________________
खण्ड
:: विभिन्न प्रान्तों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें- -भारत के विभिन्न प्रसिद्ध २ नगर- दिल्ली :: [ ४६४
बिहार (तुड़िया नगरी) के लालबाग के श्री जिनालय में धातु-प्रतिमा
प्र० आचार्य तपा० लक्ष्मीसागरसूरि
प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा सं० १५३६ वै० शु० ३ सोम ०
कुन्थुनाथ
सं० १५२४ वै० शु० १३
सं० १५२१ माघ शु० १३
सं० १५३६ माघ शु० ५
सं० १४३३ सं० १४७१ माघ शु० १०
सं० १४८६ वै०
शु०
सं० १५१७ वै० शु० ८
पटना (पाटलीपुत्र) के श्री नगर - जिनालय में धातु- प्रतिमा
वासुपूज्य
नेमिनाथ
चन्द्रप्रभ
पार्श्वनाथ श्रादिनाथ
धर्मनाथ
पद्मप्रभ
वासुपूज्य
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा - प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि प्रा० ज्ञा० मं० माईया स्त्री बरजूदेवी के ! पुत्र श्रीधर स्त्री मांजूदेवी के पुत्र गोरा स्त्री रुक्मिणी के पुत्र वर्द्धमान ने माता-पिता के श्रेयोर्थ.
तपा० लक्ष्मीसागरसूरि
स्वतन्त्र भारत की राजधानी दिल्ली
श्री जिनालय में धातु- प्रतिमा (चेलपुरी)
तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० ० कटाया स्त्री राऊं के पुत्र धना स्त्री हमकू के सूरि, सोमदेवसूरि- पुत्र चांपा ने स्त्री धर्मिणि, नामाणि आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ तपा० लक्ष्मीसागर - प्रा० ज्ञा० श्रे० काजा स्त्री सारूदेवी के पुत्र हापा ने मा० आदि के सहित.
गुणभद्रसूरि
शांतिनाथ तपा० लक्ष्मी
सागरसूर
सूर
श्री जिनालय में ( नवघरे)
तपा० सोमसुन्दर सूरि
प्रा० ज्ञा० सं० आमदेव भार्या रातूदेवी के पुत्र शा० आन्हा ने स्वस्त्री सोनीबहिन, पुत्र हासादि के सहित स्वश्रेयोर्थ.
प्रा० ज्ञा० लघु० शा ० ० आसा भार्या ललितादेवी. प्रा० शा ० ० रामा ने स्वस्त्री, माता-पिता के श्रेयोर्थ.
सं० १५२५ मा० शु० ह
सं० १५५६ पौ०
कृ० ४ गुरु०
जै० ले० सं० भा० १ ० २२२, २८३, ४४४, ४४६, ४५६, ४६३, ४६६, ४८२, ४८४, ४६६ ।
प्रा० ज्ञा० शा ० साजण स्त्री लाखूदेवी के पुत्र केल्हा ने स्वस्त्री लक्ष्मीदेवी, भ्रातृ भीमराज, पद्मराजादि के सहित. प्रा० ज्ञा० शा ० देवपाल ने पुत्र हरसिंह, करणसिंह स्त्री चन्द्रादेवी, धर्मराज, कर्मराज, हंसराज, कालूमल एवं भ्रातृ हीराचन्द्र ने स्वस्त्री हीरादेवी पुत्र अदा, वरा, लाजादि सहित.
तपा० लक्ष्मीसागर - सीपुरावासी प्रा० ज्ञा० शा ० राजा के पुत्र तोपा ने स्वस्त्री सूरि रानूदेवी, पुत्र सधारण, हीराचन्द्र के सहित स्वश्रेयोर्थ. मड़ाहड़गच्छीय
मतिसुन्दरसूरि
दधालीयावासी प्रा०ज्ञा० शा ० राजा की स्त्री राजुलदेवी ने पुत्र पोमा भा० झमकूदेवी के पुत्र के श्रेयोर्थ.