________________ प्रंसोगापात विभक्तिओं। पाठ प्रसंगो विभक्ति पाठ - 20 | द्वितीया विभक्ति कर्म ने थाय छे द्वितीया विभक्ति नियम -2 पाठ - 20 कर्ता क्रिया वडे खास प्राप्त करवाने इच्छे द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (अ) | ज्या जq होय त्यां पाठ - 20 जे कराय ते कर्म द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (आ) पाठ - 20 क्रियानुं फळ जेमा होय, ते कर्म द्वितीया विभक्ति नियम - 3 (इ) पाठ - 25 विना अव्यय साथे जोडाएला नामने द्वितीया विभक्ति नियम -7 द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 34 | उपसर्ग पूर्वक, क्रुध, द्रु, धातु होय तो जेने प्रत्ये कोप| द्वितीया विभक्ति नियम -5 थाय ते कर्म पाठ - 36 | क्रियाना विशेषणो नपुंएकवचनमा अने द्वितीया विभक्ति नियम -3 | द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 36 |धिक, अन्तरेण, विगेरे अव्यय साथे वाला नामने द्वितीया विभक्ति नियम - 4 द्वितीया विभक्ति थाय छे पाठ - 23 तृतीया विभक्ति करण नें थाय छे तृतीया विभक्ति नियम -1 पाठ - 23 जेना वडे क्रिया कराय ते करण तृतीया विभक्ति नियम - 3 तृतीया विभक्ति पाठ - 23 नियम - 4 पाठ - 25 नियम -7 पाठ - 29. |सह अव्यय साथे जोडाएला नामने तृतीया विभक्ति थाय छे | विना अव्यय साथे जोडाएला नामने तृतीया विभक्ति थाय छे हेतु नामने तृतीया विभक्ति थाय छे तृतीया विभक्ति तृतीया विभक्ति 147