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खड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा०ज्ञा
प्र० वि० संवत्
सं० १५०४ मा० कृ० ६ रवि ०
सं० १५०४ श्र०
शु० २
सं० १५३३ ज्ये० शु० १५ सोम०
प्र० - प्रतिमा
शांतिनाथ
सं० १५१५ माघ ०
शु० १ शुक्र ०
सुपार्श्वनाथ
सं० १५०५
. शीतलनाथ
सं० १५३३ वै० सुमतिनाथ
कृ० ११
शीतलनाथ - चोवीशी
सं० १५१२ ज्ये० पार्श्वनाथ
शु० ५
सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - गूर्जर- काठियावाड़ और सौराष्ट्र- छोटा बड़ोदा :: [ ४३७
हिम्मतनगर के बड़े जिनालय में
प्र० श्राचार्य
नेमिनाथ (जीवित)
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि
तपा० जयचन्द्र- विराटपुरवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० देवराज भार्या कर्मादेवी के सूरि पुत्र सहसराज ने भार्या चमकूदेवी, पुत्र सायर, रमणायर, माणिक्य, मांडण, धर्मा, पौत्र हराज, भला, ठाकुरसिंह यदि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० चांपा की स्त्री
हमीरदेवी के पुत्र पूरा ने
भार्या मांजूदेवी, पुत्र दलादि कुटुम्बसहित भ्रातृ सायर और स्वश्रेयोर्थ.
आदिनाथ - जिनालय में
जामनगर के श्री तपा० जयचन्द्र
तपा० जयचन्द्र
सूर
सूरि
तपा० लक्ष्मी
सागरसूर
"
कोलीया
(भावनगर) के श्री जिनालय में
तपा० रत्नसिंह- प्रा० ज्ञा० मं० साजण भा० तिलकूदेवी पुत्र छूटाक, उसकी सूरि स्वसा वारूदेवी नामा- इन सर्व के श्रेयोर्थ भ्रातृ गदा ने. वढ़वाण के श्री जिनालय में
बुद्धिसागरपट्ट - धर विमलसूरि
वाभईयावासी प्रा० ज्ञा० श्रे० देटा की स्त्री सारूदेवी के पुत्र वयरा ने भा० फचकू नामा के श्रेयोर्थ. मंगलपुरवासी प्रा० ज्ञा० दो० वरसिंह की स्त्री हषू देवी के पुत्र दो० भीमा ने भा० सूल्हीदेवी, पुत्र सोवा भा० मटू पुत्र कान्ह प्रमुख कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. काकरवासी प्रा० ज्ञा० ० गांधी वीरा भा० झाभूदेवी पुत्र हेमा भा० हीरादेवी, हर्षादेवी पुत्र महिराज ने भा० सोहीदेवी, पुत्र लालादि कुटुम्बसहित स्वर्थ.
Water बड़ोदा
सं० १५२१ माघ ० शीतलनाथ तपा० लक्ष्मी
शु० १३
सागरसूर
बह्मनाण (ब्रह्माण ) गच्छानुयायी प्रा० ज्ञा० श्रे० खूंटा ने, भा० लाखणदेवी, पुत्र इङ्गर भा० चांपूदेवी के सहित जीवितस्वाffia आत्मश्रेयोर्थ.
के श्री जिनालय में
अहमदाबाद में प्रा० ज्ञा० श्रे० हीराचन्द्र भार्या चारूदेवी के पुत्र श्रे० धनराज ने भा० सोनादेवी, भ्रत् चत्रादि सहितंस्वश्रेयोर्थ.
प्रा० ले० सं० भा० १ ले ० २०१, २०६, २१६, ४५४, ४५५, २७६, २६८, ३५५ ।