Book Title: Pragvat Itihas Part 01
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Itihas Prakashak Samiti

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Page 684
________________ स्वण्ड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - गूर्जर काठियावाड़ और सौराष्ट्र- खंभात :: [ ४८६५ श्री धर्मनाथ - जिनालय में (माणिकचौक ) o आचार्य प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा सं० १५२५ मार्ग आदिनाथ शु० १० सं० १५१७ वै० मुनिसुव्रत शुक्ल पक्ष में से० १४४७ फा० शांतिनाथ श्रीसूरि शु० ८ सोम ० सं० १५१५ ज्ये० नमिनाथ शु० १५ सं० १५०८ वै० कृ० १० रवि ० कुन्थुनाथ सं० १५२० श्रीसूरि श्री पार्श्वनाथ - जिनालय में (माणिकचौक ) चन्द्रप्रभ प्रा०ज्ञा० श्रे० गोलराज के वृद्धभ्राता श्रे० खेतल के पुत्र धरण की स्त्री सहजलदेवी के पुत्र भीलराज ने स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० कर्मा की स्त्री कपूरीदेवी के पुत्र कडूआ ने स्वभा० मानू, आतृ बहुआ भा० लीलादेवी प्रमुखकुटुम्ब के सहित स्वश्रेयोर्थ. अहमदाबाद में प्रा० ज्ञा० ० बादा की स्त्री मनीदेवी के पुत्र श्रे० नाथा ने स्वभा० मान्हादिकुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. श्री शान्तिनाथ - जिनालय में (माणिकचौक ) तपा० रत्नशेखर- पाद्रावासी प्रा० ज्ञा० सूरि पुत्र गलराज ने स्वभा० श्री आदिनाथ - जिनालय में (माणिकचौक ) तपा० रत्नशेखरसूरि सं० १३४७ (६) माघ आदिनाथ मुनिरत्नमूरि शु० १ गुरु ० सं० १५०६ माघ शु० ६ गुरु० 11 प्रा० ज्ञा० प्रतिमा - प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि धवलक्कपुर में प्रा० ज्ञा० ० भीमराज की स्त्री रमकूदेवी के पुत्र काला की स्त्री दूबी नामा ने पुत्र जिनदास, देवदास, शिवदास प्रमुखकुटुम्ब के सहित. तपा० रत्नशेखरसूरि डामिलाग्राम में प्रा० ज्ञा० श्रे० लाड की स्त्री पचीदेवी के पुत्र हीराचन्द्र ने स्वभा० तिलुदेवी, पुत्र हावड़, कीता, धनराज, भोजराजादि के सहित. शीतलनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० श्रे० वयरसिंह की स्त्री गउरीदेवी के पुत्र श्रे० सूरि, सोमदेवसूरि हेमराज, जिनदत्त के अनुज श्रे० धनदत्त ने स्वभा० वल्हादेवी, पुत्र मालदेवादि कुटुम्बसहित. ० माजा की भार्या फकूदेवी के पुहतीदेवी प्र० कृ० सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० महं० महणसिंह ने पितृव्य रत्नसिंह के श्रेयोर्थ. श्री मुनिसुव्रत - जिनालय में (खारखाड़ा) उपकेशगच्छीय सं० १५०४ फा० पद्म प्रभ शु० १३ शनि ० प्रा० झा० श्रे० गोवल की स्त्री कर्मादेवी के पुत्र पाँचा को, स्त्री नाथीदेवी ने माता-पिता के श्रेयोर्थ. कक्कुसूरि जै० धा० प्र० ले० सं० भा० २ ले० ६५२, ६८१, ६७८, ६७५, ६८६, १०००, १०१३, १०१५, १०२४ ।

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