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सुभेहिं वसईहिं सुभेहिं पायरासेहिं नाइविगिटेहिं अन्तरावासेहिं वसमाणे-वसमाणे अंगजणवयस्स मज्झं मज्झेणं जेणेव विदेहे जणवए जेणेव वेसाली नयरी तेणेव पहारेत्थगमणाए। निरयावलियाओ, पृष्ठ २६.
तब राजा कूणिय ३३ हजार हाथियों सहित, ३३ हजार घोड़ों सहित, ३३ हजार रथों सहित और ३३ करोड़ मनुष्यों सहित, सर्वसुलभ सुविधाओं सहित वह अङ्ग जनपद के बीच में से निकला और विदेहजनपद की वैशाली नगरी की ओर बढ़ा।
वैशाली अथवा वर्तमान बसाढ़ चाहे राजा विशाल द्वारा बसाये जाने के कारण इसका नाम विशाला अथवा वैशाली पड़ा हो; अथवा दीवारों को तीन बार हटा कर इसके विशाल करने के कारण इसका नाम वैशाली रखा गया हो; यह एक विशाल नगरी अवश्य थी। आजकल यह स्थान बसाढ़ नाम से प्रसिद्ध है। बसाढ़ के आसपास कोसों दूर तक फैले हुए पुराने अवशेष इसकी पुष्टि करते हैं। आजकल जिन स्थानों पर बसाढ़, बनिया, कूमनछपरागाछी, वासुकुण्ड और कोल्हुआ बसे हुए हैं; वे अपने पूर्ववर्ती प्राचीन नगर-वैशाली, वाणिज्य-ग्राम, कोल्लागसन्निवेश, कर्मारग्राम और कुण्डपुर की सूचनामात्र देते हैं।
प्राचीन वज्जी गणतन्त्र की वैशाली राजधानी थी। इस देश के शासक लिच्छवि क्षत्रिय थे। जैन ग्रन्थों में ६ आर्य जातियों का वर्णन है, ये जातियाँ इस प्रकार थीं(१) उग्र, (२) भोग, (३) राजन्य, (४) ज्ञात, (५) कुरु, (६) इक्ष्वाकु। रत्ती परगने में बसाढ़ गाँव है, यहाँ जथरिया बसते हैं। राहुल सांस्कृत्यायन के मतानुसार यही पुराने ज्ञातृक हैं, ये ही इस गणतन्त्र के सञ्चालक और तीर्थङ्कर भगवान महावीर के जन्मदाता थे। इस जाति में पैदा होने के कारण भगवान् महावीर नातपुत्र या ज्ञातृपुत्र कहलाते हैं।
बुद्ध के समय में गंगा से बसाढ़ या वैशाली ३ योजन (२४ मील) था। आजकल पटना से २७ मील और हाजीपुर से २० मील उत्तर, मुजफ्फरपुर जिले में बसाढ़ गाँव है, इससे २ मील दूर गाँव बखरा में अशोकस्तम्भ है। इसका प्रथम निरीक्षण सेंट मार्टिन
और जनरल कनिंघम ने किया था, इन्हीं लोगों ने ही बसाढ के ध्वंसावशेषों की ओर ध्यान खींचा था। १९०३-४ में डॉ० ब्लाख के नायकत्व में वहाँ खुदाई का कार्य हुआ। बाद में १९१३-१४ में डॉक्टर स्पूनर ने खुदाई का कार्य किया। यहाँ से मुख्यत: मुहरें एवं मिट्टी के बने पदार्थ मिले हैं।
यह स्थान आजकल 'राजा विशाल का गढ़' के नाम से प्रसिद्ध है। यह आयताकार हैं, ईंटों से भरा ऊँचा स्थान है। इसकी परिधि लगभग १ मील है। डाक्टर ब्लाख की नाप के अनुसार गढ़ उत्तर की ओर ७५७ फीट, दक्षिण की ओर ७८० फीट, पूर्व
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