Book Title: Sramana 2001 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 212
________________ २०६. हरिद्वार तीर्थ पर नवीन अतिथि गृह का भव्य उद्घाटन हरिद्वार ! अक्टूबर मास की १७ तारीख को श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ पर श्री विश्वकल्याण आत्म जैन फाउण्डेशन द्वारा निर्मित नवीन अतिथिगृह 'श्रीमती सोहन कंवर सायरचंद नाहर भवन' का उद्घाटन माननीय राज्यपाल (उत्तरांचल) श्री सुरजीत सिंह बरनाला की उपस्थिति में सम्पन्न होगा। इस अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह की अध्यक्षता श्रेष्ठीवर्य श्री दीपचंद गार्डी करेंगे। श्री श्रेणिक कस्तूरभाई व श्री सायरचंद नाहर इस समारोह में विशेष अतिथि होंगे। पूज्य गच्छाधिपति आचार्य विजय इन्द्रदिन सूरिजी म०सा० की निश्रा में आयोजित किये जाने वाले उद्घाटन एवं जनसमर्पण समारोह में पूरे भारतवर्ष से हजारों तीर्थयात्रियों एवं दानदाताओं की उपस्थिति संभाव्य है। नवीन धर्मशाला का भूमिदान व मुख्य सहयोग चैन्नई निवासी श्री सायर चंदजी नाहर परिवार द्वारा किया गया है व इसमें करीब ८०० यात्री ठहर सकेंगे। सूकर क्षेत्र महोत्सव का आयोजन पांचाल शोध संस्थान, कानपुर का १५वां वार्षिक सम्मेलन २८-३० अक्टूबर २००१ को कासगंज (जनपद एटा) में आयोजित किया जा रहा है जिसमें देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के विद्वान् भाग लेंगे। इस अधिवेशन में विभिन्न शोधपत्र पढ़े जायेंगे जो सूकर क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ उस क्षेत्र की लोकसंस्कृति, लोककला, लोकनृत्य, लोकसंगीत, लोकसाहित्य एवं संस्कृति तथा पुरातत्त्व पर आधारित होंगे। इस सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक विद्वान् पंचाल शोध संस्थान के प्रधान कार्यालय ५२/१६, शक्करपट्टी (घण्टाघर रेलवे स्टेशन के पास ) से सम्पर्क कर सकते हैं। - शोक समाचार दिल्ली १ मई : राष्ट्रसन्त, उत्तरभारतीय प्रवर्तक भण्डारी श्री पद्मचन्द्र जी म०सा० का दिनांक १ मई २००१ को ऋषभविहार, दिल्ली में देवलोक गमन हो गया। विद्यापीठ परिवार प्रवर्तक श्री जी के चरणों में हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वाराणसी १० मई : पार्श्वनाथ विद्यापीठ की स्थापना के समय से ही इससे जुड़े हुए परिचारक श्री रामनैन का दिनांक १० मई २००१ को संक्षिप्त बीमारी के पश्चात् निधन हो गया। श्री रामनैन ने विद्यापीठ की अपनी लम्बी सेवा अवधि में कर्त्तव्यपरायणता, ईमानदारी और मधुर व्यवहार का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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