Book Title: Sramana 2001 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 224
________________ २१८ आदि विभिन्न विषयों पर सुप्रसिद्ध चिकित्साशास्त्री एवं जीवदया के प्रचारक डॉ० सुरेश झवेरी तथा अन्य विद्वानों के लेखों का संकलन है। इसमें ३ लेख हिन्दी भाषा में, ३ लेख अंग्रेजी भाषा में और शेष १६ लेख गुजराती भाषा में हैं और सभी उपयोगी हैं। इस पुस्तक का विस्तृत प्रचार-प्रसार हो इस दृष्टि से इसे अमूल्य ही रखा गया है। पुस्तकें की साज-सज्जा आकर्षक एवं मुद्रण निर्दोष है। पुस्तक सभी के लिये पठनीय एवं संग्रहणीय है। साभार प्राप्ति सागर किनारे थी शासनना द्वारे : प्रवचनकार - आगमोद्धारक श्रीआनन्दसागरसूरीश्वर जी म०, सम्पादक- मुनि पूर्णचन्द्रसागर जी ; प्रकाशक- आगमोद्धारक प्रतिष्ठान, छाणी, बड़ोदरा, प्रथम संस्करण, आकार- डिमाई, पृ० १६ + ३०४; पक्की बाइण्डिंग, मूल्य७५/- रुपये। आनन्दना अजवाणा : प्रवचनकार - आगमोद्धारक श्रीआनन्दसागरसूरीश्वर जी म०, सम्पादक- मुनि पूर्णचन्द्रसागर जी म०, प्रकाशक- आगमोद्धारक प्रतिष्ठान द्वारा विपिनचन्द्र एस० शाह, वाणीयावाड़, छाणी, जिला- बड़ोदरा ३९१७४०; प्रथम संस्करण, आकार - डिमाई, पृष्ठ १८ १९०, पक्की बाइण्डिग, मूल्य ३५ /- रुपये। सागरनुं सौन्दर्य : प्रवचनकार - आगमोद्धारक श्री आनन्दसागरसूरीश्वर जी; सम्पादक- मुनि पूर्णचन्द्रसागर जी म०; प्रकाशक- आगमोद्धारक प्रतिष्ठान द्वारा श्रेयक के० मर्चेण्ट, निशा - १, प्रथम माला, काजी का मैदान, तीन बत्ती, गोपीपुरा, सुरत; प्रथम संस्करण, आकार - डिमाई, पृ० १६ + १४४, पक्की बाइण्डिग, मूल्य- ३५/रुपये। सागरनीसरगम : प्रवचनकार - आगमोद्धारक श्री आनन्दसागरसूरीश्वर जी म०; सम्पादक- मुनि पूर्णचन्द्रसागर जी म०; प्रकाशक- आगमोद्धारक प्रतिष्ठान द्वारा श्रेयक के० मर्चेण्ट, निशा १, प्रथम माला, काजी का मैदान, तीनबत्ती, गोपीपुरा, सुरत, प्रथम संस्करण, पृ० ८+१०८, मूल्य २५/- रुपये। उपधाननुं सुंदर स्वरूप : प्रवचनकार एवं सम्पादक- पूर्वोक्त, प्रकाशकआगमोद्धारक प्रतिष्ठान, छाणी, आकार- डिमाई; द्वितीय संस्करण, पृ० १४+ ८४, मूल्य २५/- रुपये। स्वाध्याय पद संग्रह (स्व० शान्तिभाई वनमाली शेठ की स्मृति में उनके परिवार की ओर से प्रकाशित) प्राप्ति स्थान- श्री शान्तिभाई वनमाली शेठ फाउण्डेशन २२१२, ९ अ, मेन रोड, ब्लाक ३, जयनगर, बैंगलोर ५६००११; आकार- डिमाई; पृष्ठ १०, १६५; मूल्य- स्वाध्याय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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