व दिश्येथाम् दिश्यध्वम् दिश्यताम् दिश्येताम् दिन्ताम् / आदिशानि आदिशाव आदिशाम आदिश आदिशतम् आदिशत आदिशतु आदिशताम् आदिशन्तु व. उपदिश्ये उपदिश्यावहे उपदिश्यामहे उपदिश्यसे उपदिश्येथे उपदिश्यध्वे / उपदिश्यते उपदिश्येते उपदिश्यन्ते ! ह्य. उपादिश्ये . उपादिश्यावहि उपादिश्यामहि उपादिश्यथाः उपादिश्येथाम् उपादिश्यध्वम्। उपादिश्यत उपादिश्येताम् उपादिश्यन्त | वि. उपदिश्येय उपदिश्येवहि उपदिश्येमहि उपदिश्येथाः उपदिश्येयाथाम्उपदिश्यध्वम् उपदिश्येत उपदिश्येयाताम् उपदिश्येरन् आ. उपदिश्यै उपदिश्यावहै उपदिश्यामहै। उपदिश्यस्व उपदिश्येथाम् उपदिश्यध्वम् उपदिश्यताम् उपदिश्येताम् उपदिश्यन्ताम् 1681
Page #82
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि व. आदिशे आदिशावहे आदिशामहे | आदिश्ये आदिश्यावहे आदिश्यामहे आदिशसे आदिशेथे आदिशध्वे / आदिश्यसे आदिश्येथे आदिश्यध्वे आदिशते आदिशेते आदिशन्ते / आदिश्यते आदिश्येते आदिश्यन्ते ह्य. आदिशे आदिशावहि आदिशामहिम आदिश्ये आदिश्यावहि आदिश्यामहि आदिशथाः आदिशेथाम आदिशध्वम् आदिश्यथाः आदिश्येथाम् आदिश्यध्वम् आदिशत आदिशेताम आदिशन्त / आदिश्यत आदिश्येताम आदिश्यन्त वि. आदिशेय आदिशेवहि आदिशेमहि आदिश्येय आदिश्येवहि आदिश्येमहि आदिशेथाः आदिशेयाथाम् आदिशेध्वम् आदिश्येथाः आदिश्येयाथाम् आदिश्यध्वम् आदिशेत आदिशेयाताम् आदिशेरन् / आदिश्येत आदिश्येयाताम् आदिश्येरन् आ. आदिशै आदिशावहै आदिशामहै। आदिश्यै आदिश्यावहै आदिश्यामहै आदिशस्व आदिशेथाम् आदिशध्वम् आदिश्यस्व आदिश्येथाम् आदिश्यध्वम् आदिशताम् आदिशेताम् आदिशन्ताम् आदिश्यताम् आदिश्येताम् आदिश्यन्ताम् IN UN NU UI IU NIE W In WIN WW II W IN धातु. 115 व. अभिभवामि अभिभवावः अभिभवामः ! अभिभूये अभिभूयावहे अभिभूयामहे अभिभवसि अभिभवथः अभिभवथ / अभिभूयसे अभिभूयेथे अभिभूयध्वे अभिभवति अभिभवतः अभिभवन्ति अभिभूयते अभिभूयेते अभिभूयन्ते ह्य. अभ्यभवम् अभ्यभवाव अभ्यभवाम अभ्यभवः अभ्यभवतम् अभ्यभवत अभ्यभवत् अभ्यभवताम् अभ्यभवन् अभ्यभूये अभ्यभूयावहि अभ्यभूयामहि अभ्यभूयथाः अभ्यभूयेथाम् अभ्यभूयध्वम् अभ्यभूयत अभ्यभूयेताम् अभ्यभूयन्त वि. अभिभवेयम अभिभवेव अभिभवेम अभिभवेः अभिभवेतम् अभिभवेत अभिभवेत् अभिभवताम् अभिभवेयुः अभिभूयेय अभिभूयेवहि अभिभूयेमहि अभिभूयेथाः अभिभूयेयाथाम् अभिभूयेध्वम् अभिभूयेत अभिभूयेयाताम् अभिभूयेरन् आ. अभिभवानि अभिभवाव अभिभवाम / अभिभूयै अभिभयावहै अभिभूयामहै अभिभव अभिभवतम् अभिभवत अभिभूयस्व अभिभूयेथाम् अभिभूयध्वम् अभिभवतु अभिभवताम् अभिभवन्तु अभिभूयताम् अभिभूयेताम् अभिभूयन्ताम् 1691
Page #83
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 116 व. ऋध्यामि ऋध्यावः / ऋध्यामः / ऋध्ये ऋध्यावहे ऋध्यामहे ऋध्यथ ऋध्यसे ऋध्येथे ऋध्यध्वे ऋध्यति ऋध्यतः ऋध्यन्ति ऋध्यते ऋध्येते ऋध्यन्ते ऋध्यथः ह्य. आम् आाव आाम आय: आय॑तम् आद्यंत आय॑त् आय॒ताम् आय॑न् आयें आर्ध्यावहि आOमहि आर्थ्यथाः आयेथाम आर्यध्वम आद्यंत आर्यताम् आर्यन्त वि. ऋध्येयम् ऋध्येव ऋध्येम ऋध्येः ऋध्येतम् ऋध्येत ऋध्येत् ऋध्येताम् ऋध्येयुः ऋध्येय ऋध्येवहि ऋध्येमहि | ऋध्येथाः ऋध्येयाथाम् ऋध्येध्वम् ऋध्येत ऋध्येयाताम् ऋध्येरन् आ. ऋध्यानि ऋध्याव ऋध्याम ऋध्य ऋध्यतम ऋध्यत ऋध्यतु ऋध्यताम् ऋध्यन्तु ऋध्यै ऋध्यावहै ऋध्यामहै ऋध्यस्व ऋध्येथाम ऋध्यध्वम् / ऋध्यताम् ऋध्येताम् ऋध्यन्ताम् धातु. 117 व. समृध्यामि समृध्यावः समृध्यामः / समृध्ये समृध्यावहे समृध्यामहे समृध्यसि समृध्यथः समृध्यथ / समृध्यसे समृध्येथे समृध्यध्वे समृध्यति समृध्यतः समृध्यन्ति / समृध्यते समृध्येते समृध्यन्ते D1 M1 III III II III WIE DIE vil ti Ili I TI I II III 111 III III III 111 IN WII WIT In1 III III III III IH VI TIL ह्य. समाय॑म् समााव समााम समायें समाऱ्यावहि समाया॑महि समार्ध्यः समाय॑तम् समाद्यंत समायथाः समायेथाम् समायध्वम् ___समाय॑त् समाऱ्याताम् समाय॑न् समाऱ्यात समाय॒ताम् समाय॑न्त वि. समृध्येयम् समृध्येव समृध्येम समृध्येय समृध्येवहि समृध्येमहि समृध्येः समृध्येतम् समृध्येत ! समृध्येथाः समृध्येयाथाम् समृध्येध्वम् समृध्येत् समृध्येताम् समृध्येयुः समृध्येत समृध्येयाताम् समृध्येरन् आ. समृध्यानि समृध्याव समृध्याम समृध्यै समृध्यावहै समृध्यामहै समृध्य समृध्यतम् समृध्यत समृध्यस्व समृध्येथाम् समृध्यध्वम् समृध्यतु समृध्यताम् समृध्यन्तु / समृध्यताम् समृध्येताम् समृध्यन्ताम् [701
Page #84
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 118 . व. निपतामि निपतावः निपतामः / निपत्ये निपत्यावहे निपत्म्यामहे निपतसि निपतथः निपतथ / निपत्यसे निपत्येथे निपत्यध्वे निपतति निपततः निपतन्ति ! निपत्यते निपत्येते निपत्यन्ते ह्य. न्यपतम् न्यपतः न्यपतत् न्यपताव न्यपताम न्यपततम् न्यपतत न्यपतताम् न्यपतन् न्यपत्ये न्यपत्यावहि न्यपत्यामहि न्यपत्यथाः न्यपत्येथाम् न्यपत्यध्वम् न्यपत्यत न्यपत्येताम् न्यपत्यन्त वि. निपतेयम निपतेव निपतेम निपतेः निपतेतम् निपतेत निपतेत् निपतेताम् निपतेयुः निपत्येय निपत्येवहि निपत्येमहि निपत्येथाः निपत्येयाथाम् निपत्येध्वम् / निपत्येत निपत्येयाताम् निपत्येरन् आ. निपतानि निपताव निपताम निपत निपततम् निपतत निपततु निपतताम् निपतन्तु निपत्यै निपत्यावहै निपत्यामहै निपत्यस्व निपत्येथाम निपत्यध्वम् निपत्यताम् निपत्येताम् निपत्यन्ताम् FREEEEEEEEEEEEEE 11 illlli illal el 1 111 III III III 11 III II III lui III METTI 112 III III III II रोहामः धातु. 116 व. रोहामि रोहावः। रोहसि रोहथः रोहति रोहतः . रूह्यावहे रोहथ / रोहन्ति रूह्यामहे रूह्यध्वे रूह्यन्ते रूह्येते ह्य. अरोहम् अरोहः अरोहत् अरोहाव अरोहाम अरोहतम् अरोहत अरोहताम् अरोहन् अरूह्ये अरूह्यावहि अरूह्यामहि अरूह्यथाः अरूह्येथाम् अरूह्यध्वम् अरूह्यत अरूह्येताम् अरूह्यन्त रोहेम वि. रोहेयम रोहे: रोहेत् रोहेव रोहेतम् रोहेताम् रूह्येय रूह्येवहि रूोमहि रूह्येथाः रूह्येयाथाम् रूह्यध्वम् रूह्येत रूह्येयाताम् रूह्येरन् रोहेयुः आ. रोहानि रोह रोहतु रोहाव रोहतम् रोहताम् रोहाम रोहत रोहन्तु रूयै रूह्यावहै रूह्यामहै रूह्यस्व रूह्येथाम् रूह्यध्वम् रूह्यताम् रूह्येताम् रूह्यन्ताम् 1711
Page #85
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 120 व. आरोहामि आरोहावः आरोहामः ! आरुह्ये आरूह्यावहे आरोहसि आरोहथः आरोहथ आरूह्यसे आरुह्येथे आरोहति आरोहतः आरोहन्ति आरूह्यते आरुह्येते आरूह्यामहे आरूह्यध्वे आरूह्यन्ते ह्य. आरोहम् आरोह: आरोहत् आरोहाव आरोहाम आरोहतम् आरोहत आरोहताम् आरोहन् आरुह्ये आरूह्यावहि आरूह्यामहि आरूह्यथाः आरुह्येथाम् आरुह्यध्वम् आरुह्यत आरुह्येताम् आरुह्यन्त वि. आरोहेयम् आरोहेव आरोहेम आरोहे: . आरोहेतम आरोहेत आरोहेत् आरोहेताम् आरोहेयुः आरूह्येय आरूह्येवहि आरूह्येमहि आरुह्येथाः आरुह्येयाथाम् आरुह्येध्वम् आरुह्येत आरुह्येयाताम् आरुह्येरन् आ. आरोहाणि आरोहाव आरोहाम आरूयै आरूह्यावहै आरूह्यामहै आरोह आरोहतम् आरोहत आरूह्यस्व आरुह्येथाम् आरूह्यध्वम् आरोहतु आरोहताम् आरोहन्तु आरूह्यताम् आरुह्येताम् आरुह्यन्ताम् धातु. 121 कर्तरि ! कर्तरि व. आनयामि आनयावः आनयामः / आनये आनयावहे आनयामहे आनयसि आनयथः आनयथ आनयसे आनयेथे आनयध्वे आनयति आनयतः आनयन्ति / आनयते आनयेते आनयन्ते ह्य. आनयम आनयः आनयत् आनयाव आनयाम आनयतम् आनयत आनयताम् आनयन् आनये आनयावहि आनयामहि आनयथाः आनयेथाम् आनयध्वम् आनयत आनयेताम् आनयन्त वि. आनयेयम् आनयेव आनयेम आनयेय आनयेवहि आनयेमहि ___ आनयेः आनयेतम् आनयेत आनयेथाः आनयेयाथाम् आनयेध्वम् आनयेत् आनयेताम् आनयेयुः / आनयेत आनयेयाताम् आनयेरन् आ. आनयानि आनयाव आनयाम आनयै आनयावहै आनयामहै आनय आनयतम् आनयत , आनयस्व आनयेथाम् आनयध्वम् आनयतु आनयताम् आनयन्तु ! आनयताम् आनयेताम् आनयन्ताम् 1721
Page #86
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 122 . व. उड्डये उड्डयावहे उडुयसे उडुयेथे उड्डयते . उड्डयेते उड्डयामहे ! उड्डीये उड्डयध्वे उड्डीयसे उड्डयन्ते / उड्डीयते उड्डीयावहे उड्डीयेथे उड्डीयेते उड्डीयामहे उड्डीयध्वे उड्डीयन्ते ह्य. उदडये उदडयावहि उदडयामहि उदडीये उदडीयावहि उदडीयार्मा उदडयथाः उदडयेथाम् उदडयध्वम् उदडीयथाः उदडीयेथाम् उदडीयध्वम् उदडयत उदडयेताम् उदडयन्त / उदडीयत उदडीयेताम् उदडीयन्त वि. उड्डयेय उड्डयेवहि उड्डयेमहि उड्डीयेय उड्डीयेवहि उड्डीयेमहि उड्डयेथाः उड्डयेयाथाम् उड्डयेध्वम् उड्डीयेथाः उड्डीयेयाथाम् उड्डीयध्वम् उड्डयेत उड्डयेयाताम् उड्डयेरन् / उड्डीयेत उड्डीयेयाताम् उड्डीयेरन् आ. उड्डयै उड्डयावहै उड्डयामहै | उड्डीयै उड्डीयावहै . उड्डीयामहै उड्डयस्व उड्डयेथाम् उड्डयध्वम् / उड्डीयस्व उड्डीयेथाम् उड्डीयध्वम् उड्डयताम् उड्डयेताम् उड्डयन्ताम् उड्डीयताम् उड्डीयेताम् उड्डीयन्ताम् कर्मणि व. आनीये आनीयावहे आनीयामहे आनीयसे आनीयेथे आनीयध्वे आनीयते आनीयेते आनीयन्ते ह्य. आनीये आनीयावहि आनीयामहि आनीयथाः आनीयेथाम् आनीयध्वम् / आनीयत आनीयेताम् आनीयन्त poooo वि. आनीयेय आनीयेवहि आनीयेमहि आनीयेथाः आनीयेयाथाम्आनीयेध्वम् आनीयेत आनीयेयाताम्आनीयेरन् आ. आनीयै आनीयावहै आनीयामहै। आनीयस्व आनीयेथाम् आनीयध्वम् आनीयताम् आनीयेताम् आनीयन्ताम्। 1731
Page #87
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 123 व. मोदे मोदावहे मोदसे मोदेथे मोदते मोदेते मोदामहे मुद्ये मोदध्वे . मोदन्ते / मुद्यते मुद्यसे मुद्यावहे मुद्येथे मुद्येते मुद्यामहे मुद्यध्वे मुद्यन्ते ह्य. अमोदे अमोदावहि अमोदामहि अमुद्ये अमुद्यावहि अमुद्यामहि अमोदथाः अमोदेथाम अमोदध्वम ! अमुद्यथाः अमुद्येथाम् अमुद्यध्वम् अमोदत अमोदेताम् अमोदन्त अमुद्यत अमुद्येताम् अमुद्यन्त वि. मोदेय मोदेथाः मोदेत मोदेवहि मोदेमहि मोदेयाथाम् मोदेध्वम् मोदेयाताम् मोदेरन् मुद्येय मुद्येवहि मुद्येमहि मुद्येथाः मुद्येयाथाम् मुद्यध्वम् मुद्येत . मुद्येयाताम् मुद्येरन् आ. मोदै मोदावहै मोदस्व मोदेथाम् मोदताम् मोदेताम् मोदामहै मुद्यै मुद्यावहै . मुद्यामहै मोदध्वम् / मुद्यस्व मुद्येथाम् मुद्यध्वम् मोदन्ताम् / मुद्यताम् मुद्येताम् मुद्यन्ताम् -.. -.. -.. - -.. -.. -.. -. धातु. 124 व. विरचयामि विरचयावः विरचयामः / विरच्ये विरच्यावहे विरच्यामहे विरचयसि विरचयथः विरचयथ / विरच्यसे विरच्येथे विरच्यध्वे विरचयति विरचयतः विरचयन्ति ! विरच्यते विरच्येते विरच्यन्ते 111 III III III III II III III ह्य. अविरचयम् अविरचयाव अविरचयाम अविरच्ये अविरच्यावहि अविरच्यामहि __ अविरचयः अविरचयतम् अविरचयत अविरच्यथाः अविरच्येथाम् अविरच्यध्वम् अविरचयत् अविरचयताम् अविरचयन् अविरच्यत अविरच्येताम् अविरच्यन्त वि. विरचयेयम् विरचयेव विरचयेम विरच्येय विरच्येवहि विरच्येमहि विरच्येथाः विरच्येयाथाम् विरच्येध्वम् विरचयेत् विरचयेताम् विरचयेयुः / विरच्येत विरच्येयाताम् विरच्येरन् आ. विरचयानि विरचयाव विरचयाम ! विरच्यै विरच्यावहै विरच्यामहै विरचय विरचयतम् विरचयत / विरच्यस्व विरच्येथाम् विरच्यध्वम् विरचयतु विरचयताम् विरचयन्तु / विरच्यताम् विरच्येताम् विरच्यन्ताम्
Page #88
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 125 व. अभिक्रुध्यामिअभिक्रुध्यावः अभिक्रुध्यामः अभिक्रुध्ये अभिक्रुध्यावहे अभिक्रुध्यामहे अभिक्रुध्यसि अभिक्रुध्यथः अभिक्रुध्यथ अभिक्रुध्यसे अभिक्रुध्येथे अभिक्रुध्यध्वे अभिक्रुध्यति अभिक्रुध्यतः अभिक्रुध्यन्ति अभिक्रुध्यते अभिक्रुध्येते अभिक्रुध्यन्ते ह्य. अभ्यक्रुध्यम् अभ्यक्रुध्याव अभ्यक्रुध्याम अभ्यक्रुध्ये अभ्यक्रुध्यावहिअभ्यक्रुध्यामहि अभ्यक्रुध्यः अभ्यक्रुध्यतम् अभ्यक्रुध्यत ! अभ्यक्रुध्यथाःअभ्यक्रुध्येथाम् अभ्यक्रुध्यध्वम् अभ्यक्रुध्यत् अभ्यक्रुध्यताम् अभ्यक्रुध्यन् / अभ्यक्रुध्यत अभ्यक्रुध्येताम् अभ्यक्रुध्यन्त वि. अभिक्रुध्येयम् अभिक्रुध्येव अभिक्रुध्येम अभिक्रुध्येय अभिक्रुध्येवहि अभिक्रुध्येमहि अभिक्रुध्येः अभिक्रुध्येतम् अभिक्रुध्येत अभिक्रुध्येथाः अभिक्रुध्येयाथाम् अभिक्रुध्येध्वम् अभिक्रुध्येत् अभिक्रुध्येताम् अभिक्रुध्येयुः / अभिक्रुध्येत अभिक्रुध्येयाताम् अभिक्रुध्येरन् आ. अभिक्रुध्यानिअभिक्रुध्याव अभिक्रुध्याम अभिक्रुध्यै अभिक्रुध्यावहै अभिक्रुध्यामहै अभिक्रुध्य अभिक्रुध्यतम् अभिक्रुध्यत / अभिक्रुध्यस्व अभिक्रुध्येथाम् अभिक्रुध्यध्वम् अभिक्रुध्यतु अभिक्रुध्यताम् अभिक्रुध्यन्तु अभिक्रुध्यताम् अभिक्रुध्येताम् अभिक्रुध्यन्ताम् धातु. 126 व. कम्पे कम्पावहे कम्पसे कम्पेथे कम्पते कम्पेते कम्पामहे / कम्प्ये कम्प्यावहे कम्प्यसे कम्प्येथे कम्पन्ते कम्प्यते कम्प्येते कम्प्यामहे कम्प्यध्वे कम्प्यन्ते ह्य. अकम्पे . अकम्पावहि अकम्पामहि अकम्प्ये अकम्प्यावहि अकम्प्यामहि अकम्पथाः अकम्पेथाम् अकम्पध्वम् / अकम्प्यथाः अकम्प्येथाम् अकम्प्यध्वम् अकम्पत अकम्पेताम् अकम्पन्त अकम्प्यत अकम्प्येताम् अकम्प्यन्त in IIT HIT TIL वि. कम्पेय कम्पेवहि कम्पेमहि कम्प्येय कम्प्येवहि कम्प्येमहि कम्पेथाः कम्पेयाथाम् कम्पध्वम् ! कम्प्येथाः कम्प्येयाथाम् कम्प्येध्वम् कम्पेत कम्पेयाताम् कम्पेरन् कम्प्येत कम्प्येयाताम् कम्प्येरन् आ. कम्पै कम्पावहै कम्पस्व कम्पेथाम् कम्पताम् कम्पेताम् कम्पामहै कम्प्यै कम्प्यावहै कम्प्यामहै कम्पध्वम् कम्प्यस्व कम्प्येथाम् / कम्प्यध्वम् कम्पन्ताम् / कम्प्यताम् कम्प्येताम् कम्प्यन्ताम् 175]
Page #89
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 127 व. निवसामि निवसावः निवसामः ! न्युष्ये न्युष्यावहे न्युष्यामहे निवससि निवसथः निवसथ न्युष्यसे न्युष्येथे न्यष्यध्वे निवसति निवसतः निवसन्ति / न्युष्यते न्युष्येते न्युष्यन्ते u ह्य. न्यवसम् न्यवसाव न्यवसाम न्यवसः न्यवसतम्। न्यवसत न्यवसत् न्यवसताम् न्यवसन् न्यौष्ये न्यौष्यावहि न्यौष्यामहि न्यौष्यथाः न्यौष्येथाम् न्यौष्यध्वम् .न्यौष्यत न्यौष्येताम् न्यौष्यन्त FLE PUI ELE BLI वि. निवसेयम् निवसेव निवसेम निवसेः निवसेतम् निवसेत / निवसेत् निवसेताम् निवसेयुः न्युष्येय न्युष्येवहि न्युष्येमहि न्युष्येथाः न्युष्येयाथाम् न्युष्येध्वम् न्युष्येत न्युष्येयाताम् न्युष्येरन् आ. निवसानि निवसाव निवसाम न्युष्यावहै न्युष्यामहै निवस निवसतम् निवसत न्युष्यस्व न्युष्येथाम् न्युष्यध्वम् निवसतु निवसताम् निवसन्तु / न्युष्यताम् न्युष्येताम् न्युष्यन्ताम् धातु. 128 व. परित्यजामि परित्यजावः परित्यजामः परित्यज्ये परित्यज्यावहे परित्यज्यामहे परित्यजसि परित्यजथः परित्यजथ परित्यज्यसे परित्यज्येथे परित्यज्यध्वे परित्यजति परित्यजतः परित्यजन्ति परित्यज्यते परित्यज्येते परित्यज्यन्ते ह्य. पर्यत्यजम् पर्यत्यजाव पर्यत्यजाम पर्यत्यज्ये पर्यत्यज्यावहिपर्यत्यज्यामहि पर्यत्यजः पर्यत्यजतम् पर्यत्यजत / पर्यत्यज्यथाः पर्यत्यज्येथाम् पर्यत्यज्यध्वम् पर्यत्यजत् पर्यत्यजताम् पर्यत्यजन् / पर्यत्यज्यत पर्यत्यज्येताम् पर्यत्यज्यन्त वि. परित्यजेयम् परित्यजेव परित्यजेम परित्यज्येय परित्यज्येवहि परित्यज्येमहि परित्यजेः परित्यजेतम् परित्यजेत ! परित्यज्येथाःपरित्यज्येयाथाम्परित्यज्येध्वम् परित्यजेत् परित्यजेताम् परित्यजेयुः। परित्यज्येत परित्यज्येयाताम्परित्यज्येरन् आ. परित्यजानि परित्यजाव परित्यजाम परित्यज्य परित्यज्यावहै परित्यज्यामहै परित्यज परित्यजतम् परित्यजत / परित्यज्यस्व परित्यज्येथाम्परित्यज्यध्वम् परित्यजतु परित्यजताम् परित्यजन्तु परित्यज्यताम्परित्यज्येताम् परित्यज्यन्ताम् 1761
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि धातु. 126 व. वपामि वपावः वपसि वपथ: वपति वपतः वपामः वपथ वपन्ति ! वपे वपसे वपावहे वपेथे वपेते वपामहे वपध्वे वपन्ते वपते ह्य. अवपम् अवपः अवपत् अवपाव अवपतम् अवपताम् अवपाम अवपत अवपन् अवपे अवपावहि अवपथाः अवपेथाम् अवपत अवपेताम् अवपामहि अवपध्वम् अवपन्त वि. वपेयम वपेः वपेत् वपेव वपेतम् / वपेताम् वपेम वपेत वपेयुः वपेय वपेथाः वपेत वपेवहि वपेमहि वपेयाथाम् वपेध्वम् वपेयाताम् वपेरन् आ वपै आ. वपानि वप वपतु वपाव वपाव वपतम् वपताम् वपाम वपत वपन्तु वपस्व वपताम् वपेथाम् वपेताम् वपामहै वपध्वम् वपन्ताम् थातु. 130 व. विश्राम्यामि विश्राम्यावः विश्राम्यामः / विश्रम्ये विश्रम्यावहे विश्रम्यामहे विश्राम्यसि विश्राम्यथः विश्राम्यथ / विश्रम्यसे विश्रम्येथे विश्रम्यध्वे विश्राम्यति विश्राम्यतः विश्राम्यन्ति विश्रम्यते विश्रम्येते विश्रम्यन्ते ह्य. व्यश्राम्यम् व्यश्राम्याव व्यश्राम्याम ! व्यश्रम्ये व्यश्रम्यावहि व्यश्रम्यामहि व्यश्राम्यः व्यश्राम्यतम् व्यश्राम्यत / व्यश्रम्यथाः व्यश्रम्येथाम् व्यश्रम्यध्वम् व्यश्राम्यत् व्यश्राम्यताम् व्यश्राम्यन् / व्यश्रम्यत व्यवम्येताम् व्यश्चम्यन्त वि. विश्राम्येयम् विश्राम्येव विश्राम्येम विश्रम्येय विश्रम्येवहि विश्रम्येमहि विश्राम्येः विश्राम्येतम विश्राम्येत ! विश्रम्येथाः विश्रम्येयाथाम विश्रम्येध्वम विश्राम्येत् विश्राम्येताम् विश्राम्येयुः / विश्रम्येत विश्रम्येयाताम् विश्रम्येरन् आ. विश्राम्याणि विश्राम्याव विश्राम्याम / विश्रम्यै विश्रम्यावहै विश्रम्यामहै विश्राम्य विश्राम्यतम् विश्राम्यत / विश्रम्यस्व विश्रम्येथाम् विश्रम्यध्वम् विश्राम्यतु विश्राम्यताम् विश्राम्यन्तु विश्रम्यताम् विश्रम्येताम् विश्रम्यन्ताम्
Page #91
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि व. उप्ये उप्यसे उप्यते उप्यावहे उप्येथे . उप्येते उप्यामहे उप्यध्वे उप्यन्ते ह्य. औप्ये औप्यावहि औप्यामहि औप्यथाः औप्येथाम् औप्यध्वम् औप्यत औप्येताम् औप्यन्त वि. उप्येय उप्येवहि उप्येमहि - उप्येथाः उप्येयाथाम उप्येध्वम उप्येत उप्येयाताम् उप्येरन् WU आ. उप्यै उप्यावहै उप्यस्व उप्येथाम् उप्यताम् उप्येताम् उप्यामहै उप्यध्वम् उप्यन्ताम् धातु. 131 कर्तरि व. गर्जामि गर्जावः गर्जसि गर्जथः गर्जति गर्जतः गर्जामः गर्जथ गर्जन्ति कर्मणि गर्थे गावहे गामहे गय॑से गयेथे गर्यध्वे गय॑ते गय॒ते गय॑न्ते गजप ह्य. अगर्जम् अगर्जः अगर्जत् अगर्जाव अगर्जाम अगर्जतम् अगर्जत अगर्जताम् अगर्जन् अगये अगावहि अगामहि अगZथाः अगयेथाम् अगय॑ध्वम् अगय॑त अगय॒ताम् अगय॑न्त वि. गर्जेयम् गर्जेः गर्जेत् गर्जेव गर्जेतम् गर्जेताम् गर्जेम गर्जेत गर्जेयुः गयेय गयेवहि गयेमहि गयेथाः गयेयाथाम् गर्येध्वम् गर्येत गर्येयाताम् गयेरन् 111 II 11 12 मा. गर्जानि गर्जाव गर्ज गर्जतम् गर्जतु गर्जताम् गर्जाम गर्जत गर्जन्तु गज्य गावहै गामहै गय॑स्व गयेथाम् गर्यध्वम् गर्व्यताम् गर्येताम् गय॑न्ताम् [78]
Page #92
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 132 व. गर्जयामि गर्जयावः गर्जयामः ! गये गावहे गामहे गर्जयसि गर्जयथः गर्जयथ गय॑से गयेथे गर्यध्वे गर्जयति गर्जयतः गर्जयन्ति / गय॑ते गयेते गय॑न्ते ह्य. अगर्जयम् अगर्जयाव अगर्जयाम अगर्जयः अगर्जयतम् अगर्जयत अगर्जयत् अगर्जयताम् अगर्जयन् अगये अगावहि अगामहि अगर्व्यथाः अगयेथाम् अगय॑ध्वम् अगmत अगर्येताम् अगय॑न्त वि. गर्जयेयम् गर्जयेव गर्जयेम गर्जयेः गर्जयेतम् गर्जयेत गर्जयेत् गर्जयेताम् गर्जयेयुः गयेय गयेवहि गयेमहि गयेथाः गयेयाथाम् गयेध्वम् गयंत गयेयाताम् गयेरन् आ. गर्जयानि गर्जयाव गर्जायम गज्य गावहै गामहै गर्जय गर्जयतम गर्जयत गय॑स्व गयेथाम गर्यध्वम् गर्जयतु गर्जयताम् गर्जयन्तु / गर्म्यताम् गर्येताम् गय॑न्ताम् "-.-..-..-.. धातु. 133 व. द्योते द्योतावहे द्योतसे द्योतेथे द्योतते द्योतेते द्योतामहे / द्युत्ये द्युत्यावहे / द्योतध्वे द्युत्यसे द्युत्येथे द्योतन्ते द्युत्यते . द्युत्येते द्युत्यामहे द्युत्यध्वे द्युत्यन्ते ह्य. अद्योते अद्योतावहि अद्योतामहि अद्युत्ये अद्युत्यावहि अद्युत्यामहि अद्योतथाः अद्योतेथाम अद्योतध्वम् / अद्युत्यथाः अद्युत्येथाम् अद्युत्यध्वम् अद्योतत अद्योतेताम् अद्योतन्त / अद्युत्यत अद्युत्येताम् अद्युत्यन्त वि. द्योतेय द्योतेवहि द्योतेमहि द्योतेथाः द्योतेयाथाम् द्योतेध्वम् द्योतेत द्योतेयाताम् द्योतेरन् द्युत्येय द्युत्येवहि द्युत्येमहि द्युत्येथाः द्युत्येयाथाम् द्युत्येध्वम् द्युत्येत द्युत्येयाताम् द्युत्येरन् . द्युत्यावहै आ. द्योते द्योतावहै द्योतस्व द्योतेथाम् द्योतताम् द्योतेताम् द्योतामहै द्योतध्वम् द्युत्यस्व द्युत्येथाम् द्योतन्ताम् / द्युत्यताम् द्युत्येताम् द्युत्यामहै। द्युत्यध्वम् द्युत्यन्ताम् 701
Page #93
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 134 व. विद्योते विद्योतावहे विद्योतामहे / विद्युत्ये विद्युत्यावहे विद्युत्यामहे विद्योतसे विद्योतेथे विद्योतध्वे / विद्युत्यसे विद्युत्येथे विद्युत्यध्वे विद्योतते विद्योतेते विद्योतन्ते / विद्युत्यते विद्युत्येते विद्युत्यन्ते ह्य. व्यद्योते व्यद्योतावहि व्यद्योतामहि व्यत्ये व्यद्यत्यावहि व्यद्यत्यामहि व्यद्योतथाः व्यद्योतेथाम् व्यद्योतध्वम् ! व्यद्युत्यथाः व्यद्युत्येथाम् व्यधुत्यध्वम् व्यद्योतत व्यद्योतेताम् व्यद्योतन्त / व्यद्युत्यत व्यधुत्येताम् व्यधुत्यन्त वि. विद्योतेय विद्योतेवहि विद्योतेमहि विद्युत्येय विद्युत्येवहि विद्युत्येमहि विद्योतेथाः विद्योतेयाथाम विद्योतेध्वम विद्यत्येथाः विद्यत्येयाथाम विद्युत्यध्वम विद्योतेत विद्योतेयाताम् विद्योतेरन् / विद्युत्येत विद्युत्येयाताम् विद्युत्येरन् आ. विद्योतै विद्योतावहै विद्योतामहै / विद्युत्यै विद्युत्यावहै विद्युत्यामहै विद्योतस्व विद्योतेथाम् विद्योतध्वम् / विद्युत्यस्व विद्युत्येथाम् विद्युत्यध्वम् विद्योतताम् विद्योतेताम् विद्योतन्ताम् विद्युत्यताम् विद्युत्येताम् विद्युत्यन्ताम् धातु. 135 1. द्रुह्यामि द्रुह्यावः द्रुह्यसि द्रुह्यथः द्रुह्यति द्रुह्यतः द्रुह्ये द्रुह्यामः द्रुह्यथ द्रुह्यन्ति द्रुह्यसे द्रुह्यावहे द्रुह्येथे द्रुह्येते द्रुह्यामहे द्रुह्यध्वे द्रुह्यन्ते द्रुह्यते घ. अद्रुह्यम् अद्रुह्यः अद्रुह्यत् अद्रुह्याव अद्रुह्याम अद्रुह्यतम् अद्रुह्यत अद्रुह्यताम् अद्रुह्यन् अद्रुह्ये अद्रुह्यावहि अद्रुह्यामहि अद्रुह्यथाः अद्रुह्येथाम् अद्रुह्यध्वम् अद्रुह्यत अद्रुह्येताम् अद्रुह्यन्त I LL III TIE TIL वे. द्रुह्येयम् द्रुह्येः द्रुह्येत् द्रुह्येव द्रुह्येम द्रुह्येतम् द्रुह्येत द्रुह्येताम् द्रुह्येयुः द्रुह्येय द्रुह्येवहि द्रुह्येमहि द्रुह्येथाः द्रुह्येयाथाम् द्रुह्येध्वम् द्रुह्येत द्रुह्येयाताम् द्रुह्येरन् द्रुयै प्रा. द्रुह्याणि द्रुह्याव द्रुह्य द्रुह्यतम् द्रुह्यतु द्रुह्यताम् द्रुह्याम द्रुह्यत द्रुह्यन्तु द्रुह्यावहै द्रुह्यस्व द्रुह्येथाम् द्रुह्यताम् द्रुह्येताम् द्रुह्यामहै द्रुह्यध्वम् द्रुह्यन्ताम् [80]]
Page #94
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 136 व. अभिद्रुह्यामि अभिद्रुह्यावः अभिद्रुह्यामः अभिद्रुह्ये अभिद्रुह्यावहे अभिद्रुह्यामहे अभिद्रुह्यसि अभिद्रुह्यथः अभिद्रुह्यथ / अभिद्रुह्यसे अभिद्रुह्येथे अभिद्रुह्यध्वे अभिद्रुह्यति अभिद्रुह्यतः अभिद्रुह्यन्ति अभिद्रुह्यते अभिद्रुह्येते अभिद्रुह्यन्ते ह्य. अभ्यद्रुह्यम् अभ्यद्रुह्याव अभ्यद्रुह्याम अभ्यद्रुह्ये अभ्यद्रुह्यावहि अभ्यद्रुह्यामहि अभ्यद्रुह्यः अभ्यद्रुह्यतम् अभ्यद्रुह्यत ! अभ्यद्रुह्यथाः अभ्यद्रुह्येथाम् अभ्यद्रुह्यध्वम् अभ्यद्रुह्यत् अभ्यद्रुह्यताम् अभ्यद्रुह्यन् / अभ्यद्रुह्यत अभ्यद्रुह्येताम् अभ्यद्रुह्यन्त वि. अभिद्रुह्येयम् अभिद्रुह्येव अभिद्रुह्येम / अभिद्रुह्येय अभिद्रुह्येवहि अभिद्रुह्येमहि अभिद्रुह्येः अभिद्रुह्येतम् अभिद्रुह्येत / अभिद्रुह्येथाः अभिद्रुह्येथाम् अभिद्रुह्येध्वम् अभिद्रुह्येत् अभिद्रुह्येताम् अभिद्रुह्येयुः / अभिद्रुह्येत अभिद्रुह्येताम् अभिद्रुह्येरन् आ. अभिद्रुह्याणि अभिद्रुह्याव अभिद्रुह्याम ! अभिद्रुह्ये अभिद्रुह्यावहै अभिद्रुह्यामहै अभिद्रुह्य अभिद्रुह्यतम् अभिद्रुह्यत / अभिद्रुह्यस्व अभिद्रुह्येथाम् अभिद्रुह्यध्वम् अभिद्रुह्यतु अभिद्रुह्यताम् अभिद्रुह्यन्तु अभिद्रुह्यताम्अभिद्रुह्येताम् अभिद्रुह्यन्तार धातु. 137 व. रोचे रोचावहे रोचसे रोचेथे रोचते रोचेते रोचामहे / रूच्ये रूच्यावहे रोचध्वे रूच्यसे रूच्येथे रोचन्ते रूच्यते रूच्येते रूच्यामहे रूच्यध्वे रूच्यन्ते ह्य. अरोचे अरोचावहि अरोचामहि अरूच्ये अरूच्यावहि अरूच्यामहि अरोचथाः अरोचेथाम अरोचध्वम / अरूच्यथाः अरूच्येथाम अरूच्यध्वम अरोचत अरोचेताम् अरोचन्त अरूच्यत अरूच्येताम् अरूच्यन्त वि. रोचेय रोचेवहि रोचमहि रोचेथाः रोचेयाथाम् रोचेध्वम् रोचेत रोचेयाताम् रोचेरन् रूच्येय रूच्येवहि रूच्येमहि रूच्येथाः रूच्येयाथाम रूच्येध्वम् रूच्येत रूच्येयाताम् रूच्येरन् / आ. रोचै रोचावहै रोचस्व रोचेथाम् रोचताम् रोचेताम् रोचामहै / रूच्यै रूच्यावहै रोचध्वम् रूच्यस्व रूच्येथाम् रोचन्ताम् / रूच्यताम् रूच्येताम् रूच्यामहै रूच्यध्वम् रूच्यन्ताम् [811
Page #95
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्तरि धातु. 138 व. श्रयामि श्रयावः श्रयसि श्रयथः श्रयति श्रयतः / श्रये श्रयामहे श्रयामः श्रयथ श्रयन्ति श्रयावहे श्रयेथे श्रयेते श्रयध्वे श्रयसे / श्रयते श्रयच्य श्रयन्ते घ. अश्रयम् अश्रयः अश्रयत् अश्रयाव / अश्रयाम अश्रयतम् अश्रयत अश्रयताम् अश्रयन् अश्रये अश्रयावहि अश्रयामहि अश्रयथाः अश्रयेथाम् अश्रयध्वम् अश्रयत अश्रयेताम् अश्रयन्त 111 III II 1 श्रयेम वि. श्रयेयम् - श्रयेः श्रयेत् श्रयेव श्रयेतम् श्रयेताम् श्रयेय श्रयेथाः / श्रयेत श्रयेवहि श्रयेमहि श्रयेयाथाम् श्रयेध्वम् श्रयेयाताम् श्रयेरन् श्रयेयुः श्रयाव आ. श्रयाणि श्रय : श्रयतु श्रयतम श्रयताम् श्रयाम श्रयत श्रयन्तु ! श्रयै श्रयावहै श्रयस्व श्रयेथाम् श्रयताम् श्रयेताम् श्रयामहै श्रयध्वम् श्रयन्ताम् धातु. 136 व. आश्रयामि आश्रयावः आश्रयामः आश्रयसि आश्रयथः आश्रयथ आश्रयति आश्रयतः आश्रयन्ति आश्रये आश्रयसे आश्रयते आश्रयावहे आश्रयामहे आश्रयेथे आश्रयध्वे आश्रयेते आश्रयन्ते ह. आश्रयम् आश्रयः आश्रयत् आश्रयाव आश्रयाम आश्रयतम् आश्रयत आश्रयताम् आश्रयन् आश्रये आश्रयावहि आश्रयामहि आश्रयथाः आश्रयेथाम् आश्रयध्वम् आश्रयत आश्रयेताम् आश्रयन्त वि. आश्रयेयम् आश्रयेव आश्रयेम आश्रयेः आश्रयेतम् आश्रयेत आश्रयेत् आश्रयेताम् आश्रयेयुः आश्रयेय आश्रयेवहि आश्रयेमहि आश्रयेथाः आश्रयेयाथाम् आश्रयेध्वम् आश्रयेत आश्रयेयाताम् आश्रयेरन् . आश्रयाणि आश्रयाव आश्रयाम आश्रय आश्रयतम् आश्रयत आश्रयतु आश्रयताम् आश्रयन्तु आश्रयै आश्रयावहै आश्रयामहै आश्रयस्व आश्रयेथाम् आश्रयध्वम् ! आश्रयताम् आश्रयेताम् आश्रयन्ताम् [821
Page #96
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि व. श्रीये श्रीयावहे श्रीयसे श्रीयेथे श्रीयते श्रीयेते श्रीयामहे श्रीयध्वे श्रीयन्ते ह्य. अश्रीये अश्रीयावहि अश्रीथाः अश्रीयेथाम् अश्रीयत अश्रीयेताम् अश्रीयामहि अश्रीयध्वम् अश्रीयन्त वि. श्रीयेय श्रीयेवहि श्रीयेमहि श्रीयेथाः श्रीयेयाथाम श्रीयध्वम् श्रीयेत श्रीयेयाताम् श्रीयेरन् आ. श्रीयै श्रीयावहै .. श्रीयामहै श्रीयस्व श्रीयेथाम श्रीयध्वम श्रीयताम् श्रीयेताम् श्रीयन्ताम् व. आश्रीये आश्रीयावहे आश्रीयामहे! आश्रीयसे आश्रीयेथे आश्रीयध्वे / आश्रीयते आश्रीयेते आश्रीयन्ते ह्य. आश्रीये आश्रीयावहि आश्रीयामहि आश्रीयथाः आश्रीयेथाम् आश्रीयध्वम्। आश्रीयत आश्रीयेताम् आश्रीयन्त वि. आश्रीयेय आश्रीयेवहि आश्रीयेमहि आश्रीयेथाः आश्रीयेयाथाम् आश्रीयेध्वम् आश्रीयेत आश्रीयेयाताम् आश्रीयेरन् / आ. आश्रीयै आश्रीयावहै आश्रीयामहै। आश्रीयस्व आश्रीयेथाम् आश्रीयध्वम् आश्रीयताम् आश्रीयेताम् आश्रीयन्ताम्। 1831
Page #97
--------------------------------------------------------------------------
________________ ___ कर्मणि कर्तरि धातु. 140 व. परीक्षे परीक्षावहे परीक्षसे परीक्षेथे परीक्षते परीक्षेते परीक्षामहे ! परीक्ष्ये परीक्ष्यावहे परीक्षध्वे परीक्ष्यसे परीक्ष्येथे परीक्षन्ते में परीक्ष्यते परीक्ष्येते परीक्ष्यामहे परीक्ष्यध्वे परीक्ष्यन्ते ह्य. पर्येक्षे पर्यैक्षावहि पर्येक्षामहि / पर्येक्ष्ये पर्येक्ष्यावहि पयैक्षथाः पयैक्षेथाम पयैक्षध्वम ! पर्येक्ष्यथाः पर्येक्ष्येथाम पर्येक्षत पर्येक्षेताम् पर्येक्षन्त / पर्येक्ष्यत पर्येक्ष्येताम् पर्येक्ष्यामहि पर्येक्ष्यध्वम पर्येक्ष्यन्त वि. परीक्षेय परीक्षेवहि परीक्षेमहि / परीक्ष्येय परीक्ष्येवहि परीक्ष्येमहि परीक्षेथाः परीक्षेयाथाम् परीक्षेध्वम् / परीक्ष्येथाः परीक्ष्येयाथाम परीक्ष्यध्वम परीक्षेत परीक्षेयाताम् परीक्षेरन् / परीक्ष्येत परीक्ष्येयाताम् परीक्ष्येरन् आ. परीक्षै परीक्षावहै ' परीक्षस्व परीक्षेथाम परीक्षताम् परीक्षेताम् परीक्षामहै / परीक्ष्य परीक्ष्यावहै परीक्षध्वम / परीक्ष्यस्व परीक्ष्येथाम् परीक्षन्ताम् / परीक्ष्यताम् परीक्ष्येताम् परीक्ष्यामहै परीक्ष्यध्वम् परीक्ष्यन्ताम् धातु. 141 व. यते यतावहे यतसे यतेथे - यतते यतेते यतामहे यतध्वे यतन्ते यत्ये यत्यसे यत्यते यत्यावहे यत्येथे यत्येते यत्यामहे यत्यध्वे यत्यन्ते ह्य. अयते . अयतावहि अयतथाः अयतेथाम् / अयतत अयतेताम् अयतामहि ! अयत्ये अयत्यावहि अयतध्वम् / अयत्यथाः अयत्येथाम् अयतन्त / अयत्यत अयत्येताम् अयत्यामहि अयत्यध्वम् अयत्यन्त वि. यतेय यतेवहि यतेमहि यतेथाः यतेयाथाम् यतेध्वम् यतेत यतेयाताम् यतेरन् यत्येय यत्येवहि यत्येमहि ! यत्येथाः यत्येयाथाम् यत्येध्वम् / यत्येत यत्येयाताम् यत्येरन् आ. यतै यतावहै यतस्व यतेथाम् / यतताम् यतेताम् यतामहै यत्यै यत्यावहै यतध्वम् / यत्यस्व यत्येथाम् यतन्ताम् / यत्यताम् यत्येताम् यत्यामहै यत्यध्वम् यत्यन्ताम् 1841
Page #98
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 142 व. प्रयते प्रयतावहे प्रयतामहे ! प्रयतसे प्रयतेथे . प्रयतध्वे / प्रयत्यसे प्रयत्येथे प्रयतते प्रयतेते प्रयतन्ते / प्रयत्यते प्रयत्येते प्रय प्रयत्यामहे प्रयत्यध्वे प्रयत्यन्ते ह्य. प्रायते प्रायतावहि प्रायतामहि / प्रायत्ये प्रायत्यावहि प्रायत्यामहि प्रायतथाः प्रायतेथाम् प्रायतध्वम् प्रायत्यथाः प्रायत्येथाम् प्रायत्यध्वम् प्रायतत प्रायतेताम् प्रायतन्त / प्रायत्यत प्रायत्येताम् प्रायत्यन्त वि. प्रयतेय प्रयतेवहि प्रयतेमहि प्रयत्येय प्रयत्येवहि प्रयत्येमहि - प्रयतेथाः प्रयतेयाथाम प्रयतेध्वम् / प्रयत्येथाः प्रयत्येयाथाम् प्रयत्यध्वम् प्रयतेत प्रयतेयाताम् प्रयतेरन् प्रयत्येत प्रयत्येयाताम् प्रयत्येरन् आ. प्रयतै प्रयतावहै प्रयतामहै प्रयतस्व प्रयतेथाम् प्रयतध्वम् प्रयतताम् प्रयतेताम प्रयतन्ताम् प्रयत्यै प्रयत्यावहै प्रयत्यामहै प्रयत्यस्व प्रयत्येथाम् प्रयत्यध्वम् प्रयत्यताम् प्रयत्येताम् प्रयत्यन्ताम् धातु. 143 व. क्षालयामि क्षालयावः क्षालयामः / क्षाल्ये क्षाल्यावहे क्षाल्यामहे क्षालयसि क्षालयथः। क्षालयथ क्षाल्यसे क्षाल्येथे क्षाल्यध्वे क्षालयति क्षालयतः क्षालयन्ति / क्षाल्यते क्षाल्येते क्षाल्यन्ते G ह्य. अक्षालयम् अक्षालयाव अक्षालयाम ! अक्षाल्ये अक्षाल्यावहि अक्षाल्यामहि अक्षालयः अक्षालयतम् अक्षालयत / अक्षाल्यथाः अक्षाल्येथाम् अक्षाल्यध्वम् अक्षालयत् अक्षालयताम् अक्षालयन् / अक्षाल्यत अक्षाल्येताम् अक्षाल्यन्त वि. क्षालयेयम् क्षालयेव क्षालयेम क्षाल्येय क्षाल्येवहि क्षाल्येमहि क्षालयेः क्षालयेतम् क्षालयेत क्षाल्येथाः क्षाल्येयाथाम् क्षाल्येध्वम् क्षालयेत् क्षालयेताम् क्षालयेयुः / क्षाल्येत क्षाल्येयाताम् क्षाल्येरन् आ. क्षालयाणि क्षालयाव क्षालयाम / क्षाल्यै क्षाल्यावहै क्षाल्यामहै क्षालय क्षालयतम् क्षालयत क्षाल्यस्व क्षाल्येथाम् क्षाल्यध्वम् क्षालयतु क्षालयताम् क्षालयन्तु / क्षाल्यताम् क्षाल्येताम् क्षाल्यन्ताम् 185]]
Page #99
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 144 व. शुष्यामि शुष्यावः शुष्यसि शुष्यथः शुष्यति शुष्यतः शुष्यामः शुष्यथ शुष्यन्ति शुष्यावहे शुष्येथे शुष्येते शुष्यामहे शुष्यध्वे शुष्यन्ते ह्य. अशुष्यम् अशुष्याव अशुष्याम अशुष्यः अशुष्यतम् अशुष्यत अशुष्यत् अशुष्यताम् अशुष्यन् अशुष्ये अशुष्यावहि अशुष्यामहि अशुष्यथाः अशुष्येथाम् अशुष्यध्वम् / अशुष्यत अशुष्येताम् अशुष्यन्त वि. शुष्येयम् शुष्येः शुष्येत् शुष्येव शुष्येतम् शुष्येताम् शुष्येम शुष्येत शुष्येयुः . शुष्येय शुष्येवहि शुष्येमहि शुष्येथाः . शुष्येयाथाम् शुष्येध्वम् शुष्येत शुष्येयाताम् शुष्येरन् आ. शुष्याणि शुष्य शुष्यतु शुष्याव शुष्यतम् शुष्यताम् शुष्याम शुष्यत शुष्यन्तु शुष्यै शुष्यावहै शुष्यस्व शुष्येथाम् शुष्यताम् शुष्येताम् शुष्यामहै शुष्यध्वम् शुष्यन्ताम् Eu Izz III ili iu L LLL HII EEL LLL LLL HII IL LIL LLL WE LLE LLE DEL BE BLE LLE EEL III ELL ELL ELL FII BEL ALL iu III II LLL II LLL LLL LLL HII LLE BIL -.. -.. धातु. 145 व. तृप्यामि तृप्यावः तृप्यसि तृप्यथः तृप्यति तृप्यतः तृप्यामः तृप्यथ तृप्यन्ति तृप्ये तृप्यसे तृप्यते तृप्यावहे तृप्येथे तृप्येते तृप्यामहे तृप्यध्वे तृप्यन्ते ह्य. अतृप्यम् अतृप्यः अतृप्यत् अतृप्याव अतृप्याम अतृप्यतम् अतृप्यत अतृप्यताम् अतृप्यन् अतृप्ये अतृप्यावहि अतृप्यामहि अतृप्यथाः अतृप्येथाम् अतृप्यध्वम् अतृप्यत अतृप्येताम् अतृप्यन्त वि. तृप्येयम् तृप्येः तृप्येत् तृप्येव तृप्येतम् तृप्येताम् तृप्येम तृप्येत तृप्येयुः तृप्येय तृप्येवहि तृप्येमहि तृप्येथाः तृप्येयाथाम् तृप्यध्वम् तृप्येयाताम् तृप्येरन् आ. तृप्याणि तृप्य तृप्यतु तृप्याव तृप्यतम् तृप्यताम् तृप्याम तृप्यत तृप्यन्तु तृप्यावहै तृप्यस्व तृप्येथाम् तृप्यताम् तृप्यताम् तृप्यामहै तृप्यध्वम् तृप्यन्ताम् [86]
Page #100
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 146 व. ध्यायामि ध्यायावः ध्यायामः ध्यायसि ध्यायथः ध्यायथ ध्यायति ध्यायतः ध्यायन्ति ध्याये ध्यायावहे ध्यायामहे ध्यायसे ध्यायेथे ध्यायध्वे ध्यायते ध्यायेते ध्यायन्ते ह्य. अध्यायम् अध्यायाव / अध्यायाम अध्यायः अध्यायतम् अध्यायत अध्यायत् अध्यायताम् अध्यायन् अध्याये अध्यायावहि अध्यायामहि अध्यायथाः 3 अध्यायेथाम् अध्यायध्वम् अध्यायत अध्यायेताम् अध्यायन्त वि. ध्यायेयम् ध्यायेव ध्यायेम ध्यायेः . ध्यायेतम् ध्यायेत ध्यायेत् ध्यायेताम् ध्यायेयुः ध्यायेय ध्यायेवहि ध्यायेमहि ध्यायेथाः ध्यायेयाथाम् ध्यायेध्वम् ध्यायेत ध्यायेयाताम् ध्यायेरन् आ. ध्यायानि ध्यायाव ध्यायाम ध्याय ध्यायतम् ध्यायत ध्यायतु ध्यायताम् ध्यायन्तु ध्यायै ध्यायावहै ध्यायामहै ध्यायस्व ध्यायेथाम् ध्यायध्वम् ध्यायताम् ध्यायेताम् ध्यायन्ताम् धातु. 147 व. प्रसरामि प्रसरावः प्रसरसि प्रसरथः प्रसरति प्रसरतः प्रसरामः प्रसरथ प्रसरन्ति प्रस्रिये प्रम्रियावहे प्रस्रियामहे प्रसियसे प्रस्रियेथे प्रस्रियध्वे प्रम्रियते प्रस्रियेते प्रस्रियन्ते ह्य. प्रासरम् . प्रासराव प्रासराम प्रासरः . प्रासरतम् प्रासरत प्रासरत् प्रासरताम् प्रासरन् प्रास्रिये. प्रास्रियावहि प्रासियामहि प्रास्रियथाः प्रालियेथाम् प्राम्रियध्वम् प्रासियत प्रानियेताम् प्राम्रियन्त वि. प्रसरेयम् प्रसरेः प्रसरेत् प्रसरेव प्रसरेम प्रसरतम् प्रसरेत प्रसरताम् प्रसरेयुः प्रसियेय प्रम्रियेवहि प्रस्रियेमहि प्रसियेथाः प्रस्रियेयाथाम प्रस्रियेध्वम प्रस्रियेत प्रस्रियेयाताम् प्रस्रियेरन् आ. प्रसराणि प्रसर प्रसरतु प्रसराव प्रसराम प्रसरतम् प्रसरत प्रसरताम् प्रसरन्तु प्रस्रियै प्रम्रियावहै प्रस्रियामहै प्रस्रियस्व प्रस्रियेथाम प्रस्रियध्वम प्रम्रियताम् प्रस्रियेताम् प्रसियन्ताम् | 87]
Page #101
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 148 व. अपेक्षे अपेक्षावहे अपेक्षसे अपेक्षेथे अपेक्षते अपेक्षेते अपेक्षामहे | अपेक्ष्ये अपेक्ष्यावहे अपेक्षध्वे / अपेक्ष्यसे अपेक्ष्येथे अपेक्षन्ते / अपेक्ष्यते अपेक्ष्येते अपेक्ष्यामहे अपेक्ष्यध्वे अपेक्ष्यन्ते ह्य. अपेक्षे अपैक्षावहि अपैक्षथाः अपैक्षेथाम् अपैक्षामहि अपैक्ष्ये अपैक्ष्यावहि अपैक्षध्वम् अपैक्ष्यथाः अपैक्ष्येथाम् अपैक्षन्त / अपैक्ष्यत अपैक्ष्येताम् In lu ili u अपैक्ष्यामहि अपैक्ष्यध्वम् अपैक्ष्यन्त वि. अपेक्षेय अपेक्षेवहि अपेक्षेमहि अपेक्ष्येय अपेक्ष्येवहि अपेक्ष्येमहि अपेक्षेथाः अपेक्षेयाथाम अपेक्षेध्वम में अपेक्ष्येथाः अपेक्ष्येयाथाम् अपेक्ष्यध्वम् अपेक्षेत अपेक्षेयाताम् अपेक्षेरन् / अपेक्ष्येत अपेक्ष्येयाताम् अपेक्ष्येरन् आ. अपेक्षे अपेक्षावहै अपेक्षस्व अपेक्षेथाम् अपेक्षताम् अपेक्षेताम् III III III DI B di ili अपेक्षामहै / अपेक्ष्यै अपेक्ष्यावहै अपेक्षध्वम् / अपेक्ष्यस्व अपेक्ष्येथाम् अपेक्षन्ताम् / अपेक्ष्यताम् अपेक्ष्येताम् अपेक्ष्यामहै अपेक्ष्यध्वम् अपेक्ष्यन्ताम् धातु. 146 व. उपविशामि उपविशावः उपविशामः / उपविश्ये उपविश्यावहे उपविश्यामहे उपविशसि उपविशथः उपविशथ / उपविश्यसे उपविश्येथे उपविश्यध्वे उपविशति उपविशतः उपविशन्ति उपविश्यते उपविश्येते उपविश्यन्ते ह्य. उपाविशम् उपाविशाव उपाविशाम उपाविश्ये उपाविश्यावहिउपाविश्यामहि : उपाविशः उपाविशतम् उपाविशत | उपाविश्यथाः उपाविश्येथाम् उपाविश्यध्वम् . उपाविशत् उपाविशताम् उपाविशन् / उपाविश्यत उपाविश्येताम् उपाविश्यन्त वि. उपविशेयम् उपविशेव उपविशेम / उपविश्येय उपविश्येवहि उपविश्यमहि उपविशेः उपविशेतम् उपविशेत / उपविश्येथाः उपविश्येयाथाम्उपविश्येध्वम् उपविशेत् उपविशेताम् उपविशेयुः / उपविश्येत उपविश्येयाताम् उपविश्येरन् आ. उपविशानि उपविशाव उपविशाम / उपविश्यै उपविश्यावहै उपविश्यामहै उपविश उपविशतम् उपविशत / उपविश्यस्व उपविश्येथाम् उपविश्यध्वम् उपविशतु उपविशताम् उपविशन्तु उपविश्यताम् उपविश्येताम् उपविश्यन्ताम् [881
Page #102
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 150 . 6 उद्गच्छानि उद्गच्छाव उद्गच्छामः ! उद्गम्ये उद्म्यावहे उद्गम्यामहे उद्गच्छसि उद्गच्छथः उगच्छथ / उद्गम्यसे उद्गम्येथे उद्गम्यध्वे उद्गच्छति उद्गच्छतः उद्गच्छन्ति / उद्गम्यते उद्गम्येते उगम्यन्ते ह्य. उदगच्छम् उदगच्छाव उदगच्छाम उदगम्ये उदगम्यावहि उदगम्यामहि उदगच्छ: उदगच्छतम् उदगच्छत ! उदगम्यथाः उदगम्येथाम् उदगम्यध्वम् उदगच्छत् उदगच्छताम् उदगच्छन् / उदगम्यत उदगम्येताम् उदगम्यन्त वि. उद्गच्छेयम् उद्गच्छेव उद्गच्छेम उद्गम्येय उद्गम्येवहि उगम्येमहि उगच्छेः उद्गच्छेतम् उद्गच्छेत उद्गम्येथाः उद्गम्येयाथाम् उद्गम्येध्वम् उद्गच्छेत् उद्गच्छेताम् उद्गच्छेयुः / उद्गम्येत उद्गम्येयाताम् उद्गम्येरन् आ. उगच्छानि उगच्छाव उद्गच्छाम ! उद्गम्यै उद्गम्यावहै उद्गम्यामहै उगच्छ उद्रच्छतम् उद्गच्छत उगम्यस्व उद्गम्येथाम् उद्गम्यध्वम् उद्गच्छतु उद्गच्छताम् उद्गच्छन्तु / उद्गम्यताम् उद्गम्येताम् उद्गम्यन्ताम् धातु. 151 व. कसामि कसावः कससि कसथः कसति कसतः कसामः कसथ कसन्ति कस्ये कस्यावहे कस्यामहे कस्यसे कस्येथे कस्यध्वे | कस्यते कस्येते कस्यन्ते ह्य. अकसम् अकसः अकसत् अकसाव अकसाम अकसतम् अकसत अकसताम् अकसन् अकस्ये अकस्यावहि अकस्यामहि ! अकस्यथाः अकस्येथाम् अकस्यध्वम् अकस्यत अकस्येताम् अकस्यन्त वि. कसेयम् कसेः कसेत् कसेव कसेम कसेतम् कसेत कसेताम् कसेयुः कस्येय कस्येवहि कस्येमहि ! कस्येथाः कस्येयाथाम् कस्येध्वम् कस्येत कस्येयाताम् कस्येरन् आ. कसानि कस कसतु कसाव कसतम् कसताम् कसाम कसत कसन्तु कस्यै कस्यावहै कस्यामहै कस्यस्व कस्येथाम् कस्यध्वम् ! कस्यताम् कस्येताम् कस्यन्ताम् 18911
Page #103
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 152 व. विकसामि विकसावः विकसामः ! विकस्ये विकस्यावहे विकस्यामहे विकससि विकसथः विकसथ / विकस्यसे विकस्येथे विकस्यध्वे विकसति विकसतः विकसन्ति / विकस्यते विकस्येते विकस्यन्ते ह्य. व्यकसम व्यकसाव व्यकसाम व्यकस्ये व्यकस्यावहि व्यकस्यामहि व्यकसः व्यकसतम् व्यकसत व्यकस्यथाः व्यकस्येथाम् व्यकस्यध्वम् व्यकसत् व्यकसताम् व्यकसन् व्यकस्यत व्यकस्येताम् व्यकस्यन्त वि. विकसेयम विकसेव विकसेम विकस्येय विकस्येवहि विकस्येमहि विकसेः विकसेतम् विकसेत / विकस्येथाः विकस्येयाथाम् विकस्येध्वम् विकसेत् विकसेताम् विकसेयुः _ विकस्येत विकस्येयाताम् विकस्येरन् आ. विकसानि विकसाव विकसाम विकस्यै विकस्यावहै विकस्यामहै विकस विकसतम् विकसत विकस्यस्व विकस्येथाम विकस्यध्वम विकसतु विकसताम् विकसन्तु / विकस्यताम् विकस्येताम् विकस्यन्ताम् धातु. 153 व. गायामि गायावः गायसि गायथः गायति गायतः गायामः गायथ गायन्ति गीये गीयसे गीयते गीयावहे गीयेथे गीयेते गीयामहे गीयध्वे गीयन्ते ह्य. अगायम् अगायः अगायत् अगायाव अगायाम अगायतम् अगायत अगायताम् अगायन् अगीये. अगीयावहि अगीयामहि अगीयथाः अगीयेथाम् अगीयध्वम् अगीयत अगीयेताम् अगीयन्त वि. गायेयम् गायेः गायेत् गायेव गायेम गायतम् गायेत गायेताम् गायेयुः गीयेय गीयेवहि गीयेमहि गीयेथाः गीयेयाथाम् गीयेध्वम् गीयेत गीयेयाताम् गीयेरन् आ. गायानि गाय गायतु गायाव गायतम् गायताम् गायाम गायत गायन्तु गीयै गीयावहै गीयामहै गीयस्व गीयेथाम् गीयध्वम् / गीयताम् गीयेताम् गीयन्ताम् [90]
Page #104
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 154 व. द्रवामि द्रवावः द्रवसि द्रवथः द्रवति द्रवतः द्रूयावहे द्रवामः द्रवथ द्रवन्ति दूयेथे यामहे द्रूयध्वे द्रूयते येते द्रूयन्ते ह्य. अद्रवम् अद्रवः अद्रवत् अद्रवाव अद्रवतम् अद्रवताम् अद्रवाम अद्रवत अद्रवन् अद्रूये अद्रूयावहि अद्र्यामहि अद्रूयथाः अद्रूयेथाम् अद्रूयध्वम् अद्रूयत अद्र्येताम् अद्रूयन्त वि. द्रवेयम् द्रवे: द्रवेत् द्रवेव द्रवेतम् द्रवेताम् द्रवेम द्रवेत द्रवेयुः ----- MITTERTAIN द्रूयेथाः येत येवहि द्रूयेमहि द्रूयेयाथाम् . द्रूयेध्वम् द्रूयेयाताम् द्रूयेरन् आ. द्रवाणि द्रव द्रवाव द्रवतम् द्रवताम् द्रवाम द्रवत द्रवन्तु द्रूयै द्रूयस्व द्रूयताम् द्रूयावहै द्रूयेथाम् द्रूयेताम् यामहै द्रूयध्वम् द्रूयन्ताम् द्रवतु धातु. 155 व. रटामि रटावः रटसि रटथः रटति रटतः रटामः रटथ रटन्ति रट्ये रट्यावहे रट्यसे रट्येथे | रट्यते रट्येते रट्यामहे रट्यध्वे रट्यन्ते ह्य. अरटम् अरट: अरटत् अरटाव अरटतम् अरटताम् अरटाम अरटत अरटन अरट्ये अरट्यावहि अरट्यामहि अरट्यथाः अरट्येथाम् अरट्यध्वम् अरट्यत अरट्येताम् अरट्यन्त वि. रटेयम रटे: रटेत् रटेव रटेतम् रटेताम् रटेम रटेत / रट्येय रट्येवहि रट्येमहि रट्येथाः रट्येयाथाम् रट्येध्वम् रट्येत रट्येयाताम् रट्येरन् रटेयुः आ. रटानि रट रटाव - रटतम् रटताम् रटाम रटत रटन्तु 11 रट्यावहै रट्यामहै रट्यस्व रट्येथाम रट्यध्वम् रट्यताम् रट्येताम् रट्यन्ताम् रटतु
Page #105
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 156 व. विसंवदामि विसंवदावः विसंवदामः / विसमुद्ये विसमुद्यावहे विसमुद्यामहे विसंवदसि विसंवदथः विसंवदथ / विसमुद्यसे विसमुद्येथे विसमुद्यध्वे विसंवदति विसंवदतः विसंवदन्ति विसमुद्यते विसमुद्येते विसमुद्यन्ते ह्य. विसमवदम् विसमवदाव विसमवदाम विसमौद्ये विसमौद्यावहि विसमौद्यामहि विसमवदः विसमवदतम् विसमवदत विसमौद्यथाः विसमौद्येथाम् विसमौद्यध्वम् विसमवदत् विसमवदताम् विसमवदन् विसमौद्यत विसमौद्येताम् विसमौद्यन्त वि. विसंवदेयम् विसंवदेव विसंवदेम / विसमुद्येय विसमुद्येवहि विसमुद्येमहि विसंवदेः विसंवदेतम् विसंवदेत / विसमुद्येथाः विसमुद्येयाथाम् विसमुद्यध्वम् विसंवदेत् विसंवदेताम् विसंवदेयुः / विसमुद्येत विसमुद्येयाताम् विसमुद्येरन् आ. विसंवदानि विसंवदाव विसंवदाम विसमुद्यै विसमुद्यावहै विसमुद्यामहै विसंवद विसंवदतम् विसंवदत / विसमुद्यस्व विसमुद्येथाम् विसमुद्यध्वम् विसंवदतु विसंवदताम् विसंवदन्तु / विसमुद्यताम् विसमुद्यताम् विसमुद्यन्ताम् धातु. 157 व. आचरामि आचरावः / आचरामः आचर्ये आचर्यावहे आचर्यामहे आचरसि आचरथः / आचरथ आचर्यसे आचर्येथे आचर्यध्वे आचरति आचरतः आचरन्ति आचर्यते आचर्येते आचर्यन्ते ह्य. आचरम् आचरः आचरत् आचराव आचराम आचरतम् आचरत आचरताम् आचरन् आचर्ये आचर्यावहि आचर्यामहि आचर्यथाः आचर्येथाम् आचर्यध्वम् आचर्यत आचर्येताम् आचर्यन्त वि. आचरेयम् आचरेव आचरेम आचरेः आचरेतम् आचरेत आचरेत् आचरेताम् आचरेयुः आचर्येय आचर्येवहि आचर्येमहि आचर्येथाः आचर्येयाथाम् आचर्यध्वम् आचर्येत आचर्येयाताम् आचर्येरन् आ. आचराणि आचराव आचराम आचर आचरतम् आचरत आचरतु आचरताम् आचरन्तु आचर्यै आचर्यावहै आचर्यामहै आचर्यस्व आचर्येथाम् आचर्यध्वम् आचर्यताम् आचर्येताम् आचर्यन्ताम् [92
Page #106
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि धातु. 158 व. उद्धरामि उद्धरावः उद्धरसि उद्धरथः उद्धरति उद्धरतः उद्धरामः ! उद्धरे उद्धरथ उद्धरसे उद्धरन्ति उद्धरते उद्धरावहे उद्धरेथे उद्धरेते उद्धरामहे उद्धरध्वे उद्धरन्ते ह्य. उदहरम् उदहरः उदहरत् उदहराव उदहराम उदहरतम् उदहरत उदहरताम् उदहरन् उदहरे उदहरावहि उदहरामहि ! उदहरथाः उदहरेथाम् उदहरध्वम् / उदहरत उदहरेताम् उदहरन्त वि. उद्धरेयम् . उद्धरेः उद्धरेत् उद्धरेव उद्धरेतम् उद्धरेताम् उद्धरेम उद्धरेत . उद्धरेयु: उद्धरेय उद्धरेवहि उद्धरेमहि उद्धरेथाः उद्धरेयाथाम् उद्धरेध्वम् उद्धरेत उद्धरेयाताम् उद्धरेरन् आ. उद्धरानि उद्धर उद्धरतु उद्धराव उद्धराम उद्धरतम् उद्धरत उद्धरताम् उद्धरन्तु उद्धरै उद्धरावहै उद्धरामहै उद्धरस्व उद्धरेथाम् उद्धरध्वम् उद्धरताम् उद्धरेताम् उद्धरन्ताम् धातु. 156 कर्तरि व. तपामि तपावः तपसि तपथः तपति तपतः तपामः तपथ तपन्ति तप्ये / तप्यसे ! तप्यते तप्यावहे तप्येथे तप्येते तप्यामहे तप्यध्वे तप्यन्ते ह्य. अतपम् अतपः अतपत् अतपाव अतपतम् अतपताम् अतपाम अतपत अतपन् अतप्ये अतप्यावहि अतप्यामहि अतप्यथाः अतप्येथाम् अतप्यध्वम् अतप्यत अतप्येताम् अतप्यन्त वि. तपेयम् तपेः तपेत् तपेव तपेतम् तपेताम् तपेम तपेत तपेयुः तप्येय तप्येवहि तप्येमहि तप्येथाः तप्येयाथाम् तप्येध्वम् तप्येत तप्येयाताम् तप्येरन् आ. तपानि तप तपाव तपतम् तपताम् तपाम तपत तपन्तु तप्यै तप्यावहै तप्यस्व तप्येथाम् तप्यताम् तप्येताम् तप्यामहै तप्यध्वम् तप्यन्ताम् तपतु 1931
Page #107
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्मणि व. उद्भिये उद्भियावहे उद्धियसे उद्धियेथे उद्भियते उद्धियेते उद्रियामहे उद्धियध्वे / उद्रियन्ते ह्य. उदहिये उदहियावहि उदहियामहि उदहियथाः उदहियेथाम् उदह्रियध्वम् उदहियत उदहियेताम् उदह्रियन्त # t W वि. उद्भियेय उद्रियेवहि उद्रियेमहि उद्भियेथाः उद्भियेयाथाम् उद्भियेध्वम् उद्रियेत उद्रियेयाताम् उद्भियेरन् आ. उद्भियै उभियावहै उद्भियामहै ! उद्भियस्व उद्भियेथाम् उद्भियध्वम् उद्भियताम् उद्रियेताम् उद्भियन्ताम् धातु. 160 कर्तरि व. मन्ये मन्यावहे मन्यामहे मन्ये मन्यसे मन्येथे मन्यध्वे . मन्यसे मन्यते मन्येते मन्यन्ते मन्यते कर्मणि मन्यावहे मन्येथे मन्येते मन्यामहे मन्यध्वे मन्यन्ते in III य. अमन्ये अमन्यावहि अमन्यामहि अमन्यथाः अमन्येथाम् अमन्यध्वम् अमन्यत अमन्येताम् अमन्यन्त 194 111 III III III अमन्ये अमन्यावहि अमन्यामहि अमन्यथाः अमन्येथाम् अमन्यध्वम् अमन्यत अमन्येताम् अमन्यन्त वे. मन्येय मन्येवहि मन्येमहि मन्येथाः मन्येयाथाम् मन्येध्वम् मन्येत मन्येयाताम् मन्येरन् मन्येय मन्येवहि मन्येमहि मन्येथाः मन्येयाथाम् मन्येध्वम् मन्येत मन्येयाताम् मन्येरन् मन्यस्व मन्येथाम् मन्यताम् मन्येताम् मन्यध्वम् मन्यन्ताम् मन्यै मन्यावहै मन्यामहै मन्यस्व मन्येथाम् मन्यध्वम् मन्यताम् मन्येताम् मन्यन्ताम्
Page #108
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 161 व. मूलयामि मूलयावः मूलयसि मूलयथः मूलयति मूलयतः मूलयामः / मूल्ये मूल्यावहे मूलयथ मूल्यसे मूल्येथे मूलयन्ति / मूल्यते / मूल्येते मूल्यामहे मूल्यध्वे मूल्यन्ते ह्य. अमूलयम् अमूलयाव अमूलयाम अमूल्ये अमूल्यावहि अमूल्यामहि अमूलयः अमूलयतम् अमूलयत ! अमूल्यथाः अमूल्येथाम् अमूल्यध्वम् अमूलयत् अमूलयताम् अमूलयन् / अमूल्यत अमूल्येताम् अमूल्यन्त वि. मूलयेयम् मूलयेः मूलयेत् मूलयेव मूलयेम मूलयेतम् मूलयेत मूलयेताम् मूलयेयुः मूल्येय मूल्येवहि मूल्येमहि मूल्येथाः मूल्येयाथाम् मूल्येध्वम् / मूल्येत मूल्येयाताम् मूल्येरन् आ. मूलयानि मूलयाव मूलयाम मूलय मूलयतम् मूलयत मूलयतु मूलयताम् मूलयन्तु मूल्यै मूल्यावहै मूल्यामहै मूल्यस्व मूल्येथाम् मूल्यध्वम् मूल्यताम् मूल्येताम् मूल्यन्ताम् धातु. 162 व. उन्मूलयामि उन्मूलयावः उन्मूलयामः ! उन्मूल्ये उन्मूल्यावहे उन्मूल्यामहे उन्मूलयसि उन्मूलयथः उन्मूलयथ / उन्मूल्यसे उन्मूल्येथे उन्मूल्यध्ये उन्मूलयति उन्मूलयतः उन्मूलयन्ति उन्मूल्यते उन्मूल्येते उन्मूल्यन्ते ह्य. उदमूलयम् उदमूलयाव उदमूलयाम उदमूल्ये उदमूल्यावहि उदमूल्यामहि उदमूलयः उदमूलयतम् उदमूलयत / उदमूल्यथाः उदमूल्येथाम् उदमूल्यध्वम् उदमूलयत् उदमूलयताम् उदमूलयन् / उदमूल्यत उदमूल्येताम् उदमूल्यन्त वि. उन्मूलयेयम् उन्मूलयेव उन्मूलयेम उन्मूल्येय उन्मूल्येवहि उन्मूल्येमहि उन्मूलयेः उन्मूलयेतम् उन्मूलयेत ! उन्मूल्येथाः उन्मूल्येयाथाम् उन्मूल्यध्वम् उन्मूलयेत् उन्मूलयेताम् उन्मूलयेयुः / उन्मूल्येत उन्मूल्येयाताम् उन्मूल्येरन् आ. उन्मूलयानि उन्मूलयाव उन्मूलयाम उन्मूल्यै उन्मूल्यावहै उन्मूल्यामहै उन्मूलय उन्मूलयतम् उन्मूलयत / उन्मूल्यस्व उन्मूल्येथाम् उन्मूल्यध्वम् उन्मूलयतु उन्मूलयताम् उन्मूलयन्तु उन्मूल्यताम् उन्मूल्येताम् उन्मूल्यन्ताम् 111 1951
Page #109
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 163 व. वर्जयामि वर्जयावः वर्जयामः ! वये वर्जयसि वर्जयथः वर्जयथ वय॑से वर्जयति वर्जयतः वर्जयन्ति ! वय॑ते वावहे वामहे वयेथे वर्ण्यध्वे वयेते वय॑न्ते ह्य. अवर्जयम् अवर्जयाव अवर्जयाम अवये अवावहि अवामहि अवर्जयः अवर्जयतम् अवर्जयत ! अवय॑थाः अवयेथाम् अवय॑ध्वम् अवर्जयत् अवर्जयताम् अवर्जयन् अवय॑त अवय॒ताम् अवय॑न्त 11 W WIE W वि. वर्जयेयम् वर्जयेव वर्जयेम वर्जयेः वर्जयेतम् वर्जयेत वर्जयेत् वर्जयेताम् वर्जयेयुः वयेय वयेवहि वय॒महि वर्येथाः वयेयाथाम् वयेध्वम् वर्येत वयेयाताम् वयेरन् आ. वर्जयानि वर्जयाव वर्जयाम वर्जय वर्जयतम वर्जयत वर्जयतु वर्जयताम् वर्जयन्तु वज्य वावहै वामहै वय॑स्व वयेथाम् वय॑ध्वम् वय॑ताम् वयेताम् वय॑न्ताम् धातु. 164 व. परिवर्जयामि परिवर्जयावः परिवर्जयामः परिवर्ण्य परिवावहे परिवामहे __ परिवर्जयसि परिवर्जयथः परिवर्जयथा परिवMसे परिवयेथे परिवर्यध्वे परिवर्जयति परिवर्जयतः परिवर्जयन्ति परिवर्ण्यते परिवर्येते परिवय॑न्ते ह्य. पर्यवर्जयम् पर्यवर्जयाव पर्यवर्जयाम पर्यवर्ण्य पर्यवर्ध्यावहि पर्यवामहि - पर्यवर्जयः पर्यवर्जयतम् पर्यवर्जयत / पर्यवर्ण्यथाः पर्यवयेथाम् पर्यवर्ण्यध्वम् पर्यवर्जयत् पर्यवर्जयताम् पर्यवर्जयन् / पर्यवयंत पर्यव]ताम् पर्यवर्ण्यन्त वि. परिवर्जयेयम्परिवर्जयेव परिवर्जयेम परिवर्येय परिवयेवहि परिवर्येमहि परिवर्जयेः परिवर्जयेतम् परिवर्जयेत ! परिवर्येथाः परिवर्येयाथाम्परिव]ध्वम् परिवर्जयेत् परिवर्जयेताम् परिवर्जयेयुः। परिव]त परिवयेयाताम् परिवयेरन् आ. परिवर्जयानि परिवर्जयाव परिवर्जयाम परिवज्य परिवावहै परिवामहै परिवर्जय परिवर्जयतम् परिवर्जयत परिवय॑स्व परिवर्येथाम् परिवर्त्यध्वम् परिवर्जयतु परिवर्जयताम् परिवर्जयन्तु परिवर्ण्यताम् परिवर्येताम् परिवर्ण्यन्ताम्
Page #110
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 165 शिक्षावहे शिक्षामहे ! शिक्ष्ये शिक्ष्यावहे शिक्ष्यामहे शिक्षसे शिक्षेथे शिक्षध्वे / शिक्ष्यसे शिक्ष्येथे शिक्ष्यध्वे शिक्षते शिक्षेते शिक्षन्ते शिक्ष्यते शिक्ष्येते शिक्ष्यन्ते ह्य. अशिक्षे अशिक्षावहि अशिक्षामहि अशिक्ष्ये अशिक्ष्यावहि अशिक्ष्यामहि अशिक्षथाः अशिक्षेथाम् अशिक्षध्वम् ! अशिक्ष्यथाः अशिक्ष्येथाम् अशिक्ष्यध्वम् अशिक्षत अशिक्षेताम् अशिक्षन्त / अशिक्ष्यत अशिक्ष्येताम् अशिक्ष्यन्त वि. शिक्षेय शिक्षेवहि शिक्षेमहि शिक्षेथाः शिक्षेयाथाम् शिक्षेध्वम् शिक्षेत शिक्षेयाताम् शिक्षेरन् शिक्ष्येय शिक्ष्येवहि शिक्ष्येमहि शिक्ष्येथाः शिक्ष्येयाथाम् शिक्ष्यध्वम् शिक्ष्येत शिक्ष्येयाताम् शिक्ष्येरन् आ. शिक्षै शिक्षावहै शिक्षामहै शिक्ष्यै शिक्ष्यावहै शिक्ष्यामहै शिक्षस्व शिक्षेथाम् शिक्षध्वम् शिक्ष्यस्व शिक्ष्येथाम् शिक्ष्यध्वम् शिक्षताम् शिक्षेताम् शिक्षन्ताम् / शिक्ष्यताम् शिक्ष्येताम् शिक्ष्यन्ताम् धातु. 166 व. समीक्षे समीक्षावहे समीक्षामहे / समीक्ष्ये समीक्ष्यावहे समीक्षसे समीक्षेथे समीक्षध्वे / समीक्ष्यसे समीक्ष्येथे समीक्षते समीक्षेते समीक्षन्ते / समीक्ष्यते समीक्ष्येते jt it dit III HI IN III समीक्ष्यामहे समीक्ष्यध्वे समीक्ष्यन्ते ह्य. समैक्षे समैक्षावहि समैक्षामहि ! समैक्ष्ये समैक्ष्यावहि समैक्ष्यामहि समैक्षथाः समैक्षेथाम् समैक्षध्वम् / समैक्ष्यथाः समैक्ष्येथाम् समैक्ष्यध्वम् समैक्षत समैक्षेताम् समैक्षन्त समैक्ष्यत समैक्ष्येताम् समैक्ष्यन्त वि. समीक्षेय समीक्षेवहि समीक्षेमहि / समीक्ष्येय समीक्ष्येवहि समीक्ष्येमहि समीक्षेथाः समीक्षेयाथाम् समीक्षेध्वम् / समीक्ष्येथाः समीक्ष्येयाथाम् समीक्ष्यध्वम् समीक्षेत समीक्षेयाताम् समीक्षेरन् / समीक्ष्येत समीक्ष्येयाताम् समीक्ष्येरन् आ. समी: समीक्षावहै समीक्षामहै / समीक्ष्यै समीक्ष्यावहै समीक्ष्यामहै समीक्षस्व समीक्षेथाम् समीक्षध्वम् / समीक्ष्यस्व समीक्ष्येथाम् समीक्ष्यध्वम् समीक्षताम् समीक्षेताम् समीक्षन्ताम् समीक्ष्यताम् समीक्ष्येताम् समीक्ष्यन्ताम [971
Page #111
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 167 1. अर्पयामि अर्पयावः अर्पयसि अर्पयथः अर्पयति अर्पयतः अर्पयामः अर्पयथ अर्पयन्ति अर्ये 'अHसे अर्यते अर्ध्यावहे अर्ध्यामहे अयेथे अHध्वे अर्येते अर्घ्यन्ते ख. आर्पयम् आर्पयः आर्पयत् आर्पयाव आर्पयाम आर्ये . आावहि आामहि आर्पयतम् आर्पयत ! आHथाः आयेथाम आHध्वम आर्पयताम् आर्पयन् आर्ण्यत आर्येताम् आर्ण्यन्त वे. अर्पयेयम् - अर्पयेः अर्पयेत् अर्पयेव अर्पयेतम् अर्पयेताम् अर्पयेम अर्पयेत अर्पयेयुः अर्येय अपेवहि अपेमहि अर्येथाः अर्येयाथाम अर्येध्वम् अर्येत अर्येयाताम् अर्येरन् * आ. अर्पयानि अर्पय अर्पयतु अर्पयाव अर्पयतम अर्पयताम् अर्पयाम अर्पयत अर्पयन्तु .. - . - धातु. 168 कर्तरि | अर्ये अर्ध्यावहै अर्ध्यामहै अर्यस्व अर्येथाम् अर्यध्वम् अर्ग्यताम् अर्येताम् अर्प्यन्ताम् कर्तरि भरे . भरावहे भरामहे भरसे भरेथे भरध्वे ! भरते भरेते . भरन्त * भरामि भरसि भरति. भरावः भरथः भरतः भरामः भरथ भरन्ति ह्य. अभरम् . * अभरः अभरत् अभराव अभरतम् अभरताम् UIT अभराम अभरत अभरन् अभरावहि अभरथाः अभरेथाम् अभरत अभरेताम् अभरामहि अभरध्वम् अभरन्त * . वि. भरेयम् . भरेः भरेत् भरेव भरेतम् भरेताम् भरेम भरेत भरेयुः भरेय भरेथाः भरेत भरेवहि भरेमहि भरेयाथाम् भरेध्वम् भरेयाताम् भरेरन् आ. भराणि | भर भरतु भराव भरतम् भरताम् भराम भरत भरन्तु भरै भरस्व भरताम् भरावहै भरेथाम् भरेताम् भरामहै भरध्वम् भरन्ताम् 1981
Page #112
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 166 व. मृगये मृगयावहे मृगयसे मुगयेथे मृगयते मृगयेते मृगयामहे ! मृग्ये मगयध्वे / मुग्यसे मृगयन्ते / मृग्यते मृग्यावहे मुग्येथे मृग्येते मृग्यामहे मृग्यध्वे मृग्यन्ते ह्य. अमृगये अमृगयावहि अमृगयामहि अमृग्ये अमृग्यावहि अमृगयथाः अमृगयेथाम् अमृगयध्वम् ! अमृग्यथाः अमृग्येथाम् अमृगयत अमृगयेताम् अमृगयन्त / अमृग्यत अमृग्येताम् अमृग्यामहि अमृग्यध्वम् अमृग्यन्त वि. मृगयेय मृगयेवहि मृगयेमहि मृग्येय मृगयेथाः मृगयेयाथाम् मृगयेध्वम् / मृग्येथाः मृगयेत मृगयेयाताम् मृगयेरन् मृग्येत मृग्येवहि मृग्येमहि मृग्येयाथाम् मृग्यध्वम् मृग्येयाताम् मृग्येरन् मृग्यावहै मृग्येथाम् मृग्येताम् मृग्यामहै मृग्यध्वम् मृग्यन्ताम् आ. मृगयै मृगयावहै मृगयामहै मृग्यै - मृगयस्व मृगयेथाम् मृगयध्वम् / मृग्यस्व मृगयताम् मृगयेताम् मृगयन्ताम् / मृग्यताम् धातु. 168 कर्मणि व. भ्रिये भियावहे भ्रियामहे भ्रियसे भ्रियेथे भ्रियध्वे भ्रियते भ्रियेते भियन्ते ह्य. अभ्रिये अभियावहि अभ्रियामहि अभ्रियथाः अभ्रियेथाम् अभ्रियध्वम् / अभ्रियत अभ्रियेताम् अभियन्त वि. भ्रियेय भ्रियेवहि भ्रियेमहि भ्रियेथाः भ्रियेयाथाम् भ्रियेध्वम् भ्रियेत भ्रियेयाताम् भ्रियेरन् आ. भ्रियै भ्रियावहै भ्रियस्व भ्रियेथाम् . भ्रियताम् भ्रियेताम् भ्रियामहै भ्रियध्वम् भियन्ताम् 1991
Page #113
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 170 व. क्षाम्यामि क्षाम्यावः क्षाम्यामः क्षाम्यसि क्षाम्यथः क्षाम्यथ क्षाम्यति क्षाम्यतः क्षाम्यन्ति क्षम्यसे क्षम्यते क्षम्यावहे क्षम्येथे क्षम्येते क्षम्यामहे क्षम्यध्वे क्षम्यन्ते ह्य. अक्षाम्यम अक्षाम्याव अक्षाम्याम / अक्षम्ये अक्षम्यावहि अक्षम्यामहि अक्षाम्यः अक्षाम्यतम् अक्षाम्यत अक्षम्यथाः अक्षम्येथाम् अक्षम्यध्वम् अक्षाम्यत् अक्षाम्यताम् अक्षाम्यन् अक्षम्यत अक्षम्येताम् अक्षम्यन्त वि. क्षाम्येयम् साम्येव क्षाम्येम क्षाम्येः क्षाम्येतम् क्षाम्येत क्षाम्येत् क्षाम्येताम् क्षाम्येयुः क्षम्येय क्षम्येथाः क्षम्येत क्षम्येवहि क्षम्येमहि क्षम्येयाथाम् क्षम्येध्वम् क्षम्येयाताम् क्षम्येरन् आ. क्षाम्याणि क्षाम्याव क्षाम्याम क्षाम्य क्षाम्यतम् क्षाम्यत क्षाम्यतु क्षाम्यताम् क्षाम्यन्तु क्षम्यै क्षम्यावहै क्षम्यामहै क्षम्यस्व क्षम्येथाम् क्षम्यध्वम् क्षम्यताम् क्षम्येताम् क्षम्यन्ताम् धातु. 171 च. वाञ्छामि वाञ्छावः वाञ्छामः वाञ्छ्ये वाञ्छ्यावहे वाञ्छ्यामहे वाञ्छसि वाञ्छथः वाञ्छथ वाञ्छ्यसे वाञ्छ्येथे वाञ्छ्यध्वे वाञ्छति वाञ्छतः वाञ्छन्ति वाञ्छ्यते . वाञ्छ्येते वाञ्छ्यन्ते य. अवाञ्छम् अवाञ्छाव अवाञ्छाम अवाञ्छ्ये अवाञ्छ्यावहि अवाञ्छ्यामहि अवाञ्छ: अवाञ्छतम् अवाञ्छत अवाञ्छ्यथाः अवाञ्छ्येथाम् अवाञ्छ्यध्वम् अवाञ्छत् अवाञ्छताम् अवाञ्छन् अवाञ्छ्यत अवाञ्छ्येताम् अवाञ्छ्यन्त वि. वाञ्छेयम् वाञ्छेव वाञ्छेम वाञ्छ्येय वाञ्छ्येवहि वाञ्छ्येमहि वाञ्छेः वाञ्छेतम् वाञ्छेत वाञ्छ्येथाः वाञ्छ्येयाथाम वाञ्छ्यध्वम वाञ्छेत् वाञ्छेताम् वाञ्छेयुः वाञ्छ्येत वाञ्छ्येयाताम् वाञ्छ्येरन् आ. वाञ्छानि वाञ्छाव वाञ्छाम वाञ्छ्यै वाञ्छ्यावहै वाञ्छ्यामहै वाञ्छ वाञ्छतम् वाञ्छत वाञ्छ्यस्व वाञ्छ्येथाम् वाञ्छ्यध्वम् वाञ्छतु वाञ्छताम् वाञ्छन्तु वाञ्छ्यताम् वाञ्छ्येताम् वाञ्छ्यन्ताम् [1001
Page #114
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि धातु. 172 व. हयामि हयावः ह्वयसि यथः ह्वयति ह्वयतः हयामः ! हये। यथ ह्वयन्ति ह्वयते ह्वयसे हयावहे हयेथे ह्वयेते यामहे हयध्वे ह्वयन्ते ह्य. अह्वयम् अह्वयः अह्वयत् अह्वयाव अह्वयाम अह्वयतम् अह्वयत. अह्वयताम् अह्वयन् अह्वये अह्वयावहि अह्वयामहि अह्वयथाः अह्वयेथाम् अह्वयध्वम् अह्वयत अह्वयेताम् अह्वयन्त वि. हयेयम् .. ह्वयेः ह्वयेत् ह्वयेव ह्वयेतम् / ह्वयेताम् ह्वयेम ह्वयेय ह्वयेत . हयेथाः हृयेयुः ! ह्वयेत हयेवहि ह्वयेमहि ह्वयेयाथाम् ह्वयेध्वम् ह्वयेयाताम् ह्वयेरन् ह्वयत आ. हयानि हयाव हयाम ह्वयै हयावहै हयामहै ह्वय ह्वयतम् यस्व ह्वयेथाम् ह्वयध्वम् ह्वयतु ह्वयताम् ह्वयन्तु ह्वयताम् ह्वयेताम् ह्वयन्ताम् धातु. 173 व. आह्वयामि आह्वयावः आह्वयामः आह्वये आह्वयावहे आह्वयामहे आह्वयसे आह्वयेथे आह्वयध्वं आह्वयति आह्वयतः आह्वयन्ति | आह्वयते आह्वयेते आह्वयन्ते ह्य. आह्वयम् आह्वयः आह्वयत् आह्वयाव आह्वयाम, आह्वये आह्वयावहि आह्वयामहि आह्वयतम् आह्वयत आह्वयथाः आह्वयेथाम् आह्वयध्वम् आह्वयताम् आह्वयन् / आह्वयत आह्वयेताम् आह्वयन्त .. वि. आह्वयेयम् आह्वयेव आह्वयेम ! आह्वयेय आह्वयेवहि आह्वयेमहि __ आह्वयेः आह्वयेतम् आह्वयेत / आह्वयेथाः आह्वयेयाथाम् आह्वयेध्वम् आह्वयेत् आह्वयेताम् आह्वयेयुः | आह्वयेत आह्वयेयाताम् आह्वयेरन् AN-Prit आ. आह्वयानि आह्वयाव आह्वयाम आह्वयै आह्वयावहै आह्वयामहै आह्वय आह्वयतम् आह्वयत / आह्वयस्व आह्वयेथाम् आह्वयध्वम् आह्वयतु आह्वयताम् आह्वयन्तु / आह्वयताम् आह्वयेताम् आह्वयन्ताम् 2.ALILauntv. P [101
Page #115
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि च. हूये हूयावहे हूयामहे हूयध्वे कर्तरि धातु. 174 रूष्यामि रूष्यावः रूष्यथ: रूष्यति रूष्यतः हूयसे हूयेथे रूष्यामः रूष्यथ रूष्यन्ति हूयते हूयेते हूयन्ते ह्य. अहूये अहूयावहि अहूयथाः अहूयेथाम् अहूयत अहूयेताम् अहूयामहि अहूयध्वम् अहूयन्त अरूष्यम् अरूष्याव अरूष्याम अरूष्यः अरूष्यतम् अरूष्यत अरूष्यत् अरूष्यताम् अरूष्यन् वि. हूयेय - हूयेथाः हूयेत हूयेवहि हूयेमहि हूयेयाथाम् हूयेध्वम् हूयेयाताम् हूयेरन् रूष्येयम् रूष्येः रूष्येत रूष्येव रूष्येम रूष्येतम् रूष्येत रूष्येताम रूष्येयुः आ. हूयें हूयस्व हूयताम् हूयावहै हूयेथाम् हूयेताम् हूयामहै हूयध्वम् हूयन्ताम् ELE TUE LLE LEE THE HE ME TIL रूष्यानि रूष्याव रूष्याम रूष्य रूष्यतम् रूष्यत रूष्यतु रूष्यताम् रूष्यन्तु धातु. 174 कर्मणि रूष्ये रूष्यावहे रूष्यामहे रूष्यसे रूष्येथे रूष्यध्वे रूष्यते रूष्येते रूष्यन्ते व. आहूये आहूयावहे _आहूयसे आहूयेथे _ आहूयते आहूयेते आहूयामहे आहूयध्वे आहूयन्ते ह्य. आहूये आहूयावहि आहूयामहि आहूयथाः आहूयेथाम् आहूयध्वम् आहूयत आहूयेताम् आहूयन्त अरूष्ये अरूष्यावहि अरूष्यामहि अरूष्यथाः अरूष्येथाम् अरूष्यध्वम् अरूष्यत अरूष्येताम् अरूष्यन्त वि. आहूयेय आहूयेवहि आहूयेमहि आहूयेथाः आहूयेयाथाम् आहूयेध्वम् / आहूयेत आहूयेयाताम् आहूयेरन् रूष्येय रूष्येवहि रूष्येमहि रूष्येथाः रूष्येयाथाम् रूष्येध्वम् रूष्येत रूष्येयाताम् रूष्येरन् आ. आहूयै . आहूयावहै आहूयामहै रूष्य रूष्यावहै रूष्यामहै आहूयस्व आहूयेथाम् आहूयध्वम् / रूष्यस्व रूष्येथाम् रूष्यध्वम् आहूयताम् आहूयेताम् आहूयन्ताम् रूष्यताम् रूष्येताम् रूष्यन्ताम् [102] M
Page #116
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 175 व. लुप्यामि लुप्यावः लुप्यसि लुप्यथः लुप्यति लुप्यतः लुप्यामहे लुप्यामः / लुप्ये लुप्यथ। लुप्यन्ति लुप्यते लुप्यावहे लुप्येथे लुप्येते लुप्यध्वे लुप्यन्ते ह्य. अलुप्यम् अलुप्याव अलुप्याम अलुप्ये अलुप्यावहि अलुप्यामहि अलुप्यः अलुप्यतम् अलुप्यत / अलुप्यथाः अलुप्येथाम् अलुप्यध्वम् अलुप्यत् अलुप्यताम् अलुप्यन् | अलुप्यत अलुप्येताम् अलुप्यन्त वि. लुप्येयम् लुप्येः लुप्येत् लुप्येव लुप्येतम् लुप्येताम् लुप्येम लुप्येत लुप्येयुः लुप्येय लुप्येवहि लुप्येमहि लुप्येथाः लुप्येयाथाम् लुप्येध्वम् लुप्येत लुप्येयाताम् लुप्येरन् लुप्याम लुप्यत लुप्यन्तु / THATANTA t II 21 111 112 113 111 है है हु आ. लुप्यानि लुप्याव लुप्य लुप्यतम् लुप्यतु लुप्यताम् धातु. 176 व. विद्ये विद्यावहे विद्यसे विद्येथे विद्यते विद्येते लुप्यै लुप्यावहै / लुप्यामहै लुप्यस्व लुप्येथाम् लुप्यध्वम् लुप्यताम् लुप्येताम् लुप्यन्ताम् ELE HII ILE LEE ILI KUI VII III विद्यामहे / विद्ये विद्यध्वे / विद्यसे विद्यन्ते / विद्यते विद्यावहे विद्येथे विद्यते विद्यामहे विद्यध्वे विद्यन्ते ह्य. अविद्ये . अविद्यावहि अविद्यामहि अविद्ये अविद्यावहि अविद्यामहि अविद्यथाः अविद्येथाम् अविद्यध्वम् / अविद्यथाः अविद्येथाम् अविद्यध्वम् अविद्यत अविद्येताम् अविद्यन्त / अविद्यत अविद्येताम् अविद्यन्त वि. विद्येय विद्येवहि विद्येमहि विद्येय विद्येवहि विद्येमहि विद्येथाः विद्येयाथाम् विद्यध्वम् / विद्येथाः विद्येयाथाम् विद्यध्वम् विद्येत विद्येयाताम् विद्येरन् / विद्येत विद्येयाताम् विद्येरन आ. विद्यै विद्यावहै विद्यामहै विद्यामहै विद्यस्व विद्येथाम् विद्यध्वम् / विद्यस्व विद्येथाम् / विद्यध्वम् विद्यताम् विद्येताम् विद्यन्ताम् / विद्यताम् विद्येताम् विद्यन्ताम् 1037
Page #117
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 177 व. दीप्ये दीप्यावहे दीप्यसे दीप्येथे दीप्यते दीप्येते दीप्यामहे ! दीप्ये दीप्यध्वे दीप्यसे दीप्यन्ते दीप्यते दीप्यावहे दीप्येथे दीप्येते दीप्यामहे दीप्यध्वे दीप्यन्ते ह्य. अदीप्ये अदीप्यावहि अदीप्यामहि अदीप्ये अदीप्यावहि अदीप्यामहि अदीप्यथाः अदीप्येथाम अदीप्यध्वम अदीप्यथाः अदीप्येथाम अदीप्यध्वम अदीप्यत अदीप्येताम् अदीप्यन्त / अदीप्यत अदीप्येताम् अदीप्यन्त वि. दीप्येय दीप्येवहि दीप्यमहि दीप्येय दीप्येवहि दीप्येमहि - दीप्येथाः दीप्येयाथाम दीप्यध्वम / दीप्येथाः दीप्येयाथाम् दीप्यध्वम् दीप्येत दीप्येयाताम् दीप्येरन् / दीप्येत दीप्येयाताम् दीप्येरन् .. आ. दीप्यै दीप्यावहै दीप्यामहै दीप्यामहै दीप्यस्व दीप्येथाम् दीप्यध्वम् / दीप्यस्व दीप्येथाम् / दीप्यध्वम् दीप्यताम् दीप्येताम् दीप्यन्ताम् / दीप्यताम् दीप्येताम् दीप्यन्ताम् धातु. 178 व. प्रवर्ते प्रवर्तावहे प्रवर्तसे प्रवर्तेथे प्रवर्तते प्रवर्तेते प्रवर्तामहे प्रवर्तध्वे प्रवर्तन्ते प्रवृत्ये प्रवृत्यावहे प्रवृत्यसे प्रवृत्येथे प्रवृत्यते प्रवृत्येते प्रवृत्यामहे प्रवृत्यध्वे प्रवृत्यन्ते ह्य. प्रावर्ते प्रावर्तावहि प्रावर्तामहि ! प्रावृत्ये प्रावृत्यावहि प्रावृत्यामहि प्रावर्तथाः प्रावर्तेथाम् प्रावर्तध्वम् / प्रावृत्यथाः प्रावृत्येथाम् प्रावृत्यध्वम् प्रावर्तत प्रावर्तेताम् प्रावर्तन्त / प्रावृत्यत प्रावृत्येताम् प्रावृत्यन्त वि. प्रवर्तेय प्रवर्तेवहि प्रवर्तेमहि प्रवृत्येय प्रवृत्येवहि प्रवृत्येमहि प्रवर्तेथाः प्रवर्तेयाथाम् प्रवर्तेध्वम् प्रवृत्येथाः प्रवृत्येयाथाम् प्रवृत्येध्वम् प्रवर्तेत प्रवर्तेयाताम् प्रवर्तेरन् / प्रवृत्येत प्रवृत्येयाताम् प्रवृत्येरन् आ. प्रवर्ते प्रवर्तावहै प्रवर्तस्व प्रवर्तेथाम् प्रवर्तताम् प्रवर्तेताम् प्रवर्तामहै / प्रवृत्यै प्रवृत्यावहै प्रवर्तध्वम् / प्रवृत्यस्व प्रवृत्येथाम् प्रवर्तन्ताम् ! प्रवृत्यताम् प्रवृत्येताम् प्रवृत्यामहै प्रवृत्यध्वम् प्रवृत्यन्ताम् 1104
Page #118
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 176 व. श्लाघे श्लाघावहे श्लाघामहे ! श्लाघ्ये श्लाघ्यावहे श्लाघ्यामहे श्लाघसे श्लाघेथे श्लाघध्वे / श्लाघ्यसे श्लाघ्येथे श्लाघ्यध्वे श्लाघते श्लाघेते श्लाघन्ते / श्लाघ्यते श्लाघ्येते श्लाघ्यन्ते ह्य. अश्लाघे अश्लाघावहि अश्लाघामहि अश्लाघ्ये अश्लाघ्यावहि अश्लाघ्यामहि अश्लाघथाः अश्लाघेथाम् अश्लाघध्वम् अश्लाघ्यथाः अश्लाघ्येथाम् अश्लाघ्यध्वम् अश्लाघत अश्लाघेताम् अश्लाघन्त / अश्लाघ्यत अश्लाघ्येताम् अश्लाघ्यन्त वि. श्लाघेय श्लाघेवहि श्लाघेमहि श्लाघ्येय श्लाघ्येवहि श्लाघ्येमहि श्लाघेथाः श्लाघेयाथाम् श्लाघेध्वम् / श्लाघ्येथाः श्लाघ्येयाथाम् श्लाघ्येध्वम् श्लाघेत श्लाघेयाताम् श्लाघेरन् ! श्लाघ्येत श्लाघ्येयाताम् श्लाघ्येरन् III III III ITU IH I In li ili UIT 101 आ. श्लाघै श्लाघावहै श्लाघामहै श्लाध्यै श्लाघ्यावहै श्लाघ्यामहै श्लाघस्व श्लाघेथाम् श्लाघध्वम् / श्लाघ्यस्व श्लाघ्येथाम् श्लाघ्यध्वम् श्लाघताम् श्लाघेताम् श्लाघन्ताम् / श्लाघ्यताम् श्लाघ्येताम् श्लाघ्यन्ताम् 114 ijt | 114 11 ji ili धातु. 180 व. उद्वीक्षे उद्वीक्षावहे उद्वीक्षामहे | उतीक्ष्ये उद्वीक्ष्यावहे उद्वीक्ष्यामहे उतीक्षसे उद्वीक्षेथे उद्वीक्षध्वे / उद्वीक्ष्यसे उद्वीक्ष्येथे उद्वीक्ष्यध्वे उद्वीक्षते उद्वीक्षेते उद्वीक्षन्ते ! उद्वीक्ष्यते उद्वीक्ष्येते उद्वीक्ष्यन्ते ह्य. उद्व्यैक्षे उद्व्यैक्षावहि उरक्षामहि उद्व्यैक्ष्ये उद्यैश्यावहि उद्व्यैक्ष्यामहि उदव्यैक्षथाः उदव्यैक्षेथाम उदव्यैक्षध्वमा उदव्यैक्ष्यथाः उदव्यैक्ष्येथाम् उदव्यैक्ष्यध्वम् उद्व्यैक्षत उद्ध्यैक्षेताम् उद्व्यैक्षन्त उद्यैक्ष्यत उद्व्यैक्ष्येताम् उव्यैक्ष्यन्त it it 11 ili 01 वि. उद्वीक्षेय उद्वीक्षेवहि उतीक्षेमहि उद्वीक्ष्येय उद्वीक्ष्येवहि उद्वीक्ष्येमहि उद्वीक्षेथाः उद्वीक्षेयाथाम् उद्वीक्षेध्वम् ! उतीक्ष्येथाः उद्वीक्ष्येयाथाम् उद्वीक्ष्यध्वम् उद्वीक्षेत उतीक्षेयाताम् उद्वीक्षेरन् / उद्वीक्ष्येत उद्वीक्ष्येयाताम् उतीक्ष्येरन् WII UIT आ. उद्वी? उद्वीक्षावहै उद्वीक्षामहै ! उद्वीक्ष्यै उद्वीक्ष्यावहै उतीक्ष्यामहै उद्वीक्षस्व उद्वीक्षेथाम् उद्वीक्षध्वम् / उद्वीक्ष्यस्व उद्वीक्ष्येथाम् उतीक्ष्यध्वम् उतीक्षताम् उद्वीक्षेताम् उद्वीक्षन्ताम् ! उद्वीक्ष्यताम् उद्वीक्ष्येताम् उद्वीक्ष्यन्ताम् [105]
Page #119
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 181 व. परिवर्ते परिवर्तावहे परिवर्तामहे / परिवृत्ये परिवृत्यावहे परिवृत्यामहे परिवर्तसे परिवर्तेथे परिवर्तध्वे / परिवत्यसे परिवत्येथे परिवत्यध्वे परिवर्तते परिवर्तेते परिवर्तन्ते / परिवृत्यते परिवृत्येते परिवृत्यन्ते ह्य. पर्यवर्ते पर्यवर्तावहि पर्यवर्तामहि पर्यवृत्ये पर्यवृत्यावहि पर्यवृत्यामहि पर्यवर्तथाः पर्यवर्तेथाम् पर्यवर्तध्वम् / पर्यवृत्यथाः पर्यवृत्येथाम् पर्यवृत्यध्वम् पर्यवर्तत पर्यवर्तेताम् पर्यवर्तन्त / पर्यवृत्यत पर्यवृत्येताम् पर्यवृत्यन्त वि. परिवर्तेय परिवर्तेवहि परिवर्तेमहि परिवृत्येय परिवृत्येवहि परिवृत्येमहि परिवर्तेथाः परिवर्तेयाथाम् परिवर्तेध्वम् परिवृत्येथाः परिवृत्येयाथाम् परिवृत्येध्वम् परिवर्तेत परिवर्तेयाताम् परिवर्तेरन् / परिवृत्येत परिवृत्येयाताम् परिवृत्येरन् आ. परिवर्तं परिवर्तावहै परिवर्तामहै। परिवृत्यै परिवृत्यावहै परिवृत्यामहै परिवर्तस्व परिवर्तेथाम् परिवर्तध्वम् परिवृत्यस्व परिवृत्येथाम् परिवृत्यध्वम् परिवर्तताम् परिवर्तेताम् परिवर्तन्ताम् परिवृत्यताम् परिवृत्येताम् परिवृत्यन्ताम् धातु. 182 व. फलामि फलावः फलसि फलथ: फलति फलतः फलामः फलथ फलन्ति फल्ये फल्यावहे फल्यामहे फल्यसे फल्येथे फल्यध्वे फल्यते फल्येते फल्यन्ते ह्य. अफलम् अफल: अफलत् अफलाव अफलाम अफलतम् / अफलत अफलताम् अफलन् M N अफल्ये अफल्यावहि अफल्यामहि अफल्यथाः अफल्येथाम् अफल्यध्वम् अफल्यत अफल्येताम् अफल्यन्त वि. फलेयम् फलेः फलेव फलेम फलेतम् फलेत फलेताम् फलेयुः फल्येय फल्येवहि फल्येमहि फल्येथाः फल्येयाथाम् फल्यध्वम् फल्येत फल्येयाताम् फल्येरन् फलेत् आ. फलानि फल फलतु फलाव फलाम फलतम् फलत फलताम् फलन्तु फल्यै फल्यावहै फल्यामहै फल्यस्व फल्येथाम् फल्यध्वम् ! फल्यताम् फल्येताम् फल्यन्ताम् 11061
Page #120
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 183 व. युज्ये युज्यावहे युज्यसे युज्येथे युज्यते युज्यते युज्यामहे / युज्ये युज्यध्वे युज्यसे युज्यन्ते युज्यते युज्यावहे युज्येथे युज्यते युज्यामहे युज्यध्वे युज्यन्ते ह्य. अयुज्ये अयुज्यावहि अयुज्यामहि अयज्ये अयज्यावहि अयज्यामहि अयुज्यथाः अयुज्येथाम् अयुज्यध्वम् अयुज्यथाः अयुज्येथाम् अयुज्यध्वम् अयुज्यत अयुज्येताम् अयुज्यन्त / अयुज्यत अयुज्येताम् अयुज्यन्त वि. युज्येय युज्येवहि युज्येमहि युज्येय युज्येवहि युज्येमहि युज्येथाः युज्येयाथाम् युज्येध्वम् / युज्येथाः युज्येयाथाम् युज्येध्वम् युज्येत युज्येयाताम् युज्येरन् युज्येत युज्येयाताम् युज्येरन् आ. युज्य युज्यावहै युज्यामहै युज्यै युज्यावहै युज्यस्व युज्येथाम् युज्यध्वम् युज्यस्व युज्येथाम् युज्यताम् युज्येताम् युज्यन्ताम् / युज्यताम् युज्येताम् युज्यामहै युज्यध्वम् युज्यन्ताम् धातु. 184 व. लड़े लक्षावहे लङ्घसे लयेथे लङ्घते लङ्घते लङ्गामहे लड़ध्ये लड़घ्यावहे लड़घ्यामहे लङ्घध्वे लघ्यसे लर्खयेथे लघ्यध्ये लङ्घन्ते | लध्यते लद्ध्येते लघ्यन्ते ह्य. अलङ्के अलङ्कावहि अलङ्कामहि अलड़ध्ये अलङघ्यावहि अलड़घ्यामहि अलङ्घथाः अलङ्केथाम् अलङ्घध्वम् / अलङ्घ्यथाःअलध्येथाम् अलङ्घ्यध्वम् अलङ्घत अलचेताम् अलङ्घन्त / अलङ्घ्यत अलद्ध्येताम् अलङ्घ्यन्त वि. लोय लफेवहि लङ्घमहि लद्देथाः ल याथाम् लङ्घध्वम्ल लङ्केत लचेयाताम् लघेरन् लद्ध्ये लघ्येवहि लद्ध्येमहि ङ्घ्येथाः लङ्घ्येयाथाम् लङ्घ्येध्वम् / लध्येत लध्येयाताम् लध्येरन् आ. लङ्घ लङ्घावहै लङ्घामहै लद्ध्यै लघ्यावहै लघ्यामहै लङ्घस्व लङ्केथाम् लङ्घध्वम् / लघ्यस्व लध्येथाम् लघ्यध्वम् लङ्घन्ताम् लङ्घताम् लङ्घन्ताम् / लध्यताम् लध्येताम् लघ्यन्ताम् [107
Page #121
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 185 व. विसृजामि विसृजावः विसृजामः / विसृज्ये विसृज्यावहे विसृज्यामहे विसृजसि विसृजथः विसृजथ / विसृज्यसे विसृज्येथे विसृज्यध्वे विसृजति विसृजतः विसृजन्ति / विसृज्यते विसृज्येते विसृज्यन्ते ह्य. व्यसृजम् व्यसृजाव व्यसृजाम व्यसृज्ये व्यसृज्यावहि व्यसृज्यामहि व्यसृजः व्यसृजतम् व्यसृजत व्यसृज्यथाः व्यसृज्येथाम् व्यसृज्यध्वम् व्यसृजत् व्यसृजताम् व्यसृजन् | व्यसृज्यत व्यसृज्येताम् व्यसृज्यन्त वि. विसृजेयम् विसृजेव विसृजेम विसृज्येय विसृज्येवहि विसृज्येमहि विसृजेः विसृजेतम् विसृजेत / विसृज्येथाः विसृज्येयाथाम् विसृज्येध्वम् विसृजेत् विसृजेताम् विसृजेयुः विसृज्येत विसृज्येयाताम् विसृज्येरन् II II III III I आ. विसृजानि विसृजाव विसृजाम विसृज्य विसृज्यावहै विसृज्यामहै विसृज विसृजतम् विसृजत / विसृज्यस्व विसृज्येथाम् विसृज्यध्वम् विसृजतु विसृजताम् विसृजन्तु / विसृज्यताम् विसृज्येताम् विसृज्यन्ताम् धातु. 186 व. अनुसरामि अनुसरावः अनुसरामः / अनुस्रिये अनुनियावहे अनुप्रियामहे अनुसरसि अनुसरथः अनुसरथ / अनुप्रियसे अनुप्रियेथे अननियध्वे अनुसरति अनुसरतः अनुसरन्ति / अनुम्रियते अनुनियेते अनुस्रियन्ते HI WE WI UF II III ME DE ह्य. अन्वसरम् अन्वसराव अन्वसराम ! अन्वनिये अन्वमियावहि अन्वस्रियामहि अन्वसरः अन्वसरतम् अन्वसरत / अन्वस्रियथाः अन्वस्रियेथाम् अन्वसियध्वम् अन्वसरत् अन्वसरताम् अन्वसरन् अन्वसियत अन्वस्रियेताम् अन्वस्रियन्त I HTRA 1H 111 M1 वि. अनुसरेयम् अनुसरेव अनुसरेम अनुनियेय अनुम्रियेवहि अनुस्रियेमहि अनुसरेः अनुसरेतम् अनुसरेत / अनुनियेथाः अनुप्रियेयाथाम्अनुप्रियेध्वम् ____ अनुसरेत् अनुसरेताम् अनुसरेयुः / अनुप्रियेत अनुस्रियेयाताम् अनुनियेरन् II III III आ. अनुसराणि अनुसराव अनुसराम / अनुम्रियै अनुम्रियावहै अनुम्रियामहै अनुसर अनुसरतम् अनुसरत / अनुम्रियस्व अनुसियेथाम् अनुस्रियध्वम् अनुसरतु अनुसरताम् अनुसरन्तु अनुस्रियताम् अनुनियेताम् अनुस्रियन्ताम् [1081
Page #122
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 187 व. उत्सृजामि उत्सृजावः उत्सृजामः ! उत्सृज्ये उत्सृज्यावहे उत्सृज्यामहे उत्सृजसि उत्सृजथः उत्सृजथ / उत्सृज्यसे उत्सृज्येथे उत्सृज्यध्वे उत्सृजति उत्सृजतः उत्सृजन्ति / उत्सृज्यते उत्सृज्येते उत्सृज्यन्ते ह्य. उदसृजम् उदसृजाव उदसृजाम उदसृज्ये उदसृज्यावहि उदसृज्यामहि उदसृजः उदसृजतम् उदसृजत उदसृज्यथाः उदसृज्येथाम् उदसृज्यध्वम् उदसृजत् उदसृजताम् उदसृजन् / उदसृज्यत उदसृज्येताम् उदसृज्यन्त वि. उत्सजेयम उत्सृजेव उत्सजेम उत्सृज्येय उत्सृज्येवहि उत्सृज्येमहि उत्सृजेः उत्सृजेतम् उत्सृजेत / उत्सृज्येथाः उत्सृज्येयाथाम् उत्सृज्येध्वम् उत्सृजेत् उत्सृजेताम् उत्सृजेयुः ! उत्सृज्येत उत्सृज्येयाताम् उत्सृज्येरन् आ. उत्सृजानि उत्सृजाव उत्सृजाम / उत्सृज्यै उत्सृज्यावहै उत्सृज्यामहै उत्सृज उत्सृजतम् उत्सृजत / उत्सृज्यस्व उत्सृज्येथाम् उत्सृज्यध्वम् उत्सृजतु उत्सृजताम् उत्सृजन्तु / उत्सृज्यताम् उत्सृज्येताम् उत्सृज्यन्ताम् धातु. 188 व. मानये मानयावहे मानयामहे ! मान्ये मान्यावहे मानयसे मानयेथे मानयध्वे मान्यसे मान्येथे मानयते मानयेते मानयन्ते ! मान्यते मान्येते HET WIE DIE BLE TIL III III III मान्यामहे मान्यध्वे मान्यन्ते ह्य. अमानये अमानयावहि अमानयामहि अमान्ये अमान्यावहि अमान्यामहि अमानयथाः अमानयेथाम् अमानयध्वम्। अमान्यथाः अमान्येथाम् अमान्यध्वम् अमानयत अमानयेताम् अमानयन्त अमान्यत अमान्येताम् अमान्यन्त म वि. मानयेय मानयेवहि मानयेमहि मान्येय मान्येवहि मान्येमहि मानयेथाः मानयेयाथाम् मानयेध्वम् ! मान्येथाः मान्येयाथाम् मान्यध्वम् मानयेत मानयेयाताम् मानयेरन् मान्येत मान्येयाताम् मान्येरन् म आ. मानयै मानयावहै मानयामहै मान्य मान्यावहै मान्यामहै मानयस्व मानयेथाम् मानयध्वम् / मान्यस्व मान्येथाम् / मान्यध्वम् मानयताम् मानयेताम् मानयन्ताम् ! मान्यताम् मान्येताम् मान्यन्ताम् मान्यताम [109]
Page #123
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्तरि कर्मणि धातु. 186 व. लोके लोकावहे लोकामहे ! लोक्ये लोक्यावहे लोक्यामहे लोकसे लोकेथे लोकध्वे लोक्यसे लोक्येथे लोक्यध्वे लोकते लोकते लोकन्ते लोक्यते लोक्येते लोक्यन्ते ह्य. अलोके अलोकावहि अलोकामहिम अलोक्ये अलोक्यावहि अलोक्यामहि अलोकथाः अलोकेथाम् अलोकध्वम् ! अलोक्यथाः अलोक्येथाम् अलोक्यध्वम् अलोकत अलोकेताम् अलोकन्त / अलोक्यत अलोक्येताम् अलोक्यन्त 11 i वि. लोकेय लोकेवहि लोकेमहि / लोक्येय लोक्येवहि लोक्येमहि लोकेथाः लोकेयाथाम् लोकेध्वम् / लोक्येथाः लोक्येयाथाम् लोक्येध्वम् लोकेत लोकेयाताम् लोकेरन् / लोक्येत लोक्येयाताम् लोक्येरन् आ. लोकै लोकावहै लोकामहै / लोक्य लोक्यावहै लोक्यामहै लोकस्व लोकेथाम् लोकध्वम् / लोक्यस्व लोक्येथाम् लोक्यध्वम् लोकताम् लोकेताम् लोकन्ताम् ! लोक्यताम् लोक्येताम् लोक्यन्ताम् In 11 ili in IN III NI - . -.. -.. धातु. 160 व. लोकयामि लोकयावः लोकयामः / लोक्ये लोक्यावहे लोक्यामहे लोकयसि लोकयथः लोकयथ लोक्यसे लोक्येथे लोक्यध्वे लोकयति लोकयतः लोकयन्ति लोक्यते लोक्येते लोक्यन्ते / / ह्य. अलोकयम् अलोकयाव अलोकयाम अलोक्ये अलोक्यावहि अलोक्यामहि अलोकयः अलोकयतम् अलोकयत / अलोक्यथाः अलोक्येथाम अलोक्यध्वम अलोकयत् अलोकयताम् अलोकयन् / अलोक्यत अलोक्येताम् अलोक्यन्त वि. लोकयेयम् लोकयेव लोकयेम | लोक्येय लोक्येवहि लोक्येमहि लोकयेः लोकयेतम् लोकयेत लोक्येथाः लोक्येयाथाम् लोक्येध्वम् लोकयेत् लोकयेताम् लोकयेयुः / लोक्येत लोक्येयाताम् लोक्येरन् 11 IN आ. लोकयानि लोकयाव लोकयाम लोक्यै लोक्यावहै लोक्यामहै लोकय लोकयतम् लोकयत / लोक्यस्व लोक्येथाम् लोक्यध्वम् लोकयतु लोकयताम् लोकयन्तु / लोक्यताम् लोक्येताम् लोक्यन्ताम् [110
Page #124
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 161 व. सीदामि सीदावः सीदसि सीदथः सीदति सीदतः सीदामः सीदथ सीदन्ति सद्ये सद्यसे सद्यते सद्यावहे सद्येथे सोते सद्यामहे सद्यध्वे सद्यन्ते ह्य. असीदम् असीदः असीदत् असीदाव असीदाम असीदतम् असीदत। असीदताम् असीदन् असद्ये असद्यावहि असद्यामहि असद्यथाः असद्येथाम् असद्यध्वम् असद्यत असद्येताम् असद्यन्त वि. सीदेयम् सीदेः सीदेत् सीदेव सीदेतम् सीदेताम् सीदेम सीदेत सीदेयुः सद्येय सद्येथाः सद्येत सद्येवहि सद्येमहि सद्येयाथाम् सद्यध्वम् सद्येयाताम् सद्येरन् आ. सीदानि सीद सीदतु सीदाव सीदतम् सीदताम् सीदाम सीदत सीदन्तु सधै सद्यावहै सद्यामहै सद्यस्व सद्येथाम् / सद्यध्वम् सद्यताम् सद्येताम् सद्यन्ताम् धातु. 162 व. प्रसीदामि प्रसीदावः प्रसीदामः प्रसद्ये प्रसीदसि प्रसीदथः प्रसीदथ प्रसद्यसे प्रसीदति प्रसीदतः प्रसीदन्ति ! प्रसद्यते प्रसद्यावहे प्रसयेथे प्रसद्येते प्रसद्यामहे प्रसद्यध्वे प्रसद्यन्ते ह्य. प्रासीदम् प्रासीदाव प्रासीदाम प्रासद्ये प्रासद्यावहि प्रासद्यामहि प्रासीदः प्रासीदतम् प्रासीदत प्रासद्यथाः प्रासद्येथाम् प्रासद्यध्वम् प्रासीदत् प्रासीदताम् प्रासीदन् / प्रासद्यत प्रासद्येताम् प्रासद्यन्त 111 III ili 11 वि. प्रसीदेयम् प्रसीदेव प्रसीदेम प्रसद्येय प्रसद्येवहि प्रसद्येमहि प्रसीदेः प्रसीदेतम् प्रसीदेत ! प्रसद्येथाः प्रसद्येयाथाम् प्रसोध्वम् प्रसीदेत् प्रसीदेताम् प्रसीदेयुः / प्रसद्येत प्रसद्येयाताम् प्रसोरन् आ. प्रसीदानि प्रसीदाव प्रसीदाम / प्रसधै प्रसद्यावहै प्रसद्यामहै प्रसीद प्रसीदतम् प्रसीदत प्रसद्यस्व प्रसद्येथाम् प्रसद्यध्वम् प्रसीदतु प्रसीदताम् प्रसीदन्तु ! प्रसद्यताम् प्रसद्येताम् प्रसद्यन्ताम् [111]
Page #125
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि कर्तरि धातु. 163 व. हसामि हसावः हससि हसथः हसति हसतः हसामः हसथ हसन्ति ! हस्ये / हस्यसे हस्यते हस्यावहे हस्येथे हस्येते हस्यामहे हस्यध्वे हस्यन्ते ह्य. अहसम् अहसः अहसत् अहसाव अहसतम् अहसताम् अहसाम अहसत अहसन् अहस्ये अहस्यावहि अहस्यामहि अहस्यथाः अहस्येथाम् अहस्यध्वम् अहस्यत अहस्येताम् अहस्यन्त वि. हसेयम हसेः हसेत् हसेव हसेतम् हसेताम् हसेम हसेत हसेयुः हस्येय हस्येवहि हस्येमहि हस्येथाः हस्येयाथाम् हस्येध्वम् हस्येत हस्येयाताम् हस्येरन् आ. हसानि हस हसत हसाव हसतम हसताम् हसाम हसत हसन्तु हस्यै हस्यावहै हस्यामहै हस्यस्व हस्येथाम् हस्यध्वम् हस्यताम् हस्येताम् हस्यन्ताम् -.-..-...... धातु. 164 . व. उत्तिष्ठामि उत्तिष्ठावः उत्तिष्ठामः | उत्स्थीये उत्स्थीयावहे उत्स्थीयामहे उत्तिष्ठसि उत्तिष्ठथः उत्तिष्ठथ उत्स्थीयसे उत्स्थीयेथे उत्स्थीयध्वे उत्तिष्ठति उत्तिष्ठतः उत्तिष्ठन्ति ! उत्स्थीयते उत्स्थीयेते उत्स्थीयन्ते ह्य. उदतिष्ठम् उदतिष्ठाव उदतिष्ठाम उदस्थीये उदस्थीयावहि उदस्थीयामहि उदतिष्ठः उदतिष्ठतम् उदतिष्ठत उदस्थीयथाः उदस्थीयेथाम् उदस्थीयध्वम् उदतिष्ठत् उदतिष्ठताम् उदतिष्ठन् / उदस्थीयत उदस्थीयेताम् उदस्थीयन्त वि. उत्तिष्ठेयम् उत्तिष्ठेव उत्तिष्ठेम उत्स्थीयेय उत्स्थीयेवहि उत्स्थीयेमहि उत्तिष्ठे: उत्तिष्ठेतम् उत्तिष्ठेत उत्स्थीयेथाःउत्स्थीयेयाथाम् उत्स्थीयेध्वम् उत्तिष्ठेत् उत्तिष्ठेताम् उत्तिष्ठेयुः / उत्स्थीयेत उत्स्थीयेयाताम् उत्स्थीयेरन् आ. उत्तिष्ठानि उत्तिष्ठाव उत्तिष्ठाम / उत्स्थीयै उत्स्थीयावहै उत्स्थीयामहै उत्तिष्ठ उत्तिष्ठतम् उत्तिष्ठत उत्स्थीयस्व उत्स्थीयेथाम् उत्स्थीयध्वम् उत्तिष्ठतु उत्तिष्ठताम् उत्तिष्ठन्तु उत्स्थीयताम् उत्स्थीयेताम् उत्स्थीयन्ताम् | 112
Page #126
--------------------------------------------------------------------------
________________ ANI M T MR शब्दो
Page #127
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (1) अकारान्त पुंलिङ्ग - 'बाल' शब्द! (2) अकारान्त नपुं. - 'कमल' शब्द विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. बालः बालौ बालाः प्र. कमलम् कमले कमलानि द्वि. बालम् बालौ बालान् द्वि. कमलम् कमले कमलानि तृ. बालेन बालाभ्याम् बालैः तृ. कमलेन कमलाभ्याम् कमलैः च. बालाय बालाभ्याम् बालेभ्यः च. कमलाय कमलाभ्याम् कमलेभ्यः पं. बालात् बालाभ्याम् बालेभ्यः पं. कमलात् कमलाभ्याम् कमलेभ्यः प. बालस्य बालयोः ___बालानाम् ष. कमलस्य कमलयोः कमलानाम् स. बाले बालयोः बालेषु स. कमले कमलयोः कमलेषु सं. हे बाल! हे बालौ! हे बालाः! सं. हे कमल! हे कमले! हे कमलानि! आ रीते देव, छात्र, गज, मनोरथ, श्रमण, स्वर्गआ रीते कङ्कण, अम्बर, मुख, नेत्र, जल, फल निष्क, बिडाल विगेरे अकरान्त शब्दोना रूपो थशें विगेरे अकारान्त शब्दोना रूपो थशें -.-.-.-.-..-..- -.-.-.--"-"-.-.-" .-.--.-"-.-"-.-.-.-. .. -.. -.. -.. -.. (3) 'अस्मद्' सर्वनाम (4) 'युष्मद्' सर्वनाम . वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. अहम् आवाम् वयम् प्र. त्वम् युवाम् यूयम् द्वि. माम्-मा आवाम्-नौ अस्मान्–नः द्वि. त्वाम् त्वा युवाम् वाम् युष्मान्-वः तृ. मया आवाभ्याम् अस्माभिः तृ. त्वया युवाभ्याम् युष्माभिः च. मह्यम्-मे आवाभ्याम्-नौ अस्मभ्यम्-नः च. तुभ्यम्-ते युवाभ्याम् वाम् युष्मभ्यम्-वः पं. मद् आवाभ्याम् अस्मद् पं. त्वद् युवाभ्याम् युष्मद् ष. मम-मे आवयोः-नौ अस्माकम्-नः ष. तव-ते युवयोः-वाम् युष्माकम्-वः स. मयि आवयोः अस्मासुस. त्वयि युवयोः युष्मासु [113
Page #128
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (5) 'तद्' सर्वनाम-पुंलिङ्ग (6) 'तद्' सर्वनाम-नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन / वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सः तौ ते . तद् ते तानि द्वि. तम् तौ तान् द्वि. तद् ते तानि तृ. तेन ताभ्याम् तैःत. तेन ताभ्याम् तैः च. तस्मै ताभ्याम् तेभ्यःच. तस्मै ताभ्याम् तेभ्यः पं. तस्मात् ताभ्याम् तेभ्यः पं. तस्मात् ताभ्याम् तेभ्यः ष. तस्य तयोः ष. तस्य तयोः .. स. तस्मिन् तयोः तेषु स. तस्मिन् तयोः तेषु तेषाम् तेषाम् (7) 'सद्' सर्वनाम-स्त्रीलिङ्ग (8) आकारान्त स्त्रीलिङ -'माला' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सा प्र. माला माले मालाः द्वि. ताम् ते ता. वि. मालाम् माले मालाः तृ. तया ताभ्याम् तामिः तृ. मालया मालाभ्याम् मालाभिः च. तस्यै ताभ्याम् ताभ्यःच. मालायै मालाभ्याम् मालाभ्यः पं. तस्याः ताभ्याम् ताभ्यः पं. मालायाः मालाभ्याम् मालाभ्यः ष. तस्याः तयोः तासाम् ष. मालायाः मालयोः मालानाम् / स. तस्याम् तयोः तासु स. मालायाम् मालयोः मालासु स. हे माले! हे माले! हे मालाः! आ रीते क्रीडा, देवता, सभा, निशा विगैरे आकारान्त शब्दोना रूपो थशें [114]
Page #129
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (9) कर्मणि भू. कक्त प्रत्ययान्त ! (10) कर्मणि भू. कृक्त प्रत्ययान्त जि+त= जित. पुंलिङ्ग जि+त= जित. नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन म. जितः जितौ जिताः प्र. जितम् जिते जितानि दि. जितम् जितौ . जितान् वि. जितम् जिते जितानि त. जितेन जिताभ्याम् जितैः तृ. जितेन जिताभ्याम् जितैः च. जिताय जिताभ्याम् जितेभ्यः च. जिताय जिताभ्याम् जितेभ्यः पं. जितात् जिताभ्याम् जितेभ्यः पं. जितात् जिताभ्याम् जितेभ्यः प. जितस्य जितयोः जितानाम् ष. जितस्य जितयोः जितानाम् स. जिते जितयोः जितेषु स. जिते जितयोः जितेषु सं. हे जित! हे जितौ! हे जिताः सं. हे जित! हे जिते! . हे जितानि! (11) कर्मणि भू. कृक्त प्रत्ययान्त ! (12) भावे भूत कृ. क्त प्रत्ययान्त जि+त= जित+आ - स्त्रीलिङ्ग भू+त= भूत. (मात्र-नपुं.) वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. जिता जिते जिता: प्र. भूतम् भूते भूतानि द्वि. जिताम् . जिते. जिताः द्वि. भूतम् भूते . भूतानि तृ. जितया जिताभ्याम् जिताभिः तृ. भूतेन भूताभ्याम् भूतैः च. जितायै जिताभ्याम् जिताभ्यः च. भूताय भूताभ्याम् भूतेभ्यः पं. जितायाः जिताभ्याम् जिताभ्यः पं. भूतात् भूताभ्याम् भूतेभ्यः घ. जितायाः जितयोः जितानाम् ष. भूतस्य भूतयोः भूतानाम् स. जितायाम् जितयोः जितासुस. भूते भूतयोः भूतेषु सं. हे जिते! हे जिते! हे जिताः! सं. हे भूत! हे भूते! हे भूतानि! [115
Page #130
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (13) गत्यर्थे कर्तरि भूतकृदन्त (क्त प्रत्ययान्त) (14) गत्यर्थे कर्तरि भूतकृदन्त (क्त प्रत्ययान्त) .. सृ+त= सूत. - पुंलिङ्ग मृ+त= सूत. -नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सृतः सृतौ सृताः प्र. सृतम् सृते सृतानि द्वि. सृतम् ‘सृतौ सतान् वि. सृतम् सृते सृतानि तृ. सृतेन सृताभ्याम् सृतैः तृ. सृतेन सृताभ्याम् सृतैः च. सृताय सृताभ्याम् सृतेभ्यः च. सृताय सृताभ्याम् सृतेभ्यः पं. सृतात् सृताभ्याम् सृतेभ्यः पं. सृतात् सृताभ्याम् सृतेभ्यः ष. सृतस्य सृतयोः सृतानाम् ष. सृतस्य सृतयोः सृतानाम् स. सृते सृतयोः सृतेषु स. सृते सृतयोः सृतेषु सं. हे सृत! हे सृतौ! हे सृताः! सं. हे सृत! हे सृते! हे सृतानि! (15) गत्यर्थे कर्तरि भूतकृदन्त (क्ल प्रत्ययान्त) (16) व्यंजनान्त पुंलिङ्ग - 'मरूत्' शब्द सृत + आ - स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सृता सृते सृताः प्र. मरूत्,द् मरूतौ मरूतः द्वि. सृताम् सृते सृताः वि. मरूतम् मरूतौ मरूतः तृ. सृतया सृताभ्याम् सृताभिः तृ. मरूता मरूभ्याम् मरूद्भिः च. सृतायै सृताभ्याम् सृताभ्यः च. मरूते मरूभ्याम् मरूभ्यः पं. सृतायाः सृताभ्याम् सृताभ्यः पं. मरूतः मरुद्भ्याम् मरुद्भ्यः ष. सृतायाः सृतयोः सृतानाम् ष. मरूतः मरूतोः मरूताम् स. सृतायाम् सृतयोः सृतासु स. मरूति . मरूतोः मरूत्सु सं. हे सृते! हे सृते! हे सृताः! सं. हे मरूत्,द्! हे मरूतौ! हे मरूतः! EEEEEEEE [1161
Page #131
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (17) व्यंजनान्त नपुं. - 'जगत्' शब्द (18) व्यंजनान्त स्त्रीलिङ्ग - 'युध्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. जगत्,द् जगती जगन्ति प्र. युत्, द युधौ युधः द्वि. जगत्,द् जगती जगन्ति द्वि. युधम् युधौ युधः तृ. जगता जगद्भ्याम् जगद्भिः युद्भ्याम् युद्भिः च. जगते जगद्भ्याम् जगद्भ्यः च. युधे युद्भ्याम् युद्भ्यः पं. जगतः जगद्भ्याम् जगद्भ्यः युद्भ्याम् युद्भ्यः प. जगतः जगतोः जगताम् ष. युधः युधोः युधाम् स. जगति जगतोः जगत्सु स. युधि युधोः युत्सु सं. हे जगत्,द!हे जगती! हे जगन्ति! सं. हे युत्,युद्!हे युधौ! हे युधः! (19) 'सर्व' सर्वनाम - पुंलिङ्ग (20) 'सर्व' सर्वनाम - नपुं. वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन . सर्वः सर्वी सर्वे द्वे. सर्वम् सर्वी सर्वान् तृ. सर्वेण सर्वाभ्याम् सर्वैः च. सर्वस्मै सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः पं. सर्वस्मात् सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः इ. सर्वस्य सर्वयोः सर्वेषाम् स. सर्वस्मिन् सर्वयोः सर्वेषु सं.. हे सर्व! हे सर्वो! हे सर्वे! वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सर्वम् सर्वे सर्वाणि द्वि. सर्वम् सर्वे सर्वाणि तृ. सर्वेण सर्वाभ्याम् सर्वैः च. सर्वस्मै सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः पं. सर्वस्मात् सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः ष. सर्वस्य सर्वयोः सर्वेषाम् स. सर्वस्मिन् सर्वयोः सर्वेषु सं. हे सर्व! हे सर्वे! हे सर्वाणि! REEEEEEE , ....-- 1171
Page #132
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (21) 'सर्वा' सर्वनाम - स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. सवा सर्वे सर्वाः द्वि. सर्वाम् सर्वे सर्वाः तृ. सर्वया सर्वाभ्याम् सर्वाभिः च. सर्वस्यै सर्वाभ्याम् सर्वाभ्यः पं. सर्वस्याः सर्वाभ्याम् सर्वाभ्यः ष. सर्वस्याः सर्वयोः सर्वासाम् स. सर्वस्याम् सर्वयोः सर्वासु सं. हे सर्वे! हे सर्वे! हे सर्वाः! (22) 'किम्' सर्वनाम - पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कः कौ के द्वि. कम् को कान् तृ. केन काभ्याम् कैः / च. कस्मै काभ्याम् केभ्यः पं. कस्मात् काभ्याम् केभ्यः ष. कस्य कयोः केषाम् स. कस्मिन् कयोः केषु (23) 'किम्' सर्वनाम - नपुं. (24) 'यद्' सर्वनाम - पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. किम् के कानि द्वि. किम् के कानि / तृ. केन काभ्याम् कैः / च. कस्मै काभ्याम् केभ्यः / पं. कस्मात् काभ्याम् केभ्यः ष, कस्य कयोः केषाम् स. कस्मिन् कयोः वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. का के काः वि. काम् के काः काभ्याम् काभिः च. कस्यै काभ्याम् काभ्यः पं. कस्याः काभ्याम् काभ्यः ष. कस्याः कयोः कासाम् स. कस्याम् कयोः कासु केषु
Page #133
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (26) 'यद्' सर्वनाम - नपुं. (25) 'यद्’ सर्वनाम - पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. यः यौ ये दे. यम् यौ यान् / . येन याभ्याम् यैः 3. यस्मै याभ्याम् येभ्यः / i. यस्मात् याभ्याम् येभ्यः 1. यस्य ययोः येषाम् 1. यस्मिन् ययोः येषु वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. यद् ये यानि द्वि. यद् ये यानि तृ. येन याभ्याम् यैः / च. यस्मै याभ्याम् येभ्यः पं. यस्मात् याभ्याम् येभ्यः ष. यस्य ययोः येषाम् स. यस्मिन् ययोः / येषु (27) 'वद' सर्वनाम - स्त्रीलिङ्ग (28) 'एतद्' सर्वनाम - पुंलिङ्ग ....... वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन .. या ये याः याम् ये याः याभ्याम् याभिः याभ्याम् यस्याः याभ्याम् याभ्यः . यस्याः ययोः यासाम् यस्याम् ययोः यासु वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. एषः एतौ एते द्वि. एतम्-एनम् एतौ-एनौ एतान्-एनान् तृ. एतेन-एनेन एताभ्याम् एतैः च. एतस्मै एताभ्याम् एतेभ्यः पं. एतस्मात् एताभ्याम् एतेभ्यः ष. एतस्य एतयोः-एनयोः एतेषाम् स. एतस्मिन् एतयोः-एनयो एतेषु यस्यै याभ्यः 1191
Page #134
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (29) 'एतद्' सर्वनाम - नपुं. (30) 'एतद्' सर्वनाम - स्त्रिलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. एतद् एते एतानिप्र. एषा एते एताः द्वि. एतद्-एनद् एते-एने एतानि-एनानि द्वि. एताम्-एनाम् एते-एने एताः-एना तृ. एतेन-एनेन एताभ्याम् एतैः तृ. एतया-एनया एताभ्याम् एताभिः च. एतस्मै एताभ्याम् एतेभ्यः च. एतस्यै एताभ्याम् एताभ्यः पं. एतस्मात् एताभ्याम् एतेभ्यः पं. एतस्याः एताभ्याम् एताभ्यः ष. एतस्य एतयोः-एनयो एतेषाम् .. प. एतस्याः एतयोः-एनयोः एतासाम् स. एतस्मिन् एतयोः-एनयो एतेषु स. एतस्याम् एतयोः-एनयोः एतासु (31) 'अदम' सर्वनाम - पुंलिङ्ग (32) 'अदस्' सर्वनाम - नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. असौ अमू अमी द्वि. अमुम् अमू .. अमून् तृ. अमुना अमूभ्याम् अमीभिः च. अमुष्मै अमूभ्याम् अमीभ्यः पं. अमुष्मात् अमूभ्याम् अमीभ्यः ष. अमुष्य अमुयोः अमीषाम् स. अमुष्मिन् अमुयोः अमीषु वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. अदः अमू अमूनि द्वि. अदः अमू अमूनि तृ. अमुना अमूभ्याम् अमीभिः च. अमुष्मै अमूभ्याम् अमीभ्यः पं. अमुष्मात् अमूभ्याम् अमीभ्यः ष. अमुष्य अमुयोः अमीषाम् . स. अमुष्मिन् अमुयोः अमीषु
Page #135
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (33) 'अदस्' सर्वनाम - स्त्रीलिङ्ग (34) 'इदम् सर्वनाम - पुंलिङ्ग एभिः वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. असौ अमू अमू: प्र. अयम् इमौ द्वि. अमूम् अमू अमूः द्वि. इमम्-एनम् इमौ–एनौ इमान्–एनान् तृ. अमुया अमूभ्याम् अमूभिः तृ. अनेन–एनेन आभ्याम् च. अमुष्य * अमूभ्याम् अमूभ्यः च. अस्मै आभ्याम् पं. अमुष्या अमूभ्याम् अमूभ्यः पं. अस्मात् आभ्याम् एभ्यः घ. अमुष्याः अमुयोः अमूषाम् ष. अस्य अनयोः-एनयोः एषाम् स. अमुष्याम् अमुयोः अमूषुस. अस्मिन् अनयोः-एनयोःएषु एभ्यः (35) 'इदम्' सर्वनाम - नपुं. / (36) 'इदम्' सर्वनाम - स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. इदम् इमे. इमानि प्र. इयम् इमे इमाः द्वि. इदम्-एनद् इमे-एने इमानि-एनानि द्वि. इमाम्-एनाम् इमे-एने इमाः-एनाः तृ. अनेन–एनेन आभ्याम् / एभिः तृ. अनया-एनया आभ्याम् आभिः च. अस्मै आभ्याम् एभ्यःच. अस्यै आभ्याम् आभ्यः पं. अस्मात् आभ्याम् एभ्यः पं. अस्याः आभ्याम् आभ्यः ष. अस्य अनयोः-एनयोः एषाम् ष. अस्याः अनयोः-एनयोः आसाम् स. अस्मिन् अनयोः-एनयोः एषु स. अस्याम् अनयोः-एनयोः आसु 11211
Page #136
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (37) 'किम्' सर्वनाम 'चित्' (38) 'किम्' सर्वनाम 'चित्' अव्यय साथे - पुंलिङ्ग अव्यय साथे - नपुं. वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन ग. कश्चित् कौचित् केचित् प्र. किञ्चित् केचित् कानिचित् वे. कश्चित् कौचित् कांश्चिद् द्वि. किश्चित् केचित् कानिचित् 4. केनचित् काभ्याञ्चित् कैश्चित् तृ. केनचित् काभ्याञ्चित् कैश्चित् च. कस्मैचित् काभ्याञ्चित् केभ्यश्चित् च. कस्मैचित् काभ्याञ्चित् केभ्यश्चित् पं. कस्माच्चित् काभ्याञ्चित् केभ्यश्चित् पं. कस्माच्चित् काभ्याञ्चित् केभ्यश्चित् ष. कस्यचित् कयोश्चित् केषाञ्चित् ष. कस्यचित् कयोश्चित् केषाञ्चित् स. कस्मिंश्चित् कयोश्चित् केषुचित्स . कस्मिंश्चित् कयोश्चित् केषुचित् (39) 'किम्' सर्वनाम 'चित्' (40) 'किम्' सर्वबाम 'चन' अव्यय साथे - स्त्रीलिङ्ग अव्यय साथे - पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. काचित् केचित् काश्चित्प्र . कश्चन कौचन केचन द्वि. काञ्चित् केचित् काश्चित् वि. कञ्चन कौचन कांश्चन तृ. कयाचित् काभ्याञ्चित् काभिश्चित् तृ. केनचन काभ्याश्चन कैश्चन च. कस्यचित् काभ्याञ्चित् काभ्यश्चित् च. कस्मैचन काभ्याञ्चन केभ्यश्चन पं. कस्याश्चित् काभ्याञ्चित् काभ्यश्चित् पं. कस्माच्चन काभ्याञ्चन केभ्यश्चन ष. कस्याश्चित् कयोश्चित्, कासाञ्चित् ष. कस्यचन कयोश्चन केषाञ्चन स. कस्याञ्चित् कयोश्चित् कासुचित् स. कस्मिंश्चन कयोश्चन केषुचन
Page #137
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (41) 'किम्' सर्वनाम 'चन' (42) 'किम्' सर्वनाम 'चन' अव्यय साथे- नपुं. ___ अव्यय साथे - स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. किञ्चन केचन कानिचन प्र. काचन केचन काश्चन दि. किञ्चन केचन कानिचन द्वि. काञ्चन केचन काश्चन तृ. केनचन काभ्याञ्चन कैश्चन त. कयाचन काभ्याश्चन काभ्यश्चन च. कस्मैचन काभ्याश्चन केभ्यश्चन च. कस्यैचन काभ्याश्चन काभिश्चन पं. कस्माच्चन काभ्याश्चन केभ्यश्चन पं. कस्याश्चन काभ्याश्चन काभ्यश्चन घ. कस्यचन कयोश्चन केषाञ्चन ष. कस्याश्चन कयोश्चन कासाचन स. कस्मिंश्चन कयोश्चन केषुचन स. कस्याञ्चन कयोश्चन कासुचन (43) 'किम' सर्वनाम 'अपि' (44) 'किम्' सर्वनाम 'अपि' अव्यय साथे - पुंलिङ्ग अव्यय साथे - नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. कोऽपि कावपि कोऽपि प्र. किमपि केऽपि कान्यपि दि. कमपि कावपि कानपि.द्वि. किमपि केऽपि कान्यपि तृ. केनापि काभ्यामपि कैरपि तृ. केनापि काभ्यामपि कैरपि च. कस्मायपि काभ्यामपि केभ्योऽपि च. कस्मायपि काभ्यामपि केभ्योऽपि पं. कस्मादपि काभ्यामपि केभ्योऽपि पं. कस्मादपि काभ्यामपि केभ्योऽपि प. कस्यापि कयोरपि केषामपि ष. कस्यापि कयोरपि केषामपि स. कस्मिन्नपि कयोरपि केष्वपि स. कस्मिन्नपि कयोरपि केष्वपि 123]
Page #138
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (45) 'किम्' सर्वनाम 'अपि' (46) हस्व इकारान्त पुंलिङ्ग - 'मुनि' शब्द अव्यय साथे - स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. कापि केऽपि का अपि प्र. मुनिः मुनी मुनयः द्वि. कामपि केऽपि का अपि द्वि. मुनिम् मुनी मुनीन् तृ. कयापि काभ्यामपि काभिरपि तृ. मुनिना मुनिभ्याम् मुनिभिः च. कस्यायपि काभ्यामपि काभ्योऽपि च. मुनये मुनिभ्याम् मुनिभ्यः पं. कस्या अपि काभ्यामपि काभ्योऽपि पं. मुनेः मुनिभ्याम् मुनिभ्यः ष. कस्या अपि कयोरपि कासामपि ष. मुनेः मुन्योः मुनीनाम् स. कस्यामपि कयोरपि कास्वपि स. मुनौ मुन्योः मुनिषु सं. हे मुने! हे मुनी! हे मुनयः! (47) ह्रस्व इकारान्त नपुं. - 'वारि' शब्द (48) द्वस्व इकारान्त स्त्रीलिङ्ग - ‘मति' शब्द FEEEEEEEEEEEEEEE वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. वारि वारिणी वारीणि प्र. मतिः मती मतयः द्वि. वारि वारिणी वारीणि द्वि. मतिम् मती मती: तृ.. वारिणा वारिभ्याम् वारिभिः त. मत्या मतिभ्याम् मतिभिः च. वारिणे वारिभ्याम् वारिभ्यः च. मत्यै, मतये मतिभ्याम् मतिभ्यः पं. वारिणः वारिभ्याम् वारिभ्यः पं. मत्याः, मतेः मतिभ्याम् मतिभ्यः घ. वारिणः वारिणोः वारीणाम् ष. मत्याः, मतेः मत्योः मतीनाम् स. वारिणि वारिणोः वारिषु स. मत्याम्, मतौ मत्योः मतिषु सं. हे वारे!वारि हे वारिणी! हे वारीणि! सं. हे मते! हे मती! हे मतयः! 124
Page #139
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (49) हस्व उकारान्त पुंलिङ्ग - (50) हस्व उकारान्त नपुं. - 'भाबु' शब्द __ 'मधु'शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. भानुः भानू भानवः प्र. मधु मधुनी मधूनि द्वि. भानुम् भानू भानून् वि. मधु मधुनी मधूनि तृ. भानुना भानुभ्याम् भानुभिः तृ. मधुना मधुभ्याम् मधुमिः च. भानवे भानुभ्याम् भानुभ्यःच. मधुने मधुभ्याम् मधुभ्यः पं. भानोः भानुभ्याम् भानुभ्यः पं. मधुनः मधुभ्याम् मधुभ्यः घ. भानोः भानूनाम् ष. मधुनः मधुनोः मधूनाम् स. भानौ भान्वोः भानुषु स. मधुनि मधुनोः मधुषु सं. हे भानो! हे भानू! हे भानवः / सं. हे मधो! मधु!हे मधुनी! हे मधूनि! ___a_i भान्वोः Irrlt11 Trrit __ _ ... (51) हस्व उकारान्त स्त्रीलिङ्ग - (52) दीर्घ ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग - 'धेनु' शब्द 'नदी' शब्द वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन 1. धेनुः धेनू धेनवः प्र. नदी नद्यौ नद्यः वे. धेनुम् धेनू धेनूः द्वि. नदीम् नद्यौ नदीः . धेन्वा धेनुभ्याम् धेनुभिःत. नद्या नदीभ्याम् नदीभिः व. धेन्वै, धेनवे धेनुभ्याम् धेनुभ्यः नद्यै नदीभ्याम् नदीभ्यः पं. धेन्वाः, धेनोः धेनुभ्याम्ः धेनुभ्यः पं. नद्या नदीभ्याम् नदीभ्यः प्र. धेन्वाः, धेनोः धेन्वोः धेनूनाम् ष. नद्याः नद्योः नदीनाम् स. धेन्वाम्, धेनौ धेन्वोः धेनुषु स. नद्याम् नद्योः नदीषु सं. हे धेनो! हे धेनू! हे धेनवः! सं. हे नदि! हे नद्यौ! हे नद्यः! as it 4. .. [1257
Page #140
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (53) दीर्घ ऊकारान्त स्त्रीलिङ्ग - ! (14) कर्तरि वर्तमान कृदन्त - 'गच्छत्' 'वधू' शब्द (पुंलिङ्ग ) गच्छ + अ + अत् (शत) वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. वधूः वध्वौ वध्वः प्र. गच्छन् गच्छन्तौ गच्छन्तः द्वि. वधूम् वध्वौ वधूः वि. गच्छन्तम् गच्छन्तौ गच्छतः तृ. वध्वा वधूभ्याम् वधूभिःत. गच्छता गच्छद्भ्याम् गच्छभि वधूभ्याम् वधूभ्यः च. गच्छते गच्छद्भ्याम् गच्छद्भ्य पं. वध्वाः वधूभ्याम् वधूभ्यः पं. गच्छतः गच्छद्भ्याम् गच्छद्भ्य ष. वध्वाः वध्वोः वधूनाम् ष. गच्छतः गच्छतोः गच्छताम् स. वध्वाम् वध्वोः वधूषु स. गच्छति गच्छतोः गच्छत्सु सं. हे वधु! हे वध्वौ! हे वध्वः! (55) कर्तरि वर्तमान कृदन्त - (56) कर्तरि वर्तमान कृदन्त (स्त्रीलिङ्ग) 'गच्छत्' (नपुं.) (परस्मैपदमां अत् (शतृ) प्रत्ययान्त) गच्छत् + वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. गच्छत्, गच्छद् गच्छन्ती गच्छन्ति प्र. गच्छन्ती गच्छन्त्यौ गच्छन्त्यः द्वि. गच्छत्, गच्छद् गच्छन्ती गच्छन्ति द्वि. गच्छन्तीम् गच्छन्त्यौ गच्छन्तीः तृ. गच्छता गच्छद्भ्याम् गच्छद्भिः तृ. गच्छन्त्या गच्छन्तीभ्याम् गच्छन्तीमिः च. गच्छते गच्छद्भ्याम् गच्छद्भ्यः च. गच्छन्त्यै गच्छन्तीभ्याम् गच्छन्तीभ्यः पं. गच्छतः गच्छद्भ्याम् गच्छद्भ्यः पं. गच्छन्त्याः गच्छन्तीभ्याम् गच्छन्तीभ्यः ष. गच्छतः गच्छतोः गच्छताम् ष. गच्छन्त्याः गच्छन्त्योः गच्छन्तीनाम स. गच्छति गच्छतोः गच्छत्सु स. गच्छन्त्याम् गच्छन्त्योः गच्छन्तीषु सं. हे गच्छत्,गच्छद्!हे गच्छन्ती! हे गच्छन्ति! सं. हे गच्छन्ति! हे गच्छन्त्यौ! हे गच्छन्त्यः! 1261
Page #141
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (17) कर्तरि वर्तमान कृदन्त (आत्मने). (58) कर्तरि वर्तमान कृदन्त (आत्मने) | 'ईक्षमाण' (ईक्ष+म+आन(आन)) न. - 'ईक्षमाण' वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. ईक्षमाणः ईक्षमाणौ ईक्षमाणाः प्र. ईक्षमाणम् ईक्षमाणे ईक्षमाणानि द्वि. ईक्षमाणम् ईक्षमाणौ ईक्षमाणान् द्वि. ईक्षमाणम् ईक्षमाणे ईक्षमाणानि तृ. ईक्षमाणेन ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणैः तृ. ईक्षमाणेन ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणैः च. ईक्षमाणाय ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणेभ्यः च. ईक्षमाणाय ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणेभ्यः एं. ईक्षमाणात् ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणेभ्यः / पं. ईक्षमाणात् ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणेभ्यः प. ईक्षमाणस्य ईक्षमाणयोः ईक्षमाणानाम् ष. ईक्षमाणस्य ईक्षमाणयोः ईक्षमाणानाम् स. ईक्षमाणे ईक्षमाणयोः ईक्षमाणेषु स. ईक्षमाणे ईक्षमाणयोः ईक्षमाणेषु सं. हे ईक्षमाण!हे ईक्षमाणौ! हे ईक्षमाणाः! सं. हे ईक्षमाण!हे ईक्षमाणे! हे ईक्षमाणानि! (59) कर्तरि वर्तमान कृदन्त (आत्मने) (60) कर्मणि वर्तमान कृदन्त - स्त्रीलिङ्ग 'ईक्षमाणा' पुंलिङ्ग - 'गम्यमान' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. ईक्षमाणा ईक्षमाणे ईक्षमाणाः प्र. गम्यमानः गम्यमानौ गम्यमानाः वि. ईक्षमाणाम् ईक्षमाणे ईक्षमाणाः द्वि. गम्यमानम् गम्यमानौ गम्यमानान् तृ. ईक्षमाणया ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभिः तृ. गम्यमानेन गम्यमानाभ्याम् गम्यमानैः च. ईक्षमाणायै ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभ्यः च. गम्यमानाय गम्यमानाभ्याम् गम्यमानेभ्यः पं. ईक्षमाणायाः ईक्षमाणाभ्याम् ईक्षमाणाभ्यः / पं. गम्यमानात् गम्यमानाभ्याम् गम्यमानेभ्यः घ. ईक्षमाणायाः ईक्षमाणयोः ईक्षमाणानाम् ष. गम्यमानस्य गम्यमानयोः गम्यमानानाम् स. ईक्षमाणायाम् ईक्षमाणयोः ईक्षमाणासु / स. गम्यमाने गम्यमानयोः गम्यमानेषु सं. हे ईक्षमाणे! हे ईक्षमाणे! हे ईक्षमाणाः! सं. हे गम्यमान! हे गम्यमानौ! हे गम्यमानाः! 127
Page #142
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (61) कर्मणि वर्तमान कृदन्त (62) कर्मणि वर्तमान कृदनत स्त्रीलिङ्ग नपुं.- 'गम्यमान' शब्द 'गम्यमाना' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. गम्यमानम् गम्यमाने गम्यमानानि प्र. गम्यमाना गम्यमाने गम्यमानाः द्वि. गम्यमानम् गम्यमाने गम्यमानानि वि. गम्यमानाम् गम्यमाने गम्यमानाः तृ. गम्यमानेन गम्यमानाभ्याम् गम्यमानैः तृ. गम्यमानया गम्यमानाभ्याम् गम्यमानानि च. गम्यमानाय गम्यमानाभ्याम् गम्यमानेभ्यः च. गम्यमानायै गम्यमानाभ्याम् गम्यमानाभ पं. गम्यमानात् गम्यमानाभ्याम् गम्यमानेभ्यः पं. गम्यमानायाः गम्यमानाभ्याम् गम्यमानाम ष. गम्यमानस्य गम्यमानयोः गम्यमानानाम् ष. गम्यमानायाः गम्यमानयोः गम्यमानाना स. गम्यमाने गम्यमानयोः गम्यमानेषु स. गम्यमानायाम् गम्यमानयोः गम्यमानार सं. हे गम्यमान! हे गम्यमाने! हे गम्यमानानि! सं. हे गम्यमाने! हे गम्यमाने! हे गम्यमानाः (63) भावे वर्तमान कृदन्त (मात्र नपुं.) (64) कर्तरि वर्तमान कृदन्त - - 'प्रकाश्यमान' ('अस' धातु) सत्-पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. प्रकाश्यमानम् प्रकाश्यमाने प्रकाश्यमानानि प्र. सन् सन्तौ सन्तः द्वि. प्रकाश्यमानम् प्रकाश्यमाने प्रकाश्यमानानि वि. सन्तम् सन्तौ सतः तृ. प्रकाश्यमानेन प्रकाश्यमानाभ्याम् प्रकाश्यमानैः तृ. सता सद्भ्याम् च. प्रकाश्यमानाय प्रकाश्यमानाभ्याम् प्रकाश्यमानेभ्यः च. सते सद्भ्याम् सद्भ्यः पं. प्रकाश्यमानात् प्रकाश्यमानाभ्याम् प्रकाश्यमानेभ्यः पं. सतः सद्भ्याम् सद्भ्यः ष. प्रकाश्यमानस्य प्रकाश्यमानयोः प्रकाश्यमानानाम ष. सतः सतोः स. प्रकाश्यमाने प्रकाश्यमानयोः प्रकाश्यमानेषु स. सति सतोः सत्सु सं.हे प्रकाश्यमान!हे प्रकाश्यमाने!हे प्रकाश्यमानानि! सं. हे सन्! हे सन्तौ! हे सन्तः EEEEEE सताम्। (128
Page #143
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (65) कर्तरि वर्तमान कृदन्त ('अस्' धातु) (66) कर्तरि वर्तमान कृदन्त ('अस्' धातु) . सत् - नपुं. सत्+ई = सती- स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सत्, सद् सती सन्ति / प्र. सती सत्यौ सत्यः द्वि. सत, सद् सती सन्ति वि. सतीम् सत्यौ सती: तृ. सता सद्भ्याम् सद्भि तृ. सत्या सतीभ्याम् सतीभिः च, सतेसद्भ्याम् सद्भ्यः च. सत्यै सतीभ्याम सतीभ्यः सद्भ्याम् सद्भ्यः पं. सत्याः सतीभ्याम् सतीभ्यः ष. सतः सतोः सताम् ष. सत्याः सत्योः सतीनाम् स. सति सतोः सत्सु स. सत्याम् सत्योः सतीषु सं. हे सत्,सद्! हे सती! हे सन्ति! सं. हे सति! हे सत्यौ! हे सत्यः! -..-..-..-..-..-..-..-..-..-..-..-..-..-..-.. (67) तवत् (क्तवत) प्रत्ययान्त कर्तरिभूत (68) न. - नीतवत् शब्द कृदन्त-पुंलिङ्ग (नी+तवत्) 'नीतवत्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. नीतवान् नीतवन्तौ नीतवन्तः प्र. नीतवत्,नीतवद् नीतवती नीतवन्ति द्वि. नीतवन्तम् नीतवन्तौ नीतवतः वि. नीतवत्,नीतवद् नीतवती नीतवन्ति तृ. नीतवता नीतवद्भ्याम् नीतवद्भिः तृ. नीतवता नीतवद्भ्याम् नीतवद्भि च. नीतवते नीतवद्भ्याम् नीतवद्भ्यः च. नीतवते नीतवद्भ्याम् नीतवद्भ्यः पं. नीतवतः नीतवद्भ्याम् नीतवद्भ्यः / पं. नीतवतः नीतवद्भ्याम् नीतवद्भ्यः ष. नीतवतः नीतवतोः नीतवताम् ष. नीतवतः नीतवतोः नीतवताम् स. नीतवति नीतवतोः नीतवत्सु स. नीतवति नीतवतोः नीतवत्सु सं. हे नीतवन्! हे नीतवन्तौ! हे नीतवन्तः! सं. हे नीतवत्,नीतवद्! हे नीतवती! हे नीतवन्ति! 129]
Page #144
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (69) स्त्रीलिङ्ग - नीतवत्+ई शब्द (70) 'भवत्' (भवतु) सर्वनाम-पुंलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. नीतवती नीतवत्यौ नीतवत्यः प्र. भवान् भवन्तौ भवन्तः द्वि. नीतवतीम् नीतवत्यौ नीतवतीः वि. भवन्तम् भवन्तौ भवतः तृ. नीतवत्या नीतवतीभ्याम् नीतवतीभिः तृ. भवता भवद्भ्याम् भवद्भिः च. नीतवत्यै नीतवतीभ्याम् नीतवतीभ्यः च. भवते भवद्भ्याम् भवद्भ्यः पं. नीतवत्याः नीतवतीभ्याम् नीतवतीभ्यः पं. भवतः भवद्भ्याम् भवद्भ्यः ष. नीतवत्याः नीतवत्योः नीतवतीनाम् ष. भवतः / भवतोः भवताम् स. नीतवत्याम् नीतवत्योः नीतवतीषु स. भवति भवतोः भवत्सु सं. हे नीतवति! हे नीतवत्यौ! हे नीतवत्यः! सं. हे भवन्! हे भवन्तौ! हे भवन्तः! (71) 'भवत्' (भवतु) सर्वनाम - नपुं. (72) 'भवत्+ई' सर्वनाम-स्त्रीलिङ्ग वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन प्र. भवत्, द् भवती भवन्ति प्र. भवती भवत्यौ भवत्यः द्वि. भवत्, द् भवती भवन्ति वि. भवतीम् भवत्यौ भवती: तृ. भवता भवद्भ्याम् भवद्भिःत. भवत्या भवतीभ्याम् भवतीभिः च. भवते भवद्भ्याम् भवद्भ्यः च. भवत्यै भवतीभ्याम् भवतीभ्यः पं. भवतः भवद्भ्याम् भवद्भ्यः पं. भवत्याः भवतीभ्याम् भवतीभ्यः ष. भवतः भवतोः भवताम् ष. भवत्याः भवत्योः भवतीनाम् स. भवति भवतोः भवत्सु स. भवत्याम् भवत्योः भवतीषु सं. हे भवत्,द! हे भवती! हे भवन्ति! सं. हे भवति! हे भवत्यौ! हे भवत्यः! [1301
Page #145
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली Pv3) 'तव्य' कृत्य प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त) (74) 'तव्य' कृत्य प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त) पुंलिङ्ग - "स्थातव्य" शब्द नपुं. "स्थातव्य" शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. स्थातव्यः स्थातव्यौ स्थातव्याः प्र. स्थातव्यम् स्थातव्ये स्थातव्यानि द्वि. स्थातव्यम् स्थातव्यौ स्थातव्यान् वि. स्थातव्यम् स्थातव्ये स्थातव्यानि तृ. स्थातव्येन स्थातव्याभ्याम् स्थातव्यैः तृ. स्थातव्येन स्थातव्याभ्याम् स्थातव्यैः च स्थातव्याय स्थातव्याभ्याम् स्थातव्येभ्यः च. स्थातव्याय स्थातव्याभ्याम् स्थातव्येभ्यः पं. स्थातव्यात् स्थातव्याभ्याम् स्थातव्येभ्यः पं. स्थातव्यात् स्थातव्याभ्याम् स्थातव्येभ्यः ष. स्थातव्यस्य स्थातव्ययोः स्थातव्यानाम् / ष. स्थातव्यस्य स्थातव्ययोः स्थातव्यानाम् स. स्थातव्ये स्थातव्ययोः स्थातव्येषु स. स्थातव्ये स्थातव्ययोः स्थातव्येषु सं. हे स्थातव्य / हे स्थातव्यौ! हे स्थातव्याः! सं. हे स्थातव्य! हे स्थातव्ये! हे स्थातव्यानि! (75) 'तव्य' कृत्य प्रत्ययान्त (विध्यर्थकदन्त) (76) 'अनीय' कृत्य प्रत्ययान्त स्त्रीलिङ्ग “स्थातव्या" शब्द (विध्यर्थकृदन्त)- पुंलिङ्ग 'कथनीय' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. स्थातव्या स्थातव्ये स्थातव्याः प्र. कथनीयः कथनीयौ कथनीयाः द्वि. स्थातव्याम् स्थातव्ये स्थातव्याः वि. कथनीयम् कथनीयौ कथनीयान् तृ. स्थातव्यया स्थातव्याभ्याम् स्थातव्याभिः तृ. कथनीयेन कथनीयाभ्याम् कथनीयैः च. स्थातव्यायै स्थातव्याभ्याम् स्थातव्याभ्यः च. कथनीयाय कथनीयाभ्याम् कथनीयेभ्यः पं. स्थातव्यायाः स्थातव्याभ्याम् स्थातव्याभ्यः पं. कथनीयात् कथनीयाभ्याम् कथनीयेभ्यः प. स्थातव्यायाः स्थातव्ययोः स्थातव्यानाम् ष. कथनीयस्य कथनीययोः कथनीयानाम् स. स्थातव्यायाम् स्थातव्ययोः स्थातव्यासु स. कथनीये कथनीययोः कथनीयेषु सं. हे स्थातव्ये! हे स्थातव्ये! हे स्थातव्याः! सं. हे कथनीय! हे कथनीयौ! हे कथनीयाः! 11311
Page #146
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (77) 'अनीय' कृत्य प्रत्ययान्त ! (78) 'अनीय' कृत्य प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त) -नपुं. 'कथनीय' शब्द (विध्यर्थकृदन्द) स्त्रीलिङ्ग 'कथनीया' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कथनीयम् कथनीये कथनीयानि प्र. कथनीया कथनीये कथनीयाः द्वि. कथनीयम् कथनीये कथनीयानि द्वि. कथनीयाम् कथनीये कथनीयाः तृ. कथनीयेन कथनीयाभ्याम् कथनीयैः तृ. कथनीयया कथनीयाभ्याम् कथनीयाभिः च. कथनीयाय कथनीयाभ्याम् कथनीयेभ्यः च. कथनीयायै कथनीयाभ्याम् कथनीयाभ्यः पं. कथनीयात् कथनीयाभ्याम् कथनीयेभ्यः पं. कथनीयायाः कथनीयाभ्याम् कथनीयाभ्यः ष. कथनीयस्य कथनीययोः कथनीयानाम् ष. कथनीयायाः कथनीययोः कथनीयानाम् स. कथनीये कथनीययोः कथनीयेषु स. कथनीयायाम् कथनीययोः कथनीयासु सं. हे कथनीय! हे कथनीये!हे कथनीयानि! सं. हे कथनीये! हे कथनीये! हे कथनीयाः! .......................-..-..-..-..-..-..-..-. (79) य (कृत्य) प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त) (80) य (कृत्य) प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त) -पुंलिङ्ग 'कार्य' शब्द - नपुं. 'कार्य' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कार्यः कार्यो कार्याः प्र. कार्यम् कार्ये कार्याणि द्वि. कार्यम् कार्यो कार्यान् वि. कार्यम् कार्ये कार्याणि तृ. कार्येण कार्याभ्याम् कार्यैः तृ. कार्येण कार्याभ्याम् कार्यैः च. कार्याय कार्याभ्याम् कार्येभ्यः च. कार्याय कार्याभ्याम् कार्येभ्यः पं. कार्यात् कार्याभ्याम् कार्येभ्यः पं. कार्यात् कार्याभ्याम् कार्येभ्यः ष. कार्यस्य कार्ययोः कार्याणाम् ष. कार्यस्य कार्ययोः कार्याणाम् स. कार्ये कार्ययोः कार्येषु स. कार्ये कार्ययोः कार्येषु सं. हे कार्य! हे कार्यो! हे कार्याः! सं. हे कार्य! हे कार्ये! हे कार्याणि! 132
Page #147
--------------------------------------------------------------------------
________________ ' शब्द रूपावली (81) य (कृत्य) प्रत्ययान्त (विध्यर्थकृदन्त), (82) 'तम (तमप्)' प्रत्ययान्त - पुंलिङ्ग -स्त्रीलिङ्ग 'कार्या' शब्द 'शुक्लतम' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कार्या कार्ये कार्याः प्र. शुक्लतमः शुक्लतमौ शुक्लतमाः द्वि. कार्याम् कार्ये कार्याः वि. शुक्लतमम् शुक्लतमौ शुक्लतमान् तृ. कार्यया कार्याभ्याम् कार्याभिः तृ. शुक्लतमेन शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमैः च. कार्यायै कार्याभ्याम् कार्याभ्यः च. शुक्लतमाय शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमेभ्यः प. कार्यायाः कार्याभ्याम् कार्याभ्यः पं. शुक्लतमात् शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमेभ्यः घ. कार्यायाः कार्ययोः कार्याणाम् ष. शुक्लतमस्य शुक्लतमयो शुक्लतमानाम् स. कार्यायाम् कार्ययोः कार्यासु स. शुक्लतमे शुक्लतमयोः शुक्लतमेषु सं. हे कार्ये! हे कार्ये! हे कार्याः सं. हे शुक्लतम! हे शुक्लतमौ! हे शुक्लतमाः! (83) 'तम (तमप्)' प्रत्ययान्त - नपुं. (84) 'तम (तमप्)' प्रत्ययान्त -स्त्रीलिङ्ग 'शुक्लतम' शब्द 'शुक्लतमा' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. शुक्लतमम् शुक्लतमे शुक्लतमानि प्र. शुक्लतमा शुक्लतमे शुक्लतमाः द्वि. शुक्लतमम् शुक्लतमे शुक्लतमानि द्वि. शुक्लतमाम् शुक्लतमे शुक्लतमाः तृ. शुक्लतमेन शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमैः तृ. शुक्लतमया शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमाभिः च. शुक्लतमाय शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमेभ्यः च. शुक्लतमायै शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमाभ्यः पं. शुक्लतमात् शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमेभ्यः / पं. शुक्लतमायाः शुक्लतमाभ्याम् शुक्लतमाभ्यः ष. शुक्लतमस्य शुक्लतमयोः शुक्लतमानाम् ष. शुक्लतमायाः शुक्लतमयोः शुक्लतमानाम् स. शुक्लतमे शुक्लतमयोः शुक्लतमेषु स. शुक्लतमायाम् शुक्लतमयोः शुक्लतमासु सं. हे शुक्लतम! हे शुक्लतमे! हे शुक्लतमानि! सं. हे शुक्लतमे! हे शुक्लतमे! हे शुक्लतमाः! 11331
Page #148
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (85) 'तर (तरप)' प्रत्ययान्त-पुंलिङ्ग (86) 'तर (तरप)' प्रत्ययान्त - नपुं. 'पटुतर' शब्द __ 'पटुतर' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. पटुतरः पटुतरौ पटुतराः प्र. पटुतरम् पटुतरे पटुतराणि द्वि. पटुतरम् पटुतरौ पटुतरान् , द्वि. पटुतरम् पटुतरे पटुतराणि तृ. पटुतरेण पटुतराभ्याम् पटुतरैः तृ. पटुतरेण पटुतराभ्याम् पटुतरैः च, पटुतराय पटुतराभ्याम् पटुतरेभ्यः च. पटुतराय पटुतराभ्याम् पटुतरेभ्यः पं. पटुतरात् पटुतराभ्याम् पटुतरेभ्यः पं. पटुतरात् पटुतराभ्याम् पटुतरेभ्यः ष. पटुतरस्य पटुतरयोः पटुतराणाम् ष. पटुतरस्य पटुतरयोः पटुतराणाम् स. पटुतरे पटुतरयोः पटुतरेषु स. पटुतरे पटुतरयोः पटुतरेषु सं. हे पटुतर! हे पटुतरौ! हे पटुतराः! सं. हे पटुतर! हे पटुतरे! हे पटुतराणि! (87) 'तर (तरप्)' प्रत्ययान्त - स्त्रीलिङ्ग (88) 'इष्ठ' प्रत्ययान्त - पुंलिङ्ग (पटु+इष्ठ) 'पटुतरा' शब्द __ 'पटिष्ठ' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. पटुतरा पटुतरे पटुतराः प्र. पटिष्ठः पटिष्ठौ पटिष्ठाः द्वि. पटुतराम् पटुतरे पटुतराः द्वि. पटिष्ठम् पटिष्ठौ पटिष्ठान् तृ. पटुतरया पटुतराभ्याम् पटुतराभिः तृ. पटिष्ठेन पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठैः च. पटुतरायै पटुतराभ्याम् पटुतराभ्यः च. पटिष्ठाय पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यः पं. पटुतरायाः पटुतराभ्याम् पटुतराभ्यः पं. पटिष्ठात् पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्य: ष. पटुतरायाः पटुतरयोः पटुतराणाम् ष. पटिष्ठस्य पटिष्ठयोः पटिष्ठानाम् स. पटुतरायाम् पटुतरयोः पटुतरासु स. पटिष्ठे पटिष्ठयोः पटिष्ठेषु सं. हे पटुतरे! हे पटुतरे! हे पटुतराः! सं. हे पटिष्ठ! हे पटिष्ठौ! हे पटिष्टा! [134
Page #149
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (89) 'इष्ठ' प्रत्ययान्त - नपुं. (पटु+इष्ठ) (90) 'इष्ठ' प्रत्ययान्त-स्त्रीलिङ्ग 'पटिष्ठ' शब्द (पटिष्ठ+आ) “पटिष्ठा' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. पटिष्ठम् पटिष्ठे पटिष्ठानि प्र. पतिष्ठा पटिष्ठे पटिष्ठाः वि. पटिष्ठम् पटिष्ठे पटिष्ठानि वि. पटिष्ठाम् पटिष्ठे पटिष्ठाः तृ. पटिष्ठेन पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठैःत. पटिष्ठया पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठाभिः च. पटिष्ठाय पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यःच. पटिष्ठायै पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठाभ्यः पं. पटिष्ठात् पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यः पं. पटिष्ठायाः पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठाभ्यः ष. पटिष्ठस्य पटिष्ठयोः पटिष्ठानाम् ष. पटिष्ठायाः पटिष्ठयोः पटिष्ठानाम् स. पटिष्ठे पटिष्ठयोः पटिष्ठेषु स. पटिष्ठायाम् पटिष्ठयोः पटिष्ठासु सं. हे पटिष्ठ! हे पटिष्ठे! हे पटिष्ठानि! सं. हे पटिष्ठे! हे पटिष्ठे! हे पटिष्ठाः! (91) 'ईयस्' प्रत्ययान्त - पुंलिङ्ग (92) 'ईयस्' प्रत्ययान्त - _ 'पटीयस्' शब्द नपुं. 'पटीयस्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. पटीयान् पटीयांसौ पटीयांसः / प्र. पटीयः पटीयसी पटीयांसि द्वि. पटीयांसम् पटीयांसौ पटीयसः द्वि. पटीयः पटीयसी पटीयांसि तृ. पटीयसा पटीयोभ्याम् पटीयोभिः तृ. पटीयसा पटीयोभ्याम् पटीयोभिः च. पटीयसे पटीयोभ्याम् पटीयोभ्यःच. पटीयसे पटीयोभ्याम् पटीयोभ्यः पं. पटीयसः पटीयोभ्याम् पटीयोभ्यः पं. पटीयसः पटीयोभ्याम् पटीयोभ्यः ष. पटीयसः पटीयसोः पटीयसाम्ष . पटीयसः पटीयसोः पटीयसाम् स. पटीयसि पटीयसोः पटीयःसु,पटीयस्सु स. पटीयसि पटीयसोः पटीयःसु,पटीयस्सु . सं. हे पटियन्! हे पटीयांसौ! हे पटीयांसः! सं. हे पटीयः! हे पटीयसी! हे पटीयांसि! [135
Page #150
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (93) 'ईयस्' प्रत्ययान्त - स्त्रीलिङ्ग (94) 'मुहत' विशेषण - पुंलिङ्ग 'पटीयस+ई' शब्द 'महत्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. पटीयसी पटीयस्यौ पटीयस्यः प्र. महान् महान्तौ / महान्तः द्वि. पटीयसीम् पटीयस्यौ पटीयसीः द्वि. महान्तम् महान्तौ महतः तृ. पटीयस्या पटीयसीभ्याम् पटीयसीभिः तृ. महता महद्भ्याम् महद्भिः च. पटीयस्यै पटीयसीभ्याम् पटीयसीभ्यः च. महते महद्भ्याम् महद्भ्यः पं. पटीयस्याः पटीयसीभ्याम् पटीयसीभ्यः पं. महतः महद्भ्याम् महद्भ्यः ष. पटीयस्याः पटीयस्योः पटीयसीनाम् ष. महतः महतोः महताम् स. पटीयस्याम् पटीयस्योः पटीयसीषु स. महति महतोः महत्सु सं. हे पटीयसि! हे पटीयस्यौ! हे पटीयस्यः! ! सं. हे महन्! हे महान्तौ! हे महान्तः! (95) 'महत' विशेषण - नपुं. (96) 'महत' विशेषण - स्त्रीलिङ्ग 'महत्' शब्द 'महत्+ई' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. महत्, द् महती महान्ति / प्र. महती महत्यौ महत्यः द्वि. महत्, द् महती महान्ति द्वि. महतीम् महत्यौ महतीः तृ. महता महद्भ्याम् महद्भिः तृ. महत्या महतीभ्याम् महतीभिः च. महते महद्भ्याम् महद्भ्यः च. महत्यै महतीभ्याम् महतीभ्यः पं. महतः महद्भ्याम् महद्भ्यः पं. महत्याः महतीभ्याम् महतीभ्यः ष. महतः महतोः महताम् ष. महत्याः महत्योः महतीनाम् स. महति महतोः महत्सु स. महत्याम् महत्योः महतीषु। सं. हे महत्,द! हे महती! हे महान्ति! सं. हे महति! हे महत्यौ! हे महत्यः! 136
Page #151
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (97) 'मत्' प्रत्ययान्त - पुंलिङ्ग (98) 'मत्' प्रत्ययान्त - नपुं. 'धेनुमत् शब्द 'धेनुमत्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. धेनुमान् धेनुमन्तौ धेनुमन्तः प्र. धेनुमत् द् धेनुमती धेनुमन्ति द्वि. धेनुमन्तम् धेनुमन्तौ धेनुमतः वि. धेनुमत् द् धेनुमती धेनुमन्ति तृ. धेनुमता धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भिः तृ. धेनुमता धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भिः च, धेनुमते धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भ्यः च, धेनुमते धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भ्यः पं. धेनुमतः धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भ्यः पं. धेनुमतः धेनुमद्भ्याम् धेनुमद्भ्यः घ. धेनुमतः धेनुमतोः धेनुमताम् ष. धेनुमतः धेनुमतोः धेनुमताम् स. धेनुमति धेनुमतोः धेनुमत्सु स. धेनुमति धेनुमतोः धेनुमत्सु सं. हे धेनुमन्! हे धेनुमन्तौ! हे धेनुमन्तः! ! सं. हे धेनुमत,द! हे धेनुमती! हे धेनुमन्ति! (99) 'मत्' प्रत्ययान्त - स्त्रीलिङ्ग / (100) 'त्व' प्रत्ययान्त (मात्र)- नपुं. 'धेनुमत्+ई' शब्द 'देवत्वम्'शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. धेनुमती धेनुमत्यौ धेनुमत्यः प्र. देवत्वम् देवत्वे देवत्वानि द्वि. धेनुमतीम् धेनुमत्यौ धेनुमतीः द्वि. देवत्वम् देवत्वे देवत्वानि तृ. धेनुमत्या धेनुमतीभ्याम् धेनुमतीभिः तृ. देवत्वेन देवत्वाभ्याम् देवत्वैः च. धेनुमत्यै धेनुमतीभ्याम् धेनुमतीभ्यः च. देवत्वाय देवत्वाभ्याम् देवत्वेभ्यः पं. धेनुमत्याः धेनुमतीभ्याम् धेनुमतीभ्यः / पं. देवत्वात् देवत्वाभ्याम् देवत्वेभ्यः ष. धेनुमत्याः धेनुमत्योः धेनुमतीनाम् ष. देवत्वस्य देवत्वयोः देवत्वानाम् स. धेनुमत्याम् धेनुमत्योः धेनुमतीषु स. देवत्वे देवत्वयोः देवत्वेषु सं. हे धेनुमति! हे धेनुमत्यौ! हे धेनुमत्यः! : सं. हे देवत्व! हे देवत्वे! हे देवत्वानि! [1377
Page #152
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (101) 'ता' प्रत्ययान्त (मात्र) - स्त्रीलिङ्ग! (102) 'अन'अंत पुंलिङ्ग शुक्लता' शब्द - 'राजन' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. शुक्लता शुक्लते शुक्लताः प्र. राजा राजानौ राजानः द्वि. शुक्लताम् शुक्लते शुक्लताः द्वि. राजानम् राजानौ राज्ञः तृ. शुक्लतया शुक्लताभ्याम् शुक्लताभिः तृ. राज्ञा राजभ्याम् राजभिः च. शुक्लतायै शुक्लताभ्याम् शुक्लताभ्यः / च. राज्ञे राजभ्याम् राजभ्यः पं. शुक्लतायाः शुक्लताभ्याम् शुक्लताभ्यः पं. राज्ञः राजभ्याम् राजभ्यः ष. शुक्लतायाः शुक्लतयोः शुक्लतानाम् ष. राज्ञः राज्ञोः राज्ञाम् स. शुक्लतायाम् शुक्लतयोः शुक्लतासु स. राज्ञि,राजनि राज्ञोः राजसु सं. हे शुक्लते! हे शुक्लते! हे शुक्लताः! सं. हे राजन्! हे राजानौ! हे राजानः! (103) 'राजन्' शब्द - स्त्रीलिङ्ग - (104) 'अन्' अंत - नपुं. 'दामन्' शब्द राज्ञी (राजन+ई) वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. राज्ञी राज्यौ राज्यः प्र. दाम दाम्नी, दामनी दामानि द्वि. राज्ञीम् राज्यौ राज्ञीः वि. दाम दाम्नी, दामनी दामानि है राज्या राशीभ्याम् राज्ञीभिः तृ. दाम्ना दामभ्याम् दामभिः च. राज्यै . राज्ञीभ्याम् राज्ञीभ्यः च. दाम्ने दामभ्याम् दामभ्यः पं. राज्याः राज्ञीभ्याम् राज्ञीभ्यः पं. दाम्नः दामभ्याम् दामभ्यः ष. राझ्याः राज्योः राज्ञीनाम् ष. दाम्नः दाम्नोः दाम्नाम् . स. राज्याम् राइयोः राज्ञीषु स. दाम्नि,दामनि दाम्नोः दामसु सं. हे राज्ञि! ळे राज्यौ! हे राज्यः! सं. हे दाम,दामन्!हे दाम्नी,दामनी!हे दामानि! 11381
Page #153
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (106) 'अन्' अंत - पुंलिङ्ग 'सीमन्' शब्द ___ 'आत्मन्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. सीमा सीमानौ सीमानः प्र. आत्मा आत्मानौ आत्मानः सीमानम् सीमानौ सीम्नः द्वि. आत्मानम् आत्मानौ आत्मनः तृ. सीम्ना सीमभ्याम् सीमभिः तृ. आत्मना आत्मभ्याम् आत्मभिः सीम्ने सीमभ्याम् सीमभ्यः च. आत्मने आत्मभ्याम् आत्मभ्यः पं. सीम्नः सीमभ्याम् सीमभ्यः पं. आत्मनः आत्मभ्याम् आत्मभ्यः सीम्नः सीम्नोः सीम्नाम् ष. आत्मनः / आत्मनोः आत्मनाम् स. सीम्नि,सीमनि सीम्नोः सीमसु स. आत्मनि आत्मनोः आत्मसु सं. हे सीमन्! हे सीमानौ! हे सीमानः सं. हे आत्मन्! हे आत्मानौ! हे आत्मानः! (107) 'अन्' अंत - नपुं. कर्मन् (108) 'इन्' अंत - पुंलिङ्ग 'शशिन्' शब्द वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कर्म कर्मणी कर्माणि प्र. शशी शशिनौ शशिनः वे. कर्म कर्मणी कर्माणि द्वि. शशिनम् शशिनौ शशिनः 8. कर्मणा कर्मभ्याम् कर्मभिः . तृ. शशिना शशिभ्याम् शशिभिः च. कर्मणे कर्मभ्याम् कर्मभ्यःच. शशिने शशिभ्याम् शशिभ्यः पं. कर्मणः कर्मभ्याम् कर्मभ्यः पं. शशिनः शशिभ्याम् शशिभ्यः प. कर्मणः कर्मणोः कर्मणाम् ष. शशिनः शशिनोः शशिनाम् स. कर्मणि कर्मणोः कर्मसु स. शशिनि शशिनोः शशिषु सं. हे कर्म!कर्मन्! हे कर्मणी! हे कर्माणि! सं. हे शशिन्! हे शशिनौ! हे शशिनः! -.. -.. -.. . - -.. . 11391
Page #154
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (109) 'इन्' अंत - नपुं. 'भाविन्' शब्द (110) 'इन्' अंत - स्त्रीलिङ्ग 'मायिनी' (मायिन्+ई) वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. भावि भाविनी भावीनि प्र. मायिनी मायिन्यौ मायिन्यः द्वि. भावि भाविनी भावीनि वि. मायिनीम् मायिन्यौ मायिनी: तृ. भाविना भाविभ्याम् भाविभिः तृ. मायिन्या मायिनीभ्याम् मायिनीभिः भाविने भाविभ्याम् भाविभ्यः च. मायिन्यै मायिनीभ्याम् मायिनीभ्यः पं. भाविनः भाविभ्याम् भाविभ्यः पं. मायिन्याः मायिनीभ्याम् मायिनीभ्यः ष. भाविनः ___भाविनोः भाविनाम् ष. मायिन्याः मायिन्योः मायिनीनाम् स. भाविनि भाविनोः भाविषु स. मायिन्याम् मायिन्योः मायिनीषु सं. हे भावि!भाविन्! हे भाविनी! हे भावीनि! सं. हे मायिनि! हे मायिन्यौ! हे मायिन्यः! (111) 'अस्' अंत - पुंलिङ्ग (112) 'अस्' अंत -नपुं. 'चन्द्रमस्' शब्द 'पयस्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. चन्द्रमाः चन्द्रमसौ चन्द्रमसः प्र. पयः पयसी पयांसि द्वि. चन्द्रमसम् चन्द्रमसौ चन्द्रमसः द्वि. पयः पयसी पयांसि तृ. चन्द्रमसा चन्द्रमोभ्याम् चन्द्रमोभिः तृ. पयसा पयोभ्याम् पयोभिः च. चन्द्रमसे चन्द्रमोभ्याम् चन्द्रमोभ्यः च. पयसे पयोभ्याम् पयोभ्य: पं. चन्द्रमसः चन्द्रमोभ्याम् चन्द्रमोभ्यः पं. पयसः पयोभ्याम् पयोभ्यः ष. चन्द्रमसः चन्द्रमसोः चन्द्रमसाम् ष. पयसः पयसोः पयसाम् / स. चन्द्रमसि चन्द्रमसोःचन्द्रमःसु,चन्द्रमस्सु ! स. पयसि पयसोः पयःसु,पयस्सु सं. हे चन्द्रमः! हे चन्द्रमसौ! हे चन्द्रमसः! सं. हे पयः! हे पयसी! हे पयांसि! 140]
Page #155
--------------------------------------------------------------------------
________________ 'अप्सर शब्द रूपावली (113) 'अस्' अंत - स्त्रीलिङ्ग (114) 'वाच्’ - स्त्रीलिङ्ग 'अप्सरस्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. अप्सराः अप्सरसौ अप्सरसः प्र. वाक्, वाग् वाचौ वाचः द्वि. अप्सरसम् अप्सरसौ अप्सरसः द्वि. वाचम् वाचौ वाचः तृ. अप्सरसा अप्सरोभ्याम् अप्सरोभिः तृ. वाचा वाग्भ्याम् वाग्भिः च. अप्सरसे अप्सरोभ्याम् अप्सरोभ्यः च. वाचे वाग्भ्याम् वाग्भ्यः पं. अप्सरसः अप्सरोभ्याम् अप्सरोभ्यः पं. वाचः वाग्भ्याम् वाग्भ्यः प. अप्सरसः अप्सरसोः अप्सरसाम् ष. वाचः वाचोः वाचाम् स. अप्सरसि अप्सरसोः अप्सरःसु,अपसरस्सुस. वाचि वाचोः वाक्षु सं. हे अप्सरः! हे अप्सरसौ! हे अप्सरसः! सं. हे वाक्,वाग! हे वाचौ! हे वाचः! -. -.. - . - . - . (115) 'वणिज पुंलिङ्ग (116) 'आयुस्' नपुं. वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रा. वणिक,वणिग् वणिजौ वणिजः प्र. आयुः आयुषी आयूंषि द्वि. वणिजम् वणिजौ वणिजः द्वि. आयुः आयुषी आयूंषि तृ. वणिजा वणिग्भ्याम् वणिग्भिः तृ. आयुषा आयुाम् आयुभिः च. वणिजे वणिग्भ्याम् वणिग्भ्यः च. आयुषे आयुाम् आयुरोः पं. वणिजः वणिग्भ्याम् वणिग्भ्यः पं. आयुषः आयुाम् आयुरोः घ. वणिजः वणिजोः वणिजाम् ष. आयुषः आयुषोः आयुषाम् स. वणिजि वणिजोः वणिक्षु स. आयुषि आयुषोः आयुष्षु/आयुःषु सं. हे वणिक,वणिग्! हे वणिजौ! हे वणिजः! सं. हे आयुः! हे आयुषी! हे आयूंषि!
Page #156
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (117) 'द्विष्' पुंलिङ्ग (118) ऋकारान्त पुंलिङ्ग - 'पित्' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. विट्, ड् द्विषो द्विषः प्र. पिता पितरौ पितरः द्वि. द्विषम् द्विषौ द्विषः द्वि. पितरम् पितरौ पित,न् तृ. द्विषा विड्भ्याम् द्विभिः तृ. पित्रा पितृभ्याम् पितृभिः च. द्विषे द्विड्भ्याम् द्विड्भ्यः च. पित्रे पितृभ्याम् पितृभ्यः पं. द्विषः द्विड्भ्याम् द्विड्भ्यः पं. पितुः पितृभ्याम् पितृभ्यः द्विषोः द्विषाम् ष. पितुः पित्रोः पित णाम् स. द्विषि द्विषोः द्विट्सुस. पितरि पित्रोः पितृषु सं. हे द्विट्, ड्! हे द्विषौ! हे द्विषः! सं. हे पितः! हे पितरौ! हे पितरः (119) ऋकारान्त स्त्रीलिङ्ग - (120) ऋकारान्त पुंलिङ्ग - 'नृ' शब्द 'मातृ' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. माता ___ मातरौ मातरः प्र. ना नरौ नरः द्वि. मातरम् मातरौ मातृः वि. नरम् नरौ नन् तृ. मात्रा मातृभ्याम् मातृभिः तृ. ना नृभ्याम् नृभि च. मात्रे मातृभ्याम् मातृभ्यः च. ने नृभ्याम् नुभ्यः पं. मातुः मातृभ्याम् मातृभ्यः पं. नुः नृभ्याम् नृभ्यः ष. मातुः मात्रोः मात,णाम् ष. नुः नोः नणाम्/ नृणम स. मातरि मात्रोः मातृषु स. नरि नोः नषु / सं. हे मातः! हे मातरौ! हे मातरः! सं. हे न! हे नरौ! हे नर! / 11421
Page #157
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (121) ऋकारान्त स्त्रीलिङ्ग - 'स्वसू' शब्द (122) ऋकारान्त पुंलिङ्ग - 'नप्त' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. स्वसा स्वसारौ स्वसारः द्वि. स्वसारम् स्वसारौ स्वस : 4. स्वस्त्रा स्वसृभ्याम् स्वसृभिः च. स्वस्त्रे स्वसृभ्याम् स्वसृभ्यः पं. स्वसुः स्वसृभ्याम् स्वसृभ्यः घ. स्वसुः स्वस्त्रोः स्वसृणाम् स. स्वसरि स्वस्त्रोः स्वसृषु सं. हे स्वसः! हे स्वसारौ! हे स्वसारः! वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. नप्ता नप्तारौ नप्तारः द्वि. नप्तारम् नप्तारौ नप्तॄन् तृ. नात्रा नप्तृभ्याम् नप्तृभिः च. नप्त्रे नप्तृभ्याम् नप्तृभ्यः पं. नप्तुः नप्तृभ्याम् नप्तृभ्यः ष. नप्तुः नप्त्रोः नप्तॄणाम् स. नप्तरि नप्त्रोः नतृषु सं. हे नप्तः! हे नप्तारौ! हे नप्तारः! . ..................... - . . - . . - . . - . . - . . - . . - . . - . . (123) तु (तृच के तृन्) प्रत्ययान्त- (124) तु प्रत्ययान्त कृदन्त - नपुं. विशेषण - पुंलिङ्ग 'कर्तृ' शब्द / ___ 'कर्तृ' शब्द वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. कर्ता कर्तारौ कर्तारः प्र. कर्तृ कर्तृणी कर्तृणि द्वि. कर्तारम् कर्तारौ कर्तृन् / द्वि. कर्तृ कर्तृणी कर्तृणि तृ. का कर्तृभ्याम् कर्तृभिः तृ. कर्तृणा कर्तृभ्याम् कर्तृभिः च. कत्रे कर्तृभ्याम् कर्तृभ्यःच. कर्तृणे कर्तृभ्याम् कर्तृभ्यः पं. कर्तुः कर्तृभ्याम् कर्तृभ्यः पं. कर्तृणः कर्तृभ्याम् कर्तृभ्यः घ. कर्तुः कोंः कर्तृणाम् ष. कर्तृणः कर्तृणोः कर्तृणाम् स. कर्तरि कोः कर्तृषु स. कर्तृणि कर्तृणोः कर्तृषु सं. हे कर्तः! हे कर्तारौ! हे कर्तारः! सं. हे कर्तः कर्तृ! हे कर्तृणी! हे कर्तृणि! [1431
Page #158
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (125) तृ प्रत्ययान्त कृदन्त-स्त्रीलिङ्ग (126) 'नौ' शब्द स्त्रीलिङ्ग 'कर्तृ' (की) शब्द वे. एकवचन द्विवचन बहुवचन वि. एकवचन द्विवचन बहुवचन प्र. की कयौ कर्व्यः प्र. नौः नावौ नावः द्वि. कीम् कयौ कीः वि. नावम् नावौ नावः तृ. का कीभ्याम् कीभिः तृ. नावा नौभ्याम् नौभिः च. कर्ये कर्वीभ्याम् कर्तीभ्यः च. नावे नौभ्याम् नौभ्यः पं. कर्व्याः कर्तीभ्याम् कर्तीभ्यः पं. नावः नौभ्याम् नौभ्यः ष. काः कोः कर्बीणाम् ष. नावः नावोः नावाम् स. काम् कोः कर्वीषु स. नावि नावोः सं. हे कत्रि! हे कत्र्यौ! हे कर्त्यः! सं. हे नौः! हे नावौ! हे नावः! नौषु . संख्यादर्षक शब्दोना रूपो (128) एक-शब्द नपुं. (127) एक - शब्द पुंलिङ्ग विभक्ति एकवचन बहुवचन विभक्ति एकवचन बहुवचन एके एकम् एकानि द्वि. एकम् एकान् वि. एकम् एकानि त. एकेन एकैः / / एकेन च. एकस्मै एकेभ्यःच. एकस्मै एकेभ्यः एकस्मात् एकेभ्यः पं. एकस्मात एकेभ्यः एकस्य एकस्य एकेषाम् एकस्मिन् एकेषु एकस्मिन् F.gral एकेषाम् # एकेषु
Page #159
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (129) एक - शब्द स्त्रीलिङ्ग (130) द्वि-शब्द (द्विवयनमा ज वपराय छे) त्रिलिङ्ग विभक्ति एकवचन बहुवचन वि. पुंलिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग प्र. एका एकाः प्र. द्वौ वे वे एकाम् एकाः वि. द्वौ वे द्वे एकया एकाभिः तृ. द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् एकस्यै एकाभ्यः च. द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् एकस्याः एकाभ्यः पं. द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् एकस्याः एकासाम् ष. द्वयोः द्वयोः द्वयोः एकस्याम् एकासुस. द्वयोः द्वयोः द्वयोः -.. -.. -.. -.. -.. -... - . - . -.. -.. -.. -.. - . - . - . -.. -.. -.. -.. -.. -.. - . (131) त्रि - शब्द (132) चतुर् - (चार) त्रिलिङ्ग (बहुवयनमा ज वजयाय छे) त्रिलिङ्ग वि. पुंलिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग वि. पुंलिंग स्त्रीलिंग नपुंसकलिंग प्रा. त्रयः तिस्त्रः त्रीणि प्र. चत्वारः चतस्त्रः चत्वारि द्वि. त्रीन् तिस्त्रः त्रीणि द्वि. चतुरः चतस्त्रः चत्वारि त्रीभिः तिसृभिः त्रीभिः तृ. चतुर्भिः चतसृभिः चतुर्भिः च. त्रिभ्यः तिसृभ्यः त्रिभ्यः | च. चतुर्यः चतसृभ्यः चतुर्यः पं. त्रिभ्यः तिसृभ्यः त्रिभ्यः पं. चतुर्यः चतसृभ्यः चतुर्थ्यः ष. त्रयाणाम् तिसृणाम् त्रयाणाम् ष. चतुर्णाम् चतसृणाम् चतुर्णाम् स. त्रिषु तिसृषु त्रिषु स. चतुर्षु चतसृषु चतुर्यु 1145]
Page #160
--------------------------------------------------------------------------
________________ शब्द रूपावली (133) पचन् थी नवदशन सुधी (134) वि. पञ्चन् षष् अष्टन् वि. त्रिंशत् षष्टि शत प्र. पञ्च षट्/षड् अष्ट/अष्टौ प्र. त्रिंशतः षष्टयः शतं द्वि. पञ्च षट्/षड् अष्ट/अष्टौ द्वि. त्रिंशतः षष्टीः शतं तृ. पञ्चभिः षभिः अष्टभिः/अष्टाभिः तृ. त्रिंशद्भिः षष्टिभिः शतेन च. पञ्चभ्यः षड्भ्यः अष्टभ्यः / अष्टाभ्यः च. त्रिंशद्भ्यः षष्टिभ्यः शताय पं. पञ्चभ्यः षड्भ्यः अष्टभ्यः/अष्टाभ्यः पं. त्रिंशद्भ्यः षष्टिभ्यः शतेभ्यः ष. पञ्चानाम् षण्णाम् अष्टानाम्/अष्टानाम् ष. त्रिंशताम् षष्टीनाम् शतानाम् स. पञ्चसु षट्सु अष्टसु/अष्टासु स. त्रिंशत्सु षष्टिषु शतेषु नमः [146]
Page #161
--------------------------------------------------------------------------
________________ -- प्रसंगोपात विभक्तियाँ
Page #162
--------------------------------------------------------------------------
________________ प्रंसोगापात विभक्तिओं। पाठ प्रसंगो विभक्ति पाठ - 20 | द्वितीया विभक्ति कर्म ने थाय छे द्वितीया विभक्ति नियम -2 पाठ - 20 कर्ता क्रिया वडे खास प्राप्त करवाने इच्छे द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (अ) | ज्या जq होय त्यां पाठ - 20 जे कराय ते कर्म द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (आ) पाठ - 20 क्रियानुं फळ जेमा होय, ते कर्म द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (इ) पाठ - 25 विना अव्यय साथे जोडाएला नामने द्वितीया विभक्ति नियम -7 द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 34 | उपसर्ग पूर्वक, क्रुध, द्रु, धातु होय तो जेने प्रत्ये कोप| द्वितीया विभक्ति नियम -5 थाय ते कर्म पाठ - 36 | क्रियाना विशेषणो नपुंएकवचनमा अने द्वितीया विभक्ति नियम -3 | द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 36 |धिक, अन्तरेण, विगेरे अव्यय साथे वाला नामने द्वितीया विभक्ति नियम - 4 द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 23 तृतीया विभक्ति करण नें थाय छे तृतीया विभक्ति नियम -1 पाठ - 23 जेना वडे क्रिया कराय ते करण तृतीया विभक्ति नियम - 3 तृतीया विभक्ति पाठ - 23 नियम - 4 पाठ - 25 नियम -7 पाठ - 29. |सह अव्यय साथे जोडाएला नामने तृतीया विभक्ति थाय छे | विना अव्यय साथे जोडाएला नामने तृतीया विभक्ति थाय छे हेतु नामने तृतीया विभक्ति थाय छे तृतीया विभक्ति तृतीया विभक्ति 147
Page #163
--------------------------------------------------------------------------
________________ प्रसोगापात विभक्तिओं प्रसंगो पाठ विभक्ति तृतीया विभक्ति तृतीया विभक्ति | तृतीया विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति | चतुर्थी विभक्ति नियम -4(अ,आ) | पाठ - 38. अंग के स्वभाव ना विशेषणो ने नियम - 3 | तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 38. | तुल्य अर्थवाला नामने नियम -4 तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 42. | कृतम्, भवतु, अलम्, किम् निषेधात्मक अव्ययो नियम - 5 | साथे नामने तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 24. चतुर्थी विभक्ति संप्रदान ने थाय छे नियम -3 पाठ - 24. जेने आपवामां आवे ते संप्रदान निमय -4 पाठ - 24. श्रद्धा, उपकार, किर्ती विगेरे थी संबंध करवामा |निमय - 4 (आ) आवे ते संप्रदान पाठ -24. माटे, वास्ते, सारू, काजे, एवा अर्थमा संप्रदान नियम - 5 थाय छे नमस के स्वस्ति अव्यय साथे जोडाएला नामने | चतुर्थी विभक्ति थाय छे पाठ - 34. | स्पृह धातुनु कर्म विकल्पे संप्रदान थाय छे नियम -3 पाठ - 34. | क्रोध, द्रुह्, इर्ष्या विगेरे ना अर्थमा संप्रदान नियम -4 | थाय छे पाठ - 34. गमवू अर्थवाला धातुओना योगमा, जेने गमे तेने नियम -6 चतुर्थी विभक्ति थाय छे पाठ - 25. | पंचमी विभक्ति अपादान ने थाय छे नियम -5 चतुर्थी विभक्ति | चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति पंचमी विभक्ति [148)
Page #164
--------------------------------------------------------------------------
________________ प्रंसोगापात विभक्तिओं / पाठ पाट प्रसंगो / विभक्ति | जेनाथी छुटु पडवानु होय ते अपादान पंचमी विभक्ति पंचमी विभक्ति विना अव्यय साथे जोडाएला नामने | पंचमी विभक्ति थाय छे गुणवाचक हेतु नामने पंचमी विभक्ति थाय छे | पंचमी विभक्ति पाठ - 25. नियम -6 पाठ - 25. नियम -7 पाठ - 29. नियम -5 पाठ - 29. नियम -6 पाठ - 26. नियम -4 पाठ - 38. निमय - 4 पाठ - 40. नियम - 10 पाठ - 26. | नियम -5 पाठ - 26. नियम -6 पाठ - 40. नियम -9 पाठ - 45. निमय -7 |अमुक वस्तु लइने तेने बदले बीजी वस्तुने | पंचमी विभक्ति प्रति अव्यय ना योगमा पंचमी विभक्ति थाय छे नामनो बीजा नाम साथे संबंध होय त्यारे गौण नामने | षष्ठी विभक्ति षष्ठी विभक्ति थाय छे तुल्य अर्थवाला नाम साथे जोडाएला नामने षष्ठी विभक्ति षष्ठी विभक्ति थाय छे | सति सप्तमी थवाने प्रसंगे अनादर होय तो षष्ठी | षष्ठी विभक्ति | विभक्ति थाय छे सप्तमी विभक्ति अधीकरण ने थाय छे सप्तमी विभक्ति वस्तुनो आधार, रहेवा स्थान ते अधीकरण | सप्तमी विभक्ति जेनी क्रिया बीजानी क्रिया ने ओळखावती होय ते सप्तमी विभक्ति | सप्तमी विभक्ति | समुदाय मांथी जुदु पाड्या विना जाति गुण विगेरेनी | षष्ठी के सप्तमी मुख्यताए बुद्धिथी जुएं करवू होय त्यारे पंचमी ने | विभक्ति थाय छ। |बदले षष्ठी के सप्तमी विभक्ति थाय छे 11491
Page #165
--------------------------------------------------------------------------
________________ अर्थ सहित कृदन्त N
Page #166
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली: हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्तवर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वर्तमान भावे कृदन्त वर्तरि मत कर्मणि भूत कृदन्त भावे भूत , कृदन्त क्रम. धातु 'कर्मणि तृ.पु. एक वचन कृदन्त Intr विध्यर्थ कृदन्त -- पाठ क्रमाक 2h | नम् 1 पर | नन्तुम् नत्वा नमत् नम्यमान नम्यमान नात नत नतनन्तव्य नगनीय,नम्य नम्यते नमवू | | | नमवा माटे | नमीने नमतो |नमातो नमातो नोल नमायलो | नमायेलो नमक योग्य नमाय हे 2. | पठ् 1 | पर | पठितुम् पठित्वा | पठत् पठयमान पठ्यमान परिता पठित / पठित पठितव्य पठनीय,पाठ्य पठ्यते भणवू | | | भणवा माटे | भणीने भणतो भणातो भणातो भणायेलो | भणायेलो | भण जोहए भणाय छे 23. | पत् 1 पर | पतितुम् |पतित्वा | पतत् पत्यमान पत्यमान पता पतित पतित पतियातनीय,पात्य पत्यते | | पडवा माटे | पडीने पडतो / पडातो पडातो पोपडापेले सायेलो घडता योग्य पडाय छ रक्ष 1 पर | रक्षितुम् रक्षित्वा | रक्षत् रक्ष्यमान रक्ष्यमान रक्षित रक्षित / रथित क्षितला, जीररक्ष्य रहयो / | रक्षवा माटे | रक्षीने रक्षण करतो रक्षण करातो रक्षण कराता रक्षा करेलो रक्षा रक्षतुं जाइए। रक्षाय हे 3 रक्षवु उद्यमान बोलातो टोले 39 5. | वद् | पर | वदितुम् |उदित्वा वदत उद्यमान बोलवू | | | बोलवा माटे | बोलीने बोलतो बोलाटो / 6. | वस् 1 पर | वस्तुम् |उषित्वा | वसत् उष्यमाण वसतुं | | | रहेवा माटे रहीने वसतो,रहेतो वसातो, भण् 1 पर | भणितुम् भणित्वा भणत् भण्यमान भणवू | | भणवा माटे | भणीने भणतो भणातो उष्यमाण वसातो भण्यमान भणातो उ दित उदित तदितव्य वदनीय मादय उठाते / बोलायला बोलायेलो बोल नाइए बोलाय हे उषित उषित वस्तब, वानीच, वास्य उष्यते तपायेलो बसायला वराव जाइए रहेदा योग्य | वसाय छ भण्यो भणायेलो भणायेलो भणवा योग्य भणाय छे 7 भणेलो
Page #167
--------------------------------------------------------------------------
________________ खाद्यमान खा खाधेलो बळवू बळातो खाद् |1 |पर | खादितुम् खादित्वा खादत् / | खाद्यमान खादितवत् | खादित / खादित खादितव्य,खादनीय,खाद्य खाद्यते | खावा माटे | खाइने |खातो खवातो खवातो | खवायेलो | खवायेलो | खाएं जोइए खवाय छे दह 1 |पर | दग्धुम् ।दग्ध्वा | दहत् दह्यमान दह्यमान दग्धवत् | दग्ध | दग्ध दग्धव्य, दहनीय, दाह्य दह्यते / | | बळवां माटे | बळीने, बळतो, बळातो | बळेलो |बळायेलो | बळायेलो | बळवू जोइए,बाळवा योग्य बळाय छे बाळq | | बाळीने बाळतो अट् |1 पर | अटितुम् अटित्वा |अटत् / अट्यमान अट्यमान |अटितवत् अटित | अटित अटितव्य, अटनीय / अट्यते 4 रखड | | रखडवा माये रखडीने रखडतो रखडातो रखडातो रखडेलो रखडायेलो| रखडायेलो रखडजोइए |रखडाय छे| 11. | अर्च् 1 पर | अर्चितुम अर्चित्वा अर्चत् अर्घ्यमान अर्च्यमान अर्चितवत् अर्चित | अर्चित अर्चितव्य अर्चनीय अर्च्यते 4 | पूजq | | | पूजवा माटे | पूजीने पूजा करतो पूजा करातो | पूजा करातो पूजा करेलो पूजा करायेलो पूजा करायेलो पूजवा योग्य पूजा कराय घे 12. | चल |1 पर | चलितुम् | चलित्वा चलत् चल्यमान चल्यमान |चलितवत् | चलित | चलित | चलितव्य चलनीय / चल्यते 4 चालवू | | | चालवा माटे| चालीने | चालतो चलातो चलातो चालेलो |चलायेलो | चलायेलो | चालवा योग्य चलाय छे 1 पर | चरितुमचरित्वा चरत्च र्यमाण चर्यमाण चरितवत् | चरित | चरित चरितव्य, चरणीय चर्यते फरवु | फरवा माटे | फरीने चरतो,फरतो चरातो,फरातो चरातो,फरातो चरेलो चरायेलो | चरायेलो | चरवा योग्य जीव् 1 पर | जीवितुम् | जीवित्वा जीवत् / जीव्यमान जीव्यमान जीवितवत् | जीवित | जीवित जीवितव्य,जीवनीय,जीव्य जीव्यते 15 जीव, | | |जीववा माटे | जीवीने |जीवतो आजीविका |जीवातो जीवेलो |जीवायेलो| जीवायेलो| जीववा योग्य जीवाय छे चलावातो | त्यज् 1 पर | त्यक्तुम त्यक्त्वा |त्यजत् त्यज्यमान त्यज्यमान |त्यक्तवत् त्यक्त | त्यक्त त्यक्तव्य,त्यजनीय,त्याज्य त्यज्यते / छोडवू | | | | छोडवा माटे छोडीने | छोडतो,त्यजत त्यजातो त्यजातो त्यजेलो त्यजायेलो| त्यजायेलो| त्यजवा योग्य त्यजाय छे 16. | क्षर् 1 पर | क्षरितुम् क्षरित्वा |क्षरत् / क्षर्यमाण क्षरितवत् क्षरित / क्षरित क्षरितव्य क्षर्यते 15 | खरवा माटे | खरीने खरतो खरातो खरातो | खरेलो |खरायेलो | खरायेलो | पडवा योग्य खराय छे पडवा माटे | पडीने | पडतो पडातो 151 चराय छे क्षर्यमाण
Page #168
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कदन्तावली: M कृदन्त भूत कृदन्त कदन्न संबंधक वर्तमान कर्तरि कृदन्त णत.प. SAKSE 42 Ince Elipse नक्रम. एक वचन blue 216 Inic ON 11521 क्रीड् 1 पर | क्रीडितुम् | क्रीडित्वा क्रीडत् क्रीड्यमान क्रीड्यमान | क्रीडितवत् | क्रीडित | क्रीडित | क्रीडितव्य, क्रीडनीय क्रीड्यते रम रमवा माटे रमीने रमतो क्रीडा करातो क्रीडा कराती क्रीडा करेली क्रीडा | क्रीडा | रमवा योग्य क्रीडा क्रीडा करतो करायेलो | करायेलो कराय छे जप 1 |पर | जपितुम जपित्वा जपत् जप्यमान जप्यमान |जपितवत् |जपित जपित |जपितव्य, जपनीय जप्यते जपवा माटे जपीने जपतो, जाप करातो | जाप करातो | जाप करेलो| जाप जाप जपवा योग्य जपाय छे जाप करतो जपातो करायेलो करायेलो / 19. | जिम् 1 |पर | जेमितुम जेमित्वा जेमत् जिम्यमान | जिम्यमान जेमितवत् जेमित जेमित जेमितव्य,जेमनीय,जिम्य |जिम्यते जमवू / / जमवा माटे जमीने जमतो जमातो जमातो जमेलो खवायेलो |खवायेलो | जमवा योग्य खवाय छे 20. | निन्द् 1 |पर निन्दितुम् |निन्दित्वा निन्दत् निन्द्यमान | निन्द्यमान निन्दितवत् | निन्दित निन्दित | निन्दितव्य,निन्दनीय,निन्द्य निन्द्यते निन्दा निन्दा निन्दा निन्दा निन्दा | निन्दा निन्दवा योग्य करवो करवा माटे करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो करायेलो कराय छे 21. वृष 1 | पर वर्षितुम् वर्षित्वा,वृष्ट्वा वर्षत् वृष्यमाण वृष्यमाण वृष्टवत् वृष्ट वृष्ट वर्षितव्य,वर्षणीय,वृष्य वृष्यते / वरसवु / |वरसवा माटेवरसीने वरसतो वरसातो | वरसातो - वरसेलो | वरसायेलो वरसायेलो | वरसवा योग्य वरसाय छे 22. शुच् 1 पर शोचितुम् शोचित्वा शोचत् शुच्यमान शुच्यमान शोचितवत् शोचितशुचिताशोचित,शुचित शोचितव्य,शोचनीय,शोच्य शुच्यते शोक शोक करीने शोक करतो शोक करातो शोक करातो शोक करेलो शोक शोक शोक करवो जोइए शोक निन्दा निन्दा शोक
Page #169
--------------------------------------------------------------------------
________________ जयत तर / - - - करवो / / करवा माटे| | करायेलो करायेलो कराय छे / जि. 1 पर जेतुम् जित्वा जीयमान |जीयमान जितवत् |जित जित |जेतव्य, जयनीय, जेय जीयते / जीत, | | |जीतवा मावे जीतिने जीततो जीतातो | जीतातो जीतेलो जीतायेलो जीतायेलो | जीतवा योग्य जीताय छे तृ 1 पर | तरीतुम् तीर्वा / तरत तीर्यमाण तीर्यमाण तीर्णवत् ।तीर्ण तीर्ण तरितव्य,तरीतव्य,तरणीय तीर्यते / / तरवा माटे |तरीने तरतो तरातो | तरातो | तरेलो | तरायेलो |तरायेलो | तरवा योग्य तराय छे धाव् 1 पर धावितुम् धावित्वा धावत् धाव्यमान धाव्यमान धावितवत् धावित धावित धावितव्य,धावनीय,धाव्य धाव्यते / दोडवू | | | दोडवा माये दोडीने दोडतो दोडातो दोडातो | दोडेलो दोडायेलो | दोडायेलो | दोडवा योग्य दोडाय छे भू 1 पर भवितुम् भूत्वा / भवत् भूयमान |भूयमान भूतवत् भूत भूत भवितव्य, भवनीय, भव्य भूयते / थर्बु / थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो | थवायेलो थवायेलो |थवा योग्य थवाय छे सृ 1 पर | सर्तुम् सृत्वा / |सरत् स्रियमाण म्रियमाण सृतवत् सृत सृत सर्तव्य, सरणीय, सार्य |म्रियते न खस, | | | सरकवा माटे |सरकीने सकरतो सरकातो | सरकातो | सरकेलो | सरकायेलो सरकायेलो| खस, जोइए सरकाय छे 28. स्मृ 1 पर | स्मर्तुम् स्मृत्वा स्मरत् स्मर्यमाण स्मर्यमाण स्मृतवत् स्मृत स्मृत / | स्मर्तव्य,स्मरणीय,स्मार्य स्मर्यते |संभाळj | याद करवा याद करीने याद करतो याद करातो | याद करातो | याद करेलो | याद याद याद करवा योग्य याद कराय| / माटे करायेलो करायेलो | 29. | क्षि 1 पर क्षेतुम् क्षित्वा क्षयत् क्षीयमाण क्षीयमाण क्षितवत,क्षीणवत् क्षित, क्षीण क्षीण, क्षित क्षेतव्य, क्षयणीय क्षीयते / क्षय थQ / क्षयथवा माटे क्षय थइने क्षय थतो क्षय थवातो |क्षय थवातो |क्षय थयेलो क्षय थवायेला क्षय थवायेला क्षय थवा योग्य क्षयथवायछे| 30. | कुप् 4 पर कोपितुम् कोपित्वाकुपित्वा कुप्यत् कुप्यमान | कुप्यमान |कुपितवत् |कुपित कुपित . | कोपितव्य, कोपनीय कुप्यते . | कोप करवा कोप करीने कोप करतो कोप करातो | कोप करातो| कोप करेलो कोप कोप कोप करवा योग्य करवो | | करायेलो करायेलो | कराय छ / क्रुध् 4 |पर | क्रोद्धुम् क्रुद्धवा क्रुध्यत् क्रुध्यमान क्रुध्यमान क्रुद्धवत् क्रुद्ध क्रुद्ध क्रोधितव्य, क्रोधनीय क्रुध्यते | क्रोध क्रोध करीने क्रोध करतो क्रोध करातो | क्रोध करातो क्रोध करेलो क्रोध क्रोध क्रोध करवा योग्य क्रोध - कोप काप / माटे क्राध
Page #170
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त सबधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त Le Mp4 Int वर्तमान भावे कृदन्त Likpe कतार भूत क्रम. कर्मणि भूत कृदन्त भावे भूत कर्मणि तृ.पु. blue pih गण fatzag, 2h che करवो करवा माटे करायेलो करायेलो कराय छे 32. तुष 4 |पर | तोष्टुम् तुष्ट्वा तुष्यत् तुष्यमाण | तुष्यमाण तुष्टवत् / तुष्ट तुष्ट |तोष्टव्य, तोषणीय, तोष्य | तुष्यते | खुशथ | खुश थवा माटे खुश थइने | खुश थतो खुश थवातो | खुश थवातो | खुश थयेलो खुश थवायेलो खुश थवायेलो खुश थवा योग्य | खुश थवाय छे| 33. | नश् 4 |पर | नशितुम् नंष्टुम् | नशितुम्, नंष्ट्वा नश्यत् नश्यमान |नश्यमान नष्टवत् नष्ट नष्ट नशितव्य,नष्टव्य,नाश्य नश्यते / नष्ट थq| | | नष्ट थवा माटे नष्ट थइने | नष्ट थतो | नष्ट थवातो | नष्ट थवातो | नष्ट थयेलो| नष्ट थवायेलो नष्ट थवायेलो| नष्ट थवा योग्य नाश थवाय छे 734. नृत् 4 |पर | नर्तितुम् नर्तित्वा नृत्यत् नृत्यमान नृत्यमान नृत्तवत् | नृत्त नृत्त / नर्तितव्य,नर्तनीय,नर्त्य नृत्यते | / नाचवू | | | नाचवा माटेनाचीने नाचतो नचातो / | नचातो | नाचेलो नचायेलो नचायेलो | नाचवा योग्य नचाय छे / 35. पुष् 4 पर पोष्टुम् पुष्ट्वा पुष्यत् पुष्यमाण | पुष्टवत् / पुष्ट पुष्ट पोष्टव्य,पोषणीय,पोष्य | पुष्यते 9 पोषण करतुं / पोषवा माटे पोषीने पोषतो पोषातो पोषातो पोषेलो / पोषायेलो | पोषायेलो | पोषण करवा योग्य पोषाय छे 36. | मुह 4 |पर | मोहितुम्, मोहित्वा,मुहित्वा मुह्यत् मुह्यमान मुह्यमान मुग्धवत्, | मुग्ध, मुढ | मुग्ध, मुढ | मोहितव्य, मोहनीय,मोह्य | मुह्यते | मोढुम्,मोग्धुम् | मुग्ध्वा,मढ़वा मुठवत् मोहावं | / मोहावा माटे मोहाइने मोहातो मोहावातो | मोहावातो मोहेलो मोहायेलो | मोहायेलो | मोहाववा योग्य मोहाय छे लुट् 4 |पर | लोटितुम् लोटित्वा, लुट्यत् लुट्यमान लुट्यमान | लुटितवत्, | लोटित, लोटित, लोटितव्य, लोटनीय, लुट्यते 7 लुटित्वा लोटितवत् | लुटित लुटित लोट्य | आळोटवा माटे आळोटीने आळोटतो आळोटातो आळोटातो आळोटेलो | आळोटायेलो आळोटायेलो | आळोटवा योग्य आळोटाय छे / ल लोट /
Page #171
--------------------------------------------------------------------------
________________ A गम 0 [155 लुभ 4 पर लोभितुम्, लोभित्वा, लुभ्यत् लुभ्यमान लुभ्यमान | लुब्धवत् | लुब्ध लुब्ध लोभितव्य लोभनीय लोग 9 |लोब्धुम् लुभित्वा,लुब्ध्वा | लोभ करवा लोभ करीने लोभ करतो लोभ करातो | लोभ करातो लोभ करेलो लोभ लोभ लोभ करवा योग्य | लोभ कराय माटे करायेलो करायेलो शुभ 4 |पर | क्षोभितुम् क्षोभित्वाक्षुभित्वा क्षुभ्यत् क्षुभ्यमाण / क्षुभ्यमाण क्षुभितवतुक्षुब्धवत क्षुभित,क्षुब्ध क्षुभित,क्षुब्ध| क्षोभितव्य, क्षोभ्य गभरातुं | | गभरावा मादै गभराईने |गभरातो गभरावातो गभरायेलो गभरावायेलो गभरावायेलो गभराववा योग्य क्षुभ्यते | गभराय छे 40. मिल 6 पर | मेलितुम् मेलित्वा मिलत् मिल्यमान मिल्यमान | मिलितवत् | मिलित मिलित | मेलितव्य, मेल्य |- | मळवू | | | मळवा माटे मळीने मळतो मळातो मिल्यते / | मळेलो |मळायेलो |मळायेलो | मळवा योग्य मळातो |मळाय छे लिख 6 पर लेखितुम् लेखित्वा लिखत् लिख्यमान | लिख्यमान | लिखितवत् | लिखित लिखित | लेखितव्य, लेख्य लखवू | | |लखवा मावेलखीने लिख्यते लखतो लखातो लखातो लखेलो लखायेलो | लखायेलो | लखवा योग्य 10 लखाय छे / / 6 |पर स्रष्टुम् सृष्ट्वा | सृजत् सृज्यमान | सृज्यमान | सृष्टवत् / सृष्ट सृष्ट स्रष्टव्य, सर्जनीय | रचतो || रचातो रचवा माटे | रचना रचातो 1. सृज्य सृज्यते रचेलो 10 रचायेलो रचायेलो | रचवा योग्य | रचाय छे करीने स्पृश् 6 पर स्पष्टुंम्,स्प्रष्टुम् स्पृष्ट्वा स्पृशत् स्पृष्यमान | स्पृश्यमान स्पृष्टवत् स्पृष्ट स्पृष्ट स्पष्टव्य,स्पष्टव्य,स्पा अडकवा अडकीने स्पर्श करतो स्पर्श करातो स्पर्श करातो स्पर्श करेलो स्पर्श स्पर्श स्पर्श करवा योग्य स्पृश्य | स्पृश्यते |स्पर्श करवो / / माटे करायेलो | करायेलो स्फुट 6 पर | स्फुटितुम् स्फुटित्वा स्फुटत् स्फुट्यमान | स्फुट्यमान | स्फुटितवत् | स्फुटित स्फुटित | स्फुटितव्य स्फुटवु | | | स्फुटवा स्फुटिने | स्फुटतो स्फुटातो स्फुटातो | स्फुटेलो | स्फुटायेलो स्फुटायेलो | खीलवा योग्य | स्फुटाय छे || | |खिलवू | | | माटे 45. | स्फुर् 6 पर | स्फुरितुम् स्फुरित्वा स्फुरत् स्फुर्यमाण | स्फुर्यमाण |सुरितवत् | स्फुरित स्फुरित स्फुरितव्य,स्फुरणीय समाज 'य,स्फो स्फुर्यते 10 फरकवा फरकीने |फरकतो |फरकातो फरकातो |फरकेलो |फरकायेलो फरकायेलो| फरकवा योग्य ' |फरकाय छे | माटे 0 | कराय छे | स्फुट्यते | कंप करक
Page #172
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : भत भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त be कर्मणि कृदन्त कर्मणि भूत / वर्तमान वर्तमान भावे कृदन्त hi कर्मणि तृ.पु. धातु कतरि Labot पाठ क्रमाक Inli 11561 |10| पर | चिन्तयितुम् चिन्तयित्वा | चिन्तयत् चिन्त्यमान | चिन्त्यमान चिन्तितवत् | चिन्तित चिन्तित | चिन्तयितव्य,चिन्तनीय,चिन्त्य चिन्त्यते चिन्ता चिन्ता चिन्ता चिन्ता चिन्ता | चिन्ता चिन्ता चिन्ता चिन्ता चिन्ता करवा योग्य चिन्ता करवा माटे | करीने करतो करातो / | करातो करेलो करायेलो | करायेलो कराय छे दण्ड् |10|पर दण्डयितुम् दण्डयित्वा | दण्डयत् दण्ड्यमान | दण्ड्यमान | दण्डितवत् | दण्डित दण्डित / दण्डयितव्य,दण्डनीय,दण्ड्य दण्ड्यते / दण्ड दण्ड करीने दण्ड करतो दण्ड करातो | दण्ड करातो दण्ड करेलो दण्ड दण्ड दण्ड करवा योग्य दण्ड करवा माटे| करायेलो करायेलो कराय छे |10|पर | पीडयितुम् |पीडयित्वा | पीडयत् पीड्यमान | पीड्यमान | पीडितवत् | पीडित पीडित पीडयितव्य,पीडनीय,पीड्य पीड्यते / पीडवा माटे पीडीने पीडतो पीडातो पीडातो पीडेलो पीडायेलो पीडायेलो | पीडा करवा योग्य पीडाय छे पूज् |10|पर पूजयितुम् पूजयित्वा |पूजयत् पूज्यमान पूज्यमान पूजितवत् पूजित पूजित पूजयितव्य पूजनीय,पूज्य पूज्यते | पूजवा माटे |पूजीने पूजतो पूजातो | पूजेलो पूजायेलो पूजायेलो | पूजवा योग्य पूजाय छे 50. वर्ण |10|पर | वर्णयितुम् वर्णयित्वा वर्णयत् वर्ण्यमान वर्ण्यमान वर्णितवत् वर्णित वर्णित वर्णयितव्य,वर्णनीय,वर्ण्य वर्ण्यते | | | रंगवा माटे रंगीने रंगतो रंगातो रंगातो रंगेलो रंगायेलो | रंगायेलो | रंगवा योग्य | रंगाय छे 51. | सान्त्व् |10|पर | सान्त्वयितुम् सान्त्वयित्वा सान्त्वयत् सान्त्व्यमान | सान्त्व्यमान | सान्त्वितवत् सान्त्वित | सान्त्वित | सान्त्वयितव्य,सान्त्वनीय,सान्त्व्य सान्त्व्यते खुश कर खुश करवा खुश करीने खुश करतो खुश करातो | खुश करातो खुश करेलो खुश खुश खुश करवा योग्य खुश करायेलो | करायेलो कराय छे पूजातो 11 शांतकरQ माटे
Page #173
--------------------------------------------------------------------------
________________ तोलतो 1157 मराय छे चर पर चोरयितुम् |चोरयित्वा |चोरयत् चोर्यमाण |चोर्यमाण |चोरितवत् |चोरित चोरित चोरयितव्य,चोरणीय,चोय चोर्यत 112] चोरव, | | |चोरवा माटे चोरीने चोरी करतो चोरी करातो चोरी करातो चोरी करेलो चोरीकरायेलो चोरी करायेलो.चोरी करवा योग्य चोरी करायचे घुष |10|पर | घोषयितुम् | घोषयित्वा | घोषयत् घोष्यमाण / | घोष्यमाण घोषितवत् | घोषित घोषित घोषयितव्य,घोषणीय,घोष्य घोष्यते / गोखवु | | गोखवा माटे गोखीने गोखतो गोखातो। | गोखातो गोखेलो गोखायेलो गोखायेलो गोखवा योग्य गोखाय छे | | |तुल |10|पर | तोलयितुम् |तोलयित्वा | तोलयत् तोल्यमान | तोल्यमान | | तोलितवत् | तोलित तोलित | तोलयितव्य,तोलनीय,तोल्य | तोल्यते |12| तोलवू / / / तोलवा माटे तोलीने / तोलातो | तोलातो तालेलो तोलायेतो तोलायेतो | तोलवा योग्य तोलाय छे | | 55. भूष 10 पर भूषयितुम् भूषयित्वा भूषयत् भूष्यमाण भूष्यमाण भूषितवत् भूषित भूषित भूषयितव्य,भूषणीय,भूष्य भूष्यते / शोभा शणगारवा शणगारीने शणगारतो |शणगारातो | शणगारातो |शणगारेलो शणगारायेलु शणगारायेलु शणगारवा योग्य शणगाराय करवी / / माटे |56. तड् |10|पर | ताडयितुम् | ताडयित्वा | ताडयत् ताड्यमान ताड्यमान |ताडितवत् | ताडित ताडित | ताडयितव्य,ताडनीय,ताड्य ताड्यते | मार मारवा माटे मारीने मारतो मरातो मरातो मारेलु | मरायेलुं मरायेखें | मारवा योग्य 57. पृ |10|पर पारयितुम् |पारयित्वा पारयत् पार्यमाण | पार्यमाण पारितवत् | पारित पारित पारयितव्य,पारणीय,पार्य |पार्यते - पुरू करवू / पुरू करवा पुरू करीने पुरू करतो पुरू करातो | पुरू करातो पुरू करेलुं पुरू पुरू. पुरू करवा योग्य पुरू पार पाम | करायेलुं करायेलु कराय छे |पल |10|पर | पालयितुम् | पालयित्वा पालयत् पाल्यमान | पाल्यमान पालितवत् | पालित पालित पालयितव्य,पालनीय,पाल्य पाल्यते पालन पालन पालन पालन पालन पालन करवा योग्य पालन करवु || करवा माटे| करीने करतो करातो करेलुं करायेलु करायेलु कराय छे भक्ष |10|पर | भक्षयितुम् भक्षयित्वा |भक्षयत् भक्ष्यमाण भक्ष्यमाण भक्षितवत् भक्षित भक्षित भक्षयितव्य भक्षणीय,भक्ष्य भक्ष्यते 13 खावा माटे | खाइने खातो खवातो खवातो खाधेलु | खवायेलु |खवायेलु | खावा योग्य खवाय छे कथ् |10|पर कथयितुम् | कथयित्वा |कथयत् कथ्यमान कथ्यमान कथितवत् | कथित कथित कथयितव्य,कथनीय,कथ्य कथ्यते / कहेवा माटे कहीने कहेतो कहेवातो कहेवातो कहेलु कहेवायेलु कहेवायेलु | कहेवा योग्य कहेवाय छे का माटे 113/ पालन पालन पालन पालन करातो 13/ कहे
Page #174
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त DDA वर्तमान कर्मणि कृदन्त वतमान कर्तरि कृदन्त क भावे कृदन्त LIDE कर्मणि भूत कृदन्त कर्तरि भूत कर्मणि तृ.पु. एक वचन के पाठ क्रमाक ek be कृदन्त विध्यर्थ क्रम. DUE गण्यमान गणाती / रचातो / 61. गण् |10|पर | गणयितुम् गणयित्वा | गणितवत् | गणित गण्यमान गणित | गणयितव्य,गणनीय,गण्य गण्यते गणयत् गणातो गणवू | गणायेलुं गणायेलू | गणवा योग्य गणाय छे गणेखें गणवा माटे गणीने गणतो 62. रच् |10|पर | रचयितुम् रचयित्वा रच्यमान |रचितवत् | रचित रचित रचयितव्य,रचनीय,रच्य |रच्यते रच्यमान |13| रचयत | रचवू / रचवा माटे रचीने रचातो रचतो / रचाय छे | रचेलु रचायेलु रचायेलु | रचवा योग्य स्पयमाण | स्पृह्यमाण | स्पृहितवत् | स्पृहित s/63. | स्पृह् |10| पर | स्पृहयितुम् |स्पृहयित्वा | स्पृहयत् स्पृहित | स्पृहयितव्य,स्पृहणीय,स्पृह्य |स्पृह्यते |13| चाहतुं / / चाहवा माटे चाहीने स्पहा करातो स्पृहाकरातो | स्पृहा करेलु स्पृहा करायेल स्पृहा करायेलु, स्पृहा करवा योग्य स्पृहा कराय छ| चाहतो गम्(गच्छ/1 | पर गन्तुम् गम्यमान गत्वा गतवत् / गम्यमान | गत गन्तव्य,गमनीय,गम्य गम्यते / गत गच्छत् ज, | जवा माटे जइने | जवातो जवाय छे जतो गएलो जवायेलु |जवायेलु | जवा योग्य द्रश्यमान 65. | द्रश्(पश्य1 |पर | द्रष्टुम् द्रश्यमान द्रष्ट्वा | द्रष्ट द्रष्टव्य,दर्शनीय,दृश्य द्रश्यते / पश्यत् द्रष्ट | जोवायेलु जोवायेलु | जोवा योग्य देख | जोवातो जोवाय छे जोवा माटे | जोइने जोतो | जोवाती / | जोयेलु 66. | स्था(तिष्ठ1 |पर | स्थातुम् स्थित्वा तिष्ठत् श्रीयमान स्थीयमान स्थीयमान / |स्थितवत् / स्थातव्य, स्थानीय, स्थेय स्थीयते |स्थित स्थित स्थिर स्थिर रहवा स्थिर रहीने स्थिर रहेतो स्थिर स्थिर स्थिर रहेल | स्थिर स्थिर स्थिर रहेवा योग्य स्थिर रहे | माटे | रहेवातो | रहेवायेलु रहेवायेलु रहेवाय छे 67. | दा(यच्छ) 1 पर | दातुम् दत्वा 1दीयमान दीयमान दत्त | दातव्य, दानीय, देय दत्त यच्छत् आपq आपवा माटे आपीने आपतो | अपातो आपेलु | अपायेलु अपायेलु आपवा योग्य अपाय छे जवातो द्रष्टवत् रहेवातो दीयते दत्तवत् अपातो
Page #175
--------------------------------------------------------------------------
________________ माटे माटे 1159 माटे 68. | पा(पीब)|1 |पर | पातुम् पीत्वा |पिबत् पीयमान पीयमान पीतवत् पीत पीत पातव्य, पानीय, पेय पीयते / पीयूँ / / पीवा माटे | पीने पीतो |पीवातो पीवातो पीधेलु पीवायेखें |पीवायेखें | पीवा योग्य |पीवाय छे 69. | मद(माद) 4 पर मदितुम् मदित्वा माद्यत् मद्यमान | मद्यमान | मत्तवत् मत्त मत्त / मदितव्य,मदनीय,माद्य मुद्यते मस्त / / मस्त थवा | मस्त थइने मस्त थतो | मस्त थवातो | मस्त थवातो | मस्त थयेलु | मस्त मस्त मस्त थवा योग्य मस्त थएँ / | थवायेलु थवायेलु थवाय छे 70. श्रम्(श्राम)/4 पर अमितुम श्रमित्वा श्राम्यत् श्रम्यमाण | श्रम्याण श्रान्तवत् श्रान्त श्रान्त | श्रमितव्य,श्रमणीय,श्रम्य श्रम्यते / श्रम पामवा श्रम पामीने श्रम पामतो थकातो थकातो थाकेलु थकायेलु थकायेलु | श्रम पामवा योग्य थाकी पामवो | | जवाय छे |71. शम्(शाम/4 |पर शमितुम् शमित्वा,शान्त्वा शाम्यत् शम्यमान शम्यमान शान्तवत् शान्त शान्त शमितव्य, शमनीय, शम्य | शम्यते - शान्त / / शांत थवा | शांत थइने शांत थतो शांत थवातो | शांत थवातो शांत थयेलो शान्त शान्त शांत थवा योग्य शान्त थर्बु / थवायेलो थवायेलो थवाय छे 72. इष 6 पर एषितुम्, एषित्वा, इच्छत् इष्यमाण इष्यमाण | इष्टवत् इष्ट इष्ट एषितव्य, एष्टव्य इष्यते | एष्टुम् इष्ट्वा |- |इच्छयूँ | | इच्छवा माटे इच्छीने इच्छतो इच्छातो इच्छातो इच्छेलु इच्छायेलु इच्छायेलु | इच्छवा योग्य इच्छाय छे 73. प्रच्छ(पृच्छ6 | पर प्रष्टुम् पृष्ट्वा / पृच्छत् पृचछ्यमान | पृच्छयमान | पृष्टवत् / | पृष्ट पृष्ट पृष्टव्य, प्रच्छनीय पृच्छ्यते - पुछतु / / पुछवा माटे पुछीने पुछतो पुछातो पुछातो पुछेलो | पुछायेलो पुछायेलो | पुछवा योग्य पुछाय छे 74. अस् 2 पर भवितुम् भूत्वा भूयमान |भूयमान भूतवत् भूत भूत भवितव्य, भवनीय, भव्य भूयते 14 थq,होवु | थवा माटे थइने थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो |थवा योग्य थवाय छे |75. वन्द 1 आ वन्दितुम् वन्दित्वा वन्दमान् | वन्द्यमान वन्दितवत् | वन्दित वन्दित / वन्दितव्य,वन्दनीय,वन्द्य वन्द्यते |15| वांदवा माटे वांदीने वंदातो वंदातो वंदेलो वंदायेलो |वंदायेलो | वांदवा योग्य वन्दाय छे थतो वन्द्यमान वांदतो
Page #176
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वर्तमान भावे कृदन्त करि भूत भावे भूत विध्यर्थ एक वचन जे पाठ क्रमाक lale UC / जाने क्रम. वृध्यते हरण / | वृध् 1 |आ वर्धितुम् वृष्वा वर्धमान वृध्यमान वृध्यमान वृद्धवत् वृद्धवृद्ध वर्धितव्य,वर्धनीय,वृध्य वधq / वधवा माटे |वधीने वधतो वधातो वधातो | वधेनुं वधायेलो |वधायेलो |वधवा योग्य वधाय छे / 77. |पच् 1 |आ |पक्तुम् पक्त्वा पचत्,पचमान पच्यमान | पच्यमान |पक्तवत् पक्त पक्त पक्तव्य, पचनीय पच्यते |15 पकावतुं / पकाववामाटे |पकावीने | पकावतो |पकावातो पकावातो | पकावेलो | पकावायेलोपकावायेलो पकाववा योग्य पकावाय छ / 578. ह 1 |उभय | हर्तुम् हृत्वा हरत,हरमाण ह्रियमाण ह्रियमाण | हृतवत् हृत हृत ह र्तव्य, हरणीय, हार्य हियते 15/ हरण हरण हरण करतो हरण करातो हरण करातो हरण करेलो हरण हरण हरण करवा योग्य | हरण कराय करवू | | करवा माटे करीने करायेलो करायेलो 1 |आ डयितुम् डयित्वा |डयमान |डीयमान डीयमान डयितवत् / डयित डयित डयितव्य / डीयते 27 उडवा माटे |उडीने उडतो उडातो | उडातो | उडेलो उडायेलो उडायेलो | उडवा योग्य 1 ]आ |भाषितुम् भाषित्वा |भाषमाण |भाष्यमाण |भाष्यमाण |भाषितवत् |भाषित भाषित |भाषितव्य, भाष्य भाष्यते बोलवा माटे |बोलीने बोलतो बोलातो | बोलातो | बोलेलो बोलायेलो | बोलायेलो | बोलवा योग्य बोलाय छे रम् 1 |आ |रन्तुम् रत्वा रममाण रम्यमाण रम्यमाण रतवत् रत रन्तव्य, रमणीय, रम्य रम्यते | रमवा माटे रमीने | रमतो रमातो रमातो रमेलो | रमायेलो रमायेलो | रमवा योग्य रमाय छे लभ् 1 |आ |लब्धुम् लब्ध्वा लभमान लभ्यमान लभ्यमान | लब्धवत् | लब्ध लब्ध / | लब्धव्य, लभनीय, लभ्य | लभ्यते पामवा माटे |पामीने | पामतो पमातो पमातो पामेलो |पमायेलो |पमायेलो | पामवा योग्य पमाय छे उडाय ठे रत
Page #177
--------------------------------------------------------------------------
________________ /277 वृत् आ वर्तितुम्वृ त्वा,वर्तित्वा वर्तमान वृत्यमान / | वृत्यमान वृत्तवत् वृत्त वृत्त वर्तितव्य, वर्तनीय, वृत्य वृत्यते / - वर्त | वर्तवा माटे | वर्तीने / वर्ततो वर्तातो वर्तातो वर्तेलो वर्तायेलो वर्तायेलो | वर्तवा योग्य व र्ताय छे शुभ् 1 |आ शोभितुम् शोभित्वा | शोभमान शोभ्यमान शोभ्यमान | शोभितवत् |शोभित शोभित शोभितव्य,शोभनीय,शोभ्य शुभ्यते 27 शोभवु, दीप, दीपवा माटे | दीपीने | दीपतो दीपातो दीपातो | दीपेलो दीपायेलो | दीपायेलो | दीपवा योग्य दीपाय छे / / 85. सेव् 1 आ सेवितुम् सेवित्वा | सेवमान सेव्यमान | सेव्यमान सेवितवत | सेवित सेवित सेवितव्य,सेवनीय,सेव्य सेव्यते 27 सेवq / / सेववा माटे | सेवीने / सेवतो सेवातो सेवातो सेवेलो सेवायेलो | सेवायेलो | सेववा योग्य सेवा करायछे / स्वाद् 1 आ स्वादितुम् स्वादित्वा स्वादमान | स्वाद्यमान | स्वाद्यमान | स्वादितवत् | स्वादित स्वादित स्वादितव्य,स्वादनीय,स्वाद्य स्वाद्यते 17 चाखतुं | चाखवामाटे | चाखीने | चाखतो |चखातो चखातो चाखेलो |चखायेलो |चखायेलो | चाखवा योग्य चखाय छे / / 87. नी 1 उभय नेतुम्नीत्वा नयत,नयमान नीयमान |नीयमान नीतवत् नीत नीत नेतव्य, नयनीय, नेय नीयते 27 - दोरवू / | दोरवा माटे | दोरीने | दोरतो दोरातो / | दोरातो | दोरेलो | दोरायेलो | दोरायेलो | दोरवा योग्य |लइजवायछे 588. याच् / उभय याचितुम् याचित्वा याचत्, याच्यमान याच्यमान याचितवत् | याचित याचित याचितव्य,याचनीय,याच्य याच्यते याचमान - याचवू,मांग मांगवा माटे मांगीने | मांगतो मंगातो | मंगातो मांगेलो | मंगायेलो | मंगायेलो | मांगवा योग्य मंगाय छे 89. राज् 1 |उभय राजितुम् राजित्वा | राजत्, राज्यमान | राज्यमान |राजितवत् |राजित राजित | राजितव्य,राजनीय,राज्य राज्यते राजमान शोभq,राज्य करवू शोभवा माटे शोभीने | शोभतो शोभातो शोभातो शोभेलो शोभायेलो शोभायेलो | शोभवा योग्य राज्यकरायेछे 90. वह 1 उभय वोढुम् वहत्,वहमान उद्यमान उद्यमान | वोढव्य,वहनीय,वाह्य | उह्यते वहन / / वहन वहन वहन करातो वहन करातो वहन करेलो, वहन वहन वहन करवा योग्य वहन कराय कर, करवा माटे | करीने | करतो करायेलो करायेलो 31. | मुच्(मुञ्च्)6 उभय मोक्तुम् मुक्त्वा | मुञ्चत, मुञ्यमान मुच्यमान |मुक्तवत् मुक्त मुक्त मोक्तव्य,मोचनीय,मोच्य |मुच्यते 127 मुञ्चमान - मुकवू,छोडवू मुकवा माटे मुकीने | मुकतो मुकातो मुकातो मुकेलो मुकायेलो |मुकायेलो | मूकवू जोइए मुकाय छे / 7 ऊढवा ऊढवत ऊढ ऊढ वहन
Page #178
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त संबंधक कर्मणि कृदन्त भावे कृदन्त के म D कर्तरि भूत LIPE कर्मणि भूत Pik भावे भूत कृदन्त कर्मणि तृ.पु. विध्यर्थ कृदन्त Inlel bllok elho लडातो लडेलो 92. सिच् 6 |उभय सेक्तुम् |सिक्त्वा | सिञ्चत |सिच्यमान | सिच्यमान | सिक्तवत | सिक्त सिक्त सेक्तव्य, सेचनीय सिच्यते 27 (सिञ्च) सिञ्चमान |सिंचन कर, सिंचवा माटे सिंचीने | सिंचतो सिंचातो सिंचातो | सिंचेलो | सिंचायेलो | सिंचायेलो | सिंचवु जोइए सिंचाय छ / _93. | जन्(जा) 4 |आत्म जनितुम् जनित्वा | जायमान | जन्यमान जन्यमान जातवत् जात जात जनितव्य,जननीय,जन्य जन्यते 27 - जन्म थवो | जनमवामाटे |जनमीने | जनमतो |जनमातो जनमातो जन्मेलो जन्मायेलो जन्मायेलो | उत्पन्न थवा योग्य उत्पन्न थवायछे 94. | युध् 4 |आत्म योद्धम् युध्वा युध्यमान युध्यमान युध्यमान युद्धवत् युद्ध | योद्धव्य, योधनीय, योध्य | युध्यते 27 युद्धकरतुं / |लडवा माटे | लडीने | लडतो लडातो | लडायेलो लडायेलो | लडवा योग्य लडाय छे / / 95. अर्थ |10|आत्म अर्थयितुम् अर्थयित्वा अर्थयमान अर्थ्यमान अर्थ्यमान | अर्थितवत् | अर्थित अर्थित अर्थयितव्य,अर्थनीय,अर्थ्य | अर्थ्यते 29 प्रार्थना प्रार्थना प्रार्थना | प्रार्थना प्रार्थना | प्रार्थना प्रार्थना | प्रार्थना प्रार्थना | प्रार्थना करवा योग्य प्रार्थना करवी करवा माटे | करीने | करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे |अनु+भू|1 |पर अनुभवितुम् अनुभूय | अनुभवत् अनुभूयमान | अनुभूयमान | अनुभूतवत् | अनुभूत अनुभूत | अनुभवितव्य,अनुभव्य,अनुभवनय अनुभूयते | 29| अनुभव अनुभव अनुभव | अनुभव अनुभव अनुभव | अनुभव | अनुभव करावो जोइए अनुभव करवो करवा माटे | करीने | करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे अनु+रूध/4 |आत्म अनुरोद्धम् अनुरूध्य | अनुरुध्यमान अनुरुध्यमान | अनुरूध्यमान| अनुरूद्धवत् | अनुरूद्ध अनुरूद्ध | अनुरोद्धव्य,अनुरोध्य,अनुरोद्धनीय अनुरुध्यते| 29| मान मानवा माटे | मानीने | मानतो मनातो | मनातो मानेलो मनायेलो मनायेलो मानवा योग्य मनाय छे मनाम है
Page #179
--------------------------------------------------------------------------
________________ - आवद् R - जोएं 98. आ+गम्[1 |पर आगन्तुम् आगत्य, | आगच्छत् आगम्यमान |आगम्यमान | आगतवत् |आगत |आगत आगन्तव्य, आगमनीय, |आगम्यते |29| आगम्य आगम्य आववा माटे आवीने आवतो अवातो अवातो आवेलो अवायेलो अवायेलो आवतु जोइए अवाय छे 99. ईक्ष 1 |आत्म | ईक्षितुम् ईक्षित्वा | ईक्षमाण ईक्ष्यमाण ईक्ष्यमाण ईक्षितवत् ईक्षित ईक्षित | ईक्षितव्य, ईक्षणीय, ईक्ष्य ईक्ष्यते / जोवा माटे | जोइने | जोतो जोवातो जोवातो जोयेलो जोवायेलो जोवायेलो | जोवा योग्य जोवाय छे 100| निर+ईक्ष 1 |आत्म निरीक्षितम निरीक्ष्य | निरीक्षमाण निरीक्ष्यमाण | निरीक्ष्यमाण | निरीक्षितवत निरीक्षित |निरीक्षित | निरीक्षितव्य,निरीक्षणीय,निरीक्ष्य निरीक्ष्यते | 29| - बारीकाई / |निरीक्षण निरीक्षण | निरीक्षण निरीक्षण निरीक्षण निरीक्षण | निरीक्षण निरीक्षण | निरीक्षण करवा योग्य निरीक्षण थी जोवु | करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो करायेलो कराय छे |101| परा+जि1 |आत्म पराजेतुम् |पराजित्य | पराजयमान पराजीयमान | पराजीयमान | पराजितवत् | पराजित | पराजित | पराजेतव्य,पराजयनीय,पराजेच पराजीयते | 29| - हार, हारवा माटे | हारीने | हारतो हरातो रातो हारेलो हरायेलो हरायेलो | हरवा योग्य पराजय पमाय छे 2102| परि+ह 1 |उभय परिहर्तुम् परिहृत्य | परिहरमाण परिह्रियमाण | परिहियमाण | परिहृतवत् | परिहृत परिहृत | परिहर्तव्य, परिहरणीय, |परिहियते 29| | परहरत् परिहार्य |- त्याग करवों त्यजवा माटे त्यजीने | त्यजतो त्यजातो त्यजातो त्यजेलो |त्यजायेलो त्यजायेलो | त्यजवा योग्य त्यागकरायछ 103|प्र+भू 1 पर प्रभवितुम् प्रभूय | प्रभवत् प्रभूयमान प्रभूयमान |प्रभूतवत् | प्रभूत प्रभूत | प्रभवितव्य,प्रभवनीय,प्रभव्य प्रभूयते - | उत्पन्न | उत्पन्न |उत्पन्न | उत्पन्न | उत्पन्न |उत्पन्न / | उत्पन्न | उत्पन्न | उत्पन्न | उत्पन्न थवा योग्य उत्पन्न | थर्बु / थवा माटे |थइने | थतो थवातो। | थवातो थएलो | थवायेलो | थवायेलो थवाय छे 104|प्र+जन् |4 |आत्म प्रजनितुम् |प्रजन्य | प्रजायमान प्रजन्यमान प्रजन्यमान प्रजात | प्रजनितव्य,प्रजननीय,प्रजन्य प्रजन्यते उत्पन्न उत्पन्न उत्पन्न | उत्पन्न |उत्पन्न | उत्पन्न थवा योग्य उत्पन्न करवा माटे थइने |थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवाय छे 105|प्र+दा |1 |पर प्रदातुम् प्रदाय | प्रयच्छत् प्रदीयमान प्रदीयमान प्रदत्तवत् | प्रदत्त प्रदत्त प्रदातव्य,प्रदानीय,प्रदेय | प्रदीयते (यच्छ) प्रजातवत प्रजात - उत्पन्न | उत्पन्न उत्पन्न
Page #180
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कतरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त / क्रम. धातु वर्तमान भावे कृदन्त कर्तरि भूत कमणि भूत कर्मणि तृ.पु. एक वचन भावे भूत कृदन्त कृदन्त lalo विध्यर्थ काpिh क |- प्रदान प्रदान | प्रदान करवू प्रयाण | प्रदान | प्रदान प्रदान प्रदान प्रदान | प्रदान करवा योग्य प्रदान करवा माटे | करीने करतो करातो करातो / |करेलो करायेलो करायेलो करवा योग्य कराय छे |106|प्र+स्था |1 |आत्म प्रस्थातुम् प्रस्थाय | प्रतिष्ठमान प्रस्थीयमान | प्ररथीयमान | प्रस्थीतवत् / प्रस्थीत प्रस्थीत प्रस्थातव्य,प्रस्थानीय, प्रस्थेय प्रस्थीयते - प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण प्रयाण करव करवू | करवा माटे | करीने करतो करातो / करातो करेलो करायेलो करायेलो कराय छे 107| वि+रम् |1 |पर विरन्तुम विरत्य,विरम्य विरमत् विरम्यमाण |विरम्यमाण | विरतवत् | विरत विरत | विरन्तव्य, विरमणीय,विरम्य विरम्यते - अटकवू |अटकवामाटे अटकीने | अटकतो |अटकातो अटकातो | अटकेलो अटकायेलो अटकायेलो| अटकवा योग्य अटकाय छे |108| वि+ह |1 |उभय | विहर्तुम विहृत्य | विहरत, विह्रियमाण | विह्रियमाण | विहृतवत | विहृत विहृत | विहर्तव्य,विहरणीय,विहार्य | विह्रियते 129/ विहरमाण - विहार विहार विहार | विहार विहार / विहार विहार विहार विहार विहार करवा योग्य विहार करवो करवा माटे करीने करतो करातो | करातो करायेलो करायेलो कराय छे 109| वि+जि |1 |आत्म विजेतम विजित्य | विजयमान विजीयमान | विजीयमान | विजीतवत | विजीत विजीत / | विजेतव्य,विजयनीय,विजेय | विजीयते 29| - जीतq | | जीतवा माटे जीतीने जीततो जीतातो जीतातो जीतेलो जीतायेलो जीतायेलो | जीतवा योग्य जिताय छ / 110|सिध् 4 |पर |सेद्धम् सिद्धवा | सिध्यत् |सिध्यमान सिध्यमान |सिद्धवत् | सिद्ध सिद्ध | सेद्धव्य, सेध्य |सिध्यते --|सिद्ध सिद्ध थवा |सिद्ध सिद्ध थतो सिद्ध थवातो| सिद्ध थवातो सिद्ध थएलो सिद्ध सिद्ध सिद्ध थवा योग्य - करेलो सिद्ध
Page #181
--------------------------------------------------------------------------
________________ बी. दिश् 11651 थर्बु / माटे थइने थवायेलो थवायेलो थवाय छे 111| काश् 1 |आत्म काशितुम् काशित्वा | काशमान | काश्यमान काश्यमान | काशितवत् | काशित काशित | काशितव्य काश्यते 30 - प्रकाश प्रकाशवामा प्रकाशीने | प्रकाशतो प्रकाशातो प्रकाशातो प्रकाशेलो | प्रकाशायेलो प्रकाशायेलो प्रकाशवा योग्य प्रकाशाय छ 112|प्र+काश् 1 आत्म प्रकाशितुम् प्रकाश्य | प्रकाशमान प्रकाश्यमान | प्रकाश्यमान | प्रकाशितवत् प्रकाशित प्रकाशित | प्रकाशितव्य प्रकाश्यते 30 - प्रकाश / प्रकाशवामा प्रकाशीने | प्रकाशतो प्रकाशातो प्रकाशातो प्रकाशेलो | प्रकाशायेलो प्रकाशायेलो प्रकाशवा योग्य प्रकाशाय छ 113 दिश् / उभय देष्टुम् दिष्ट्वा | दिशत् दिश्यमान दिश्यमान |दिष्टवत् | दिष्ट दिष्ट देष्टव्य, देशनीय, देश्य दिश्यते 30 |दिशमान | दान दान | दान देतो दान देवातो | दान देवातो | दान दान दान दान देवा योग्य दान देवा माटे दइने दीधेलो देवायेलो |देवायेलो देवाय छे 114/उप+ 6 उभय उपदेष्टुम् उपदिश्य | उपदिशत् उपदिश्यमान उपदिश्यमान उपदिष्टवत् उपदिष्ट उपदिष्ट | उपदेष्टव्य, उपदेशनीय उपदिश्यते 30 उपदिशमान उपदेश्य उपदेश उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश | उपदेश उपदेश आपवा मावे आपीने आपतो अपातो अपातो आपेलो अपायेलो | अपायेलो | आपवा योग्य | अपाय छे 115|आ+ 6 उभय आदेष्टुम् आदिश्य | आदिशत् आदिश्यमान आदिश्यमान आदिष्टवत् आदिष्ट आदिष्ट आदेष्टव्य, आदेशनीय, आदिश्यते 30 आदिशमान | आदेश्य - आदेश / आदेश आदेश | आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आपवा योग्य आदेश करवो |आपवा माटे आपीने | आपतो अपातो अपातो आपेलो अपायेलो |अपायेलो अपाय छे 116|अभि+भू|1 |पर |अभिभवितुम् अभिभूय | अभिभवत् |अभिभूयमान | अभिभूयमान | अभिभूतवत् | अभिभूत अभिभूत | अभिभवितव्य,अभिभवनीय, अभिभूयते 30 अभिभव्य - हराव हराववा मावै हरावीने | हरावतो हरावातो हरावातो हरावेलो |हरावायेलो हरावायेलो | हराववा योग्य हरावाय छ | 117/ऋध् 4 |पर अर्धितुम् अर्धित्वा | ऋध्यत् ऋध्यमान | ऋध्यमान |ऋद्धवत् | ऋद्ध ऋद्ध अर्तव्य, आर्य ऋध्यते 131] वधq वधवा माटे |वधीने |वधतो वधातो |वधेलो वधायेलो |वधायेलो | वधवा योग्य वधाय छे आपको दिश् वधातो
Page #182
--------------------------------------------------------------------------
________________ हेत्वर्थ कृदन्त भूत कृदन्त संबंधक वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वतमान भावे कृदन्त Mitatemarathi / कतरि क्रम. कमणि भूत भावे भूत Intel कर्मणि तृ.पु. एक वचन क पद विध्यर्थ ALS पाठक्रमाक समृध्य समुद्ध समृद्ध समूद्ध समृद्ध मुद्ध - नीचे नीचे | निपतित नीचे पडवा माटे | पीने चढवा माटे चढीने रूढ 118| सम्+ऋध्4 पर समर्धितुम् समृध्यत् समृध्यमान समृध्यमान समृद्धवत् समुद्ध समृद्ध समुद्ध समुद्ध - | समर्धितव्य, समृध्य समृध्यते / | थतो थवातो थवातो थयेलो थवा माटे थवु थवायेलो समुद्ध थवा योग्य थवायेलो समुद्ध 119 नि+पत् 1 पर निपतितुम् |निपत्य निपतत् निपत्यमान | निपत्यमान | निपतितवत् | थवाय छे नीचे नीचे | नीचे निपतित नीचे | निपतितव्य,निपतनीय,निपात्य निपत्यते |31 पडतो पडातो | पडातो नीचे पडेलो नीचे पडवें / | नीचे पडवु जोइए नीचे | पडायेलो पडायेलो रूह्यमान 120 रूह रूदवा रूह्यमान 1 पर रोहत् रोढुम् | रूढवत् पडाय छे चढतो चढातो चढातो चढेलो रूढ - चढवू / / | रोढव्य, रोहणीय, रूह्य |रूह्यते / चढायेलो चढायेलो 121/ आ+रूह 1 पर आरोढुम् | आरोहत् आ आरुह्यमान | आरुह्यमान | आरूढवत् चढवा योग्य चढाय छे आरोहण | आरोहण |आरोहण आरोहण आरूढ आरोहण आरोहण / आरोढव्य,आरोहणीय,आरुह्य आरुह्यते करतो करातो कराते | आरोहण करेलो आरोहण करवू करायेलो आरोहण करवा योग्य आरोहण करायेलो 122| आ+नी 1 आत्म आनेतुम् आनयत् आनीयमान आनीयमान | आनीतवत् अ कराय छे | लावतो लवातो लवातो लावेलो आनीत आनीत - लावq / / लवायेलो आनेतव्य,आनयनीय,आनेय |आनीयते 123 उद्+डी|1 |आत्म उडुयितुम् |उ लवायेलो उड्डीय उड्डयमान | उड्डीयमान | उड्डीयमान | उड्डयितवत् / लाववा योग्य लवाय छे - उडवू | उडतो उडातो उडातो | उडेलो उड्डीयते उडवा योग्य उडाय छे -- आरूढ 31/ करवा माटे | करीने लाववा माटे लावीने उडवा माटे | उडीने उड्डयित उड्डयित उडायेलो |उडायेलो उड्डुयितव्य 132
Page #183
--------------------------------------------------------------------------
________________ आनन्द पमाय छे 124/ मुद् आत्म मोदितुम् मोदित्वा, | मोदमान मुद्यमान मुद्यमान मोदितवत् | मोदित,मुदित मोदित,मुदित मोदितव्य, मोदनीय, मोद्य मुद्यते 32] मुदित्वा | आनन्द आनन्द आनन्द आनन्द आनन्द आनन्द आनन्द | आनन्द पामबुं जोइए आनन्द पामवो पामवा माटे | पामीने | पामतो |पमातो। पमातो पामेलो |पमायेलो |पमायेलो 125| वि+रच् |10|पर |विरचयितुम् | विरच्य | विरचयत् | विरच्यमान | विरच्यमान | विरचितवत् | विरचित |विरचित | विरचयितव्य,विरचनीय,विरच्य | विरच्यते - बनाव बनाववामाटे | बनावीने | बनावतो बनावातो बनावातो बनावेलो बनावायेलो बनावायेलो बनाववा योग्य बनावाय छ| 126| अभि+ 14 पर अभिक्रोद्धुम् अभिक्रुध्य | अभिक्रुध्यत अभिक्रुध्यमान अभिक्रुध्यमान अभिक्रुद्धवत् अभिक्रुद्ध अभिक्रुद्ध अभिक्रोधितव्य,अभिक्रोधनीय अभिक्रुध्यते 33 क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध क्रोध करवा योग्य क्रोध करवो करवा माटे | करीने करतो करातो / | करातो करेलो करायेलो करायेलो कराय छे 1127 कम्प् 1 |आत्म कम्पितुम् कम्पित्वा | कम्पमान कम्प्यमान कम्प्यमान कम्पितवत् | कम्पित कम्पित / कम्पितव्य, कम्पनीय कम्प्यते 133| - कंपq / / कंपवा माटे | कंपीने | कंपतो कंपातो | कंपातो कंपेलो कंपायेलो | कंपायेलो | कंपवा योग्य कंपाय छे 128| नि+वस् 1 |पर निवस्तुम् न्युष्य | निवसत् न्युष्यमाण न्युष्यमाण न्युषितवत् | न्युषित न्युषित | निवस्तव्य,निवसनीय,निवास्य न्युष्यते - निवास निवास निवास | निवास |निवास / निवास निवास |निवास निवास |निवास करवा योग्य निवास करवो करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो | करायेलो कराय छे 129| परि+ 1 पर परित्यक्तुम् | परित्यज्य | परित्यजत् परित्यज्यमान परित्यज्यमान परित्यक्तवत् परित्यक्त परित्यक्त | परित्यक्तव्य,परित्यजनीय परित्यज्यते त्यज् | परित्याज्य - त्यजq | | त्यजवामाटे | त्यजीने | त्यजतो त्यजातो त्यजातो त्यजेलो त्यजायेलो त्यजायेलो | त्याग करवा योग्य त्यजाय छे 130| वप् 1 |उभय वप्तुम् उप्त्वा | वपत्,वपमान उप्यमान | उप्यमान |उप्तवत् |उप्त उप्त वप्तव्य, वाप्य उप्यते - वाव / / वाववा माटे |वावीने | वावतो ववातो / |ववातो वावेलो |ववायेलो |ववायेलो | वाववा योग्य 131|वि+श्रम् |4 |पर विश्रन्तुम् विश्रम्य | विश्राम्यत् | विश्रम्यमाण | विश्रम्यमाण | विश्रान्तवत् | विश्रान्त विश्रान्त | विश्रमितव्य,विश्रमणीय,विश्रम्य विश्रम्यते 33/ - विश्राम विश्राम विश्राम | विश्राम विश्राम विश्राम विश्राम विश्राम विश्राम विश्राम करवा योग्य विश्राम |ववाय छे
Page #184
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान वर्तमान भावे कृदन्त कर्तरि भूत क्रम. कर्मणि कर्मणि तृ.पु. pie pile विध्यर्थ एक वचन Ink फाpih | पद | |10/ लेवो / / लेवा माटे लइने | लेतो लेवातो लेवातो लिधेलो | लेवायेलो लेवायेलो कराय छे 132| गर्छ 1, पर गर्जितुम् गर्जित्वा / गर्जत, गर्म्यमान | गर्व्यमान गर्जितवत् गर्जित गर्जित गर्जयितव्य, गर्जनीय, गर्व्यते 34 गर्जयितुम् |गर्जयित्वा गर्जयत् गर्जितव्य, गर्य गाजवू गाजवा माटेंगाजीने गाजतो गजातो गजातो | गाजेलो गजायेलो गजायेलो | गर्जना करवा योग्य गर्जाय छे 5133| द्युत् 1 आत्म द्योतितुम् द्योतित्वा | द्योतमान द्युत्यमान | धुत्यमान द्युतितवत् | द्योतित द्योतित धोतितव्य, द्योतनीय द्युत्यते 34 - दीपवू / दीपवा माटे | दीपीने | दीपतो दीपातो दीपातो दीपेलो दीपायेलो | दीपायेलो | दीपवा योग्य दीपाय छे 134/ वि+द्युत् 1 |आत्म विद्योतितुम् | विद्युत्य | विद्योतमान विद्युत्यमान | विद्युत्यमान | विद्युतितवत् विद्योतित | विद्योतित | विद्योतितव्य, विद्योतनीय विद्युतते 34 चमक / चमकवामाटे | चमकीने | चमकतो चमकातो चमकातो / | चमकेलो | चमकायेलो चमकायेलो, चमकवा योग्य चमकाय छ। 135| द्रुह 4 पर द्रोहितुम्, द्रोहित्वा | द्रुह्यत् द्रुह्यमान | द्रुह्यमान ढूँढवत् द्रुग्ध,द्रुढ द्रुढ द्रोहितव्य,द्रोहणीय,द्रोह्य द्रुह्यते 34 द्रोढुम्,द्रोग्धुम् दुग्ध्वाद्रुढ़वा द्रोहद्रोह द्रोह द्रोहद्रोह द्रोह | द्रोह द्रोह द्रोह करवा योग्य द्रोह / करवो करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे 136| अभि+ 4 पर अभिद्रोग्धुम् अभिद्रुह्य | अभिद्रुह्यत् अभिद्रुह्यमान | अभिद्रुह्यमान अभिद्रुढवत् | अभिद्रुढ अभिद्रुढ अभिद्रोहितव्य, अभिद्रोह्य अभिद्रुह्यते |34 अभिद्रोढुम् अभिद्रुग्धवत् अभिद्रुग्ध अभिमुग्ध | अभिद्रोहणीय द्रोह द्रोह द्रोह द्रोह द्रोहद्रोह द्रोह द्रोह द्रोह करवा योग्य द्रोह करवो करवा माटे | करीने करतो करातो / करातो करेलो करायेलो | करायेलो कराय छे
Page #185
--------------------------------------------------------------------------
________________ गम, शरणे Ra सेवा सेवा सेवा 1371 137| रूच् 1 |आत्म रोचितुम् रोचित्वा, | रोचमान रूच्यमान रूच्यमान रोचितवत् | रोचित, रोचित, | रोचितव्य, रोचनीय |रूच्यते रूचित्वा रूचितवत् | रूचित रूचित गमवा माटे |गमीने | गमतो गमातो / |गमातो गमेलो गमायेलो |गमायेलो | गमवा योग्य |गमाय छे 138| ख्रि 1 उभय श्रयितुम् श्रित्वा श्रयत,श्रयमाण श्रीयमाण / |श्रीयमाण |श्रितवत् श्रित श्रित श्रयितव्य, श्रयणीय, श्रेय | श्रीयते / शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे शरणे जवा योग्य जवा माटे जइने जतो . जवातो जवातो गएलो जवायेलो जवायेलो | जवाय छे 139/आ+श्रि 1 उभय आश्रयितुम् |आश्रित्य | आश्रयत् आश्रीयमाण आश्रीयमाण आश्रितवत् | आश्रित आश्रित आश्रयितव्य,आश्रयणीय,आश्रेय आश्रीयते सेवा सेवा / सेवा सेवा | सेवा | सेवा सेवा सेवा करवा योग्य करवी करवा माटे करीने करतो / करातो | करातो करेलो / करायेलो करायेलो / कराय छे 140/अक्+ |1|पर अवगन्तुम् अवगम्य | अवगच्छत् अवगम्यमान | अवगम्यमान अवगतवत् | अवगत अवगत अवगन्तव्य, अवगमनीय, अवगम्यते अवगत्य अवगम्य | जागवा माटे जागीने | जागतो जगातो जगातो जागेलो जगायेलो जगायेलो जागवा योग्य जगाय छे 141/भज् 1 उभय भक्तुम् भक्त्वा भजत् भजमान |भज्यमान भक्तवत् भक्त भक्त भक्तव्य, भजनीय, भाज्य भज्यते 37 |- |भजवू / / |भजवा माटे | भजीने | भजतो भजातो |भजातो भजेलो भजायेलो भजायेलो | भजवा योग्य भजाय छे / 142क्षल |10|पर क्षालयितुम् |क्षालयित्व क्षालयत् क्षाल्यमाण क्षाल्यमाण क्षालितवत् क्षालित क्षालित क्षालयितव्य,क्षालनीय,क्षाल्य क्षाल्यते 38 - धोएँ / धोवा माटे |धोइने धोतो धोवातो / |धोवातो धोयेलो धोवायेलो धोवायेलो धोवा योग्य धोवाय छे / / 143/शुष 4 पर शोष्टुम् शुष्ट्वा | शुष्यत् शुष्यमाण शुष्यमाण शुष्कवत् शुष्क शुष्क शोष्टव्य,शोषणीय,शोष्य शुष्यते 38| सुकावा माये सुकाइने | सुकावतो सुकावातो सुकावातो सुकायेलो | सुकावायेलो सुकावायेलो सुकवा योग्य सुकाय छे 144/प्र+यत् 1 |आत्म प्रयतितुम् प्रयत्य प्रयतमान |प्रयत्यमान |प्रयत्यमान प्रयत्तवत् प्रयत्त प्रयत्त प्रयतितव्य, प्रयतनीय प्रयत्यते प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न प्रयत्न करवा योग्य प्रयत्न करवो करवा माटे | करीने | करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे - जाग |- |सुका
Page #186
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त वर्तमान भावे कृदन्त कर्तरि भूत कृदन्त कर्मणि भूत कृदन्त क्रम. कर्मणि तृ.पु. एक वचन विध्यर्थ कृदन्त ph0 11701 145| परि+ईक्ष | 1 |आत्म परीक्षितुम् परीक्ष्य | परीक्षमाण परीक्ष्यमाण | परीक्ष्यमाण | परीक्षितवत् | परीक्षित परीक्षित | परीक्षितव्य,परीक्षणीय,परीक्ष्य परीक्ष्यते | परीक्षा परीक्षा परीक्षा | परीक्षा परीक्षा | परीक्षा | परीक्षा परीक्षा परीक्षा परीक्षा करवा योग्य परीक्षा करवी करवा माटे | करीने करतो करातो करातो |करेला | करायेलो करायेलो कराय छे तृप् 4 पर तर्पितुम्,तर्पतुम तर्पित्वा | तृप्यत् तृप्यमाण तृप्यमाण | तृप्तवत् तृप्त तृप्त तर्पितव्य, तर्पणीय तप्यते 39/ तृप्त्वा / / खुश खुश | खुश थतो खुश थवातो | खुश थवातो खुश थयेलो| खुश खुश खुश थवा योग्य खुश थवा माटे थइने थवायेलो थवायेलो | थवाय छे 147/ध्यै(ध्याय 1 पर ध्यातुम् ध्यात्वा ध्यायत् ध्यायमान |ध्यायमान ध्यातवत् |ध्यात ध्यात ध्यातव्य,ध्येय |ध्यायते 39/ ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान ध्यान | ध्यान करव ध्यान करवा माटे | करीने | करतो करातो करातो करेलो करायेलो करायेलो | कराय छे 148| प्र–स पर प्रसर्तुम् प्रसृत्य प्रसरत् |प्रम्रियमाण प्रस्रियमाण |प्रसृतवत् प्रसृत प्रसृत प्रसर्तव्य,प्रसरणीय,प्रसार्य प्रम्रियते 39 - प्रसर प्रसरवा माटे प्रसरीने प्रसरतो |प्रसरातो प्रसरातो / | प्रसरेलो | प्रसरायेलो | प्रसरायेलो | प्रसरवा योग्य प्रसराय छे | | 149/अप+ईक्ष1 |आत्म अपेक्षितुम् अपेक्ष्य अपेक्षमाण अपेक्ष्यमाण | अपेक्ष्यमाण अपेक्षितवत् | अपेक्षित अपेक्षित | अपेक्षितव्य,अपेक्षणीय,अपेक्ष्य अपेक्ष्यते 40 - अपेक्षा अपेक्षा अपेक्षा | अपेक्षा / अपेक्षा | अपेक्षा | अपेक्षा | अपेक्षा अपेक्षा अपेक्षा रावखी जोइए अपेक्षा / राखवी | राखवा माटे राखीने | राखतो रखातो रखातो राखेलो | रखायेलो | रखायेलो रखाय छे / / 150 उप+विश्1 पर उपवेष्टुम् उपविश्य | उपविशत् उपविश्यमान | उपविश्यमान उपविष्टवत् उपविष्ट उपविष्ट | उपवेष्टव्य, उपवेशनीय उपविष्यते |40| ध्यान करवं
Page #187
--------------------------------------------------------------------------
________________ झर। / - बेसबुं / / / बसवा माटे | बेसीने | बेसतो बेसातो बेसातो बेसेलो बेसायेलो | बेसायेलो | बेसवा योग्य बसाय छे 151/उद्+गम्[1 पर उद्गन्तुम् उद्गत्य | उद्गच्छत् उद्गम्यमान | उद्गम्यमान | उद्गतवत् | उद्गत उद्गत | | उद्गन्तव्य,उद्गमनीय,उद्गम्य उद्गम्यते |40| - उगवू || उगवा माटे | उगीने | उगतो उगातो उगातो उगेलो |उगायेलो |उगायेलो | उगवा योग्य उगाय छे 152 कस् 1 पर कसितुम् कसित्वा | कसत् कस्यमान कस्यमान कसितवत् | कसित कसित कसितव्य कश्यते / खीलq | | |खीलवा मादेखीलीने | खीलतो |खीलातो |खीलातो खीलेलो खीलायेलो खीलायेलो| खीलवा योग्य खीलाय छे 153| गै(गाय) 1 पर गातुम् गीत्वा गायत् गीयमान गीयमान गीतवत् |गीत गीत गातव्य, गानीय, गेय |गीयते - गावू / / |गावा माटे | गाइने गातो गवातो |गवातो गायेलो गवायेलो गवायेलो | गावा योग्य गवाय छे |154 द्रु 1 पर द्रोतुम् द्रुत्वा / द्रवत द्रुयमाण द्रुयमाण द्रुतवत् द्रुत द्रुत | द्रोतव्य, द्रवणीय, द्रव्य द्रुयते झरवा माटे | झरीने | झरतो झरातो | झरातो झरेलो झरायेलो झरायेलो | झरवा योग्य झराय छ / |155 रट् 1 पर |रटितुम् रटित्वा रटत रटमान रटमान | रट्तिवत् |रटित रटित रटितव्य, रटनीय, रट्य रट्यते / - रडवू रडवा माटे | रडीने | रडतो रडातो | रडातो | रडेलो सा |जायला रडवु जाइए रडायेलो |रडायेलो | रडवू जोइए रडाय छे 156|वि+सम् 1 पर विसम् विसमुद्य | विसंवदत् विसमुद्यमान | विसमुद्यमान विसमुदितवत् विसमुदित विसमुदित विसंवदितव्य, विसंवदनीय विसमुद्यते + वद् | विसंवाद्य | विपरीत विपरीत | विपरीत | विपरीत विपरीत | विपरीत विपरीत | विपरीत विपरीत | विपरीत बोल, जोइए | विपरीत बोल | बोलवा माटे बोलीने | बोलतो | बोलातुं / बोलातुं | बोलेलो बोलायेलो बोलायेलो | बोलाय छे . 157 आ+चर् 1 |पर आचरितुम् |आचर्य | आचरत् आचर्यमाण आचर्यमाण आचरितवत् आचरित आचरित | आचरितव्य, आचरणीय आचर्यते - आचर आचरवामाटे आचरीने | आचरतो आचरातो आचरातो आचरेलो आचरायेलो आचरोयेलो| आचरवा योग्य आचराय छ| 158| उद्+ह 1 |उभय | उद्धर्तुम् उद्धृत्य | उद्धरत् उद्रियमाण | उद्रियमाण | उद्धृतवत् | उद्धृत उद्धृत उद्धर्तव्य,उद्धरणीय,उद्धार्य उद्भियते |41 काढq काढवा माटे काढीने | काढतो कढातो कढातो काढेलो कढायेलो | कढायेलो | काढवा योग्य कढाय छे / 159|तप् 1 |चर |तप्तुम् |तप्त्वा / तपत् तप्यमान तप्यमान तप्तवत् |तप्त तप्त तप्तव्य, तपनीय, तप्य तप्यते / तपq तपवा माटे |तपीने |तपतो तपातो |तपातो | तपेलो / |तपायेलो |तपायेलो | तपवा योग्य तपाय छे वदितुम् / 141
Page #188
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त भावे कृदन्त - क्रम. कर्तरि भूत कर्मणि भूत कृदन्त कृदन्त भावे भूत कृदन्त वर्तमान कर्मणि तृ.पु. धातु Inli Batzaga Lapsed httph7 मनाय छे / उखेडवु। / मन् 4 |आत्म मन्तुम् मनित्वा | मन्यमान | मन्यमान मन्यमान | मत्तवत् मत्त मत्त मन्तव्य, मननीय, मान्य मन्यते / - मानवू / / मानवा माटे मानीने | मानतो मनातो मनातो | मानेलो मनायेलो | मनायेलो | मानवा योग्य 161| मूल |10|पर मूलयितुम् मूलयित्वा| मूलयत् मूल्यमान | मूल्यमान मुलितवत् | मूलित मूलित मूलयितव्य, मूलनीय,मूल्य मूल्यते / - वाव वाववा माटे |वावीने / वावतो |ववातो |ववातो |वावेलो ववायेलो ववायेलो | वाववा योग्य ववाय छे S162| उद्+मूल 10 पर उन्मूलयितुम् उन्मूलयित्व उन्मूलयत् उन्मूल्यमान | उन्मूल्यमान | उन्मूलितवत् उन्मूलित उन्मूलित | उन्मूलयितव्य,उन्मूलनीय,उन्मूल्य | उन्मूल्यते 41 उखेडवामाटे उखेडीने | उखेडतो |उखेडातो | उखेडातो उखाडेलो | उखाडायेलो | उखाडायेलो | उखाडवा योग्य उखाडाय छ |163| वर्ज़ |10|पर वर्जयितुम् वर्जयित्वा | वर्जयत् वर्ण्यमाण | वय॑माण वर्जितवत् वर्जित वर्जित वर्जयितव्य,वर्जनीय,वृज्य वय॑ते / - त्याग / / त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग करवा योग्य त्यजाय छे करवो करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो | करायेलो | 164/ परि+वर्ज |10|पर परिवर्जयितुम् परिवर्ण्य | परिवर्जयत परिवर्ण्यमाण | परिवय॑माण परिवर्जितवत् परिवर्जित परिवर्जित | परिवर्जयितव्य,परिवर्जनीय परिवर्ण्यते |41| परिवृज्य - छोडवू | छोडवा माटे छोडीने छोडतो छोडातो छोडातो छोडेलो छोडायेलो छोडायेलो | छोडवा योग्य छोडाय छे 165| शिक्ष 1 |आत्म शिक्षितम् शिक्षित्वा | शिक्षमाण | शिक्ष्यमाण शिक्ष्यमाण | शिक्षितवत् / शिक्षित शिक्षित शिक्षितव्य,शिक्षणीय, शिक्ष्य शिक्ष्यते 41 - शीखवू / / शीखवा माटे शीखीने शीखतो शीखातो। | शीखातो शीखेलो शीखायेलो शीखायेलो | शीखवा योग्य शीखाय छे 166| सम्+ईक्षा 1 आत्म समीक्षितुम् समीक्ष्य / समीक्षमाण | समीक्ष्यमाण | समीक्ष्यमाण | समीक्षितवत् समीक्षित समीक्षित | समीक्षितव्य,समीक्षणीय,समीक्ष्य समीक्ष्यते
Page #189
--------------------------------------------------------------------------
________________ आपेलो क्षमा क्षमा कराय छे 11731 | सारीरीते / सारीरीते सारीरीते | सारीरीते | सारीरीते सारीरीते सारीरीते सारीरीते सारीरीते | सारीरीते जोवू जोइए सारीरीते / |जो जोवा माटे |जोइने | जोतो जोवातो जोवातो जोएलो जोवायेलो | जोवायेलो जोवाय छे 167 अप् |10|पर अर्पयितुम् अर्पयित्वा| अर्पयत् अर्घ्यमाण | अर्घ्यमाण अर्पितवत् | अर्पित अर्पित अर्पयितव्य, अर्पनीय अर्प्यते 42 - आपq | | आपवा माटे आपीने | आपतो |अपातो अपातो | अपायेलो |अपायेलो | आपवा योग्य अपाय छे / 168|भृ 1 उभय भर्तुम् भृत्वा भरमाण |भ्रियमाण भ्रियमाण भतवत | भृत भृत भर्तव्य, भरणीय, भृत्य भियते 42 - बोलाव | बोलावा माये बोलावीने | बोलावतो | बोलावातो बोलावातो | बोलावेलो | बोलावायेलो बोलावायेलो| बोलवा योग्य बोलावाय छ / 169/ मृग |10|आत्म| मृगयितुम् मृगयित्वा | मृगयमाण | मृग्यमाण मृग्यमाण मृगित गित / मृगयितव्य, मृग्य मृग्यते 42] - शोध शोधवा माटे शोधीने | शोधतो शोधातो / | शोधातो |शोधेलो शोधायेलो | शोधायेलो | शोधवा योग्य शोधाय छ / 170| क्षम्(क्षाम4 |पर क्षन्तुम,क्षमितुम् क्षमित्वा,क्षान्त्व क्षाम्यत् क्षम्यमाण | क्षम्यमाण क्षान्तवत् |क्षान्त क्षान्त क्षमितव्य, क्षन्तव्य, क्षम्य क्षम्यते 42 - क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा क्षमा करवा योग्य कर करवा माटे | करीने | करतो करातो | करातो करेलो | करायेलो करायेलो 171| (हृय) |1 |उभय | ह्वातुम् हूत्वा / ह्वयत् हूयमान |हूयमान हूतवत् हूत हूत | ह्वयनीय, हृय,ह्वातितव्य हूयते / 143 आहवान आहवान आहवान | आहवान आहवान | आहवान | आहवान |आहवान आहवान आहवान करवा योग्य आहवान करवू करवा माटे | करीने करतो करातो / करातो |करेलो करायेलो करायेलो कराय छे 172| वाञ्छ |1 पर वाञ्छितुम् वाञ्छित्वा वाञ्छत् वाञ्छ्यमान | वाञ्छ्यमान | वाञ्छितवत् | वाञ्छित वाञ्छित | वाञ्छितव्य, वाञ्छनीय वाञ्छयते 143 इच्छq | | इच्छा माटे | इच्छीने | इच्छतो इच्छातो |इच्छातो इच्छेलो इच्छायेलो इच्छायेलो | इच्छा करवा योग्य इच्छाय छे 173|आ+ढे 1 | उभय आह्वातुम् आहूय | आह्वयत् |आहूयमान आहूयमान आहूतवत् |आहूत आहूत | आह्वयनीय, आह्वेय आहूयते 43.आह्वातितक - बोलावQ / बोलाववामा बोलावीने | बोलावतो | बोलावातो बोलावातो बोलावेलो | बोलावायेलो बोलावायेलो| बोलाववु जोइए बोलावाय हे 174|रूष 4 पर | रोषितुम्, / | रोषित्वा, | रूष्यत् रूष्यमाण रूष्यमाण | रूषित, रूषित | रोषितव्य, रोषनीय, रोष्य | रूष्यते | रोष्टुम् रूषित्वा रूष्टवत् |रूष्ट
Page #190
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त कृदन्त वर्तमान कर्मणि वर्तमान भावे कृदन्त Likepe कर्मणि भूत / क्रम. धातु कर्मणि तृ.पु. एक वचन पाठ क्रमांक भावे भूत Lall कृदन्त विध्यर्थ पद कदन्त विन्नवत् गुस्से गुस्से | गुस्से थतो गुस्से थवातो| गुस्से थवातो| गुस्से गस्से . गुस्से गुस्से थर्बु जोइए गुस्से . थवा माटे थइने / थयेलो थवायेलो थवायेलो | थवाय छे 175| लुप् 4 पर लोपितुम् लोपित्वा | लुप्यत् लुप्यमान लुप्यमान लुप्तवत् लुप्त लुप्त लोपितव्य,लोपनीय,लोप्य | लुप्यते 44 मुंझावु | मुंझावा माटे | मुंझाइने | मुंझातो |मुंझावातो | मुंझावातो | मुंझेलो | मुंझायेलो | मुंझायेलो | मुंझवा योग्य मुंझाय छे विद् 4 पर वेत्तुम् वित्वा | विद्यमान | विद्यमान विद्यमान | विन्न विन्न वेत्तव्य-वेदितव्य वेदनीय,वेद्य | विद्यते / थर्बु / थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवा योग्य थवाय छे 177| दीप् 4 आत्म | दीपितुम् दीपित्वा |दीप्यमान |दीप्यमान दीप्यमान दीप्तवत दीप्त दीप्त दीपितव्य, दीप्य दीप्यते दीपq | | दीपवा माटे | दीपीने दीपतो दीपातो दीपातो दीपेलो | दीपायेलो | दीपायेलो दीपवा योग्य दीपाय छे 178|प्र+वृत्त |1 |आत्म प्रवर्तितुम् प्रवृत्य प्रवर्तमान |प्रवृत्यमान प्रवृत्यमान | प्रवृत्तवत् प्रवृत्त प्रवृत्त प्रवर्तितव्य,प्रवर्तनीय,प्रवृत्य प्रवृत्यते 45) प्रवर्तवा माटे प्रवर्तीने प्रवर्ततो प्रवर्तातो प्रवर्तातो प्रवर्तेलो प्रवर्तायेलो प्रवर्तायेलो |प्रवर्तवा योग्य प्रवर्ताय छे 179/श्लाघ् 1 |आत्म श्लाघितुम् श्लाघित्वा श्लाघमान | श्लाद्यमान श्लाद्यमान श्लाधितवत् श्लाधित श्लाधित श्लाघितव्य,श्लाघनीय,श्लाघ्य श्लाघ्यते 45 वखाण्वामाटे वखाणीने | वखाणतो वखाणातो वखाणातो वखाणेलो | वखाणायेलो वखाणायेलो वखाण करवा योग्य वखाणाय छ / 180| उद्+वि 1 आत्म उद्विक्षितुम् |उद्वीक्ष्य उद्दीक्षमाण | उतीक्ष्यमाण | उद्वीक्ष्यमाण उद्वीक्षितवत् उद्दीक्षित |उद्वीक्षित उद्वीक्षितव्य, उद्वीक्षणीय, उद्वीक्ष्यते 46| +ईक्ष उद्वीक्ष्य जोवा माटे जोइने जोतो जोवातो जोवातो जाएलो जोवायेलो | जोवायेलो जोवा योग्य जोवाय छे प्रवर्तवू - वखाण /
Page #191
--------------------------------------------------------------------------
________________ योग्य | | योग्य 181, परि+वृत1 आत्म परिवर्तितुम् परिवृत्य परिवर्तमान परिवृत्यमान | परिवृत्यमान | परिवृत्तवत् | परिवृत्त परिवृत्त परिवर्तितव्य,परिवर्तनीय,परिवृत्य परिवृत्यते 146 फरवू / / फरवा माटे | फरीने फरतो फरातो फरातो फरेलो फरायेलो |फरायेलो फरवा योग्य |फराय छ / फल 1 पर फलितुम् फलित्वा | फलत् फल्यमान फल्यमान फलितवत् | फलित फलित फलितव्य, फलनीय, फल्य फल्यते। फळवा माटे फळीने फळतो फळातो फळातो / | फळेलो फळायेलो फळायेलो फळवा योग्य फळाय छे 4 आत्म योक्तुम् युक्त्वा युज्यमान |युज्यमान युज्यमान |युक्तवत् |युक्त युक्त योक्तव्य, योज्य-योग्य युज्यते 148 योग्य योग्य योग्य योग्य / योग्य | योग्य योग्य योग्य थर्बु जोइए योग्य थवा माटे |थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेला थवाय छे 184 लड्ध 1 आत्म लड्घितुम् | लड्घित्वा लघमान लड्घ्यमान | लड्घ्यमान | लड्धितवत् लड्घित लघित लघितव्य,लङ्घनीय,लड्घ्य लड्ध्यते 48| उल्लंघन / उल्लंघन उल्लंघन | उल्लंघन |उल्लंघन उल्लंघन उल्लंघन | उल्लंघन |उल्लंघन उल्लंघन करवु जोइए उल्लंघन करवु | | करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो | करायेलो कराय छे / 5185|वि+सृज6 पर विसृष्टुम् विसृज्य | विसृजत् विसृज्यमान | विसृज्यमान | विसृष्टवत् | विसृष्ट विसृष्ट विस्रष्टव्य, विसर्जनीय,विसृज्य विसृज्यते 49 -- आपq | | आपवा माटे आपीने आपतो अपातो अपातो आपेलो अपायेलो |अपायेलो आपवा योग्य अपाय छे / 186/ अनु+सृ 1 |पर अनुसर्तुम् अनुसृत्य अनुसरत् अनुस्रियमाण अनुस्रियमाण अनुसृतवत् | अनुसृत अनुसृत अनुसर्तव्य, अनुसरणीय, अनुप्रियते 51 अनुसार्य अनुसरवू / अनुसरवामाटे अनुसरीने अनुसरतो |अनुसरातो |अनुसरातो अनुसरेलो | अनुसरायेलो अनुसरायेलो अनुसरयूँ जोइए अनुसराय छ| 187 उद्+सृज् 6 |पर उत्स्रष्टुम् उत्सृज्य | उत्सृजत् उत्सृज्यमान | उत्सृज्यमान | उत्सृष्टवत् | उत्सृष्ट उत्सृष्ट उत्प्रष्टव्य उत्सर्जनीय,उत्सृज्य उत्सृज्यते 51 त्याग / | त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग त्याग करवा योग्य त्याग करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो करायेलो करायेलो 1 आत्म लोकितुम् लोकित्वा लोकमान लोक्यमान | लोक्यमान लोकितवत् | लोकित लोकित लोकितव्य, लोकनीय, लोक्यते 51 |10|परस्मै लोकयितुम् | लोकयित्वा लोकयत् जोवा माटे |जोइने |जोतो जोवातो जोवातो जोयेलो जोवायेलो जोवायेलो |जोवा योग्य जोवाय छे |1751 करवो कराय छे
Page #192
--------------------------------------------------------------------------
________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त कर्मणि कृदन्त SY ebie plle क्रम. कर्मणि तृ.पु. एक वचन LIFE Lalice विध्यथ black lih Lole 2h in - | दुःखी थवातो 189| वि+लोक 1 |पर विलोकयितुम् विलोक्य विलोकमान विलोक्यमान | विलोक्यमान | विलोकितवत् विलोकित विलोकित |विलोकितव्य, विलोकनीय विलोक्यते विलोकन | विलोकन विलोकन | विलोकन विलोकन विलोकन विलोकन | विलोकन विलोकन विलोकन करवा योग्य विलोकन करवू करवा माटे | करीने करतो करातो करातो करेलो | करायेलो करायेलो कराय छे 190| सद्(सीद)1 पर सत्तुम् सत्वा सीदत् सद्यमान सद्यमान सन्नवत् | सन्न सन्न सत्तव्य, सदनीय, साद्य सद्यते दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी दुःखी | दुःखी दुःखी दुःखी थवा योग्य दुःखी थवा माटे थइने थतो थवातो थयेलो | थवायेलो थवायेलो थवाय छे |191/प्र+सद् |1 |पर प्रसत्तुम् प्रसद्य प्रसीदत् प्रसद्यमान / प्रसद्यमान | प्रसन्नवत् | प्रसन्न प्रसन्न प्रसत्तव्य,प्रसदनीय,प्रसाद्य प्रसद्यते प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न | प्रसन्न प्रसन्न प्रसन्न थवा योग्य प्रसन्न थ, थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवाय छे |1 |पर हसितुम् हसित्वा |हसत् हस्यमान हस्यमान हसितवत् | हसित हसित हसितव्य, हसनीय, हास्य | हस्यते / - हसवू हसवा माटे | हसीने हसतो हसातो हसातो | पला हसवु जाइए | हसायेलो | हसायेलो |हसवू जोइए / हसाय छे 193| उद्+स्था 1 पर | उत्थातुम् उत्थाय उत्तिष्ठत् उत्थीयमान | उत्थीयमान | उत्थितवत् | उत्थित | उत्थित उत्थातव्य,उत्थानीय,उत्थेय उत्थीयते। उभा उभो उभो उभो उभो उभो उभो | उभो |उभो उभा थवा योग्य उभो थवा माटे थइने थतो थवातो थवातो थयेलो थवायेलो थवायेलो थवाय छे हस्
Page #193
--------------------------------------------------------------------------
________________ कृदन्त वाक्य
Page #194
--------------------------------------------------------------------------
________________ हेत्वर्थ कृदन्त के वाक्य / क्रम. हेत्वर्थ कृदन्त अर्थ વાય नमवा माटे, नमवा, नमवाने |हुं नमवा माटे जाऊ छु। अंह नन्तुम् गच्छामि। भणवा माटे, भणवा, भणवाने | महेश घरमा भणवा माटे बेसे छ। | महेशः गृहे भणितुम् उपविशति। रखडवा माटे, रखडवा, बालको जंगलमां रखडवा जाय छे। रखडवाने बालाः वनं अटितुम् गच्छन्ति / पूजा करवा माटे, पूजा करवा | बे भक्तो वीरनी पूजा करवा दोडे छ। पूजा करवाने भक्तौ वीरं अर्चितुम् धावतः। बाळवा माटे, बाळवा, बाळवाने गोवाळ लाकडा बाळवा माटे विचार करे छ। गोपः काष्ठानि दग्धुम् चिन्तयति। जीववा माटे, जीववा, भिखारीओ जीववा माटे अन्न खाय छे / जीववाने याचकाः जीवितुम् अन्नं खादन्ति। रमवा माटे, रमवा, रमवाने बालिकाओ रमवा माटे मेदान मां गइ। बालाः क्रीडितुम् क्रीडाङ्गणं अगच्छन्। | लोभ करवा माटे, लोभ करवा वे लोभी लोभ करवा माटे प्रयत्न करे छ। लोब्धुम् |लोभ करवाने कृपणौ लोभितुम् प्रयतते। 9. जपितुम् | जाप करवा माटे, जाप करवा | | स्त्रीओ जाप करवा माटे जूए छे। जाप करवाने योषितः जपितुम् पश्यन्ति। | 10. गन्तुम् | जवा माटे, जवा, जवाने ते बे जवा माटे उभा छे। तौ गन्तुम् तिष्ठतः। 11. प्रस्थातुम् प्रयाण करवा | मुसाफर प्रयाण करवा माटे दोडयो। करवा, प्रयाण करवाने पान्थः प्रस्थातुम् अधावत्। 12.| नेतुम् | लइ जवा माटे, लइ जवा, / | बे प्रधानो धन लइ जवा माटे आवे छे। लइ जवाने प्रधानौ धनं नेतुम आगच्छतः। 13. कथयितुम् | कहेवा माटे, कहेवा, कहेवाने | शिष्यो आचार्यनी साथे कथा कहेवा बेसे छे / शिष्याः आचार्येण सह कथयितुम् उपविशन्ति / 14. दातुम् आपवा माटे, आपवा, राजाए याचकोने अन्न आपवा माटे प्रधान ने कह्यु। नृपः याचकेभ्यः अन्नं दातुम् प्रधानं अकथयत्।। | खरवा माटे, खरवा, खरवाले | वृक्ष परथी पांदडाओ खरवा इच्छे छ। | वृक्षात् पर्णाणि क्षरितुम् इच्छन्ति / आपवाने 11771
Page #195
--------------------------------------------------------------------------
________________ संबंधक भूत कृदन्त के वाक्य अर्थमा जिन वाक्य क्रम.सं.भू.कृदन्त | भणीने 1. रक्षित्वा रक्षण करीने राजा रक्षण करीने पाछळथी शोक करे छे। नृपः रक्षित्वा पश्चात् शोचति। 2. नत्वा नमस्कार करीने भक्त भगवान ने नमस्कार करीने घरे जाय छ। भक्तः भगवते (भगवन्तम्) नत्वा गृहं गच्छति। | 3. | उषित्वा रहीने, वसीने धनपाल धारामां रहीने सत्यपुर गयो हतो। धनपालः धारायाम् उषित्वा सत्यपुरं अगच्छत् / 4. | पठित्वा साधुओए व्याकरण भणीने उपाश्रय तरफ प्रयाण कर्यु साधवः व्याकरणं पठित्वा वसतिं प्रातिष्ठन्त। | जीवित्वा जीविने, अजीवीका | पिता पुत्रनी आजीवीका चलावीने कंटाळे छ। चलावीने जनकः पुत्रं जीवित्वा पराजयते। क्रीडित्वा | रमीने बालको रमीने पाणी पीवा माटे घरे आवे छे। बालाः क्रीडित्वा जलं पातुम् गृहं आगच्छन्ति / पूजयित्वा पूजा करीने गुरूओ वीरनी पूजा करीने भोजन करवा माटे बेसे छे गुरवः वीरं पूजयित्वा भोजनार्थं उपविशन्ति। निन्दित्वा निंदा करीने अधम-पुरूष धर्मनी निंदा करीने खुश थाय छे अधम-पुरूषः धर्मं निन्दित्वा तुष्यति। 9. शोचित्वा शोक करीने ससरो गाममाथी शोक करीने घरे आव्यो। शुचित्वा श्वशुरः ग्रामात् शोचित्वा गृहं आगच्छत् / विजित्य . | विजय पामीने, वे राजाओ शत्रुओ ने जीतीने रथमा बेसे छ। जीतीने नृपौ शत्रून् विजित्य रथं (रथे) उपविशतः / 11. लोभित्वा, . लोभ करीने पुत्र पिताने ललचावीने पैसा लइ जाय छे लुभित्वा,लुब्ध्वा पुत्रः जनकं लोभित्वा वित्तं नयते। 12. लेखित्वा लखीने विद्यार्थी पुस्तक लखीने खुश थयो। छात्रः पुस्तकं लेखित्वा अतुष्यत्। 13. | मोहित्वा,मुहित्वा, मोह पामीने जीवो संसार साथे मोह करीने मुंझाय छ। | मुग्घ्वा, मुद्वा | मोह करीने जीवाः संसारेण सह मोहित्वा मुह्यन्ति। 14./ परित्यज्य | त्याग करीने नळराजा दमयंतीनो त्याग करीने वनमां गयो। | नळ: दमयन्तीम् परित्यज्य वनं अगच्छत् / 15. | दण्डयित्वा / दण्ड करीने राजा चोरने दण्ड करीने शांतिनी घोषणा करे छ / नृपतिः चौरं दण्डयित्वा शांतिम् घोषयति। 11781
Page #196
--------------------------------------------------------------------------
________________ | कर्तरि भूत कृदन्त के वाक्य - अर्थ क्रम. कर्त.भूत कदन्त वाक्य 1. | नीतवत्, लइ गयो, लइ गई, लइ गयु, | पुत्र पिताने उद्यानमा लइ गयो। | नीत लइ गयेलो, ली, लु | पुत्रः जनकं उद्यानं नीतवान/नीतः / कथितवत् | कह्यो, कह्यु, कहेलो, आचार्य शिष्योने धर्म कहेता हता। कथित कहेली, कहेलु आचार्यः शिष्येभ्यः धर्मं कथितवान् / | वर्णितवत् | वर्णव्यो, वर्णव्यु, वर्णवेलो, कविए राजसभामा राजानां गुणोनुं वर्णन कर्यु। | वर्णित वर्णवेली, लू कविः राज-सभायाम् नृपस्य गुणान् वर्णितवान् | रतवत् रम्यो, रमी, रम्यु रमता बालक ने जोइने ते बे पण रम्या | रत | रमेलो, रमेली, लुं क्रीडन्तं बालं दृष्ट्वा तौ अपि रतवन्तौ/रतौ | खादितवत् | खाधुं, खाघेलो, | खाधेला लाडवा ने लइने भीखारी राजा पासे आव्यो। खादित | खाधेली, खााधेला खादितवन्तं मोदकं नीत्वा याचकः नृपस्य समीपं आगतवान् / दत्तवत् / आप्यो, आपी, आपेलुं आपेली | देव माणसोने वियोग नु दुःख आपतो हतो। दत्त देवः जनेभ्यः वियोगस्य दुःखं दत्तवान् / दृष्टवत्, जोयो, जोइ, जोयुं, जोयेलो, | बालीकाओ ए पूजा करवा माटे पुष्पो जोया हता। दृष्ट जोयेली, जोयेलु | बालाः पूजयितुम् पुष्पाणि दृष्टवत्यः | | जेमितवत्, | खाधो, खाधी, खाधेलो, | देवदत्ते धरमां बेसीने चोखा खाधा। जेमित खाधेला, खाधा | देवदत्तः गृहे उपविश्य तण्डूलान् जेमितवान् / पठितवत्, | भण्यो, भणेलो, भणेली, | विद्यार्थीओ क्लास मां संस्कृत भणता हता। पठित भणी, भण्यु | छात्राः अध्ययन-कक्षे संस्कृतं पठितवन्तः / | 10. | धावितवत्, | दोडयो, दोडी, दोडवू, दोडेलो, चोर घोडाने लइने जंगलमां दोडयो। | धावित | दोडेली, दोडेलु | चौरः अश्वं नीत्वा वनं (वने) धावितवान् / | 11. चिन्तितवत्, चिंता करेलो, करेली, करेला | गुरू शिष्यना जीवन माटे चिंता करता हता। चिन्तित | गुरूः शिष्यस्य जीवनाय चिन्तितवान् / | 12. मिलितवत्, मळवा, मळ्युं, मळेलो, मळेला, बे मित्र गाम जवा माटे घरमां मळ्या। | मिलत मळेलु | मित्रे ग्रामं गन्तुम् गृहे मिलतवती। | 13./ पितवत्, पीg, पीधी, पीधेलो, पीधेनुं | बे बालको हाथी ऊपर चढीने दुध पीता हता | पीत | बालौ हस्तीम् आरूह्य दुग्धं पीतवन्तौ।। |14. ताडितवत्, | मार्यो, मार्या, मारेलो, मारेली, | सैनिको चोरोने घरे आवीने लाकडाथी मारता हता। ताडित मारेलु | सैनिकाः चौरान गृहं आगत्य दण्डेन ताडितवन्तः।। | 15. | पक्ववत्, राधेलु, राधेलो, रांधेली, रांधी | रसोइयो अग्निद्वारा चोखा रांधतो हतो। पक्व | सुदः वहिनना तण्डूलान् पक्ववान्। [179
Page #197
--------------------------------------------------------------------------
________________ कर्मणि भूत कृदन्त के वाक्य मना अर्थ - वाक्य क्रम. कर्म भूत कृदन्त |1. |जित खादित लिखित दत्त कथित | जीतायो, जीताइ, जीतायुं. राम वडे युद्धमां रावण जीतायो। जीतायेलो, जीतायेली रामेण युधि रावणः जीतः / खवायो, खवाइ, खवायुं, हरणो वडे गाम मां घास खवायु। खवायेलो मृगैः ग्रामे तृणानि खादितानि। पीवायो, पीवायुं, पीवायेलो, | अपायेला हाथी वडे गरम दुध पीवायुं। | पीवायेली दत्तेन गजेन उष्णं दुग्धं पीतं। |जवायो, जवाइ, जवायु, |बालीकाओं वडे घरेथी पाठशाला जवायुं / जवायेलो, जवायेली | बालाभिः गृहात् पाठशाला गता। | स्पर्श करायो, करायी, करायु, स्पर्श करायेला वांदरा वडे फळो खवाया। | स्पर्श करायेलो, ली, लुं स्पृष्टेन वानरेन फलानि स्वादितानि / लखायो, लखायि, लखायं, बे पंडितो वडे बे पुस्तको लखाइ। | लखायेलो, लखयेली | पण्डिताभ्याम् पुस्तके लिखिते। अपायो, अपायि, अपायु गुरूओ वडे शिष्यो ने तत्वोनु ज्ञान अपायु अपायेलो, अपायेली गुरूभिः शिष्येभ्यः तत्वानाम् ज्ञानं दत्तं / कहाया, कहाइ, कहायु, साधु द्वारा माणसोने प्रवचन मां धर्म कहायो। कहायेलो, कहायेली | श्रमणेन जनान् प्रवचने धर्मः कथितः / | रंधाया, रंधाइ, रंधायुं. | माता वडे खावा माटे चोखा रंधाया। रंधायेलो, रंधायेली, रंधायेखें |जनन्या खादितुम् तण्डूलाः पक्वाः / गणायो, गणाइ, गणायुं, बालीकाओं द्वारा पुष्प मालाओ गणाइ। गणेलो, गणेली बालाभिः पुष्पमालाः गणिताः। | पूजायो, पूजाइ, पूजायु, | श्रावको वडे मंदिर मां पुष्पो वडे वीर पूजाया पूजायेलो, पूजायेली, लुं श्रावकैः देवालये पुष्पैः वीरः पूजितः / मरायो, मराइ, मरायु, देवदत्त वडे लाकडीथी ते बन्ने ने मरायुं / मरायेलो, मरायेली, लु | देवदत्तेन दण्डेन तौ ताडितौ। तरायो, तराइ, तरायु, | काचबाओं द्वारा विशाल समुद्र बे हाथ वडे तरायो। तरायेलो, तरायेली, लुं | कुर्मः विशालः समुद्रः हस्ताभ्याम् तीर्णः / | रचायो, रचाइ, रचायुं. | लखायेलु काव्य कविओं द्वारा मधुर शब्दोथी रचायुं। | रचायेलो, रचायेली, रचायेलं | लिखितं काव्यं कविभिः मधुर शब्दैः विरचिते। | वहन करायो, वहन करायेली, नोकरो द्वारा घणो भार वहन करायो। | वहन करायेलो | किङ्करैः बहुः भारः ऊढः। पक्व गणित | पूजित ताडित 13. तीर्ण 14. विरचित 15. ऊढ [1801
Page #198
--------------------------------------------------------------------------
________________ भावे भूत कृदन्त के वाक्य क्रम. भावे.कर्त. कृदन्त अर्थ वाक्य खादित 8. | उदित | खवायुं, खवायो, खवाइ, राम द्वारा बे हाथ वडे खवायु। खवायेलु, खवायेली रामेण हस्ताभ्याम् खादितं। |2. | दत्त अपायो, अपाइ, अपायु, | राजा वडे भिखारीओ ने अपायुं। | अपायेलो, अपायेली, लुं नृपेण याचकेभ्यः दत्तं। 3. | पित |पीवायो, पीवाइ, पीवायु | बालको द्वारा पीवायु। पीवायेलो, पीवायेली बालैः पीतम्। 4. धावित | दोडायु, दोडाइ, दोडायो, बे घोडा द्वारा वनमां दोडायं। दोडायेलो, दोडायेली | अश्वाभ्याम् वने धावितम्। |5. आगत अवायो, अवाइ, अवायु, मारा द्वारा तेना गाम मां अवायुं। | अवायेलो, अवायेखें मया तस्य ग्रामे (ग्राम) आगतम् / 6. | लिखित | लखायो, लखाइ, लखायुं. | विद्यार्थी वडे लखायुं। | लखायेलो, लखायेली छात्रेण लिखितम्। 7. | पठित भणायो, भणाइ, भणायुं, | बे मित्रो वडे रात्रे भणायु। भणायेलो, भणायेली | मित्राभ्याम् निशायाम् पठितम्। | बोलायो, बोलायुं, बोलाइ, | बालक वडे अन्न खावा माटे बोलायुं / बोलायेलो, बोलायेली | बालेन अन्नं खादितुम् उदितम्। 9. | अर्चित | पूजा करायो, कराइ, करायं, भक्त द्वारा पुष्पो वडे श्रद्धाथी मंदीर मां पूजा कराइ। करायेलो, करायेली भक्तेन पुष्पैः श्रद्धया देवालये अर्चितम् / | 10. स्मृत स्मरण करायो, करायुं, | पीता द्वारा स्मरण करायु। | करायेलो, करायेली जनकेन स्मृतम्। 11. चिन्तित चिंता करायो, कराइ, करायु, पूजा करायेला साधु वडे चिन्ता कराइ। | करायेलो, करायेली पूजितेन साधुना चिन्तितम्। वन्दित | वंदन करायो, करायु, शिष्यो वडे वंदन करायु। | वंदन करायेलो, करायेली शिष्यैः वन्दितम्। 13. मिलित | मळायो, मळायुं, त्यजाएली सीता वडे वन मां मळायुं / मळायेलो, मळायेखें त्यक्तया सीतया वने मिलितं। 14. कथित कहेवायो, कहेवायु | राजा द्वारा कथा लखवा कहेवायुं / कहेवायेली, कहेवायेलो | नृपेण कथां लिखितुम् कथितम्। 15. जित | जीतायो, जीताइ, जीतायु, | प्रधानो द्वारा युद्धमां जीतायुं। जीतायेलो, जीतायेली | प्रधानैः युधि जितम्। / 1181
Page #199
--------------------------------------------------------------------------
________________ वर्तमान कर्तरि कृदन्त के वाक्य क्रम. वत.कते. कदन्ता अर्थ ताडयत् 2. | गच्छत् 3. | पश्यत् 4. | नयत् 5. | कथयत् 6. | खादत् भणत् | जेमत् | मारतो, मारती, मारतुं | पुत्र ने मारतो अधम-पुरुष खुश थाय छ। पुत्रं ताडयन् अधम-पुरूषः तुष्यति। जतो, जती, जतुं पाठशाला जतो बालक दडाथी रमे छ। पाठशालां गच्छन् बालः कन्दूकेन रमते। जोतो, जोती, जोतुं वाघने जोती बालीका गभराय छ। व्याघ्रं पश्यन्ती बाला क्षुभ्यति। लइ जतो, लइ जती, लइ जतु पुस्तक लइ जतो मित्र लाडवा खातो नथी। पुस्तकं नयत् (नयद) मित्रं मोकदान् न खादति। कहेतो, कहेती, कहेतुं धर्म ने कहेता बे साधुओने आनंद थाय छ। धर्म कथयन्तौ श्रमणौ आनंदः भवति।। खातो, खाती, खातुं वनमा फळो खातो वांदरो गाम तरफ भाग्यो। | वने फलानि खादन वानरः ग्रामं अनश्यत्। भणतो, भणती, भणतुं | भणता विद्यार्थीओने जोइने गुरू खुश थाय छे भणतः छात्रान् दृष्ट्वा गुरवः तुष्यन्ति / खातो, खाती, खातुं लाडवा खाता बे मित्रो वांचे छे। . मोकदान् जेमन्ती मित्रे पठतः। पूजतो, पूजती देवने पूजतो भक्त पश्चातापथी रडे छ। देवं पूजयन् भक्तः पश्चातापेन रटति। बोलतो, बोलती, बोलतुं | शिक्षके बोलती बे बालीकाओ ने कहयु। अध्यापकः वदन्त्यौ बाले अकथयत्। | चिंता करतो, चिंता करती, | अमे चिंता करती स्त्री ने जोइए छीए। चिंता करतुं वयम् चिन्तयन्तीम् योषितम् पश्यामः / | दोडतो, दोडती, दोडतुं | दोडता घोडा उपरथी सैनिक पड्यो। धावतः अश्वात् सैनिकः अपतत्। लखतो, लखती, लखतुं कथा लखता बालकने राजाए इनाम आप्यु। कथाम लिखते बालाय नृपः पारितोषिक अयच्छत्। चरतो, चरती, चरतुं गाम मां चरती गायो वन मां जाय छ। ग्रामे चरन्त्यः धेनवः वनं गच्छन्ति। चालतो, चालती, चालतुं / | चालता मुसाफरने जोइने राजा पूछे छे। चलन्तम् पथिकं दृष्ट्वा नृपः पृच्छति। पूजयत् | 10. वदत् 13. लिखत् 14. चरत् 15.| चलत् [182/
Page #200
--------------------------------------------------------------------------
________________ - वर्तमान कर्मणि कृदन्त के वाक्य अर्थ र क्रम. वर्त कर्म. कृदन्त वाक्य 1. गम्यमान |जवातो, जवाती, जवातुं | तेना वडे जवातुं गाम सारू छ। तेन गभ्यमानः ग्रामः शोभनः अस्ति। |2. | लिख्यमान् लखातो, लखाती, लखातुं | कविओं वडे लखाती पुस्तक लाल छ। कविभिः लिख्यमानं पुस्तकं रक्तं अस्ति। | 3. | खाद्यमान | खवातो, खवाती, खवातुं | विद्यार्थी वडे खवाता अडद सारा नथी। छात्रेण खाद्यमानः माषः शोभनः नास्ति। 14. | पीयमान |पीवातो, पीवाती, पीवातुं | घोडा वडे पीवातुं पाणी समुद्रुनुं छे। अश्वेन पीयमानं जलं समुद्रस्य अस्ति | दीयमान आपातो, अपाती, अपातुं बे राजाओ वडे अपातो घोडो कुशळ छ। नुपाभ्याम् दीयमानः अश्वः कुशळ: अस्ति। |दृश्यमान | जोवातो, जोवाती, जोवातुं | देव वडे जोवातुं नगर नजीक छ। देवेन दृश्यमानं नगरं समीपं अस्ति। वंदातो, वंदाती, वंदातुं अमर वडे वंदाती बे देवी देवलोक नी छ। अमरेण वंद्यमानं देव्यै देवलोकस्य स्तः। 8. | जिम्यमान | खवातो, खवाती, खवातुं बालीकाओ वडे खवाता चोखा सफेद छ। बालाभिः जिम्यमानाः तण्डुलाः श्वेताः सन्ति / 9. | कथ्यमान | कहेवातो, कहेवाती, कहेवातुं | साधुओ वडे कहेवातो धर्म वीरनो छ। श्रमणैः कथ्यमानः धर्मः वीरस्य अस्ति। 10. गण्यमान | गणाता, गणाती, गणातुं | पिता वडे गणाता पैसा देवद्रव्य ना छ। जनकेन गण्यमानं वित्तं देवद्रव्यस्य अस्ति। | 11. विरच्यमान | बनावातो, बनावाती, बनावातुं | | कुंभार वडे बनावातुं वासण माटी मुंछे। कुम्भकारेण विरच्यमान भाण्डं मृदः अस्ति। | 12. रक्ष्यमाण | रक्षण करातो, कराती, करातुं मारा वडे रक्षण करातुं गाम आ राजानु छ / मया रक्ष्यमाणः ग्रामः अस्य नुपस्य अस्ति। | 13. | उष्यमाण |वसाता, वसाती, वसातुं मित्र वडे वसाता घरो काळा छ। मित्रेण उष्यमाणानि गृहाणि कृष्णानि सन्ति। 14. भण्यमान |भणातो, भणाती, भणातुं विद्यार्थीओ वडे भणातो पाठ संस्कृत नो छ। | छात्रैः भण्यमानः पाठः संस्कृतस्य अस्ति। | 15.| दह्यमान | बळातो, बळाती, बळातुं | मजुरो वडे बळातुं जंगल चन्दनोना लाकडानु छ / | किङ्करैः दह्यमानं वनं चंदनानाम् काष्ठानाम् अस्ति। 11834
Page #201
--------------------------------------------------------------------------
________________ वर्तमान भावे कृदन्त के वाक्य वाक्य पुछाय उद्यमान 7. |रम्यामान 1. | दीयमान | अपाती, अपातुं, अपातो, राजा वडे अपाय छ। अपाय नृपेण दीयमानमस्ति। पुछातो, पुछातुं, पुछाती विद्यार्थी वडे पुछाय छ। छात्रेण पृच्छ्यमानम् अस्ति। गण्यमान | गणातो, गणातुं, गणाती, कोशाध्यक्ष वडे गणाय छे। गणाय कोशाध्यक्षेण गण्यमानम् अस्ति। 4. |रच्यमान | | रचातो, रचातुं, रचाती, रचाय | कविओ वडे धरमां रचाय छ / कविभिः गृहे रच्यमानम् अस्ति। | बोलातो, बोलाती, बोलातुं | देवदत्त वडे बोलाय छ। बेलाय देवदत्तेन उद्यमानम् अस्ति। 6. | अट्यमान | रखडातो, रखडाती, रखडातुं, | बे मित्रो वडे वनमा रखडाय छ। | रखडाय मित्राभ्याम् वने अट्यमानम् अस्ति। | रमातो, रमाती, रमातुं, रमाय | बालको वडे रमाय छ। बालैः रम्यमानम् अस्ति। गम्यमान | जवातो, जवाती, जवातुं | पीता वडे गममाथी जवाय छे। जवाय जनकेन ग्रामात् गम्यमानम् अस्ति। 9. | पत्यमान | पडातो, पडाती, पडातुं, पडाय| तेना वडे कुवामां पडातुं नथी। तेन कुपे न पत्यमानम्। 10.| घोष्यमान | घोषणा करतो, करती, राजा वडे घोषणा कराय छ / | करतुं, कराय नृपेण घोष्यमानम् अस्ति। 11.| लिख्यमान | लखातो, लखाती, लखातुं, अपंग वडे लखातुं नथी। लखाय खञ्जन न लिख्यमानम्।। 12.| सृज्यमान | सर्जन करातो, कराती, | शिक्षक वडे सर्जन कराय छ। करातुं, कराय अध्यापकेन सृज्यमानम् अस्ति। 13. चोर्यमाण | चोरातुं चोरातो, चोराती, | चोरो वडे चोराय छ। चोराय चौरैः चोर्यमाणमस्ति। 14. स्पृश्यमान | स्पर्श करातो, कराती, ते बे वडे स्पर्श कराय छ। करातुं, कराय | ताभ्याम् स्पृश्यमानमस्ति। 15. वन्द्यमान | वंदन करातो, कराती, शिष्य वडे वंदन कराय छ। करातुं, कराय शिष्येण वन्द्यमानमस्ति। 1184
Page #202
--------------------------------------------------------------------------
________________ विध्यर्थ कृदन्त के वाक्य अर्थ क्रम. विध्यर्थ कृदन्त / - वाक्य | पठितव्य, | भणवा योग्य, देवदत्त वडे व्याकरण भणवा योग्य छ। | पठनीय,पाठ्य | भणवु जोइए देवदत्तेन व्याकरणं पठनीयम्। 2. | पूजयितव्य, | पूजवा योग्य, भक्तो वडे पुष्पो द्वारा वीर पूजवा योग्य छे | पूजनीय, पूज्य | पूजवू जोइए भक्तैः पुष्पैः वीरः पूजनीयः। | रचयितव्य, रचवा योग्य,रचयूँ जाइए| बे बालीकाओ वडे बे पुष्पमाला बनावा योग्य छ। | रचनीय, रच्य बालाभ्याम् पुष्प–माले, रचयितव्ये स्तः / | त्यक्तव्य, त्यजवा योग्य, त्यजावू | लोभी वडे लोभ त्यज्वा योग्य छ। त्यजनीय,त्याज्य जोइए कृपणेन लोभः त्यजनीयः। | रक्षितव्य, रक्षण करवा योग्य, | मारा वडे गायो रक्षावी जोइए। | रक्षणीय, रक्ष्य | रक्षण करावें जोइए मया धेनवः रक्षितव्याः। खावा योग्य, बालक वडे लाडवो खावा योग्य छ। | खादनीय,खाद्य खाएं जोइए बालेन मोदकः खाद्यः। |7. | चलितव्य, | चालवा योग्य, साधु वडे वन मां चलाईं जोइए। | चलनीय चालवू जाइए श्रमणेन वने चलितव्यम्। | 8. | वोढव्य, वहनीय | वहन करवा योग्य, मजूर वडे भार वहन करवा योग्य छे | वाह्य | वहन करवू जोइए किङ्करेण भारः वहनीयः। 9. | वदितव्य,वदनीय बोलवा योग्य, तारा वडे संस्कृत बोलवा योग्य छ। | वाद्य बोलवू जोइए त्वया संस्कृतं वदनीयं। 10.| परित्यक्तव्य, त्यजवा योग्य, नळराजा वडे दमयंती छोडवा योग्य नथी। | परित्यजनीय | त्यजवं जोइए नळेन दमयन्ती न परित्यजनीया। 11.| पातव्य, पानीय, | पीवा योग्य, पीयूँ जोइए बालको वडे दुध पीवा योग्य छ। | पेय बालैः दुग्धं पेयं। 12.| पठितव्य,पठनीय वांचवा योग्य, मारा मित्र वडे आ पुस्तक वाचवा योग्य छ / | पाठ्य | वंचावु जोइए मम मित्रेण अदः पुस्तकं पठितव्यम्(पठनीयम्) 13.| ताडयितव्य, | मारवा योग्य, सैनिको वडे चोरो मारवा योग्य छ। | ताडनीय,ताड्य | मारवू जोइए सैनिकैः चौराः ताडयितव्याः। 14./ पालयितव्य, | पालन करवा योग्य | तेना वडे राज्य नु पालन करावु जोइए। | पालनीय, पाल्य | पालन करवू जोइए | तेन राज्यं पालनीयं। | मानयितव्य, मानता योग्य, | मारा वडे गुरूनी आज्ञा मानवा योग्य छ। माननीय, मान्य | मानवू जोइए मया गुरोः आज्ञा मान्या। [185
Page #203
--------------------------------------------------------------------------
________________ विभक्ति वाक्य
Page #204
--------------------------------------------------------------------------
________________ विभक्ति के वाक्य प्रथमा विभक्ति के वाक्य 1. रतिलाल खाय छे। | रतिलालः खादति वर्तमान कर्तरि |2. रतिलाल वडे खवाय छे रतिलालेन खाद्यते वर्तमान कर्मणि | 3. रतिलाल खातो हतो रतिलालः अखादत् . ह्य कर्तरि 4. रतिलाल वडे खवायुं हतुं रतिलालेन अखद्यत ह्य कर्मणि द्वितिया विभक्ति के वाक्य 1. रमेश पुस्तक लखे छ। रमेशः पुस्तकं लिखति। वर्तमान कर्तरि 2. रमेश वडे पुस्तक लखाय छ। रमेशेन पुस्तकम् लिख्यते। वर्तमान कर्मणि 3. रमेश पुस्तक लखतो हतो। रमेशः पुस्तकं अलिखत्। ह्य कर्तरि 4. रमेश वडे पुस्तक लखाती हती। रमेशेन पुस्तकम् अलिख्यत्। ह्य कर्मणि तृतिया विभक्ति के वाक्य . बालक आँख वडे मंदिर जुवे छे। बालः नेत्राभ्याम् देवालयं पश्यति। वर्तमान कर्तरि 1186
Page #205
--------------------------------------------------------------------------
________________ विभक्ति के वाक्य वर्तमान कर्मणि बालक वडे आँख थी मंदिर जोवाय छ। बालेन नेत्राभ्याम् देवालयः दृश्यते। 3. बालक आँख वडे मंदिर जोतो हतो। बालः नेत्राभ्याम् देवालयं अपश्यत्। बालक वडे आँख थी मंदिर जोवायुं हतुं। बालेन नेत्राभ्याम् देवालयः अदृश्यतः / ह्य कर्तरि ह्य कर्मणि वर्तमान कर्तरि 2 चतुर्थी विभक्ति के वाक्य |1. राजा हाथ वडे भिखारी माटे धन आपे छ। . नृपः हस्ताभ्याम् भिक्षुकाय धनं यच्छति। राजा द्वारा हाथ वडे भिखारी माटे धन आपे छ। नृपेण हस्ताभ्याम् भिक्षुकाय धनं दीयते। राजा हाथ वडे भिखारी माटे धन आपतो हतो। नृपः हस्ताभ्याम् भिक्षुकाय धनं अयच्छत् / राजा द्वारा हाथ वडे भिखारी माटे धनं अपायुं हतुं नृपेण हस्ताभ्याम् धनं अदीयत वर्तमान कर्मणि ह्य कर्तरि ह्य कर्मणि वर्तमान कर्तरि पंचमी विभक्ति के वाक्य 1. हुं हाथ वडे महावीर माटे बगीचामाथी पुष्पो लाईं छु। अहं हस्ताभ्याम् महावीराय उद्यानात् पुष्पाणि आनयामि। 2. मारा वडे हाथ द्वारा महावीर माटे बगीचामांथी पुष्पो लवाय छ। मया हस्ताभ्याम् महावीराय उद्यानात् पुष्पाणि आनीयते / 3. हुं हाथ वडे महावीर माटे बगीचामांथी पुष्पो लाव्यो हतो। अहं हस्ताभ्याम् महावीराय उद्यानात् पुष्पाणि आनयाम् / वर्तमान कर्मणि ह्य कर्तरि 11871
Page #206
--------------------------------------------------------------------------
________________ विभक्ति के वाक्य 4. मारा द्वारा हाथ वडे महावीर माटे बगीचा मांथी पुष्पो लवाया हता। मया हस्ताभ्याम् महावीराय उघानात् पुष्पाणि अनीयत। . ह्य कर्मणि षष्ठी विभक्ति के वाक्य हुं हाथ वडे बाळको माटे बगीचा मांथी वृक्षोना फळो लाईं छु। अहं हस्ताभ्याम् बालेभ्यः उद्यानात् वृक्षाणाम् फलानि आनयामि। वर्तमान कर्तरि 2. मारा द्वारा हाथ वडे बाळको माटे बगीचा मांथी वृक्षोनो फळो लवाय छ / मया हस्ताभ्याम् बालेभ्यः उधानात वृक्षाणाम् फलानि अनीयते। वर्तमान कर्मणि 3. हुं हाथ वडे बाळको माटे बगीचा मांथी वृक्षोना फळो लाव्यो हतो। अहं हस्ताभ्याम् बालेभ्यः उद्यानात् वृक्षाणाम् फलानि आनयाम्। ह्य कर्तरि मारा वडे हाथ द्वारा बाळको माटे बगीचा माथी वृक्षोना फलो लवाया हता। मया हस्ताभ्याम् बालेभ्यः उद्यानात् वृक्षाणाम् फलानि आनीयत। ह्य कर्मणि 4. म सप्तमी विभक्ति के वाक्य | 1. रतिलाल हाथ वडे भिखारिओ माटे महेल माथी घोडा ऊपर राज्य नुं धन लावे छ। रतिलालः हस्ताभ्याम् याचकेभ्यः प्रासादात् अश्वे राज्यस्य धनं आनयति / वर्तमान कर्तरि |2. रतिलाल द्वारा हाथ वडे भिखारिओं माटे महेलमाथी घोडा ऊपर राज्यनुं धन लवाय छ। रतिलालेन हस्ताभ्याम् याचकेभ्यः प्रासादात् अश्वे राज्यस्य धनं आनीयते ।वर्तमान कर्मणि | 3. रतिलाल हाथी वडे भिखारिओं माटे महेलमाथी घोडा ऊपर राज्य नुं धन लावतो हतो। | रतिलाल हस्ताभ्याम् याचकेभ्यः प्रासादात् अश्वे राज्यस्य धनं आनयत्। ह्य कर्तरि 4. रतिलाल वडे हाथ द्वारा भिखारिओं माटे महेलमाथी घोडा ऊपर राज्य- लवायुं हतुं। रतिलालेन हस्ताभ्याम् याचकेभ्यः प्रासादात् अश्वे राज्यस्य धनं आनीयत। ह्य कर्मणि [188
Page #207
--------------------------------------------------------------------------
________________ टेबल ट्रस्ट द्वारा चार्य पदासागरसूरि चेरीटेबल ट्रस छालाभिन पुस्तके पुस्तके लेखक 1.मुक्ति ना मंगल प्रभाते (गुज.) आ. वर्धमानसागरसुरि 2.मुक्ति का महल (हिन्दी) आ. वर्धमानसागरसुरि 3.गुरू कैलास ना चरणे (गुज.) आ. वर्धमानसागरसुरि 4.श्रीमाली वंशनो इतिहास (गुज.) आ. वर्धमानसागरसुरि 5.जिन गुण सरीता (गुज.) आ. वर्धमानसागरसुरि 6.आओ! सुक्तियों की बगीया में चलें (हिन्दी) मुनि महेन्द्रसागर 7.बुढियां का पिटारा (हिन्दी) मुनि महेन्द्रसागर सुवाक्य तक गुमावे, तकदीर गुमावे। सही बुद्धिमता हर दिन की मुल्यवान क्षणों का फायदा उठाने में रहा है। स्नेह भाव सबके लिए परन्तु समर्पण भाव सिर्फ प्रभू एवं गुरू के लिए।
Page #208
--------------------------------------------------------------------------
________________ मुकि का महल શ્રી જિનગુણ સરિતા લ સંઘર્ય શી વર્ધમાનાથદર સરિ જન वर्धमान सागरजी म.सा. * શાર શ્રી ભીનમાલ તીર્થ મુકિતના મંગલ પ્રભાતે kooooooks ગવિય વધમાન સાગરજી મારાજ સામ mojio fooks is oio 9, પંચાસ રી વાત बुढ़िया का पिटारा બાકી, सूक्तियों की बिगिया में चलें पद्म वाटिका मुनि महेन्द्रसागर