Book Title: Pragvat Itihas Part 01
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Itihas Prakashak Samiti

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Page 673
________________ ४७४ ] प्राग्वाट-इतिहास: [तृतीय मीयाग्राम के श्री मनमोहन-पार्श्वनाथ-जिनालय में प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० आचार्य प्रा. ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्टि सं० १४८१ माघ शांतिनाथ श्रीमरि प्रा. ज्ञा० श्रे० खेतसिंह की खी खेतलदेवी के पुत्र देदल की स्त्री हमीरदेवी के पुत्र खोखराज की स्त्री प्रीमलदेवी के पुत्र सं० सादा की स्त्री सलखणदेवी के पुत्र सं० मुंभुव की स्त्री कर्मादेवी ने स्वश्रेयोर्थ. श्री संभवनाथ-जिनालय में सं० १४७६(८)माघ शांतिनाथ तपा० सोमसुन्दर- प्रा. ज्ञा० पं० महणसिंह ने स्वस्त्री रूपलदेवी, पुत्र पं० शु०७ शुक्र० परि धरणा, गदा, सोभ्रमा(१) माता-पिता के श्रेयोर्थ. श्री शांतिनाथ-जिनालय में सं० १४२३ फा० आदिनाथ गुणभद्रसूरि प्रा. ज्ञा० श्रे० झाटा स्त्री लक्ष्मीदेवी, पितृव्य वीक्रम, रावण, भ्रातृ बहुत्रड़ के श्रेयोर्थ श्रे० सीहड़ ने. भरूच के श्री आदिनाथ-जिनालय में सं० १५७८ माघ धर्मनाथ- आगमगच्छीय गंधारवासी प्रा. ज्ञा० श्रे० डङ्गर के पुत्र श्रे० कान्हा ने क. ५ गुरु० चतुर्मुखा विवेकरत्नसूरि स्वभा० खोखी, मेलादेवी, पुत्र वस्तुपाल आदि के सहित मेलादेवी के प्रमोदार्थ. श्री अनंतनाथ जिनालय में सं० १५२५ वै० धर्मनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा. ज्ञा० श्रे० नाथा की स्त्री खेतूदेवी के पुत्र जूठा ने कृ० १० शनि० सरि स्वभा० लाड़ीदेवी, भ्रातृ शाणा, वासण, माइआ प्रमुख . कुटुम्व-सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री पार्श्वनाथ जिनालय में सं० १५०८ चै० चन्द्रप्रभ आगमगच्छीय प्रा. ज्ञा० म० देवा की भार्या देवलदेवी के पुत्र प्रासराज __ शु० १३ रवि. श्रीसिंहदत्तसरि की स्त्री कर्मादेवी के पुत्र मं० जूठा शाणा ने.. सं० १५१५ फा० कुन्धुनाथ वृद्धतपा० प्रा०ज्ञा० म० मोखा ने भा. माणिकदेवी, पुत्र भीमराज शु० ह रवि० श्रीजिनरत्नसरि मा० चंगादेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२६ आषाढ़ मुनिसुव्रत तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा. ज्ञा० सं० लखा, सं० गुणिमा पुत्र वीरचन्द्र मा० शु० २ सोम० सूरि नाथीदेवी के देवर सं० कालू ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १५३३ माघ संभवनाथ भागमगच्छीय पेथड़संतानीय प्रा० शा० श्रे० हरराज पुत्र गुणीमा मा० शु० ५ रवि० देवरत्नसरि लालीदेवी पुत्र भूपति, वस्तीमल, देवपाल, सहजपाल की स्त्री देवमति ने स्वश्रेयोर्थ एवं स्वपति के श्रेयोर्थ. बै० चा०प्र०ले०सं०भा०२ ले०२७२,२८, २९, २६४, ३०, ३१५, ३१४, ३०६, ३०८।

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