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खण्ड
[]:: विभिन्न प्रान्तों में प्रा० ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें अबुदप्रदेश (गुर्जर - राजस्थान ) - वासा :: [ ४२७
प्र० वि० संवत्
सं० १२०० सं० १५२३ वै०
शु० ६
सं० १५०७
सं० १३८६ वै० कृ० ११ सोम ०
सं० १४१०
प्र० प्रतिमा
कृ० २ सं० १४६३
श्ररिष्टनेमि विमलनाथ -
चोवीशी
शांतिनाथ
वासा ग्राम के श्री आदिनाथ - जिनालय में धातु-प्रतिमायें
शांतिनाथ
वीरचन्द्रसूरि
वर्द्धमान
सं० १४३० शांतिनाथ सं० १४८८ मार्ग • सुविधिनाथ
०
चंद्रप्रभ
सं० १५०१ ज्ये० अभिनन्दन शु०
सं० १५०३ ज्ये० धर्मनाथ शु० ११
सं० १५०८ वै० संभवनाथ
शु० ३
नीतोड़ा के श्री जिनालय में
प्र० श्राचार्य
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ
विजयप्रभरि प्रा० ज्ञा० श्राविका पाल्हणदेवी की पुत्री तपा० लक्ष्मीसागर - प्रा० ज्ञा० ० पासड़ की स्त्री टक्कू के पुत्र देवसिंह ने सूर भा० देवलदेवी, पुत्र वीछा, आंबा, लींबा, बंधु, दरपति, बालादि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ जहतपुर में
भावरी ग्राम के श्री जिनालय में
तपा० रत्नशेखर पदू (९) प्रा० ज्ञा० ० धनराज की स्त्री - चमकूदेवी के पुत्र पद् सूरि देवराज भा० देपाल ने श्रे० पद् मोकुल के श्रेयोर्थ
सं० १५१६ माघ० संभवनाथ शु० १३
श्रीसूरि तपा० सोमसुन्दर
सूरि
मुनिसुन्दरसूरि (१) प्रा० ज्ञा० श्रे० साल्हा की स्त्री जमणादेवी के पुत्र पनराज ने स्वभा० चांदू, पुत्र सोभादिसहित.
श्रीसूर
तपा० मुनिसुन्दरसूर पिष्पलगच्छीय
श्री हीरसूरि
तपा० रत्न
शेखरसूरि
प्रा० ज्ञा० माता के
० कुरां भा० कुरदेवी के पुत्र राजड़ ने पिता
.
तपा० लक्ष्मीसागरसूरि
प्रा० ज्ञा० ० आभा की स्त्री हवदेवी के पुत्र प्रा० ज्ञा० ० भादू ने स्वश्रेयोर्थ
प्रा० ज्ञा० श्रे० खीदा की स्त्री खेतलदेवी के पुत्र चउथा ने स्वश्रेयोर्थ
प्रा० ज्ञा० श्रे० साभा के पुत्र साहणा ने स्त्री, पुत्र सोमद आदि तथा माता छादिबाई के सहित
टेलीगोष्ठिक प्रा०ज्ञा० ० वरूत्र की स्त्री मेचू के पुत्र डाडा ने स्वभार्या के सहित स्वश्रेयोर्थ वसंतपुरवासी प्रा० ज्ञा० के पुत्र हुआ ने भार्या कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ.
प्रा० ज्ञा० ० शिवा की स्त्री वर्जूदेवी के पुत्र देवा ने स्वभा० वाल्ही श्राविका के पिता कर्मा भा० वान्देवी प्रमुखकुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ.
प्र० प्र० जे० ले० सं० ले० ५१७, ५१६, ५२५, ५२७, ५२८ ५२६, ५३१, ५३२, ५३३, ५३४, ५३७,५३८ ।
० भादा की स्त्री माल्हणदेवी झवकू, पुत्र साचा, सुन्दर आदि