Book Title: Sramana 2001 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 196
________________ १९० शुभारम्भ दिगम्बर जैन नसियां भट्टारकजी, जयपुर में संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति पद्मश्री डॉ० मण्डन मिश्र के करकमलों से २० मई को सम्पन्न हुआ। महावीर दिगम्बर जैन पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी एवं इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज, लखनऊ 'के संयुक्त तत्त्वावधान में जयपुर में प्रारम्भ किया गया है। इस केन्द्र में पुरातन, दुर्लभ हस्तलिखित पाण्डुलिपियों का संरक्षण किया जायेगा। संरक्षण में इन्टेक द्वारा विकसित की गयी सभी आधुनिक तकनीक प्रयोग में ली जायेगी। इस केन्द्र के माध्यम से ग्रन्थ भण्डारों एवं मन्दिरों में उपलब्ध दुर्लभ पाण्डुलिपियों के संरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। पाण्डुलिपियों के संरक्षण से जुड़े लोगों को इस केन्द्र द्वारा प्रशिक्षित भी किया जायेगा। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ० मण्डन मिश्र ने पाण्डुलिपियों के संरक्षण की दृष्टि से प्रारम्भ किये गये इस केन्द्र का अधिक से अधिक लाभ उठाये जाने का आह्वान किया । इन्टेक के डायरेक्टर जनरल डॉ० ओ० पी० अग्रवाल ने इस केन्द्र को इन्टेक की ओर से न केवल तकनीकी बल्कि आर्थिक सहयोग भी प्रदान किये जाने की घोषणा की। डॉ० अग्रवाल ने अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम से स्थापित ट्रस्ट की ओर २,०००/- रुपये मासिक की एक छात्रवृत्ति की घोषणा भी इस अवसर पर की। इस समारोह में जैनविद्या संस्थान, श्री महावीर जी तथा अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा संचालित ६ पत्राचार पाठ्यक्रमों में विशेष योग्यता लेकर उत्तीर्ण हुए महानुभावों को स्वर्णपदक, रजतपदक एवं अन्य पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया। समारोह की अध्यक्षता देवर्षि श्री कलानाथ शास्त्री, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर ने की। जैन विद्या संस्थान के संयोजक डॉ० कमलचन्द सोगानी ने संस्थान का परिचय और श्री पी०सी० जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पद्मावती चैत्यालय का शिलान्यास सम्पन्न नयी दिल्ली २७ मई : भगवान् महावीर के २६०० वें जन्म कल्याणक वर्ष में स्व० श्री हरखचन्द जी नाहटा परिवार की ओर से नयी दिल्ली में ६ मई २००१ को शुभ मुहूर्त में मां पद्मावती चैत्यालय 'महाबलीपुरम्' के निर्माण हेतु भूमिपूजन का पावन कार्यक्रम परमपूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर जी म०सा० के पावन सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। भूमिपूजन के पश्चात् उसी दिन भूमि खनन कार्य प्रारम्भ हुआ और दि० २७ मई को उपाध्याय मणिप्रभसागर जी मुनिवृन्द, साध्वीवृन्द तथा दिल्ली जैन संघ के चारों सम्प्रदायों के श्रावक-श्राविकाओं, जैनेतर धर्मगुरु व अनुयायियों की उपस्थिति में पूर्ण विधि-विधान के साथ मन्दिर निर्माण हेतु शिलारोपण कर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226