Book Title: Pragvat Itihas Part 01
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Itihas Prakashak Samiti

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Page 685
________________ प्राग्वाट-इतिहास: । तृतीय श्री महावीर-जिनालय में (खारवाड़ा) प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५१० माघ आदिनाथ तपा० रत्नशेखर- देकावाटकीय प्रा० ज्ञा० श्रे० पर्वत की स्त्री सलूणि के पुत्र सरि शिवराज ने स्वभा० रामतिदेवी पुत्रप्रमुखपरिवार के सहित. सं० १५३१ माघ मुनिसुव्रत तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० श्रे० रामचन्द्र की स्त्री गूजरिदेवी के पुत्र नारद शु० ५ शुक्र० सूरि ने भा० मचकूदेवी, वृ० प्रा० भीमराज के सहित स्वश्रेयोर्थ. ___ श्री अनन्तनाथ-जिनालय में (खारवाड़ा) सं० १५२६ पाषा० सुपार्श्वनाथ बृ० तपा० विजय प्रा० ज्ञा. श्रे. वरसिंह ने भा० मानूदेवी, पुत्र देपा भा० रत्नसरि राजूदेवी पुत्र ठाइमा, गांगा भा० मार पुत्र गोपाल राज आदि प्रमुखकुटुम्ब के श्रेयोर्थ. श्री स्तम्भनपार्श्वनाथ-जिनालय में (खारवाड़ा) सं० १३६३ ज्ये० पार्श्वनाथ रत्नचन्द्रसरि सौराष्ट्र प्रा० ज्ञा० ठ० सज्जन के श्रेयोर्थ ठ० गणपत ने. शु०६ शुक्र० सं० १५०८ वै० अनन्तनाथ तपा. रत्नशेखर- प्रा. ज्ञा० म० सूरा की स्त्री सीतादेवी के पुत्र साजणसिंह शु०३ ___ सूरि ने भा० वर्जू देवी, पुत्र सहसकरण भा० रामतिदेवी के श्रेयोर्थ. __ श्री मनमोहन-पार्श्वनाथ जिनालय में (खारवाड़ा) सं० १५०६ माघ धर्मनाथ सा. पूर्णिमा. पक्षी. प्रा. ज्ञा० राणासन्तानीय श्रे० मांडण भा० सलखूदेवी शु० १० शनि० पुण्यचन्द्रसरि के पुत्र सूटा की स्त्री रत्नादेवी के पुत्र उझाने स्वभा० हर्ष. देवी, पुत्र महिपालसहित स्वश्रेयोर्थ. श्रीसीमंधर-स्वामि-जिनालय में (खारवाड़ा) सं० १३६२(३) माघ नेमिनाथ चैत्रगच्छीय प्रा० ज्ञा० ठ० अजयसिंह ने पुत्र केशव के श्रेयोर्थ. कृ.११ शुक्र० मानदेवसरि सं० १४८३ वै० संभवनाथ नागेन्द्रगच्छीय प्रा. ज्ञा. श्रे० पेथा की स्त्री प्रीमलदेवी के पुत्र मांडण शु०३ शनि० . गुणसागरसूरि ने स्वभार्या हदेवी,पुत्र सहिसा, भ्राता कर्मण, धर्मण भार्या आसूदेवी पुत्र महिराज प्रमुख कुटुम्बसहित पिता के श्रेयोर्थ. सं १५१६ ज्ये० मादिनाथ संडेरगच्छीय विपलावासी प्रा०ज्ञा० श्रे० पर्वत की स्त्री कुतिगदेवी के पुत्र शु० १३ सोम. सालिभद्रसरि हरदास, तेजपाल, हरदास की स्त्री लीलादेवी पुत्र आदि. सं० १६३२ वै० पार्श्वनाथ तपा० हीरविजयसूरि स्तंभतीर्थ में प्रा०ज्ञा० ऋ० परीक्षक कीका की स्त्री सहिजल. १०७ रवि० देवी के पुत्र देवराज की स्त्री वीरादेवी के पुत्र तेजपाल ने. जै० धा०प्र० ले० सं० मा० २ ले०१०३६,१०३५,१०४०,१०४५,१०४८,१०५५, १०६८,१०५६, १०६२, १०७८।

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