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प्राग्वाट-इतिहास:
। तृतीय
श्री सीमंधरस्वामी के जिनालय में प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५०५ पौष मुनिसुव्रत तपा० जयचंद्रसूरि वड़लीग्राम में प्रा. ज्ञा० श्रे० ऊमा की स्त्री ऊमादेवी के कृष्णपक्ष में
पुत्र सं० कोल ने स्वभा जीविणी, पुत्र शवा, नोवा, रत्ना
पुत्रवधू, वानदेवी, माणकदेवी कुटुम्ब के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५११ श्रेयांसनाथ श्रीगुरु प्रा० ज्ञा० मं० भीमराज की स्त्री रमकूदेवी, राजदेवी, उनके
पुत्र मं० वछराज ने स्वभा० रामादेवी, पुत्र जिनदास प्रमुख
कुटुम्बसहित माता-पिता, भ्राता के श्रेयोर्थ. सं० १५१२ मार्ग. वासुपूज्य तपा० रत्नशेखर- त्रिसीगमावासी प्रा० ज्ञा. श्रे. करण स्त्री रुपिणी के पुत्र
सुरि अजा ने स्वभा० श्रांखा(?) के सहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५१६ वै० संभवनाथ
फलोधिग्रामवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० सोहण की स्त्री जीदेवी मास में
के पुत्र वेलराज ने स्वभा वीजलदेवी,पुत्र वेला,ठाकुर प्रमुख
कुटुम्बसहित. सं० १५१६ वै० कुन्थुनाथ ॥ निजामपुर में प्रा. ज्ञा. श्रे. वेलराज की स्त्री धरणदेवी
के पुत्र सातिण ने स्वभा० सिरियादेवी, भ्रात वानर, हलू
प्रमुखकुटुम्ब के सहित. सं० १५१८ ज्ये. संभवनाथ तपा० लक्ष्मी- वीसलनगरवासी प्रा० ज्ञा० श्रे आशराज की स्त्री
सागरसरि सरूपिणी के पुत्र सं० राउल ने भ्रातृ मणी,लाला,माला भा०
धर्मिणी, वाल्ही, लहूक, कपूरी पुत्र हथी, वर्जाङ्ग, माईश्रा, वीरा, मूड़ा, शाणा आदि कुटुम्ब के सहित पुत्र सं० नत्य
मल के श्रेयोर्थ. सं. १५२४ वै० संभवनाथ तपा० , प्रा० ज्ञा० ऋ० जयसिंह की स्त्री पानूदेवी के पुत्र पूजा ने ०७ शुक्र०
स्वभा० हदेवी, पुत्र गणपति आदि के सहित. सं० १५२५ मार्ग० चन्द्रप्रम
राजपुर में प्रा. ज्ञा. श्रे. देवराज की स्त्री अधकूदेवी के शु० १० गुरु०
पुत्र सं० हरराज ने स्वभा० चंपामति,पुत्र सहसमल, रत्न
पाल प्रमुख कुटुम्ब के सहित. सं० १५३३ वै० वासुपूज्य द्विवंदनीकगच्छीय कुणजिरावासी प्रा० ज्ञा० लघुमंत्री....'ने भा० बड़ी, पुत्र शु०३ बुध
सिद्धसरि महिराज भा० अमकूदेवी, पुत्र जावड़ादि के सहित. सं० १५४८ वै० शीतलनाथ तपा० सुमतिसाधु- अहमदाबाद में प्रा० ज्ञा० श्रे० हेमराज की स्त्री हेमादेवी शु० गुरु०
सूरि ने स्वश्रेयोर्थ.
जै०या०प्र०ले० सं० भा०१ले०११६३,११५८,११६४,११५७,११६६, ११६१,११६८,११८८,११७३,११५५ ।