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४८
४.
५.
६.
राइस डेविड्स के अनुसार विदेह की राजधानी मिथिला वैशाली से उत्तर पश्चिम में ३५ मील पर थी (देखें, बुद्धिस्ट इण्डिया, पृष्ठ २६) जातकों के अनुसार चम्पा से मिथिला १६ योजना दूर थी।
१.
डॉ० त्रिभुवनदास ने अपनी पुस्तक प्राचीन भारतवर्ष में अङ्गदेश को मध्यदेश में बताया है। इसी पुस्तक के भाग प्रथम पृष्ठ ४६ के नक्शे के अनुसार यदि कूणिय राजा का मार्ग पता चलाना चाहेंतो राजा कूणिय को मगधदेश के बीच में से होकर विदेह जाना पड़ा होगा। ऊपर के निरयावलियाओ के निर्देशानुसार अङ्ग से विदेह जाने के लिये बीच में कोई देश नहीं पड़ता। इसलिये डॉ० साहब की स्थापना केवलमात्र कल्पना ही है।
दिव्यावदान में इसका रूप 'लिच्छिवि' है, परन्तु महावस्तु में इसी को 'लेच्छरी' रूप में लिखा है। बौद्धग्रन्थों का जो अनुवाद चीनी भाषा में हुआ था, उनमें 'लिच्छवी' और 'लेच्छवी' दोनों रूप हैं। सूत्रकृताङ्ग और कल्पसूत्र आदि जैनशास्त्रों में इसका प्राकृत रूप 'लेच्छइ' है, जिसका टीकाकारों के अनुसार संस्कृत रूप 'लेच्छवि' है। कुल्लूकभट्ट और राघवानन्द आदि बंगाली टीकाकारों ने इसे 'निच्छिवि' लिखा है जो कि सम्भवतः प्राचीन बंगला के 'ल' और 'न'
सादृश्य से भ्रांति हो गई प्रतीत होती है । मनुसंहिता में जॉली और बुहलर दोनों ने लिच्छवि पाठ रखा है। (देखें, ट्राइब्स इन एन्शियण्ट इण्डिया, पृष्ठ २९४-६)। कुल्लूकभट्ट से मेधातिथि ६०० वर्ष पूर्व और गोविन्दराज ३०० वर्ष पूर्व हुए हैं; इन दोनों ने 'लिच्छवि' पाठ दिया है। पाइअसद्दमहण्णवो में 'लिच्छवि और लेच्छइ' दोनों पर्यायवाची हैं और लेच्छइ का संस्कृत रूप 'लेच्छकि' है।
लिच्छवि और वज्ली (सं० वृजि) पर्यायवाची हैं (देखें ट्रा०३०ए० इण्डिया, पृष्ठ ३११) ।
मनु ने लिच्छवियों को व्रात्य लिखा है, (मनुस्मृति, अध्याय १०, श्लोक १० ) अर्थात् लिच्छिवि, मनु के मत से हीन क्षत्रिय थे। परन्तु लिच्छवि हीन क्षत्रिय नहीं थे। मनु ने उन्हें व्रात्य इसलिये लिखा प्रतीत होता है क्योंकि ये लोग ब्राह्मणधर्म के अनुयायी न होकर अर्हतों और चैत्यों की पूजा करते थे। इसका वर्णन अथर्ववेद में भी मिलता है।
७. ज्ञात के लिए प्राकृत में नाय, नात और नाथ शब्द प्रयुक्त हुए हैं। ज्ञातृशब्द का भी प्रयोग बहुत कम स्थानों पर है। देखें, बृहत्कल्पवृत्तिसहित, विभाग ३,
पत्र
९१२-१४।
कनिंघम की एन्शियन्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया (सम्पादक श्री सुरेन्द्रनाथ मजुमदार) में पृष्ठ ६५७ पर १ मील को ५.९२५ या ६ ली के लगभग माना
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