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खण्ड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा० शा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें- भारत के विभिन्न प्रसिद्ध २ नगर-लश्कर :: [ ४६१
श्री संभवनाथ - जिनालय में (फूलवाली गली)
प्र० श्राचार्य
प्र० वि० संवत्
सं० १३१३ फा०
शु० ६
सं० १५२३ वै० शु० ६
सं० १५२१ वै० कृ० ८ सं० १५३३ माघ शु० १३ सोम ० सं० १५३४ [फा०
शु० ६ बुध ० सं० १६८५ वै० शु० १५
प्र० प्रतिमा
लाला हीरालाल चुनीलाल का मन्दिर
सं० १७१० ज्ये० सुपार्श्वनाथ तपा० विजयराज- प्रा० ज्ञा० लघुशाखीय मं० मनजी ने. सूर
सं० १५११ फा० शु० ६ रवि ०
शांतिनाथ - पंचतीर्थी
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मथुरा के श्री पार्श्वनाथ - जिनालय में (घीयामण्डी )
कुन्थुनाथ तपा० लक्ष्मी- प्रा० ज्ञा० ० वस्तीमल भार्या फदेवी के पुत्र 7. सागरवरि सारंग ने स्वभा० मृगादेवी, पुत्रवीका आदि सहित स्वश्रेयोर्थ. लश्कर (ग्वालियर) के श्री पंचायती - जिनालय में
पद्मप्रभ- साधुपूर्णिमापंचतीर्थी चंद्रमूरि
विमलनाथ साधुपूर्णिमाजयशेखरसूरि वासुपूज्य कछोलीगच्छीयविजयप्रभसूरि संभवनाथ विजयदेवसूरि
संभवनाथ
सं० १५१३ माघ
वासुपूज्य
कृ० ५
सं० १५३६ माव धर्मनाथ शु० ६ सोम०
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि
प्रा० ज्ञा० श्रे० बोघा भार्या सहजलदेवी के पुत्र सांगण ने,
तपा० रत्नशेखर
सूरि०
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प्रा० ज्ञा० शा ० देवसिंह भा० पान्हणदेवी के पुत्र भीम ने स्वभा० माकूदेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ.
प्रा० ज्ञा० श्रे० हेमराज भा० मानूदेवी के पुत्र बहुआ ने भा० डाही पुत्र वता (९) भा० मटकू पुत्र डङ्गर के सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० शा० मोकल भा० मोहनदेवी के पुत्र मेहा ने स्वभा० कुन्ती, पुत्र लक्ष्मण, श्रासर, वीशल के सहित. इंदलपुरवासी प्रा० ज्ञा० श्राविका वज्रदेवी ने स्वश्रेयोर्थ.
श्री पर्श्वनाथ - जिनालय में
प्रा० ज्ञा० श्रे० तिहुण भा० कर्मादेवी के पुत्र हांसा की भगिनी श्रे० दड़ा को पत्नी श्रा० मनी ने स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० सरवण ने स्वभा० सहजलदेवी, पुत्र बरा पान्हा, जोगा भार्या कर्मदेवी पुत्र द्रसल आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ.
जै० ले० सं० भा० २ ले १६०२, १६१४, १४३७, १३७, १३८१, १३८२, १३६१, १४०२, १४०३, १४११ ।
प्रा० ज्ञा० शा० पेथा भार्या राजमती के पुत्र वीढ़ा ने स्वाभा० कर्मादेवी, पुत्र दरपाल टाहा (१) भरकीता, भरमा और कुता आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ.