Book Title: Pragvat Itihas Part 01
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Itihas Prakashak Samiti

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Page 693
________________ प्रान्बाट-तिहास: [तृतीय अजायबघर में मेः लुवार्ड द्वारा मध्य भारत से प्राप्त धातु-प्रतिमा प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० श्राचार्य प्रा० झा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि 4० १५२७ पौ० कुन्थुनाथ तपा० लक्ष्मीसागर-प्रा. ज्ञा० श्रे० सहजिक के पुत्र ड्रङ्गर की स्त्री सूड़ी ने रु. ५ शुक्र० सरि सपरिवार द्वि० भार्या सहिजलदेवी, धर्मसिंह, कर्मणादि पुत्रों के सहित श्रेयोर्थ. सं० १५३३ वै० , प्रा. ज्ञा० शा० तान्हा स्त्री राजूदेवी के पुत्र लिमपाक (?) शु. १२ गुरु० ने स्वस्त्री रत्नादेवी, रुद्धदेवी, किवालय, (१) भ्राता मेघराज आदि परिजनों के सहित वसंतनगर में. बनारस के श्री बटूजी के जिनालय में सं० १५१२ वै० ......... तपा० रत्नशेखर- प्रा० ज्ञा० श्रे० सिंहा स्त्री लादा के पुत्र शा. हीराचन्द्र ने शु०५ सूरि स्वस्त्री आदि परिजनों के सहित. सिंहपुरी के श्री जिनालय में सं० १५३४ मार्ग• मुनिसुव्रत- बृ० तपा० उदय- प्रा० ज्ञा० शा० राजा स्त्री वीरू के पुत्र शा. आशपति ने १० १० शनि० स्वामि सागरसरि स्वस्त्री प्रासलदेवी, पुत्र गुणराज, सरराज आदि के सहित. चम्पापुरी के श्री जिनालय में धातु-प्रतिमा सं० १५२७ माघ संभवनाथ भीपरि प्रा० ज्ञा० सं० धारा भार्या सलख के पुत्र शा. वेलराज ने क. १ सोम० एवं भ्राता सं० वनेचंद्र ने स्वस्त्री आदि परिजनो के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५८१ माघ शांतिनाथ निगमप्रभावक- प्रा. ज्ञा० श्रे० सहिसा के पुत्र समधर, समधर की स्त्री कृ. १० शुक्र० आणंदसागरसरि बड़धू, पुत्र हेमराज और हेमराज की स्त्री हेमादेवी, पुत्र तेज मल, जीवराज, वर्द्धमान इन सर्वो ने पत्तन में... सं० १६०३ मार्ग० सुमतिनाथ तपा० विशाल- प्रा. ज्ञा० ज्येष्ठ भ्रातृजाया रंगादेवी, शा. सूरा स्त्री २०३शुक्र० सोमसूरि परमादेवी, शा० श्रीरंग, सदारंग प्रमीपालादि के सहित शा० सचवीर ने. जै० ले०सं०भा०१ ले० ३९८, ३६६,४०५, ४२४,१५२,१५५,१५७

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