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खर] :: तीर्थ एवं मन्दिरों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों के देवकुलिका-प्रतिमाप्रतिष्ठादिकार्य-श्री अबुदगिरितीर्थ : [ २६७
'शत्रुजयतीर्थस्थ शिवा-सोमजी की हूँक' के निर्माता सं० शिवा और सोमजी का वंश-वृक्ष
देवराज [रूढ़ी]
गोपाल [राजूदेवी]
राजा
साइआ [नाकूदेवी]
जोगा [जसमादेवी]
नाथा [नारिंगदेवी]. सूरजी [सुखमादेवी]
शिवा
शिवा
सोम [राजुलदेवी]
बजी सिख
इन्द्रजी (दत्तक)
रहबी [सुजाणदेवी]
रूपजी [जेठीदेवी]
खीमजी
सुखराम कोड़ीदास उदयवंत कुमरीबाई
श्री अर्बुदगिरितीर्थस्थ श्री विमलवसहिकास्य श्री आदिनाथ-जिनालय में
प्रा० ज्ञा० सद्गृहस्थों के देवकुलिका-प्रतिमाप्रतिष्ठादि कार्य
श्रेष्ठि विजयड़
वि० सं० १३१६ श्री विमलवसति नामक श्री आदिनाथ-जिनालय की उनचालीसवीं देवकुलिका में मूलनायक के दाहिने पक्ष पर विराजमान श्री पार्श्वनाथ-प्रतिमा वि० सं० १३१६ माघ शु० ११ शुक्रवार को श्री चन्द्रमरिशिष्य श्री
जै० सा० सं० इति० पृ० ५६७, प्रा. ० ले० सं० भा० २ ले०१५, १७ से २०