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विस्तृत गुर्वावली निर्मित होती है, जो निम्नानुसार है : तालिका संख्या- १
कीर्तिरत्नसूरि
1
हर्षविशाल
I
हर्षधर्म
1
साधुमन्दिर
1
विमलरंग
1
कुशलकल्लोल
I
लब्धिकल्लोल (वि०सं० १६४८ में जिनचन्द्रसूरि अकबरप्रतिबोधरास; वि० सं० १६४९ में रिपुमर्दनरास आदि के रचनाकार)
गंगादास (वि०सं०१६७१ में वंकचूलरास के कर्ता)
(वि०सं० १७०३ में थावच्चासुगसेलगचौपाई, वि०सं० १७३२ में अरहन्नकचौपाई, नेमिनाथफागु आदि के रचनाकार)
ललितकीर्ति
पुष्पह
शान्तिकुशल
अमृतप्रभ
नयनसागरगणि
जयसौभाग्यगणि
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७७
अभयकुशल (वि०सं० १७०९ में जिनपालितजिनरक्षितरास; वि० सं० १७३५ में ऋषभदत्तरूपवतीचौपाई आदि के रचनाकार)
पूर्णप्रभ (वि०सं० १७८६ में पुण्यदत्तसुभद्राचौपाई, गजसुकुमालचौपाई आदि के रचनाकार)
मानरत्न (वि०सं० १७९६ में इनके पठनार्थ गोराबादलकथा की प्रतिलिपि की गयी )
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