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प्राग्वाट-इतिहास
[तृतीय
प्र. विक्रम संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा. ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ सं० १५१० चै० धर्मनाथ तपा० रत्नसागर- प्राज्ञा० श्रे० गोगन मा० सदू के पुत्र जसराज ने स्वभा० शु० १३ गुरु०
सूरि राणी, भ्रात जामा भार्या हीरू आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ सं० १५१२ मार्गः आदिनाथ तपा० रत्नशेखर- प्रा. ज्ञा० श्रे० गोधा भार्या फसीदेवी के पुत्र नरदेव, सहसा, शु. १५
सूरि
डाटा, भ्राता धीरज ने स्वभार्या तारादेवी, पुत्र खीमादि के
सहित स्वश्रेयोर्थ सं० १५१६ वै० शांतिनाथ तपा० सक्ष्मी- टौबाचीवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० केशव भा० भोलीदेवी के पुत्र
___ सागरपरि लाडण ने स्वभार्या मृगादेवी, पुत्र जसवीर आदि के सहित
स्वश्रेयोर्थ सं० १५२१ ज्ये० चन्द्रप्रभ- तपा० लक्ष्मी- मण्डपदुर्ग में प्रा०ज्ञा० सं० अजन भा० टबकूदेवी के पुत्र सं० शु०४ चौवीशी सागरसरि वस्तीमल भा० रामादेवी के पुत्र सं० चाहा ने स्वभा०
जीविणी पुत्र सं० सोभाग, आड़ादि के सहित स्वश्रेयोर्थ सं० १५२१ माघ नेमिनाथ
प्रा. ज्ञा० श्रे० नींबा के पुत्र खीमराज ने स्वभा० डुलीकुमारी शु० १३ गुरु०
पुत्र भीमराज, हेमराज, पाल्हा के सहित सं० १५२४ वै० शीतलनाथ अंचलगच्छीय जयतलकोटवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० आका भा० ललितादेवी के शु० ३ सोम०
श्रीसरि पुत्र धारा ने स्वभा० बीजलदेवी के सहित स्वश्रेयो) सं० १५२७ श्रेयांसनाथ तपा० लक्ष्मी- प्रा. ज्ञा० श्रे० प्रथम भा० पाल्हणदेवी के पुत्र सं० पर्वत भा०
सागरसूरि चांपादेवी के पुत्र शा० नीसल ने भा० नाईदेवी के श्रेयोर्थ सं० १५३० माघ शांतिनाथ , प्रा० ज्ञा० श्रे० रादा भा० आघू के पुत्र सिरोहीवासी शा०
मण्डन ने भा० माणिकदेवी, पुत्र लक्ष्मणादि के सहित सं० १६४३ फा० आदिनाथ तपा० विजय- अहमदाबादवासी प्रा०ज्ञा० बाई कोड़कीदेवी ने पुत्री राजलदेवी .. शु०११
सेनमरि (सेठी मूला की स्त्री) के सहित
श्री आदिनाथ-जिनालय में (दफ्तरी-मोहल्ला) सं० १५३४ संभवनाथ तपा० लक्ष्मी- वीशनगर में प्रा. ज्ञा० श्रे० सोमा भा० देऊदेवी के पुत्र
सागरसूरि भोटा ने स्वभा० वानरीदेवी, भ्रातृ भोजराज आदि कुटुम्बी
जनों के सहित.
श्री सुमतिनाथ-जिनालय में पंचतीर्थी सं० १५२७ पौ० कुन्थुनाथ उपकेशगच्छी०- प्रा. ज्ञा० श्रे० हरराज भार्या अमरीदेवी के पुत्र समधर कृ. ५ शुक्र०
सिद्धसरि ने स्वभा० नाई आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. ... जै० ले० सं० भा०२ ले० १२५८,१२६०, १२६८, १३१४, १२७२, १२७३, १२७६, १२८३, १३०८, १३१६ १३२२।