Book Title: Pragvat Itihas Part 01
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Itihas Prakashak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 678
________________ बरड] :: विभिन्न प्रान्तों में प्राक्षा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें-गूर्जर-काठियावाड़ और सौराष्ट्र-संभात :: [ ४४ प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० आचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ सं० १६८३ वै० वासुपूज्य विजयदेवसूरि पत्तनवासी प्रा० ज्ञा० श्राविका वच्छाईदेवी ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १७६४ ज्ये० पार्श्वनाथ- संविज्ञपक्षीय स्तंभतीर्थवासी प्रा० झा० अ० मेघराज की स्त्री तेजकुँअरशु० ५ गुरु० पंचतीर्थी ज्ञानविमलसरि देवी के पुत्र भूलराज ने. शांतिनाथ- , आदिनाथ-- अजितनाथ श्री पद्मप्रभ-जिनालय में (खड़ाकोटड़ी) सं०१३६१ माघ जिनबिंब ......... प्रा. ना. श्रे. रसने पितामही गोती है गोर्थ कृ० ११ शनि० सं० १५२० वै० तृतीयतीर्थङ्कर- तपा०लक्ष्मीसागर- त्रिपुरपाटकवासी प्रा० ज्ञा० म० भीमराज की स्त्री कांऊदेवी चोवीशी सरि के पुत्र घूघराज ने स्वभा० वानदेवी, पुत्र धनदत्त, झांझण आदि कुटुम्ब के सहित. सं० १६४३ ज्ये० पार्श्वनाथ तपा० विजयसेनसूरि प्रा० ज्ञा० शाह भूति की स्त्री भरमादेवी के पुत्र शाह शु० २ सोम० ' सहसकरण ने स्वभा० धनदेवी, पुत्री वाहालकुंअरी के सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री शांतिनाथ-जिनालय में (खड़ाकोटड़ी) सं० १४८२ फा० सुमतिनाथ आगमगच्छीय प्रा. ज्ञा० पेथड़संतानीय श्रे० भान्हणसिंह की स्त्री शु० ३ रवि० श्रीपरि ऊमादेवी के पुत्र सं० मंडलिक ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२२ माघ आदिनाथ तपा० लक्ष्मी- ओड़िग्राम में प्रा०ज्ञा० श्रे० माईआ की स्त्री मेचूदेवी के पुत्र शु० शनि ___ सागरसूरि नत्थमल ने स्वभा० नामलदेवी आदि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. श्री आदिनाथ-जिनालय में (मांडवीपोल) सं० १५०३ माघ सम्भवनाथ तपा० जयचन्द्र- वीरमग्रामवासी प्राज्ञा० श्रे० हेमराज की स्त्री रुदौदेवी के पुत्र सूरि नरवद, भ्रात् वत्सराज ने मा० शाणीदेवी, पुत्र धनराज, नगराज आदि के सहित. श्री नेमनाथ-जिनालय में सं० १४३६ पौ० पार्श्वनाथ जयाणंदसरि प्रा. ज्ञा० श्राविका माणकदेवी के पुत्र हापा भार्या जीणीकु. ८ रवि. देवी पुत्र चांपा, सांगा के सहित श्रे• हापा ने माता-पिता के श्रेयोर्थ. जै० घा०प्र० ले० सं०भा०२ ले०५७८, ५६६,५६७,५६६, ५७०, ५६१,५६५, ५६६,६१३ ०२,६२६,

Loading...

Page Navigation
1 ... 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722