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प्र० वि० संवत्
सं० १७७१ मार्ग० शु० ६ सोम ०
सं० १४६५
सं० १४८४ ज्ये०
शु० १० बुध ०
सं० १४६६ फा० शु० २
सं० १५०३ ज्ये०
शु० १० बुध ० .
सं० १५०४
सं० १५२२ माघ शु० ६ शनि ०
सं० १५३० माघ शु० २
सं० १५३३ पौ० शु० पू० सोम ०
प्र० प्रतिमा
सहस्रफणापार्श्वनाथ
संभवनाथ
पत्तन के श्री शांतिनाथ - गर्भगृह में पंचतीर्थी ( लींबड़ी-मोहल्ला)
विमलनाथ
श्रीवरि
शांतिनाथ
मुनिसुव्रतस्वामी
शांतिनाथ -
चोवीशी
विमलनाथ
पंचतीर्थी
संभवनाथ
:: प्राबाट - इतिहास ::
शाहपुर के श्री जिनालय में
प्रo आचार्य
आदिनाथ
तपा० सोम
सुन्दर
श्रीसूरि
अंचलगच्छीय
जयकेसरिरि
० तपा० जिन
रत्नसूर तपा० लक्ष्मी - सागरसूरि
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि
शाहपुर निवासी प्रा० ज्ञा० ० पुजा पुत्र वजी दोनों पिता-पुत्रों ने स्वश्रेयोर्थ.
जै० गु० क० भा० ३ ख० २ पृ० ११६६ । जे० घा० प्र० ले० सं० भा० १
[ तृतीय
प्रा० ज्ञा० ० पूना की स्त्री पूनादेवी के पुत्र देवराज ने स्वपितादि के श्रेयोर्थ.
प्रा० ज्ञा० श्रे० विजय के पुत्र माला, देवा ने भार्यां धरणदेवी के श्रेय
प्रा० ज्ञा० सं० पद्मा, तिहुण, कीका, गदा की स्त्री वीरु नामा ने स्वपुत्र थावरु के श्रेयोर्थ,
तपा० जयचंद्र - प्रा० ज्ञा० सं० देवराज की स्त्री वर्जुदेवी के पुत्र रणसिंह वत्ससिंह, कौर सिंह की स्त्री पूरीदेवी के पुत्र रहिश्रा ने भ्रातृ माणिकादि के सहित स्वपिता-माता के श्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० सं० चांगा की स्त्री गौरी के पुत्र सं० भावड़ ने स्वभा० धनदेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ.
कुमरगिरि में प्रा०ज्ञा० ० वाघमल ने स्वभा० कपूरदेवी, पुत्र गेला, जावड़, वीरा, हरदास भा० मानदेवी, शाणीदेवी, विजयादेवी, हांसलदेवी, पौत्र वरजांग आदि प्रमुख कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ.
कुमरगिरि में प्रा० ज्ञा० श्रे० कोठारी भादा की स्त्री सोमादेवी के पुत्र हादा ने स्वभा० राजमती, पुत्र महिपाल जीवराज, जांजल के सहित.
प्रा० ज्ञा० श्रे० गांगा की स्त्री गंगादेवी के पुत्र शा० श्राम्रराज की स्त्री उमादेवी के पुत्र श्रे० सहसा नामक सुश्रावक ने स्वभा० संसारदेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ.
० २६४, २७७, २५६, २६२, २५७, २६७, २८३, २८२ ।