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:: प्राग्वाट-इतिहास:
[तृतीय
प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० आचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५७६ चैत्र सुविधिनाथ अंचलगच्छीय पत्तननगर में प्रा० ज्ञा० श्रे० लक्ष्मण की स्त्री लक्ष्मीदेवी के कृ. ५ शनि.
भावसागरसूरि पुत्र श्रे. जगा की स्त्री कीवाईदेवी, तोहदेवी के पुत्र श्रे०
गदा, लघुभ्राता श्रे० सहजा ने स्वभा० सौभाग्यवती संपूदेवी तथा द्वितीयामाता, वृद्ध भ्राता श्रे. रामादि प्रमुख कुटुम्ब
के सहित. सं० १५८४ चै० सुमतिनाथ तपा० सौभाग्य- विशलनगर-वासी प्रा० ज्ञा० लघुशाखीय श्रे० नारद की स्त्री कृ. ५ गुरु० हर्षसरि रत्नादेवी के पुत्र श्रे० रामा ने स्वभा० लीलादेवी, पुत्र
राजपाल के सहित. , , संभवनाथ तपा० हेमविमलसरि चूड़ीग्रामवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० नाथा की स्त्री नाईदेवी के
पुत्र विरुआ ने भ्राता मटा, लटा स्त्री हासीदेवी पुत्र माधव
आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १६२४ माघ ऋषभदेव तपा० हीरविजयसूरि प्रा० ज्ञा० मं० समरा की स्त्री पँहुताईदेवी के पुत्र मं० शु०६ सोम०
ठाकर ने स्वभा० कमलादेवी, पुत्र देवचन्द्रादि के सहित.
गृह-जिनालय में सं० १४- ज्ये० आदिनाथ घोषपुरीगच्छीय प्रा० ज्ञा० श्रे० वयरसिंह की स्त्री लादेवी के पुत्र ने
हेमचन्द्रसरि सं० १५०६ माघ संभवनाथ वुवू०गच्छीय प्रा० ज्ञा० श्रे० रुहा की स्त्री मचकुदेवी के पुत्र देवसिंह
देवचन्द्रसरि ने स्वभा० चमकदेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ.
__शान्तिनाथ-जिनालय में सं० १५१५ माघ० शांतिनाथ मलधारीगच्छीय प्रा० ज्ञा० श्रे०. मांकड़ की स्त्री मेचूदेवी के पुत्र जाऊआ, शु० १ शुक्र० गुणसुन्दरसरि देऊआ, काला, धरणा ने अपनी माता के श्रेयोर्थ.
अणहिलपुरपत्तन के श्री भाभापार्श्वनाथ-जिनालय में पंचतीर्थी सं० १३१० शांतिनाथ पृ. गच्छीय- प्रा० ज्ञा० श्रे० ऊदा की स्त्री आल्हादेवी के पुत्र ने.
मानदेवमूरि सं० १४३४ वै० विमलनाथ कमलचन्द्रसूरि प्रा. ज्ञा० श्रे० सोदा की स्त्री मेपूदेवी के पुत्र महणसिंह ने क०२ शुक्र०
माता-पिता के श्रेयोर्थ. ० धा० प्र० ले० सं० भा० १ ले० १६४, १८६, १६२, १EE, २११, २१२, २१४ । २२६, २३२ ।